Thursday 11 December 2014

JANSAMPARK NEWS 10-12-14

जिला जनसंपर्क कार्यालय, बुरहानपुर म.प्र.
समाचार
ई-शक्तिः महिलाओं को डिजिटल एवं इन्टरनेट में साक्षर करने की पहल
कलेक्टर ने प्रशिक्षण पूर्व तैयारियां संबंधी बैठक में दिये आवश्यक निर्देश

बुरहानपुर/10 दिसम्बर/- मध्य प्रदेश शासन द्वारा ई-शक्ति महिलाओं के लिए डिजिटल एवं इन्टरनेट के प्रति साक्षरता अभियान प्रारंभ किया गया है। शासन ने गूगल इंडिया के सहयोग से एक अभिनव पहल की है। जिले में ‘‘ई-शक्ति‘‘ अभियान के अंतर्गत जिले में 10 दिवसीय प्रशिक्षण प्रदान करना प्रस्तावित है। जिसमें महिलाओं को ऑनलाईन होने की ओर पहला कदम, इंटरनेट की दुनिया का परिचय तथा जानकारी के विभिन्न लाभ प्राप्त हो सके। गुगल इंडिया की टीम द्वारा प्रशिक्षण प्रतिदिन 2 सत्रों में 2 से 3 घंटे तक प्रदान किया जायेगा। जिले में 4700 से अधिक महिलाओं को प्रशिक्षित करने लक्ष्य प्राप्त हुआ है। 
कलेक्टर श्रीमती जे.पी.आईरिन सिंथिया ने उक्त विषयक बैठक लेकर तमाम कार्यान्वयन सुनिश्चित किया है। जिसमें प्रशिक्षण संबंधी सभी आवश्यक व्यवस्थाओं पर अधिकारियों को ताकीद दी गई है। कलेक्टर ने ई-शक्ति डिजिटल इंटरनेट अभियान का प्रत्यक्ष रूप से अवलोकन किया। उन्होनें कहा कि महिलाओं के लिए यह अभियान उपयोगी होगा। साथ ही रोजमर्रा से जुड़ी गतिविधियों की जानकारी महिलाएं आसानी से अर्जित कर सकेगी। 
जिले में ई-शक्ति परियोजना के तहत कलेक्टर कैंपेन लीडर होगें। अपर कलेक्टर श्री प्रकाश रेवाल को नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है। सहायक नोडल अधिकारी ई-गवर्नेंस प्रबंधक श्री आशीष जैन साथ ही परियोजना के स्टेक होल्डर विभागों के जिला प्रमुख की भी सहभागिता होगी।
बैठक में ई-गवर्नेस प्रबंधक श्री आशीष जैन ने प्रोजेक्टर के माध्यम से प्रशिक्षण संबधी विस्तार से जानकारी दी। ई-शक्ति अभियान के अंतर्गत प्रशिक्षण में इंटरनेट की मूल बातों को समझना, लैपटॉप/मोबाइल पर इंटरनेट ब्राउज करना, खोज का उपयोग (गुगल) तथा स्थानीय भाषा में खोजना, गूगल ट्रांसलेट का स्थानीय भाषा में बदलने के लिए उपयोग करना, ऑनलाइन वीडियो खोजने तथा देखने के लिये यू-ट्यूब का इस्तेमाल करना, ई-मेल/जीमेल का परिचय तथा अकाउंट प्रारंभ एवं मेल भेजना, गूगल मैप्स का उपयोग तथा सोशल मीडिया और त्वरित संदेश के बारे में जागरूकता जैसे (फेसबुक और व्हाट्सअप आदि) का उपयोग करना बताया जायेगा। 
जिला स्तर पर महिला एवं बाल विकास विभाग के अंतर्गत आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका, सुपरवाईजर 748, स्वास्थ्य विभाग ए.एन.एम., आशा कार्यकर्ता 573, स्कूल शिक्षा शिक्षक एवं हाईस्कूल/हायर सेकेण्डरी स्तर की छात्राएं 2000, उच्च शिक्षा प्राध्यापक एवं छात्राएं 262, गृह (पुलिस विभाग) 31, पंचायत एवं ग्रामीण विकास स्व सहायता समूह की सदस्य 1000, स्थानीय निकाय कर्मचारी व नगर निगम की सफाई कर्मचारी 138 का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। 
कलेक्टर ने प्रशिक्षण स्थल पर उपयुक्त बैठक व्यवस्था, विद्युत, प्रकाश, फर्नीचर, स्वच्छ पेयजल, शौचालय, सुरक्षा हेतु महिला पुलिसकर्मी की तैनाती, पर्याप्त संख्या में वालंटियर्स, साउंड और अन्य आवश्यक सुविधाएं सुलभ कराने हेतु निर्देश संबंधित विभाग के अधिकारियों को दिये है। बैठक में जिला शिक्षा अधिकारी श्री आर.एल.उपाध्याय, जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला बाल विकास श्री अब्दुल गफ्फार खान, बुरहानपुर जनपद सीईओ श्री राकेश शर्मा, जनपद सीईओ खकनार श्री आर.बी.एस.दंडोतिया समेत अन्य विभागों के अधिकारीगण उपस्थित थे। 
-----------
क्रमांक/31/1020/2014                                             पवार/सचिन/ई.गवर्नेंस/फोटो

समाचार
सिटी लाईवलीहूड प्लान की बैठक 13 दिसम्बर को 
बुरहानपुर/10 दिसम्बर/- सिटी लाईवलीहूड प्लान की बैठक 13 दिसम्बर को दोपहर 2 बजे कलेक्टोरेट सभागार में आयोजित की गई है। यह बैठक राज्य स्तरीय टीम नगरीय प्रशासन विकास विभाग भोपाल की उपस्थिति में संपन्न होगी। 

कलेक्टर श्रीमती जे.पी.आईरिन सिंथिया ने उक्त बैठक में विभिन्न विभाग प्रमुखों को विशेष रूप से शामिल होने निर्देश दिए है। इसमें महाप्रबंधक उद्योग, आयुक्त आदिवासी विकास, परियोजना अधिकारी जिला शहरी विकास अभिकरण, सहायक संचालक पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण, आयुक्त नगर पालिक निगम, प्राचार्य जीजामाता पॉलीटेक्निक कॉलेज, कार्यपालन अधिकारी अंत्यावसायी, उपसंचालक हाथकरघा, प्राचार्य आई.टी.आई, श्रम पदाधिकारी, जिला कार्यक्रम अधिकारी एकीकृत बाल विकास सेवा एवं आर.सेटी. /सेडमेप / आईसेक्ट के संचालकों को उपस्थित रहना अतिआवश्यक है। इसके अलावा बैठक में विभागों को अपने स्तर पर टेक्सटाईल एवं अन्य एसोसिएशन/संस्था जो कि शहर में प्रशिक्षण देती है। उक्त संस्थाएं भी भाग ले सकेगी। 
-----------
क्रमांक/32/1021/2014                                  पवार/सचिन/प्रशासन

समाचार
बुजुर्गो का सम्मान हमारी संस्कृति-नवनिर्वाचित महापौर
अंतर्राष्ट्रीय मानव अधिकार दिवस पर वृद्धजन अधिकार केन्द्रित संगोष्ठी संपन्न
बुरहानपुर/10 दिसम्बर/- मध्य प्रदेश मानव अधिकार आयोग के निर्देशानुसार जिलें में अंतर्राष्ट्रीय मानव अधिकार दिवस मनाया गया। यह आयोजन शाहपुर नगर में शासकीय हायर सेकेण्डरी स्कूल में संपन्न हुआ। जिसमें वृद्धजन अधिकार केन्द्रित संगोष्ठी में मानव अधिकार की सिफारिशो से बने नियमों व योजनाओं का उल्लेख अतिथियों द्वारा प्रमुखता से किया गया। 
कार्यक्रम का शुभारंभ महात्मा गांधीजी के छायाचित्र पर खादी की माला अर्पण व द्वीप प्रज्जवलन कर किया गया। इस मौके पर नव निर्वाचित नगर निगम बुरहानपुर महापौर श्री अनिल भोंसले ने बतौर मुख्य अतिथि कार्यक्रम को संबोधित किया। उन्होनें कहा कि समाज में बुजुर्गो को सर्वोच्च स्थान दिया गया है। वे हमारे मार्गदर्शक है। बुजुर्गो का सम्मान हमारी संस्कृति है। यह वह धरोहर है जिससे हर परिवार का सदस्य उनके बताये मार्ग पर चलता है। वह हर क्षेत्र में कामयाब होता है। संयुक्त परिवार प्रथा का आधुनिक दौर में विघटन हो रहा है। इसके पीछे बच्चों को पढ़-लिखकर अन्यत्र शहर व देश-विदेश में नौकरी व व्यवसाय-व्यापार करना है। इस गतिशीलता के कारण लोग अपने माता-पिता की ओर ध्यान नहीं देते है। माता-पिता की संपत्ति भी समाज में बुजुर्गो के सम्मान व अधिकार में आडे़ आती है। सरकार ने इन सबका अध्ययन करके ही बुजुर्गो के मान-सम्मान को गंभीरता से लिया गया है। 
इस वजह शासन ने बुजुर्गो के लिये विभिन्न योजनाएं संचालित की है। जिसमें वरिष्ठ नागरिकों के लिये वृृद्धावस्था पेंशन, अंत्योदय अन्न, वृृद्धाश्रम, यातायात में रियायते ऐसी अन्नय योजनाएं चलाई जा रही है। मानव अधिकार आयोग वृद्धजन के प्रति संवेदनशील है। उनकी सुरक्षा और संरक्षण के लिये भी आयोग ने काफी अधिकार बुजुर्गो के हित संवर्धन दिलाये है। जो परिवार अपने बुजुर्ग माता-पिता की देखरेख और उनका भरण-पोषण व सेवा नहीं करते है। इस कृत्य के प्रति कानून बना दिया है। जिसमें सजा का भी प्रावधान है। प्रत्येक व्यक्ति का फर्ज है कि वह अपने माता-पिता को कभी नहीं भूलें। चाहे वे बुजुर्ग हो गए हो। समाज के हर नागरिक का कर्तव्य है, कि वह माता-पिता की सेवा करें। जहां माता-पिता की सेवा होगी। वही सच्ची ईश्वर की आराधना है। जिसका प्रतिफल सारे तीर्थो से भी बढ़कर मिलेगा। वह परिवार हमेशा सुखी व संपन्न रहेगा। 
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए सीएसपी श्री बी.एस.परिहार ने कहा कि संवैधानिक तौर पर देश के हर नागरिक को समान अधिकार दिए गए है। सरकार ने इन अधिकारों को उल्लघंन होने पर प्रभावित को राहत दिलाना। अधिकारों का हनन करने वालों के लिए सजा का प्रावधान किया गया है। इसी प्रकार से वरिष्ठ माता-पिता के लिए भी अधिकार अधिनियम बनाया गया है। जो बच्चें अपने माता-पिता की सेवा एवं देखरेख नहीं करते। दुख-बीमारी में उनका इलाज नहीं कराते। आवास से निकाल देते है। खाना नहीं देते। उनकी सेवा नही करते। ऐसे माता-पिता के बच्चों के प्रति कानूनी कार्यवाही की जाती है। इस प्रकार से किसी के भी अधिकार का कोई शोषण नही कर सकता है। मानव अधिकार आयोग हर व्यक्ति के अधिकार पर ध्यान रखता है। समय-समय पर सरकार से सिफारिश कर आयोग कानून बनवाता है। जिससे मनुष्य स्वंत्रत जीवन यापन करने में राहत महसूस करता है। किसी के भी अधिकार हनन होते है तो वह पुलिस में भी रिपोर्ट कर सकते है। पुलिस हर वक्त आपके अधिकारों की सुरक्षा व संरक्षण के लिए तत्पर रहती है। 
अधिवक्ता श्री संतोष देवताले ने भी बताया कि वरिष्ठ नागरिकों के लिए वर्ष 2007 में कानून अमल में आया है। जिसमें सरकार ने हर माता-पिता को अपने बच्चों से अधिकार दिलाना सुनिश्चित किया है। इस संगोष्ठी में उन्होनें कहा कि बुजुर्ग महिला-पुरूष और विद्यार्थी उपस्थित है। इसमें वरिष्ठजनों के बेटा-बहु को भी आना चाहिए। आज समाज में बुजुर्गो के प्रति जो विकृति दिखाई देती है। वह सामाजिक बदलाव है। वर्तमान में धन को महत्व अधिक दिया जाता है। जिस माता-पिता के पास अपार संपत्ति रहती है। उसके परिवारजन अच्छी सेवा करते है। लेकिन जहां वरिष्ठजनों के पास संपत्ति का अभाव रहता है। वहां भी अक्सर उनकी सेवा सवारने में कमी होती है। ऐसी दशा में बुजुर्ग या तो घर से निकल जाते है। वृृद्धाश्रम में पनाह लेते है। कुछ बच्चें पढ-लिखकर बाहर नौकरी पर चले जाते है। वे भी अकसर अपने माता-पिता को भूल जाते है। ऐसे परिवार में उनको को पानी देने वाला भी कोई नही रहता। बच्चें सालो अपने माता-पिता को नहीं देखते। इस प्रकार के वरिष्ठजनों को अपने अधिकारों से वंचित रहना पड़ता है। जिस बेटे को उन्होनें पाल पोषकर बड़ा किया था। कि वह हमारें बुढ़ापे का सहारा है। लेकिन वहीं बेटा इस समय देखरेख नही करता तो वह बुजुर्ग हताश हो जाते है। बुजुर्गो को उन्हें सम्मान और अधिकार देने समाज को सोच बदलना होगा। हर बेटा अपने कर्तव्यों को पहचानें। माता-पिता की सेवा से ही सुख-समृद्धि का परिवार में बनी रहती है। आने वाली पीढ़ि को भी माता-पिता की सेवा करने की सीख मिलती है। इसलिए हर व्यक्ति को उसका अधिकार मिलेगा। तो समाज में भी शांति का वातावरण रहेगा। समाज उन्नति की ओर अग्रसर होगा। मानव अधिकार आयोग ने अनेकों घटना-दुर्घटनाओं के प्रति आवाज उठाई है। घटनाओं में प्रभावितों की हाल नुकसानी की भरपाई कराई है। संवैधानिक संरक्षण में हर व्यक्ति योगदान दे सकता है। बुजुर्ग भी यदि उनके अधिकारों का कोई शोषण कर रहा है। वे कानून की शरण ले सकते है। मानव अधिकार आयोग को अवगत कराकर अपने अधिकार ग्रहण करें। संगोष्ठी में विद्यार्थियों को भी माता-पिता की सेवा करने की सीख मिली है। निश्चित रूप से वे भी अपने माता-पिता की सेवा करेगें। संगोष्ठी में नवनिर्वाचित नगर परिषद शाहपुर अध्यक्ष श्रीमती शोभाबाई लांडे ने भी बुजुर्गो का सम्मान करते हुए। उन्हें अधिकार हर हाल में दिलाने की बात कही। पूर्व पार्षद श्री दिगम्बर गुलस्कर एवं उपप्राचार्य श्री रहीदास ने भी बुजुर्गो को चलने-फिरने वाहनों में चढ़ने-उतरने तथा प्राथमिकता से सीट पर बैठाने में सहारा देने की बात कही। 
इस संगोष्ठी में राज्य मानव अधिकार आयोग जिला संयोजक श्रीमती मेघा भिडे़ ने भी बुजुर्गो के अधिकारों की जानकारी दी। उन्होनें वरिष्ठ नागरिकों से भी पूछा कि आपके अधिकारों का कोई हनन तो नहीं कर रहा है। यदि ऐसा है तो हमें बताए। इस प्रकार से उन्होनें आयोग की गतिविधियां विस्तार से अवगत कराई। अंत में उपस्थितजनों के प्रति आभार प्रदर्शन भी किया। कार्यक्रम का संचालन समाजसेवी श्री संदीप शर्मा ने किया। 
-----------
क्रमांक/33/1022/2014                                  पवार/सचिन/मा.अ.आ./फोटो

No comments:

Post a Comment

JANSAMPARK NEWS 30-08-18

dk;kZy; dysDVj ¼tulaidZ½ ftyk & cqjgkuiqj lekpkj vuqlwfpr tkfr csjkstxkj ;qodksa dk 3 ls 7 flracj rd gksxk lk{kkRdkj cqjgk...