जिला जनसंपर्क कार्यालय, बुरहानपुर म.प्र.
समाचार
अवैध गौवंश 8 नग बछडे़ एवं टोयेटा कार अधिहरित
बुरहानपुर/12
जून - न्यायालय कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी बुरहानपुर द्वारा मध्य
प्रदेश गौवंश प्रतिषेध अधिनियम एवं मध्य प्रदेश कृषि पशु संरक्षण अधिनियम
के तहत जप्तशुदा गौवंश (बछडे़ 8 नग) एवं वाहन टोयेटा क्रमांक एम.पी.04-9888
कार को शासन के पक्ष में अधिहरित किया है। इस प्रकरण में उक्त जप्त गौवंश
पंजीकृत संस्था श्री इच्छादेवी ट्रस्ट इच्छापुर गौशाला को जीवित सशर्त
अस्थाई अभिरक्षा में है। कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी श्री आशुतोष अवस्थी
ने यह गौवंश पालन-पोषण हेतु अपील अवधि पश्चात इसी गौशाला में दिये जाने का
आदेश पारित किया है।
उल्लेखनीय है कि कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी
न्यायालय को पुलिस अधीक्षक बुरहानपुर द्वारा थाना शिकारपुरा में दर्ज
अपराध क्रमांक 207/13 मध्य प्रदेश गौवंश प्रतिषेध अधिनियम एवं मध्य प्रदेश
कृषि पशु संरक्षण अधिनियम के तहत प्रकरण पेश किया गया था। अभियोजन के
अनुसार पुलिस ने 26 अगस्त, 2013 को मुखबीर की सूचना पर एक सफेद रंग की कार
को चेक किया। जिसमें पीछे की सीटे निकली हुई थी तथा सीट पीछे वाली फोल्ड
करके ऊपर बंधी हुई थी। इस कार में 8 नग बछडे़ बंधे हुए थे। इस गौवंश को
परिवहन करने के वैध परिपत्रों के बाबद पूछने पर अनावेदक द्वारा नहीं होना
बताया। यह गौवंश आष्टा से क्रूरता से भरकर महाराष्ट्र तरफ वध हेतु ले जाया
जा रहा था। कार चालक से अपना नाम पता पूछने पर मोहम्मद लाल मिया उर्फ लाला
पिता रफीक कुरैशी निवासी कसाईपुरा आष्टा जिला सीहोर का होना बताया। इसके
साथ कार चालक शिवाजीराव पिता सी.एस.गावड़े निवासी 275 बी.ए.जी.सेवनिया ए.बाद
रोड़ का निवासी अवगत कराया। उक्त आरोपी को इस कृृत्य अपराध धारा 4, 6, 9
म.प्र. गौवंश प्रतिषेध अधिनियम 2004 एवं 5, 6 क, 11 (घ) म.प्र. कृषि पशु
संरक्षण अधिनियम 1959 का होने 8 नग कैडे़ एवं एक टोयेटो कार एम.पी.
04-बी.ए.-9888 कार जप्त कर आरोपी को गिरफ्तार कर उसके विरूद्ध अपराध
क्रमांक 207/13 की प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज की गयी। अनुसंधान के दौरान
साक्षियों के कथन लेखबद्ध किये गये व अधिनियम 2005 की धारा 11(5) के तहत
जप्तशुदा गौवंश व वाहन को अधिहरण किये जाने हेतु आवेदन पत्र इस न्यायालय
में प्रस्तुत किया गया। जिस पर प्रकरण विधिवित रूप से पंजीबद्ध किया गया।
आवेदकगणों को सूचना पत्र जारी किये गये। अनावेदक क्रमांक 1 लाल मियाँ की ओर
से लिखित जवाब प्रस्तुत किया गया। जिसमें अनावेदक क्रमांक 1 का कहना है कि
उसके विरूद्ध पुलिस ने झूठा प्रकरण बनाया है। तथा उसके द्वारा जानबूझकर
कोई अपराध नहीं किया गया और न ही अपराध करने के उद््देश्य से गौवंश का
परिवहन नहीं किया गया तथा अनावेदक का यह भी कहना है कि संसोधन अधिनियम की
धारा 2 डी में कृषि हेतु पशु का परिवहन करना इस अधिनियम के तहत अपराध की
श्रेणी में नहीं आता है।
अभियोजन की ओर से अनावेदक के जवाब में
तर्क है कि अनावेदक के जवाब में संपूर्ण बिंदु अविश्वनीय होने के कारण
अपास्त किये जाते है। अनावेदक ने यह सिद्ध नहीं किया गया। पशु को कृृषि
हेतु परिवहन किया जा रहा था। इस संबंध में कोई भी दस्तावेज पेश नहीं किये।
इसलिये अनावेदक के जवाब पर विचार किया जाना न्यायाहित में नहीं है। प्रकरण
में अधिरहित उक्त वाहन को अपील अवधि पश्चात विधिवत रूप से नीलाम किया
जायेगा। प्राप्त राशि शासकीय कोष में जमा होगी। अपील होने पर न्यायालय के
आदेश का पालन किया जाना आवश्यक है।
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क्रमांक/56/366/2014 पवार/सचिन/प्रशासन
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विभागीय परामर्शदाती की बैठक 16 को
बुरहानपुर/12
जून- उपसंचालक कार्यालय किसान कल्याण तथा कृृषि विकास की विभागीय
परामर्शदात्री समिति बैठक 16 जून को सायं काल 4.30 बजे आयोजित की गयी है।
यह बैठक उपसंचालक श्री मनोहरसिंह देवके की अध्यक्षता में संयुक्त जिला
कार्यालय भवन स्थित विभागीय कक्ष मंे संपन्न होगी। इस संबंध में विभाग की
समस्याएं एक दिवस पूर्व कार्यालय में प्रस्तुत करे। ताकि विचार-विमर्श कर
समस्याओं का निदान किया जा सकें।
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क्रमांक/57/367/2014 पवार/सचिन/कृषि
जिला जनसंपर्क कार्यालय, बुरहानपुर
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पी.डी.एस. खाद्यान्न लगभग 24 क्विंटल गेंहँू राजसात
बुरहानपुर/12
जून/ कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी श्री आशुतोष अवस्थी ने जिला आपूर्ति
अधिकारी बुरहानपुर के पी.डी.एस. जप्त खाद्यान्न प्रकरण में अनावेदकों के
अधिवक्ता की बहस सुनी। जिसमें अनावेदक कैलाश पिता गणपत सोनवणे निवासी
लोधीपुरा एवं ओमप्रकाश शाह पिता नगीनदास शाह निवासी आलमगंज बुरहानपुर के
संबंध में संपूर्ण प्रकरण का सूक्ष्मता से अवलोकन कर पी.डी.एस. लगभग 24
क्विंटल गेहूँ खाद्यान्न राजसात करने का निर्णय पारित किया।
इस
प्रकरण में अनावेदकगण का यह कहना है कि जप्त शुदा गेहूँ पी.डी.एस. का नहीं
है। यदि पी.डी.एस. का गेहूँ नहीं था तो अनावेदकगण कृृषि उपज मंडी मंे पिछले
गेट से चोरी छिपे गेहूँ विक्रय करने हेतु क्यों ला रहे थे। मेन गेट से
गेहूँ वाहन में क्यों नहीं लाया गया। तहसीलदार ने अपनी रिपोर्ट मंे बताया
कि ग्राम बोरगांव खुर्द की कृषि भूमि खसरा नंबर 284/1 रकबा 0.600 है। जो कि
कैलाश पिता गणपत वगैरा के नाम पर दर्ज है। उक्त भूमि मुनाफे पर वर्ष
2012-13 के लिए कैलाश द्वारा ओमप्रकाश नगीनदास निवासी आलमगंज को दी गयी थी।
इसमें गेहूँ बोया गया था। यहा अनुमानित 20 से 24 क्विंटल गेहूँ की पैदावार
हुई थी। एमागिर्द ग्रामीण सेवा सहकारी समिति द्वारा अपने प्रतिवेदन में
बताया कि कैलाश सोनवणे द्वारा 22 मार्च, 2013 को समर्थन मूल्य 22.98
क्विंटल गेहूँ एमागिर्द समिति को बेचा जा चुका है। अतः ऐसी स्थिति में उनके
पास स्वयं की कृृषि भूमि का गेहूँ तो शेष बचा ही नहीं था। अनावेदकगणों का
अपने जवाब में यह कहना कि उनके द्वारा ग्राम निम्बोला के कृृषक चेतनकुमार
पिता घनश्यामदास से उनकी कृषि भूमि खसरा नंबर 261 रकबा 1.400 हैक्टर वाली
कृृषि भूमि गेहूँ फसल बोने हेतु बटाई पर ली गयी थी। एवं उक्त कृषि क्षेत्र
से उत्पन्न गेहूँ की फसल विक्रय हेतु कृृषि उपज मंडी में लाये थे। किन्तु
इस संबंध में कोई ठोस प्रमाण अनावेदकगणों द्वारा प्रस्तुत नहीं किये। जिससे
यह सिद्ध हो सके कि उनके द्वारा बटाई पर चेतनकुमार का खेत काश्त पर लिया
था। मात्र खसरा, नक्शा एवं चेतनकुमार की ऋण पुस्तिका की छायाप्रति प्रस्तुत
की है। इस प्रकरण में अनावेदकगण अपना पक्ष सिद्ध करने में असफल रहे है।
प्रकरण में प्रस्तुत खाद्य अधिकारी की जांच प्रतिवेदन, मौका पंचनामा, गवाहो
के कथन, तहसीलदार बुरहानपुर का प्रतिवेदन, प्रबंधक एमागिर्द सहकारी समिति,
बुरहानपुर के द्वारा प्रस्तुत जवाब से सहमत होते हुए यह पाता हूँ कि
अनावेदकगणों द्वारा विक्रय हेतु लाया गया गेहूँ उनकी कृृषि भूमि का न होकर
पी.डी.एस. का गेहूँ था। अतः जप्त शुदा गेहूँ राजसात किया गया। जिला आपूर्ति
अधिकारी को निर्देशित किया जाता है कि अपील अवधि समाप्त होने के पश्चात
राजसात गेहूँ का विक्रय शासकीय उचित मूल्य दुकान से करवाकर प्राप्त राशि
खजाना दाखिल कर पालन प्रतिवेदन दे।
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क्रमांक/58/368/2014 पवार/सचिन/प्रशासन
जिला जनसंपर्क कार्यालय, बुरहानपुर
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प्रवेशोत्सव हेतु समग्र तैयारियां पूर्ण कर ली जाये-श्री अवस्थी
कलेक्टर की अध्यक्षता में स्कूल चले हम प्रेरक सम्मेलन आयोजित
बुरहानपुर/12
जून/ प्रदेश सरकार की मंशा अनुरूप जिले में बच्चो को स्कूल तक अवश्य
पहुंचाये। उनकी गुणवत्तायुक्त शिक्षा में अपेक्षाकृत सहयोग प्रदान करे।
स्कूल चले अभियान के तहत 16 जून को सभी शालाओं में प्रवेशोत्सव मनाया
जायेगा। इस दृष्टि से स्थानीय स्तर पर उत्सव जैसा माहौल बनाने समग्र
तैयारियां पहले ही पूरी कर ली जाये।
यह बात कलेक्टर श्री आशुतोष
अवस्थी ने स्कूल चले हम अभियान में सक्रिय प्रेरक के रूप में निरंतर कार्य
कर रहे सक्रिय प्रेरको से कही। उन्होने प्रेरक सम्मेलन की अध्यक्षता करते
हुए सभी अधिकारियों, कर्मचारियों तथा अन्य स्वयंसेवी संस्थाओं के पदाधिकारी
व सदस्यगणों के सुझावों को भी सुना। उन्होनें प्रेरको को सुझाव को
स्वीकारते हुए उनसे जिम्मेदारियों का कर्तव्य निष्ठा से निर्वहन करने की
आशा जताई। कलेक्टर ने कहा कि ग्रामीण एवं शहरी स्थानीय स्तर पर साफ-सफाई
प्राथमिकता से की जावे। शाला परिसर में यदि पौधा रोपण के लिये स्थल है। तो
वहां गढ््ढे पहले ही कर लेवे। ताकि उत्सव के दिन स्कूलों में पौधारोपण भी
हो सकें। रंग-बिरंगी झंडिया, केले एवं आम के पत्तें व फूलों की मालाओं से
भी स्कूलो को सजाये। जिससें बच्चें शालाओं में त्यौहार मनाने जैसा लगे और
वे पढ़ने की ओर आकर्षित हो सके। सभी प्रेरक को आगे आकर स्थानीय लोगों के साथ
मिल-जुलकर यह कार्य करें। जिस वार्ड, मोहल्ले, ग्रामों में उन लोगों की
टीम बनाये। जिनकी बात हर व्यक्ति, बच्चें, बडे़ बुजुर्ग मानते हो। ऐसे
लोगों की सहभागिता से ही अभियान कारगर रूप से सफल होगा। बच्चा स्कूल
जायेगा, ग्राम, वार्डो की साफ-सफाई, कचरा नहीं होना चाहिए। शालाएं भी
साफ-सुथरी रहें। निस्तारी पानी की निकासी समुचित रूप से की जाये। जिससे की
पानी सड़को पर नहीं बहे। क्योंकि बच्चा स्वस्थ वातावरण में स्कूल जायेगा।
इसलिए स्थानीय स्तर पर नाली वगैरा की सफाई का कार्य जरूरी है। प्रेरक 6 से
14 वर्ष के बच्चों को जो पढ़ने योग्य है, जो शाला त्यागी है उन्हें प्रवेश
हर हाल में दिलाना सुनिश्चित करें।
इस अवसर पर जिला पंचायत सीईओ
श्री सुरेश्वरसिंह ने बताया कि जिला शिक्षा केन्द्र द्वारा 1 जुलाई, 2014
को अप्रवेशी या शाला त्यागी बच्चों का मॉनीटरिंग चार्ट लगाया जा रहा है।
इसमें शाला का नाम, जनशिक्षा केन्द्र का नाम, विकासखण्ड और जिले का नाम
अंकित रहेगा। इसमें बालक-बालिका का नाम, शाला त्यागी बच्चों का नाम, आयु,
पिता का नाम, जाति वर्ग रहेगा। जुलाई से लेकर दिसम्बर, 2014 और जनवरी, 2015
से मार्च, 2015 तक स्थिति अवगत कराना है। प्रधान अध्यापक अपनी शाला की
अंदर की दीवार पर चार्ट प्रदर्शित करेगे। जिस माह बच्चें की शाला में
प्रवेश या नियमित उपस्थिति हुई है। उस माह के कॉलम में हरा गोला अंकित
करेगे। यदि उपस्थिति नियमित नहीं हुई तो उस बच्चे के नाम के आगे माह के
कॉलम में लाल गोला अंकित करेंगे। प्रेरक सम्मेलन में जिला शिक्षा अधिकारी
श्री आर.एल.उपाध्याय और प्राचार्य सावित्रीबा फूले श्रीमती नीना गुप्ता
सहित विभिन्न स्कूलों के प्राचार्य, प्रधान पाठक, डी.पी.सी.सर्व शिक्षा,
बी.आर.सी. सहित प्रेरकगण उपस्थित रहें।
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क्रमांक/58/368/2014 पवार/सचिन/शिक्षा/फोटो