सुशासन की नई पहल
‘मध्यप्रदेश लोक सेवाओं के प्रदान की गारंटी अधिनियम, 2010’ नागरिक अधिकारों को सशक्त बनाने का अभिनव प्रयास है। यह कानून मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चैहान द्वारा प्रदेश में किये जा रहे सुशासन के प्रयासों में महत्वपूर्ण कड़ी
‘मध्यप्रदेश लोक सेवाओं के प्रदान की गारंटी अधिनियम, 2010’ नागरिक अधिकारों को सशक्त बनाने का अभिनव प्रयास है। यह कानून मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चैहान द्वारा प्रदेश में किये जा रहे सुशासन के प्रयासों में महत्वपूर्ण कड़ी
है
। अब चिन्हित सेवाओं को प्राप्त करने के लिए आम जन को किसी की इच्छा पर
निर्भर नहीं रहना होगा । उनको सेवाओं के प्रदान करने की गारंटी दी गई है ।
सेवाएं प्राप्त करना अब उनका अधिकार होगा । लोक सेवा प्रदान करने मे कोताही
बरतने वाले अधिकारियों पर अर्थदण्ड आरोपित करने का प्रावधान भी इस अधिनियम
में किया गया है ।
यह कानून बनाकर राज्य शासन ने आमजन के याचना भाव को शक्ति में बदल दिया है । अब लोक सेवाओं को प्राप्त करने के लिये आमजन को किसी से अनुनय-विनय नहीं करना होगा ।
उद्देश्य ये भी है कि प्रशासन से जनता को जो दैनंदिन कार्य होते हैं उन्हें पूरा करने के लिये लोक सेवक सतर्क रहे और सेवा प्रदान करने के लिये अपने उत्तरदायित्व का प्रभावी निर्वहन करे । इसलिये प्रत्येक चिन्हित सेवा को प्रदान करने के लिये समय-सीमा निर्धारित की गई है । सुशासन की यह देश में अपने स्वरूप की प्रथम ऐतिहासिक एवं क्रांतिकारी पहल है । यह कानून राज्य शासन की जन प्रतिबद्धता का प्रमाण है ।
और अधिक जानकारी के लिये क्लिक करें.......
http://lokseva.gov.in/fpub/lok%20sewa%20services.pdf
यह कानून बनाकर राज्य शासन ने आमजन के याचना भाव को शक्ति में बदल दिया है । अब लोक सेवाओं को प्राप्त करने के लिये आमजन को किसी से अनुनय-विनय नहीं करना होगा ।
उद्देश्य ये भी है कि प्रशासन से जनता को जो दैनंदिन कार्य होते हैं उन्हें पूरा करने के लिये लोक सेवक सतर्क रहे और सेवा प्रदान करने के लिये अपने उत्तरदायित्व का प्रभावी निर्वहन करे । इसलिये प्रत्येक चिन्हित सेवा को प्रदान करने के लिये समय-सीमा निर्धारित की गई है । सुशासन की यह देश में अपने स्वरूप की प्रथम ऐतिहासिक एवं क्रांतिकारी पहल है । यह कानून राज्य शासन की जन प्रतिबद्धता का प्रमाण है ।
और अधिक जानकारी के लिये क्लिक करें.......
http://lokseva.gov.in/fpub/lok%20sewa%20services.pdf
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