जिला जनसंपर्क कार्यालय-बुरहानपुर
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मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना के अंतर्गत जिले के 719 तीर्थयात्री करेगें वैष्णोदेवी, जगन्नाथपुरी, अजमेर, काशी, द्वारकापुरी और शिर्डी तीर्थो का दर्शन
जिले में 20 सितंबर को होगा योजना का शुभारंभ, वैष्णोदेवी के लिये रवाना होगें 172 तीर्थयात्री
60 वर्ष से अधिक आयु के व्यक्ति ले पायेगें योजना का लाभ
लाटरी प्रक्रिया से होगा चयन
बुरहानपुर -( 5 सितंबर ) - ’’तीर्थानां स्मरणं पुण्यं दर्शनं पापनाशनम’’ तीर्थो का स्मरण पुण्य देने वाला तथा दर्शन पाप का नाश करने वाला है। वामन पुराण की इसी सूक्ति को परकल्पित करते हुए राज्य शासन द्वारा बुर्जुुगों के सम्मान में विनम्र अनुठी पहल मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना का शुभारंभ किया गया है। जिसकी शुरूआत बुरहानपुर जिले में 20 सितंबर से होगी।
जिसके अंतर्गत जिले के 60 वर्ष की आयु के वृद्ध हितग्राही जो कि आयकार दाता नही है। वह इस अनुठी और विनम्र पहल मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना का लाभ ले सकते है। ऐसे पात्र हितग्राही को प्रदेश के बाहर स्थित विभिन्न नाम निर्दिष्ट तीर्थ स्थानों में से किसी एक स्थान की यात्रा सुलभ कराने हेतु मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना परिकल्पित की गई है।
इन 17 तीर्थ स्थानों का कर सकते है दर्शन:- जिले के पात्र हितग्राही सिर्फ एक बार मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना के अंतर्गत श्री ब्रदीनाथ, श्री केदारनाथ, श्री जगन्नाथ पुरी, श्री द्वारकापुरी, हरिद्वार, अमरनाथ, वैष्णौदेवी, षिरडी, तिरूपति, अजमेर षरीफ, काषी, गया, अमृतसर, रामेष्वरम, सम्मेद षिखर, श्रवणबेलगोला, वेलांगणी चर्च और नागापट्टम इन सभी सभी स्थानों में से एक पावन तीर्थ स्थान की यात्रा कर सकते है।
यह है यात्रा पर जाने के लिये पात्र:- मुख्यमंत्री तीर्थदर्शन योजना के अंतर्गत वही आवेदक पात्र हितग्राही होगें जो कि मध्य प्रदेश का मूल निवासी हो, 60 वर्ष से अधिक आयु का हो, आयकर दाता ना हो, मुख्यमंत्री तीर्थदर्शन योजना के अंतर्गत पूर्व में यात्रा न की हो और यात्रा हेतु शारीरिक एवं मानसिक रूप से सक्षम हो और किसी भी प्रकार के संक्रामक रोग तथा टी.बी. कांजेस्टिव कार्डियक, ष्वास में अवरोध संबंधी बीमारी, अपर्याप्तता, मानसिक व्याधि, संक्रामक कुष्ठ आदि से ग्रसित ना हो।
आवेदन की प्रक्रिया:- जिले के समस्त पात्र हितग्राही को मुख्यमंत्री तीर्थदर्शन योजना के अंतर्गत आवेदन दो प्रतियों में सरकार द्वारा निर्धारित प्रपत्र में करना होगा, आवेदन पत्र मात्र हिन्दी भाषा में ही भरना होगा, आवेदन के साथ 3.5 से.मी ग 3.5 से.मी. साईज का नवीन रंगीन फोटो निर्धारित स्थान पर फ्रंट पोज में लगाना होगा जिसकी पृष्ठ भूमि सफेद हो इसके साथ ही आवेदक को आवेदन के साथ निवास के साक्ष्य के लिये राशन कार्ड की प्रतिलिपी, ड्रायविंग लाइसेंस की प्रतिलिपी, विद्युत देयक की प्रतिलिपी, मतदाता पहचान पत्र की प्रतिलिपी और राज्य सरकार द्वारा स्वीकार्य कोई एक दस्तावेज प्रस्तुत कराना होगा ।
लाटरी प्रक्रिया से होगा चयन:- मुख्यमंत्री तीर्थदर्शन योजना के अंतर्गत पात्र हितग्राही को यात्रा के लिये प्राप्त समस्त आवेदनों को यात्रा स्थानवार छांटा जाएगा। और इसके साथ प्रत्येक स्थान की यात्रा हेतु प्राप्त आवेदनों में से उपलब्ध कोटे के अनुसार यात्रियों का चयन किया जाएगा। यदि निर्धारित कोटे से अधिक संख्या में आवेदन प्राप्त होते है तो लाटरी (कम्प्यूटराईज्ड ड्रा ऑफ लॉट्स) द्वारा यात्रियों का चयन किया जाएगा। कोटे के 10 प्रतिशत अतिरिक्त व्यक्तियों की प्रतीक्षा सूची भी बनायी जाएगी। और चयनित यात्री के यात्रा पर न जाने की स्थिती में प्रतीक्षा सूची में सम्मिलित व्यक्ति को यात्रा पर भेजा जा सकता है। साथ ही चयनित ना हो पाने वाले आवेदकों का आवेदन पत्र आगामी यात्रा के लिये सुरक्षित रखा जाएगा।
6 तीर्थ स्थलों के लिये जिले को 719 का कोटा:- मुख्यमंत्री तीर्थदर्शन योजना के प्रथम चरण की तीर्थयात्रा के अंतर्गत बुरहानपुर जिले को वैष्णोदेवी, जगन्नाथपुरी, काशी, शिर्डी, अजमेर और द्वारकापुरी समेत 6 तीर्थस्थलों के लिये 719 हितग्राहीयों का कोटा प्राप्त हुआ है।
जिसमें वैष्णोदेवी के लिये 172 यात्रीयों का कोटा, जगन्नाथपुरी यात्रा के लिये 172 का कोटा, काशी के लिये 32 लोगों का कोटा, द्वारकापुरी के लिये 56 लोगों का कोटा, शिर्डी के लिये 56 लोगों का कोटा और अजमेर के लिये 231 लोगों का कोटा आवंटित किया गया है।
20 सितंबर को वैष्णोदवी के लिये रवाना होगें 172 तीर्थयात्री
17 सितंबर तक आवेदन फार्म कर सकते है जमा:- मुख्यमंत्री तीर्थदर्शन योजना के लिये जिले से पहली मुख्यमंत्री तीर्थदर्शन यात्रा 20 सितंबर को रेल्वे स्टेशन बुरहानपुर से वैष्णोदेवी के लिये रवाना होगी। जिसके आवेदन पत्र भरने की अंतिम तिथी 11 सितंबर होगी। इस यात्रा में 172 तीर्थयात्री दर्शन हेतु जायेगें। इसी प्रकार से जगन्नाथपुरी के दर्शन के लिये यात्रा 27 सितंबर से प्रारंभ होगी। जिसके आवेदन पत्र जमा करने की अंतिम तिथी 17 सितंबर है इसमें 172 तीर्थयात्री दर्शन हेतु जायेगें।
इसी प्रकार अजमेर शरीफ की यात्रा दर्शन के लिये यात्रा 6 अक्टूबर से प्रारंभ होगी। जिसके आवेदन पत्र जमा करने की अंतिम तिथी 24 सितंबर है इसमें 231 तीर्थयात्री दर्शन हेतु जायेगें। काशी के दर्शन के लिये यात्रा 11 अक्टूबर से प्रारंभ होगी। जिसके आवेदन पत्र जमा करने की अंतिम तिथी 24 सितंबर है इसमें 32 तीर्थयात्री दर्शन हेतु जायेगें।
इसी प्रकार द्वारकापुरी की यात्रा दर्शन के लिये यात्रा 18 अक्टूबर से प्रारंभ होगी। जिसके आवेदन पत्र जमा करने की अंतिम तिथी 1 अक्टूबर है इसमें 56 तीर्थयात्री दर्शन हेतु जायेगें। और शिर्डी के दर्शन के लिये यात्रा 31 दिसम्बर 2012 से प्रारंभ होगी। जिसके आवेदन पत्र जमा करने की अंतिम तिथी 1 अक्टूबर है इसमें 56 तीर्थयात्री दर्शन हेतु जायेगें।
निःशुल्क आवेदन प्राप्त करने और अधिक जानकारी हेतु संपर्क करेंः- मुख्यमंत्री तीर्थदर्शन योजना के अंतर्गत जिला प्रशासन द्वारा जिले के संपूर्ण शहरी क्षेत्र हेतु कार्यालय आयुक्त नगर निगम बुरहानपुर और ग्रामीण क्षेत्रों के लिये खकनार जनपद में कार्यालय मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत खकनार और बुरहानपुर ब्लॉक के रहवासी के लिये कार्यालय मुख्य मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत बुरहानपुर में कार्यालयीन समय मंे आवेदन पत्र जमा किये जा सकते है और विस्तृत जानकारी ली जा सकती हैं।
क्र-7/2012/वर्मा
जिले का कोई भी पशु ना रहे पशु संगणना से बाहर-अपर कलेक्टर श्री कतरोलिया
जिला स्तरीय पशु संगणना प्रशिक्षण शिविर संपन्न
7 विभागों के 96 प्रगणकों और 16 सुपरवाईजरों ने प्राप्त किया प्रशिक्षण
बुरहानपुर -( 5 सितंबर ) - जिले का कोई भी पशु ना रहे पशु संगणना से बाहर। यह बात जिला पशु चिकित्सा सेवा विभाग द्वारा आगामी 15 सितंबर से प्रारंभ होने वाली 19 वीं पशु संगणना को लेकर आयोजित जिला स्तरीय प्रशिक्षण शिविर में अपर कलेक्टर श्री पी.आर.कतरोलिया ने कही।
उन्होनें कहा कि पशु संगणना के आकडे़ ही भविष्य में पशु विकास एवं कल्याण की महत्वाकांक्षी और महत्वपूर्ण योजना को बनाने में सहयोग प्रदान करते है। इसलिये हमारे जिले का एक भी पशु इस 19 वी पशु संगणना से ना छूटे। और हमारे प्रगणक सत्य निष्ठा के साथ आकडे़ एकत्र करें। क्योंकि इस संगणना से प्राप्त आकड़ो के आधार पर ही भविष्य की योजना बनायी जायेगी। जो पशु पालको एवं ग्रामीण अर्थव्यवस्थाओं की उन्नति में अहम भूमिका निभाऐगी। इसके पूर्व उन्होनें कार्यशाला का शुभारंभ गौमाता के चित्रपट पर माल्यार्पण और द्वीप प्रज्जवलन कर किया।
कृषि एवं पशु पालन एक दूसरे के पूरक:- कृषि एवं पशुपालन एक दूसरे के पूरक है। यह बात कहते हुए पशु संगणना के नोडल अधिकारी और उप संचालक पशु चिकित्सा सेवा श्री एम.के.सक्सेना ने 19 वीं पशु संगणना के महत्व को समझाया। उन्होनें जानकारी देते हुए बताया कि पशु संगणना प्रत्येक पांच वर्षो में एक बार संपूर्ण देश में एकसाथ होती है। जिसमें देश के प्रत्येक प्रदेश के प्रत्येक पशु की गणना की जाती है। यह देश की 19 वी पशु संगणना हो रही है। जिसके लिये जिले में 109 कर्मचारी अधिकारीयों को प्रशिक्षित किया जा रहा है।
उन्होनें प्रशिक्षण शिविर में हिस्सा ले रहे प्रगणकों एवं पर्यवेक्षकों से अपील भी कि की वह इस पशु संगणना के महत्व को समझते हुए सत्य निष्ठा के साथ ईमानदारी से अपने दायित्वों का निवर्हन करें। और हमारे बुरहानपुर जिले का एक भी पशु इस संगणना में ना छूटे।
7 विभागों के 109 प्रगणकों एवं सुपरवाईजरों ने लिया प्रशिक्षण:- कृषि उपज मंडी स्थित केला नीलामी सभागार में आयोजित जिला स्तरीय पशु संगणना प्रशिक्षण शिविर दो सत्रों में संपन्न हुआ। जिसमें जिले और भोपाल से आये मास्टर टेªनर्स ने 7 विभागों के 93 प्रगणकों और 16 सुपरवाईजरों को पशु संगणना से संबंधित अनुसूचीयों और प्रारूपों की विस्तृत जानकारी देने के साथ ही संगणनाओं में आने वाली समस्याओं के निराकरण की तरकीब भी समझाई।
6 प्रगणकों पर 1 सुपरवाईजर:- साथ ही पशु नोडल अधिकारी पशु संगणना और उप संचालक पशु चिकित्सा सेवा श्री एम.के.सक्सेना ने जानकारी देते हुए बताया कि 6 प्रगणकों की मॉनिटरिंग के लिये पशु संगणना में 1 सुपरवाईजर रखा गया है। साथ ही पशु संगणना करने वाले प्रगणको को 7 रूपये 20 पैसे प्रति परिवार की दर से भुगतान भी किया जायेगा। और प्रत्येक प्रगणक तकरीबन 1500 से 1600 परिवारों का सर्वे करे।
प्रशिक्षण शिविर में जनसंपर्क अधिकारी सुनील वर्मा और डॉ.लाड़ समेत भोपाल से आये मास्टर टेªनर्स और प्रशिक्षाणार्थी उपस्थित थे।
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