Wednesday, 7 May 2014

JANSAMPARK NEWS 6-5-14

जिला जनसंपर्क कार्यालय बुरहानपुर मध्य प्रदेश
समाचार
शासकीय योजनाओं की सफलता के लिए जनसहयोग जरूरी-श्री श्यामसिंह
ग्राम वारोली में निर्मल ग्राम बनाने का संकल्प पारित
बुरहानपुर/6 मई, 2014/ - गत दिवस ग्राम वारोली में निर्मल भारत अभियान के अंतर्गत सभा का आयोजन किया गया, जिसमें जिला पंचायत के श्री प्रवीण गुप्ता, अग्रणी जिला प्रबंधक श्री श्यामसिंह, ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण केन्द्र के प्रशिक्षक ने सभा को संबोधित कर सभी ग्रामवासियों को निर्मल ग्राम बनाने में अपना सहयोग देने के लिए प्रोत्साहित किया और निर्मल ग्राम के सामाजिक एवं आर्थिक महत्व को बताया।
    अग्रणी जिला प्रबंधक श्री श्यामसिंह वित्तीय साक्षरता के विषय में ग्रामवासियों का मार्गदर्शन किया एवं ग्राम में वित्तीय साक्षरता प्रेरणा केन्द्र खोलने का प्रस्ताव रखा ताकि बेरोजगार एवं जरूरतमंद सभी ग्रामीणों को बैंक के माध्यम से सरकार द्वारा चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं का उचित फायदा पहुंचाया जा सके। श्री श्यामसिंह ने बताया कि इस अभियान से स्थानीय शिक्षकों और आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को वारोली ग्राम को निर्मल बनाने के लिऐ जिम्मेदारी सौंप दी गयी है।
    जन सहयोग से किसी भी शासकीय योजना को सफल बनाया जा सकता है। जनसंपर्क टू-वे ट्रॉफिक है। वन वे काम नहीं चलता। सभी ग्रामवासियों ने ग्राम को निर्मल ग्राम एवं सर्वागीण विकास के लिए अपना सहयोग देने की बात कही।
टीपः- फोटोग्राफ संलग्न
क्रमांकः 11/मई/327/2014

जिला जनसंपर्क कार्यालय बुरहानपुर मध्य प्रदेश
समाचार
जिला स्टैडिंग कमेटी की बैठक संपन्न
मतगणना स्थल पर मोबाइल प्रतिबंधित
बुरहानपुर/6 मई, 2014/ - आज कलेक्टेªट सभागार में जिला स्टैडिंग कमेटी की बैठक संपन्न हुई। बैठक की अध्यक्षता करते हुए कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी श्री आशुतोष अवस्थी ने कहा कि मतगणना में पूरी तरह पारदर्शिता बरती जायेगी और मतगणना का पूरा प्रबंधन अपर कलेक्टर श्री प्रकाश रेवाल देखेंगे। कलेक्टेªट में प्रथम तल पर स्थित अलग-अलग हॉल में बुरहानपुर और नेपानगर की मतगणना होगी। प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र के लिये मतगणना के लिए 14-14 मेजंे लगायी जायेगी।
    श्री अवस्थी ने बताया कि नेपानगर विधानसभा क्षेत्र की गणना के 18 राउंड होगें और बुरहानपुर के विधानसभा क्षेत्र के 22 राउंड होंगे। गणना स्थल पर मोबाइल, धूम्रपान और माचिस प्रतिबंधित रहेगा। राजनैतिक दल और अभ्यर्थी 28 गणना एजेन्ट नियुक्त कर सकेंगे। डाकमत पत्रों की गणना रिटर्निंग ऑफिसर खण्डवा द्वारा 16 मई को प्रातः 8 बजे कराई जायेगी। बुरहानपुर में डाकमत पत्रों की गणना नहीं होगी। बुरहानपुर में 136 सर्विस वोटर और 41 बाहरी शासकीय सेवक डाक मतदाता हैं। इन्हें रजिस्टर्ड डाक से डाकमत पत्र भेज दिये गये हैं। अभी तक मात्र 1 वोट डाक से प्राप्त हुआ है। मतगणना 16 मई को प्रातः 8 बजे शुरू होगी। राजनैतिक गणना एजेन्टांे को प्रवेश पत्र जारी किये जायेंगे। मंत्री, सांसद, विधायक, महापौर और जिला पंचायत अध्यक्ष जैसे लोकसेवक राजनैतिक गणना एजेन्ट नहीं बन सकेंगे। मतगणना के दिन पार्किंग की विशेष व्यवस्था रेणुका मार्ग पर की गयी है।
    श्री अवस्थी ने बताया कि इवीएम मशीनों को स्ट्रांग रूम में सुरक्षित रखा गया है। उसकी वेबकास्टिंग भी हो रही है। जगह-जगह क्लोज सर्किट टी.वी.कैमरे लगाये गये हैं। राजनैतिक दलों के प्रतिनिधि भी इवीएम की निगरानी कर रहे है।
    इस अवसर पर अपर कलेक्टर श्री प्रकाश रेवाल, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्री बी.एस.बिरदे, डिप्टी कलेक्टर श्री के.एल.यादव, डिप्टी कलेक्टर श्री शंकरलाल सिंगाडे़, सहायक रिटर्निंग ऑफिसर श्री के.आर.बड़ोले, तहसीलदार श्रीमती हेमलता सोलंकी सहित राजनैतिक दलों और अन्य अभ्यर्थियों के प्रतिनिधि मौजूद थे।
टीपः- फोटोग्राफ संलग्न
क्रमांकः 9/मई/325/2014

खाद्यान्न वितरण आज से
बुरहानपुर/6 मई, 2014/ - नगरीय एवं ग्रामीण क्षेत्र की उचित मूल्य दुकानों पर माह मई, 2014 की सार्वजनिक वितरण प्रणाली के खाद्य सामग्री के कोटे का वितरण उपभोक्ताओं को नोडल अधिकारियों की उपस्थिति में 7 मई, 2014 से 11 मई, 2014 तक किया जायेगा। नगर के समस्त उपभोक्ताओं से जिला आपूर्ति अधिकारी श्री ए.के.कुजूर ने अनुरोध किया है कि अपने-अपने क्षेत्र की उचित मूल्य दुकानों से उनकी पात्रता अनुसार माह मई, 2014 में खाद्य सामग्री को कोटा प्राप्त करंे।
क्रमांकः 10/मई/326/2014

जिला जनसंपर्क कार्यालय बुरहानपुर मध्य प्रदेश
समाचार
रेशम विभाग देगा 1400 किसानों को प्रशिक्षण
जिले में अभी तक 480 क्विंटल शहतूत रेशम कोया का हुआ उत्पादन
नगदी फसल के प्रति किसानों में उत्साह
जिले की मिट्टी और पर्यावरण रेशम कृमि पालन के लिए अनुकूल
बुरहानपुर/6 मई, 2014/ जिला नोडल अधिकारी श्री हरिशंकर सोनी ने बताया कि रेशम संचालनालय के मार्गदर्शन में जिले में वर्ष 2011 से शहतूत रेशम कृृमि पालन का काम तेजी से चल रहा है। इस नगदी फसल के प्रति किसानों में बड़ा उत्साह देखने को मिल रहा है। जिले में अभी तक तीन साल में 480 क्विंटल शहतूत कोया का रेशम का उत्पादन हो चुका है। जिले में किसानों द्वारा 341 एकड़ में शहतूत की खेती की जा रही है। रेशम के कृमि (कीड़े) शहतूत की पत्ती खाकर रेशम का कोया तैयार करते हैं।
    श्री सोनी ने बताया कि जिले में माह मई में 1400 किसानों को रेशम की खेती का व्यवहारिक प्रशिक्षण दिया जायेगा। 7 मई को नेपानगर और बुरहानपुर में, 8 मई को इच्छापुर, 9 मई को डोईफोड़िया, 10 मई को धूलकोट और बुरहानपुर में, 11 मई धूलकोट और बुरहानपुर, 12 मई को सागफाटा और बुरहानपुर 13 और 14 मई को आमगांव और बुरहानपुर, 15 मई को नांदुरा व बुरहानपुर में, 16 मई को डोईफोडिया और देड़तलाई, 17 मई को धावा और दैय्यत, 18 मई को डवाली और खापरखेड़ा, 19 मई को रायतलाई, 20 मई को आमुल्ला, 21 मई को रामाखेड़ा में प्रशिक्षण दिया जायेगा। प्रशिक्षण के दौरान किसानों को शहतूत की खेती, रेशम कृमि पालन, फिल्म के जरिये सफलता की कहानी भी दिखाई जायेगी। प्रशिक्षण डॉ.प्रदीप शुक्ला, श्री जितेन्द्र, श्री कांतिलाल, श्री हरिशंकर सोनी द्वारा दिया जायेगा। बुरहानपुर में शाहपुर मार्ग पर रेशम विभाग का कार्यालय स्थित है। जहाँ पर किसानों को मुख्य रूप से व्यवहारिक प्रशिक्षण दिया जाता है।
    जिले को नोडल अधिकारी श्री हरिशंकर सोनी ने बताया कि जिले के किसान बहुत जागरूक हैं। जिले की मिट्टी और पर्यावरण शहतूत और रेशम के कृमि पालन के लिए सर्वथा अनुकूल है। लंबे सर्वेक्षण और वैज्ञानिक शोध के उपरांत जिले में रेशम संचालनालय भोपाल द्वारा रेशम उत्पादन के लिये चयनित किया गया। किसानों को रेशम की खेती के लिए रस्सी, खूँटी, फावड़ा, शहतूत के पौधे, गोबर की खाद, रासायनिक खाद, चूना और तसला आदि की जरूरत पड़ती है। जिले में वर्ष 2011-12 में 4 एकड़, वर्ष 2012-13 में 97 एकड़ और वर्ष 2013-14 में 240 एकड़ जमीन में किसानों के निजी स्तर पर शहतूत की खेती की जा रही है। जिले में प्रारंभिक उपयोग सफल रहा है। इसे और अधिक विस्तारित करने की जरूरत है।
    किसानों को विभाग द्वारा कृमि पालन केन्द्र बनाने के लिये किसानों को 50 प्रतिशत अनुदान, टपक बूंद सिंचाई के लिये 75 प्रतिशत अनुदान, कृमि पालन भवन बनाने के लिए 50 प्र्रतिशत अनुदान, कृषि उपकरण के लिए किसानों को 75 प्रतिशत तक अनुदान दिया जाता है। इस प्रकार किसानों के समूह बनाकर रेशम कृमि पालन केन्द्र चलाया जाता है और किसानों के एक समूह को 1 लाख 27 हजार रूपये तक का अनुदान दिया जाता है। अनुदान का भुगतान बैंक खाते के माध्यम से किया जाता है और किसानों को मुफ्त प्रशिक्षण दिया जाता है। किसानों को मुख्य रूप से बुरहानपुर में शाहपुर रोड पर व्यवहारिक प्रशिक्षण दिया जाता है। जिले में 1 किलो रेशम कोया 200 से लेकर 300 प्रति किलों ग्राम गुणवत्ता के आधार खरीदा जाता है। इसका न्यूनतम शासकीय सर्मथन मूल्य 110 रूपये प्रति किलोग्राम है। जिले में किसानों द्वारा मध्यम और उत्तम दर्जे का रेशम कोया पैदा किया जा रहा है।
टीपः- फोटोग्राफ संलग्न
क्रमांकः 12/मई/328/2014

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JANSAMPARK NEWS 30-08-18

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