जिला जनसंपर्क कार्यालय, बुरहानपुर म.प्र.
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गणेश प्रतिमा विसर्जन स्थलों पर सुविधाएं सुलभ कराने तैयारियां जारी
प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा कार्यो का मुआयना
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गणेश प्रतिमा विसर्जन स्थलों पर सुविधाएं सुलभ कराने तैयारियां जारी
प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा कार्यो का मुआयना
बुरहानपुर/4
सितम्बर/जिले में अनंत चतुर्दशी पर्व को लेकर गत दिवस जिला प्रशासन और
सर्व गणेश आयोजक मंडलों की बैठक संपन्न हुई। जिसमें प्रमुखता से गणेश
प्रतिमा विसर्जन करने स्थलों का सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया।
कलेक्टर श्रीमती जे.पी.आइरिन सिंथिया के निर्देशन में विसर्जन स्थलों पर सभी आवश्यक व्यवस्थाएं सुलभ कराने कार्य किए जा रहे है। इन तैयारियों के सिलसिले में जिला प्रशासनिक अधिकारियों ने आज गुरूवार को विसर्जन स्थलों का मुआयना किया। अधिकारियों ने विसर्जन स्थल जैनाबाद खदान के कुंड में भंडारित पानी का जायजा सूक्ष्मता से लिया। जिसमें मूर्ति विसर्जन के लिए पानी पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है। पानी की गहराई को भी यहां बांस के सहारे मापा गया है। कुंड में पानी की गहराई लगभग 30 से 35 फीट से ऊपर पायी गई है। अधिकारियों ने स्वयं अपनी मौजूदगी में गोताखोरो से भी पानी की गहराई का पता लगवाया है। इस स्थल पर बड़ी से बड़ी मूर्तियां विसर्जन के लिए स्थल पर पानी पाया गया है। यहां खदान के कुंड में किनारे से 5 फीट उंचाई वाली मूर्तिया किनारें पर पूजन करके आयोजक मंडल को विसर्जन के लिए तैराकों को सौंपना होगा। ताकि मूर्तियों का विसर्जन सम्मानपूर्वक किया जा सकेगा। यह व्यवस्था किसी प्रकार की अप्रिय घटना को रोकने हेतु की गई है। आयोजक मंडलो के जिन सदस्यों को तैरना नही आता है। जिला प्रशासन ने ऐसे व्यक्तियों से विसर्जन स्थल से दूर रहने की अनुरोध किया है। सभी मूर्तियां यथास्थिति में तैराकों द्वारा कुंड में विसर्जित करने की व्यवस्था कर दी गई है। इस बात का ध्यान सभी ध्यान रखेंगे। इसी प्रकार से रेणुका झील में मूर्तिया विसर्जन करने के लिए पानी सुलभ है। यहां भी छोटी-बड़ी मंजोली मूर्तियां विसर्जित की जा सकती है। अपर कलेक्टर श्री प्रकाश रेवाल ने उक्त स्थलों पर पहुंच मार्ग समतलीकरण, सुरक्षा व्यवस्था के लिए बेरीकेट्स तथा पार्किंग, प्रकाश व्यवस्था संबंधी निर्देश दिए। उन्होनें बताया कि क्रेन शीघ्र ही यहां पर पहुंच जाना चाहिए। एक दिवस पूर्व क्रेन का पूर्व परीक्षण किया जायेगा। इस हेतु झूला बनाने के निर्देश भी दिए गए है। ताकि क्रेन के द्वारा झूलें में रखकर बड़ी मूर्तिया कूंड में 15 फीट तक पहुंचाई जावेगी। इसके बाद मूर्ति को नाव में रखकर गहरे पानी में सम्मान के साथ विसर्जित की जायेगी। एडीशनल एसपी श्री बी.एस.बिरदे ने इस संबंध में बताया कि दोनों विसर्जन स्थल पर तैराकों की व्यवस्था पुलिस विभाग द्वारा की जावेगी। इसके साथ ही अन्य सुरक्षा, पार्किंग व्यवस्था के लिए भी पुलिस प्रशासन को जिम्मेदारी सौंपी गई है।
नगर निगम आयुक्त श्री सुरेश रेवाल ने बताया कि यहां प्रकाश व्यवस्था, साफ-सफाई कराई जावेगी। इसके अलावा चूने की लाइनिंग डालकर पार्किंग व मूर्ति आवागमन व आमजन को ठहरने के लिए व्यवस्था आदि के लिए उपयोग किया जायेगा। लोक निर्माण विभाग कार्यपालन यंत्री श्री राजेन्द्र जोशी ने बताया कि जेसीबी से यहां मूर्तिया विसर्जन के लिए मार्ग समतलीकरण किया जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग का अमला मय चिकित्सक के साथ स्थलों पर तैनात रहेगा।
इस अवसर पर सीएसपी श्री बी.पी.एस.परिहार, नगर निगम कार्यपालन यंत्री श्री डी.के.पटेल एवं डी.के.बत्रा एवं उपयंत्री सगीर अहमद, लोक निर्माण विभाग उपयंत्री श्री पाटिल, सहायक मत्स्य अधिकारी श्री भट्नागर, अशोक पाटिल, गोपाल महाजन सहित आयोजक गणेश मंडल के सदस्यगण व तैराक उपस्थित रहे।
कलेक्टर श्रीमती जे.पी.आइरिन सिंथिया के निर्देशन में विसर्जन स्थलों पर सभी आवश्यक व्यवस्थाएं सुलभ कराने कार्य किए जा रहे है। इन तैयारियों के सिलसिले में जिला प्रशासनिक अधिकारियों ने आज गुरूवार को विसर्जन स्थलों का मुआयना किया। अधिकारियों ने विसर्जन स्थल जैनाबाद खदान के कुंड में भंडारित पानी का जायजा सूक्ष्मता से लिया। जिसमें मूर्ति विसर्जन के लिए पानी पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है। पानी की गहराई को भी यहां बांस के सहारे मापा गया है। कुंड में पानी की गहराई लगभग 30 से 35 फीट से ऊपर पायी गई है। अधिकारियों ने स्वयं अपनी मौजूदगी में गोताखोरो से भी पानी की गहराई का पता लगवाया है। इस स्थल पर बड़ी से बड़ी मूर्तियां विसर्जन के लिए स्थल पर पानी पाया गया है। यहां खदान के कुंड में किनारे से 5 फीट उंचाई वाली मूर्तिया किनारें पर पूजन करके आयोजक मंडल को विसर्जन के लिए तैराकों को सौंपना होगा। ताकि मूर्तियों का विसर्जन सम्मानपूर्वक किया जा सकेगा। यह व्यवस्था किसी प्रकार की अप्रिय घटना को रोकने हेतु की गई है। आयोजक मंडलो के जिन सदस्यों को तैरना नही आता है। जिला प्रशासन ने ऐसे व्यक्तियों से विसर्जन स्थल से दूर रहने की अनुरोध किया है। सभी मूर्तियां यथास्थिति में तैराकों द्वारा कुंड में विसर्जित करने की व्यवस्था कर दी गई है। इस बात का ध्यान सभी ध्यान रखेंगे। इसी प्रकार से रेणुका झील में मूर्तिया विसर्जन करने के लिए पानी सुलभ है। यहां भी छोटी-बड़ी मंजोली मूर्तियां विसर्जित की जा सकती है। अपर कलेक्टर श्री प्रकाश रेवाल ने उक्त स्थलों पर पहुंच मार्ग समतलीकरण, सुरक्षा व्यवस्था के लिए बेरीकेट्स तथा पार्किंग, प्रकाश व्यवस्था संबंधी निर्देश दिए। उन्होनें बताया कि क्रेन शीघ्र ही यहां पर पहुंच जाना चाहिए। एक दिवस पूर्व क्रेन का पूर्व परीक्षण किया जायेगा। इस हेतु झूला बनाने के निर्देश भी दिए गए है। ताकि क्रेन के द्वारा झूलें में रखकर बड़ी मूर्तिया कूंड में 15 फीट तक पहुंचाई जावेगी। इसके बाद मूर्ति को नाव में रखकर गहरे पानी में सम्मान के साथ विसर्जित की जायेगी। एडीशनल एसपी श्री बी.एस.बिरदे ने इस संबंध में बताया कि दोनों विसर्जन स्थल पर तैराकों की व्यवस्था पुलिस विभाग द्वारा की जावेगी। इसके साथ ही अन्य सुरक्षा, पार्किंग व्यवस्था के लिए भी पुलिस प्रशासन को जिम्मेदारी सौंपी गई है।
नगर निगम आयुक्त श्री सुरेश रेवाल ने बताया कि यहां प्रकाश व्यवस्था, साफ-सफाई कराई जावेगी। इसके अलावा चूने की लाइनिंग डालकर पार्किंग व मूर्ति आवागमन व आमजन को ठहरने के लिए व्यवस्था आदि के लिए उपयोग किया जायेगा। लोक निर्माण विभाग कार्यपालन यंत्री श्री राजेन्द्र जोशी ने बताया कि जेसीबी से यहां मूर्तिया विसर्जन के लिए मार्ग समतलीकरण किया जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग का अमला मय चिकित्सक के साथ स्थलों पर तैनात रहेगा।
इस अवसर पर सीएसपी श्री बी.पी.एस.परिहार, नगर निगम कार्यपालन यंत्री श्री डी.के.पटेल एवं डी.के.बत्रा एवं उपयंत्री सगीर अहमद, लोक निर्माण विभाग उपयंत्री श्री पाटिल, सहायक मत्स्य अधिकारी श्री भट्नागर, अशोक पाटिल, गोपाल महाजन सहित आयोजक गणेश मंडल के सदस्यगण व तैराक उपस्थित रहे।
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कपास में न्यू विल्ट की रोकथाम हेतु सलाह
कपास में न्यू विल्ट की रोकथाम हेतु सलाह
बुरहानपुर/4
सितम्बर/ जिले में मौसम परिवर्तन (तापमान अधिक) के कारण कपास फसल में
पौधें मुरझाने की समस्यां की रोकथाम हेतु सलाह दी गई है।
किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग उपसंचालक श्री एम.एस.देवके ने कृषकों को उक्त संबंध में समसामयिक तकनीकी परामर्श में बताया है कि कपास फसल के पौधों का अचानक मुरझाना एवं सुखने की समस्या दिखाई देती है। तो कृषक तत्काल कपास के मुरझाने लगे पौधों में 1.50 किलो ग्राम (डेढ़ किलो) यूरिया एवं 200 ग्राम कार्बन्डेजिम को 100 लीटर पानी में घोलकर प्रति पौधा 1 लीटर घोल जडों के पास (डेªन्चीग) गिलास या लोटे से डालने की सलाह दी जाती है। मुरझा गये पौधों में 24 घंटे के अन्दर घोल जरूर डाले। अतः कृषक भाईयो से कृषि विभाग अनुरोध करता है कि वे अपनी कपास फसल का नियमित निरीक्षण करे एवं मुरझाने लगे पौधों में एक लीटर के घोल को पौधों की जड़ो के पास डाले।
किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग उपसंचालक श्री एम.एस.देवके ने कृषकों को उक्त संबंध में समसामयिक तकनीकी परामर्श में बताया है कि कपास फसल के पौधों का अचानक मुरझाना एवं सुखने की समस्या दिखाई देती है। तो कृषक तत्काल कपास के मुरझाने लगे पौधों में 1.50 किलो ग्राम (डेढ़ किलो) यूरिया एवं 200 ग्राम कार्बन्डेजिम को 100 लीटर पानी में घोलकर प्रति पौधा 1 लीटर घोल जडों के पास (डेªन्चीग) गिलास या लोटे से डालने की सलाह दी जाती है। मुरझा गये पौधों में 24 घंटे के अन्दर घोल जरूर डाले। अतः कृषक भाईयो से कृषि विभाग अनुरोध करता है कि वे अपनी कपास फसल का नियमित निरीक्षण करे एवं मुरझाने लगे पौधों में एक लीटर के घोल को पौधों की जड़ो के पास डाले।
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सहायक वार्डन सह शिक्षिका चयन सूची जारी
सहायक वार्डन सह शिक्षिका चयन सूची जारी
बुरहानपुर/4
सितम्बर /जिले में संचालित के.जी.बी.व्ही एवं बालिका छात्रावासों में
सहायक वार्डन सह शिक्षिका के रिक्त पदों की पूर्ति हेतु वरीयता सूची, अंतिम
चयन सूची तथा प्रतिक्षा सूची सार्वजनिक कर दी गई है।
जिला शिक्षा केन्द्र सर्व शिक्षा अभियान जिला परियोजना समन्वयक श्री आर.एल.उपाध्याय ने उक्त जानकारी दी। उन्होनें बताया कि केजीबीव्ही एवं बालिका छात्रावास के लिए प्रकाशन सूची अनारक्षित वर्ग में शिक्षिका सह सहायक वार्डन के पद हेतु कु.ज्योति गढ़वाल सामान्य 64.36 प्रतिशत, मेघा गवई अनुसूचित जाति 63.14 प्रतिशत, श्रीमती अनिता भावस्कर अनुसूचित जनजाति 54.4 प्रतिशत प्राप्त अंक के आधार पर चयन किया गया है। इसी प्रकार से अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिए राधा इस्के 46.26 प्रतिशत और सकुन मंडलोई ने 46.16 प्रतिशत प्राप्त कर चयनित हुई है।
श्री उपाध्याय ने बताया कि उक्त वरीयता चयन एवं प्रतिक्षा सूची का भी प्रकाशन कर कार्यालयीन के सूचना पटल पर चस्पा कर दी गई है। उक्त सूची के विरूद्ध किसी को दावा/आपत्ति प्रस्तुत करना हो तो वह 8 सितम्बर 2014 तक जिला शिक्षा केन्द्र बुरहानुपर में कार्यालयीन समय में प्रस्तुत कर सकते है। उक्त तिथि के पश्चात कोई भी दावा/आपत्ति मान्य नही होगा।
जिला शिक्षा केन्द्र सर्व शिक्षा अभियान जिला परियोजना समन्वयक श्री आर.एल.उपाध्याय ने उक्त जानकारी दी। उन्होनें बताया कि केजीबीव्ही एवं बालिका छात्रावास के लिए प्रकाशन सूची अनारक्षित वर्ग में शिक्षिका सह सहायक वार्डन के पद हेतु कु.ज्योति गढ़वाल सामान्य 64.36 प्रतिशत, मेघा गवई अनुसूचित जाति 63.14 प्रतिशत, श्रीमती अनिता भावस्कर अनुसूचित जनजाति 54.4 प्रतिशत प्राप्त अंक के आधार पर चयन किया गया है। इसी प्रकार से अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिए राधा इस्के 46.26 प्रतिशत और सकुन मंडलोई ने 46.16 प्रतिशत प्राप्त कर चयनित हुई है।
श्री उपाध्याय ने बताया कि उक्त वरीयता चयन एवं प्रतिक्षा सूची का भी प्रकाशन कर कार्यालयीन के सूचना पटल पर चस्पा कर दी गई है। उक्त सूची के विरूद्ध किसी को दावा/आपत्ति प्रस्तुत करना हो तो वह 8 सितम्बर 2014 तक जिला शिक्षा केन्द्र बुरहानुपर में कार्यालयीन समय में प्रस्तुत कर सकते है। उक्त तिथि के पश्चात कोई भी दावा/आपत्ति मान्य नही होगा।
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जिले में अभी तक 825.4 मिली मीटर औसत वर्षा हुई
जिले में अभी तक 825.4 मिली मीटर औसत वर्षा हुई
बुरहानपुर/4
सितम्बर/जिले में जारी मौसम में अभी तक 825.4 मिली मीटर औसत वर्षा हुई है।
जबकि गत वर्ष इसी अवधि तक 1184.8 मिली मीटर औसत वर्षा दर्ज की गई थी।
पिछले 24 घंटो के दरम्यान बुरहानपुर तहसील में 7.2 मि.मी. एवं नेपानगर में 34 मि.मी. तथा खकनार तहसील में 15.2 मि.मी. वर्षा मापी गई है।
अधीक्षक भू-अभिलेख श्री एम.एल.पालीवाल ने बताया कि अभी तक सर्वाधिक वर्षा 1050.8 मि.मी. खकनार और सबसे कम 524.5 मि.मी. बुरहानपुर में तथा 901 मि.मी. वर्षा नेपानगर तहसील में आकी गई है।
पिछले 24 घंटो के दरम्यान बुरहानपुर तहसील में 7.2 मि.मी. एवं नेपानगर में 34 मि.मी. तथा खकनार तहसील में 15.2 मि.मी. वर्षा मापी गई है।
अधीक्षक भू-अभिलेख श्री एम.एल.पालीवाल ने बताया कि अभी तक सर्वाधिक वर्षा 1050.8 मि.मी. खकनार और सबसे कम 524.5 मि.मी. बुरहानपुर में तथा 901 मि.मी. वर्षा नेपानगर तहसील में आकी गई है।
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संस्थागत प्रसव में गति लाने हर स्तर पर प्रयास किए जाए-श्रीमती सिंथिया
कलेक्टर ने समीक्षा बैठक में स्वास्थ्य विभाग को दिये निर्देश
संस्थागत प्रसव में गति लाने हर स्तर पर प्रयास किए जाए-श्रीमती सिंथिया
कलेक्टर ने समीक्षा बैठक में स्वास्थ्य विभाग को दिये निर्देश
बुरहानपुर/4
सितम्बर/ जिले में मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में कमी लाने मैदानी अमला
मुस्तैदी से अपने दायित्वों का निर्वहन करें। ग्रामीण व नगरीय क्षेत्रों
में गर्भवती माताओं का पंजीयन समय पर होना चाहिए। ऐसी माताओं का स्वास्थ्य
परीक्षण कर सुविधाएं नियमित रूप से उपलब्ध कराए। साथ ही उन्हें संस्थागत
प्रसव के लिए प्रेरित करे। इस हेतु स्वास्थ्य विभाग द्वारा संस्थागत प्रसव
में गति लाने हर स्तर पर प्रयास किए जाए।
ये निर्देश कलेक्टर श्रीमती जे.पी.आइरिन सिंथिया ने आज कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में स्वास्थ्य विभाग की जिला स्तरीय समीक्षा बैठक में दिये है। सीएमएचओ को निर्देशित किया गया है कि स्वास्थ्य सुविधाएं सिस्टम के तहत उपलब्ध कराए। विभाग के प्रमुख जिला व खण्ड स्तरीय चिकित्सक प्रशासनिक रूप से मैदानी अमले पर कसावट लाए। जिससे ग्रामीण व नगरीय क्षेत्रों में मातृृ और शिशु पंजीयन कार्य निर्धारित अवधि में हो सके। जिन प्राथमिक एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रो में संस्थागत प्रसव कम हुए है। वहां गर्भवती माताओं के संस्थागत प्रसव कराना सुनिश्चित करें। ए.एन.एम. सेक्टर सुपरवाइजर यदि टीकाकरण पंजीयन कार्य में लापरवाही बरतते है। तो उनके प्रति नियमानुसार कार्यवाही करें। सेक्टर सुपरवाइजर टीकाकरण और पंजीयन की रिपोर्ट अब सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर दर्ज कराएगें। जिससे जिला स्तर पर प्रगति का वास्तविक डाटा फीड हो सके। उक्त कार्यो की लगातार मॉनीटरिंग अनिवार्य रूप से की जावे।
सी.एम.एच.ओ. डॉ.एम.के.गुप्ता ने बताया कि जिले में अंत्योदय उपचार योजना के 8 हजार 635 कार्ड बनें है। जिसमें 780 लोगों को माह अगस्त में उपचार सुविधाएं सुलभ कराई गई है। कलेक्टर ने कहा कि इस योजना के तहत गरीबों को अधिक से अधिक स्वस्थ्य संवर्धन सुविधाएं मुहैया कराई जाए। इस हेतु प्रचार-प्रसार भी किया जाए। उन्होनें जननी सुरक्षा वाहन सुविधा का भी जायजा लिया। डीपीएम आर.सी.एच./एन.आर.एच.एम. पूनम डेहरिया ने बताया कि जिले में 8 जननी सुरक्षा वाहन संचालित किए जा रहे है। इसमें बुरहानपुर शहर में 2, खकनार, डोईफोड़िया, नेपानगर व आमुल्ला में 1-1 तथा शाहपुर और धूलकोट में 1-1 जननी सुरक्षा वाहन उपलब्ध है। नेपानगर डॉ.के.सी.खरे ने बताया कि नेपानगर में नगरीय एवं ग्रामीण क्षेत्र अधिक है। इस हेतु 1 जननी सुरक्षा का वाहन और बढ़ाया जाए। कलेक्टर ने नेपानगर के लिए एक वाहन और उपलब्ध कराने सीएमएचओ को निर्देश दिए। नेपानगर से लैब टेक्निशियन का अटैचमेंट खत्म कर ब्लड बैंक में पदस्थ करें। चूकि लैब टेक्निशियन की बहुत आवश्यकता है।
बाल हृृदय उपचार योजना प्रशिक्षण आयोजित करने निर्देश
शासन द्वारा संचालित राज्य बीमारी सहायता योजनान्तर्गत बाल हृृदय उपचार योजना का लाभ सुलभ कराया जाए। इस हेतु जिले में स्वास्थ्य विभाग के मैदानी कर्मचारियों का प्रशिक्षण आयोजित किया जाए। जिससे वे बाल हृदय रोगियों की पहचान आसानी से कर सकेगें। इसी प्रकार से अन्य गंभीर बीमारियों के लिए भी अमले को प्रशिक्षित किया जाए। ताकि वे गंभीर बीमारियों के रोगियों को चिन्हित कर सके। प्रशिक्षण का उद्देश्य रोगियों की जानकारी मिलने पर उन्हें तत्काल उक्त योजनान्तर्गत लाभान्वित किया जा सकेगा। कुष्ठरोग के बारे में पम्पलेट स्कूलों के प्राचार्याें को प्रदाय करें और उनसे कहा जाए कि यह पम्पलेट बच्चों को पढ़कर सुनाए। ताकि रोगियों की पहचाने में मद्द मिलेगी। इससे पीड़ित आगे आकर कुष्ठरोग का इलाज करा सकेगें।
कलेक्टर ने कहा कि स्वास्थ्य शिविरों में भी रोगियों का पंजीयन किया जाए। जिसमें उनकी बीमारी और बीपीएल रोगियों का उल्लेख अवश्य किया जाए। ताकि पात्रता रखने वाले जरूरतमंदों को उपचार सुविधाएं सुलभ कराई जा सकें।
इस अवसर पर ग्रामीण अंचलो में मौसमी बीमारियां के प्रति स्वास्थ्य विभाग मैदानी कर्मचारी सतर्क रहे। जैसे ही ब्लॉक मुख्यालय पर जानकारी मिलती है। तत्काल काम्बेट टीम मौके पर पहुंचकर बीमारी को नियंत्रित करने उपचार सुविधाएं प्रदाय करे। इसमें कोताही बरतने वाले कर्मचारियों के प्रति कार्यवाही की जावे। स्वास्थ्य विभाग जो भी शिविर व योजनाएं संचालित की जाती है। इनमें ग्रामीण क्षेत्रों में पटवारी, सरपंच, सचिव, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, सुपरवाइजर, कोटवार, वनरक्षक, कृषि विस्तार अधिकारी, उचित मूल्य सहकारी दुकान के सेल्समेन व अन्य कर्मचारी रोजगार सहायक अन्य मैदानी कर्मचारियों का सहयोग प्राप्त कर सकते है। सभी के समन्वय से अपने विभागीय गतिविधियों को संपादित करें। जिससे सार्थक परिणाम सामने आएगें। इस दौरान सिविल सर्जन डॉ.जैनुद्दीन बोहरा ने जिला चिकित्सालय में ओपीडी व संस्थागत प्रसव, डॉ.गट्टानी ने बाल शक्ति योजना, डॉ.उर्मिला नानावटी ने कुष्ठ रोग, डॉ.सोमानी ने नेत्र शिविर, डॉ.कनासिया ने क्षय रोग से संबंधित, डॉ.एम.के.सेठिया ने संस्थागत प्रसव की प्रगति प्रस्तुत की।
ये निर्देश कलेक्टर श्रीमती जे.पी.आइरिन सिंथिया ने आज कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में स्वास्थ्य विभाग की जिला स्तरीय समीक्षा बैठक में दिये है। सीएमएचओ को निर्देशित किया गया है कि स्वास्थ्य सुविधाएं सिस्टम के तहत उपलब्ध कराए। विभाग के प्रमुख जिला व खण्ड स्तरीय चिकित्सक प्रशासनिक रूप से मैदानी अमले पर कसावट लाए। जिससे ग्रामीण व नगरीय क्षेत्रों में मातृृ और शिशु पंजीयन कार्य निर्धारित अवधि में हो सके। जिन प्राथमिक एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रो में संस्थागत प्रसव कम हुए है। वहां गर्भवती माताओं के संस्थागत प्रसव कराना सुनिश्चित करें। ए.एन.एम. सेक्टर सुपरवाइजर यदि टीकाकरण पंजीयन कार्य में लापरवाही बरतते है। तो उनके प्रति नियमानुसार कार्यवाही करें। सेक्टर सुपरवाइजर टीकाकरण और पंजीयन की रिपोर्ट अब सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर दर्ज कराएगें। जिससे जिला स्तर पर प्रगति का वास्तविक डाटा फीड हो सके। उक्त कार्यो की लगातार मॉनीटरिंग अनिवार्य रूप से की जावे।
सी.एम.एच.ओ. डॉ.एम.के.गुप्ता ने बताया कि जिले में अंत्योदय उपचार योजना के 8 हजार 635 कार्ड बनें है। जिसमें 780 लोगों को माह अगस्त में उपचार सुविधाएं सुलभ कराई गई है। कलेक्टर ने कहा कि इस योजना के तहत गरीबों को अधिक से अधिक स्वस्थ्य संवर्धन सुविधाएं मुहैया कराई जाए। इस हेतु प्रचार-प्रसार भी किया जाए। उन्होनें जननी सुरक्षा वाहन सुविधा का भी जायजा लिया। डीपीएम आर.सी.एच./एन.आर.एच.एम. पूनम डेहरिया ने बताया कि जिले में 8 जननी सुरक्षा वाहन संचालित किए जा रहे है। इसमें बुरहानपुर शहर में 2, खकनार, डोईफोड़िया, नेपानगर व आमुल्ला में 1-1 तथा शाहपुर और धूलकोट में 1-1 जननी सुरक्षा वाहन उपलब्ध है। नेपानगर डॉ.के.सी.खरे ने बताया कि नेपानगर में नगरीय एवं ग्रामीण क्षेत्र अधिक है। इस हेतु 1 जननी सुरक्षा का वाहन और बढ़ाया जाए। कलेक्टर ने नेपानगर के लिए एक वाहन और उपलब्ध कराने सीएमएचओ को निर्देश दिए। नेपानगर से लैब टेक्निशियन का अटैचमेंट खत्म कर ब्लड बैंक में पदस्थ करें। चूकि लैब टेक्निशियन की बहुत आवश्यकता है।
बाल हृृदय उपचार योजना प्रशिक्षण आयोजित करने निर्देश
शासन द्वारा संचालित राज्य बीमारी सहायता योजनान्तर्गत बाल हृृदय उपचार योजना का लाभ सुलभ कराया जाए। इस हेतु जिले में स्वास्थ्य विभाग के मैदानी कर्मचारियों का प्रशिक्षण आयोजित किया जाए। जिससे वे बाल हृदय रोगियों की पहचान आसानी से कर सकेगें। इसी प्रकार से अन्य गंभीर बीमारियों के लिए भी अमले को प्रशिक्षित किया जाए। ताकि वे गंभीर बीमारियों के रोगियों को चिन्हित कर सके। प्रशिक्षण का उद्देश्य रोगियों की जानकारी मिलने पर उन्हें तत्काल उक्त योजनान्तर्गत लाभान्वित किया जा सकेगा। कुष्ठरोग के बारे में पम्पलेट स्कूलों के प्राचार्याें को प्रदाय करें और उनसे कहा जाए कि यह पम्पलेट बच्चों को पढ़कर सुनाए। ताकि रोगियों की पहचाने में मद्द मिलेगी। इससे पीड़ित आगे आकर कुष्ठरोग का इलाज करा सकेगें।
कलेक्टर ने कहा कि स्वास्थ्य शिविरों में भी रोगियों का पंजीयन किया जाए। जिसमें उनकी बीमारी और बीपीएल रोगियों का उल्लेख अवश्य किया जाए। ताकि पात्रता रखने वाले जरूरतमंदों को उपचार सुविधाएं सुलभ कराई जा सकें।
इस अवसर पर ग्रामीण अंचलो में मौसमी बीमारियां के प्रति स्वास्थ्य विभाग मैदानी कर्मचारी सतर्क रहे। जैसे ही ब्लॉक मुख्यालय पर जानकारी मिलती है। तत्काल काम्बेट टीम मौके पर पहुंचकर बीमारी को नियंत्रित करने उपचार सुविधाएं प्रदाय करे। इसमें कोताही बरतने वाले कर्मचारियों के प्रति कार्यवाही की जावे। स्वास्थ्य विभाग जो भी शिविर व योजनाएं संचालित की जाती है। इनमें ग्रामीण क्षेत्रों में पटवारी, सरपंच, सचिव, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, सुपरवाइजर, कोटवार, वनरक्षक, कृषि विस्तार अधिकारी, उचित मूल्य सहकारी दुकान के सेल्समेन व अन्य कर्मचारी रोजगार सहायक अन्य मैदानी कर्मचारियों का सहयोग प्राप्त कर सकते है। सभी के समन्वय से अपने विभागीय गतिविधियों को संपादित करें। जिससे सार्थक परिणाम सामने आएगें। इस दौरान सिविल सर्जन डॉ.जैनुद्दीन बोहरा ने जिला चिकित्सालय में ओपीडी व संस्थागत प्रसव, डॉ.गट्टानी ने बाल शक्ति योजना, डॉ.उर्मिला नानावटी ने कुष्ठ रोग, डॉ.सोमानी ने नेत्र शिविर, डॉ.कनासिया ने क्षय रोग से संबंधित, डॉ.एम.के.सेठिया ने संस्थागत प्रसव की प्रगति प्रस्तुत की।
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