जिला जनसंपर्क कार्यालय, बुरहानपुर म.प्र.
समाचार
किसान पपीता उत्पादन और मधुमक्खी पालन से अत्यधिक आय अर्जित करें
जिला स्तरीय कृषि विज्ञान मेले में वैज्ञानिकों व प्रगतिशील कृषकों ने दी जानकारी
समाचार
किसान पपीता उत्पादन और मधुमक्खी पालन से अत्यधिक आय अर्जित करें
जिला स्तरीय कृषि विज्ञान मेले में वैज्ञानिकों व प्रगतिशील कृषकों ने दी जानकारी
बुरहानपुर/18
अक्टूबर/ कृषि महोत्सव के तहत जिला स्तरीय कृषि विज्ञान मेला शनिवार को
स्थानीय रेणुका कृषि उपज मंडी परिसर में प्रारंभ हुआ। इस तीन दिवसीय मेले
में बाहर से आए वैज्ञानिकों व प्रगतिशील कृषकों ने किसानों को पपीता और
मधुमक्खी पालन से शहद, पराग, मोम उत्पादन की प्रमुखता से उन्नत तकनीक अवगत
कराई। जिसमें किसानों की शंकाओं व जिज्ञासाओं का समाधान भी किया गया। उक्त
उत्पादन में पपीता फल से पपेन व अन्य प्रंस्करण तथा मधुमक्खी पालन से
उत्पादित शहद व अन्य मोम, पराग की विदेशों में अत्यधिक मांग है। इन वस्तुओं
को विदेश में निर्यात कर अत्यधिक आय अर्जित कर सकते है।
जिला पंचायत कृषि समिति अध्यक्ष श्रीमती योगिता महाजन नेे बतौर मुख्य अतिथि मेला का शुभारंभ किया। इस मौके पर कार्यक्रम की अध्यक्षता श्री गुलशन बर्ने ने की।
कलेक्टर श्रीमती जे.पी.आईरिन सिंथिया ने बताया कि कृषि महोत्सव के अंतर्गत इस विज्ञान मेले में आई.सी.आर. कृषि विज्ञान केन्द्र के वैज्ञानिक और देश के अनेक स्थानों से प्रगतिशील कृषक आए है। जिनके द्वारा पपीता और मधुमक्खी पालन की तकनीक बतलाई गई। निश्चित रूप से वह किसानों के लिए फायदेमंद साबित होगी। उन्होनें बताया कि जिले में कृषि महोत्सव के तहत किसानों को खेती लाभ का व्यवसाय बनें। आज जो किसान सिर्फ खेती कर रहे है। वे अन्य व्यवसाय भी कृषि आधारित व उसके परिसर में कर सकते है। शासन ने किसानों को जागरूक करने के लिए ही कृषि महोत्सव का आयोजन किया है। किसानों को गांव-गांव जाकर कृषि तकनीकि अधिकारियों और वैज्ञानिक विविध जानकारी दे रहे है। इस अनुक्रम में कृषि क्रांति रथ द्वारा 136 गांव का भ्रमण कर 22 हजार कृषकों को उन्नत कृषि व उद्यानिकी फसलों, बीजों, बोनी, कीट व्याधि से बचाव की जानकारी दी गई है। इसके अलावा पशुपालन, मुर्गीपालन, बकरी पालन, मत्स्य पालन आदि के बारे में भी आय के स्त्रोत बढ़ाने हेतु अधिकारियों ने विस्तार से समझाया है। किसानों के 1500 खेतों में मिट्टी परीक्षण किया गया है। राजस्व विभाग द्वारा 35 हजार नक्शा खसरा की नकल किसानों को दी गई है। रेशम पालन के लिए 400 किसानों ने पंजीयन किया है। 15 लाख से अधिक मत्स्य बीज वितरित किए गए है। पशुओं के लिए पशु उपचार व दवाईयां वितरित की गई है। इसी प्रकार से अन्य व्यवसाय अपनाने किसानों ने आव्हान किया है। कार्यक्रम को विशिष्ट अतिथि पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष श्री ज्ञानेश्वर पाटील ने भी संबोधित किया। उन्होनें बताया कि कृषि महोत्सव मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान ने तकनीकि आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए संचालित किया गया है। इस महोत्सव के जरिये किसानों को वर्तमान में खेती कैसी की जाती है। इसकी वैज्ञानिक तकनीक अवगत कराई जा रही है। किसान तकनीक के तहत ही कृषि, उद्यानिकी व अन्य व्यवसायाओं को अपनाएं। तभी किसानों की आर्थिक उन्नति संभव है। जनपद अध्यक्ष खकनार श्री रतिलाल चिलात्रे ने भी कार्यक्रम को संबोधित किया। उन्होनें कहा कि कृषि वैज्ञानिकों द्वारा सिखाए गए तरीको से ही खेती करने से प्रदेश का उत्पादन बढ़ा है। जैविक खेती से किसान की लागत कम होगी। साथ ही खेत की उर्वरा शक्ति बनी रहेगी। जैविक खेती से उत्पादित कोई भी फसल अच्छे दामों पर बिक रही है। किसान जैविक खेती को अपनाए। मेले में देहरादून से आए कृषि वैज्ञानिक डॉ. कन्हैयासिंह ने बताया कि पपीता उत्पादन के लिए बुरहानपुर में भी अपार संभावना है। पपीता में अनेक प्रजातियां उपलब्ध है। पपीता समलत अथवा ऐसे स्थान पर लगाए जहां ज्यादा पानी नही होवे। केला और पपीता फसल का उत्पादन बिल्कुल समान है। जिस प्रकार से केला फसल को ड्रिप एरीगेशन से पानी दिया जाता है। उसी प्रकार से पपीता के पेड़ो को भी पानी ड्रिप ऐरीगेशन से दिया जा सकता है। बुरहानपुर जिले की मिट्टी केला व पपीता फसल उत्पादन के लिए उपयुक्त है। उन्होनें बताया कि यह फसल डेढ़ से दो साल के बीज तैयार हो जाती है। वैज्ञानिक ने फसल लगाने की तकनीक भी समझाई। उन्होनें बताया कि जिले में पपीते से पपेन संकलित कर निर्यात किया जा रहा है। इसे कर्नाटक, महाराष्ट्र व अन्य देशों में प्रदाय किया जा सकता है। इसका बचा हुआ जो फल है। वह प्रंस्करण में जैली, जेम अन्य खाद्य पदार्थ बनाने के काम में आ सकता है। श्री सिंह ने पपीता की कई उन्नत किस्में तथा बीज बनाने की विधि भी अवगत कराई। किसानों को पपीता बोने आदि के बारे में समस्याओं का समाधान किया।
उत्तर प्रदेश सहारनपुर जिले से आए प्रगतिशील कृषक ने कहा कि मधुमक्खी पालन व्यवसाय के लिऐ बुरहानपुर में हरिभरी संपदा का उपयोग अवश्य किया जाए। भारत में सोना बिखरा पड़ा है। बस आदमी को समेटने की आवश्यकता है। उन्होनें कहा कि सहारनपुर में 90 प्रतिशत लोग मधुमक्खी पालन व्यवसाय में लगे हुए है। इसमें वे कई लोगों को रोजगार भी दे रहे हे। इस वर्ष मात्र सहारनपुर में केवल मधुुमक्खी पालन से साढे़ तीन करोड़ रूपये से अधिक की आय प्राप्त की गई है। यदि एक हजार किसान बुरहानपुर में मधुमक्खी पालन के लिए तैयार है। तो यह मानो कि इससे 10 हजार लोगों को रोजगार मिल जाएगा। शहद की विदेशों में बहुत मांग है। इसके पालन से 90 प्रतिशत बीमारियां घर में नही होती है। इससे उत्पादित शहद, पराग, मोम से अच्छी खासी आमदनी घर बैठे हो सकती है। इसके लिए भूमि, बिजली, पानी की आवश्यकता नही होती। इसके लिए केवल बॉक्स की जरूरत है।
उपसंचालक कृषि श्री मनोहर सिंह देवके ने इस तीन दिवसीय मेले की जानकारी दी। उन्होनें बताया कि 19 अक्टूबर को अर्थात मेले के दूसरे दिन किसानों को वैज्ञानिकों द्वारा गन्ना उत्पादन, जल प्रबंधन, डेयरी व पशुपालन, लाख उत्पादन, शुगर केन, वडचेयर के बारे में जानकारी दी जाएगी। इस अनुक्रम में तृतीय दिवस 20 अक्टूबर को केला, रेशम, बकरी, मुर्गी, मत्स्य पालन तथा प्याज उत्पादन के बारे में विशेषज्ञों द्वारा उन्नत तकनीक कृषकों को देना सुनिश्चित किया गया है। तत्पश्चात इसी दिन मेला समापन होगा। उपसंचालक आत्मा श्री राजेश चतुर्वेदी ने बताया कि मेले में 55 स्टॉल लगाए गऐ है। जिसमें उन्नत कृषि, उद्यानिकी बीज, उर्वरक, कीटनाशक दवाएं, फल, सब्जी, अनाज, दलहन, तिलहन, शहद व अन्य प्राकृतिक जड़ीबूटी वनोपज, आधुनिक कृषि उपकरण, सांची दुग्ध डेयरी के उत्पाद दूग्ध उत्पादन बढाने उन्नत नस्लों के पशुओं की जानकारी उपलब्ध कराई जा रही है। जिसका अवलोकन मुख्य अतिथि, कलेक्टर तथा जनप्रतिनिधियों व प्रगतिशील कृषकों और वैज्ञानिकों द्वारा किया गया।
जिला पंचायत कृषि समिति अध्यक्ष श्रीमती योगिता महाजन नेे बतौर मुख्य अतिथि मेला का शुभारंभ किया। इस मौके पर कार्यक्रम की अध्यक्षता श्री गुलशन बर्ने ने की।
कलेक्टर श्रीमती जे.पी.आईरिन सिंथिया ने बताया कि कृषि महोत्सव के अंतर्गत इस विज्ञान मेले में आई.सी.आर. कृषि विज्ञान केन्द्र के वैज्ञानिक और देश के अनेक स्थानों से प्रगतिशील कृषक आए है। जिनके द्वारा पपीता और मधुमक्खी पालन की तकनीक बतलाई गई। निश्चित रूप से वह किसानों के लिए फायदेमंद साबित होगी। उन्होनें बताया कि जिले में कृषि महोत्सव के तहत किसानों को खेती लाभ का व्यवसाय बनें। आज जो किसान सिर्फ खेती कर रहे है। वे अन्य व्यवसाय भी कृषि आधारित व उसके परिसर में कर सकते है। शासन ने किसानों को जागरूक करने के लिए ही कृषि महोत्सव का आयोजन किया है। किसानों को गांव-गांव जाकर कृषि तकनीकि अधिकारियों और वैज्ञानिक विविध जानकारी दे रहे है। इस अनुक्रम में कृषि क्रांति रथ द्वारा 136 गांव का भ्रमण कर 22 हजार कृषकों को उन्नत कृषि व उद्यानिकी फसलों, बीजों, बोनी, कीट व्याधि से बचाव की जानकारी दी गई है। इसके अलावा पशुपालन, मुर्गीपालन, बकरी पालन, मत्स्य पालन आदि के बारे में भी आय के स्त्रोत बढ़ाने हेतु अधिकारियों ने विस्तार से समझाया है। किसानों के 1500 खेतों में मिट्टी परीक्षण किया गया है। राजस्व विभाग द्वारा 35 हजार नक्शा खसरा की नकल किसानों को दी गई है। रेशम पालन के लिए 400 किसानों ने पंजीयन किया है। 15 लाख से अधिक मत्स्य बीज वितरित किए गए है। पशुओं के लिए पशु उपचार व दवाईयां वितरित की गई है। इसी प्रकार से अन्य व्यवसाय अपनाने किसानों ने आव्हान किया है। कार्यक्रम को विशिष्ट अतिथि पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष श्री ज्ञानेश्वर पाटील ने भी संबोधित किया। उन्होनें बताया कि कृषि महोत्सव मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान ने तकनीकि आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए संचालित किया गया है। इस महोत्सव के जरिये किसानों को वर्तमान में खेती कैसी की जाती है। इसकी वैज्ञानिक तकनीक अवगत कराई जा रही है। किसान तकनीक के तहत ही कृषि, उद्यानिकी व अन्य व्यवसायाओं को अपनाएं। तभी किसानों की आर्थिक उन्नति संभव है। जनपद अध्यक्ष खकनार श्री रतिलाल चिलात्रे ने भी कार्यक्रम को संबोधित किया। उन्होनें कहा कि कृषि वैज्ञानिकों द्वारा सिखाए गए तरीको से ही खेती करने से प्रदेश का उत्पादन बढ़ा है। जैविक खेती से किसान की लागत कम होगी। साथ ही खेत की उर्वरा शक्ति बनी रहेगी। जैविक खेती से उत्पादित कोई भी फसल अच्छे दामों पर बिक रही है। किसान जैविक खेती को अपनाए। मेले में देहरादून से आए कृषि वैज्ञानिक डॉ. कन्हैयासिंह ने बताया कि पपीता उत्पादन के लिए बुरहानपुर में भी अपार संभावना है। पपीता में अनेक प्रजातियां उपलब्ध है। पपीता समलत अथवा ऐसे स्थान पर लगाए जहां ज्यादा पानी नही होवे। केला और पपीता फसल का उत्पादन बिल्कुल समान है। जिस प्रकार से केला फसल को ड्रिप एरीगेशन से पानी दिया जाता है। उसी प्रकार से पपीता के पेड़ो को भी पानी ड्रिप ऐरीगेशन से दिया जा सकता है। बुरहानपुर जिले की मिट्टी केला व पपीता फसल उत्पादन के लिए उपयुक्त है। उन्होनें बताया कि यह फसल डेढ़ से दो साल के बीज तैयार हो जाती है। वैज्ञानिक ने फसल लगाने की तकनीक भी समझाई। उन्होनें बताया कि जिले में पपीते से पपेन संकलित कर निर्यात किया जा रहा है। इसे कर्नाटक, महाराष्ट्र व अन्य देशों में प्रदाय किया जा सकता है। इसका बचा हुआ जो फल है। वह प्रंस्करण में जैली, जेम अन्य खाद्य पदार्थ बनाने के काम में आ सकता है। श्री सिंह ने पपीता की कई उन्नत किस्में तथा बीज बनाने की विधि भी अवगत कराई। किसानों को पपीता बोने आदि के बारे में समस्याओं का समाधान किया।
उत्तर प्रदेश सहारनपुर जिले से आए प्रगतिशील कृषक ने कहा कि मधुमक्खी पालन व्यवसाय के लिऐ बुरहानपुर में हरिभरी संपदा का उपयोग अवश्य किया जाए। भारत में सोना बिखरा पड़ा है। बस आदमी को समेटने की आवश्यकता है। उन्होनें कहा कि सहारनपुर में 90 प्रतिशत लोग मधुमक्खी पालन व्यवसाय में लगे हुए है। इसमें वे कई लोगों को रोजगार भी दे रहे हे। इस वर्ष मात्र सहारनपुर में केवल मधुुमक्खी पालन से साढे़ तीन करोड़ रूपये से अधिक की आय प्राप्त की गई है। यदि एक हजार किसान बुरहानपुर में मधुमक्खी पालन के लिए तैयार है। तो यह मानो कि इससे 10 हजार लोगों को रोजगार मिल जाएगा। शहद की विदेशों में बहुत मांग है। इसके पालन से 90 प्रतिशत बीमारियां घर में नही होती है। इससे उत्पादित शहद, पराग, मोम से अच्छी खासी आमदनी घर बैठे हो सकती है। इसके लिए भूमि, बिजली, पानी की आवश्यकता नही होती। इसके लिए केवल बॉक्स की जरूरत है।
उपसंचालक कृषि श्री मनोहर सिंह देवके ने इस तीन दिवसीय मेले की जानकारी दी। उन्होनें बताया कि 19 अक्टूबर को अर्थात मेले के दूसरे दिन किसानों को वैज्ञानिकों द्वारा गन्ना उत्पादन, जल प्रबंधन, डेयरी व पशुपालन, लाख उत्पादन, शुगर केन, वडचेयर के बारे में जानकारी दी जाएगी। इस अनुक्रम में तृतीय दिवस 20 अक्टूबर को केला, रेशम, बकरी, मुर्गी, मत्स्य पालन तथा प्याज उत्पादन के बारे में विशेषज्ञों द्वारा उन्नत तकनीक कृषकों को देना सुनिश्चित किया गया है। तत्पश्चात इसी दिन मेला समापन होगा। उपसंचालक आत्मा श्री राजेश चतुर्वेदी ने बताया कि मेले में 55 स्टॉल लगाए गऐ है। जिसमें उन्नत कृषि, उद्यानिकी बीज, उर्वरक, कीटनाशक दवाएं, फल, सब्जी, अनाज, दलहन, तिलहन, शहद व अन्य प्राकृतिक जड़ीबूटी वनोपज, आधुनिक कृषि उपकरण, सांची दुग्ध डेयरी के उत्पाद दूग्ध उत्पादन बढाने उन्नत नस्लों के पशुओं की जानकारी उपलब्ध कराई जा रही है। जिसका अवलोकन मुख्य अतिथि, कलेक्टर तथा जनप्रतिनिधियों व प्रगतिशील कृषकों और वैज्ञानिकों द्वारा किया गया।
---------
समाचार
नगरीय निकायों के आम निर्वाचन हेतु इलेक्ट्रानिक वोटिंग मषीन की प्रथम स्तरीय जांच
नगरीय निकायों के आम निर्वाचन हेतु इलेक्ट्रानिक वोटिंग मषीन की प्रथम स्तरीय जांच
बुरहानपुर/18
अक्टूबर/ राज्य निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार जिले में नगरीय निकायों के
आम निर्वाचन 2014 हेतु इलेक्ट्रानिक वोटिंग मषीनों की तकनीकि जाँच
सूक्ष्मता से की जावेगी। इवीएम की प्रथम स्तरीय जांच इलेक्ट्रॉनिक्स
कॉर्पोरेषन ऑफ इण्डिया लिमिटेड हैदराबाद के इंजीनियरों द्वारा 19 अक्टूबर
से प्रातः 10.30 बजे से प्रारंभ की जावेगी। यह कार्य संपादन संयुक्त जिला
कार्यालय बुरहानपुर मेें संपन्न होगा।
कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी श्रीमती जे.पी.आईरिन सिंथिया ने उक्त कार्य हेतु कार्यपालन यंत्री लोक निर्माण विभाग श्री राजेन्द्र जोषी को नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है। जिनके मार्गदर्षन एवं जिले में ई.वी.एम. हेतु नियुक्त मास्टर टेªनर्स एवं अन्य तकनीकि अधिकारियों एवं कर्मचारियों द्वारा इस कार्य को अंजाम देगें। इलेक्ट्रानिक वोटिंग मषीनों की जांच की जा कर यह सुनिष्चित किया जावेगा कि यह मषीनें निर्वाचन कराये जाने हेतु उपयुक्त है। जांच के दौरान अण्डर वोट, अनफिनिष्ड वोटर्स, एवं रीयल टाईम क्लॉक के संबंध में सूक्ष्मता से जांच की जायेगी। अण्डर वोट और अनफिनिष्ड वोटर्स, के परीक्षण हेतु प्रत्येक सी.यू. के साथ तीन बी.यू. के पेयर में होगी। इस प्रकार कन्ट्रोल यूनिट से 10 मत जारी करके अण्डर वोट और अनफिनिष्ड वोटों की जांच की जाना है। इसके अतिरिक्त प्रत्येक कन्ट्रोल यूनिट में तीन बैलेट यूनिट के माध्यम से कम से कम 50 मत डाले जायेंगे। इसके अतिरिक्त आयोग के अन्य निर्देषों के अनुसार ई.वी.एम. की संपूर्ण जांच की जावेगी।
इलेक्ट्रानिक वोटिंग मषीनों की प्रथम स्तरीय जांच के समय जिले के मान्यता प्राप्त राजनैतिक दलों के प्रतिनिधियों को भी उपस्थित रहने हेतु आमंत्रित किया गया है। मान्यता प्राप्त राजनैतिक दलों के अध्यक्ष अथवा उनके द्वारा नामांकित प्रतिनिधि इस प्रथम स्तरीय जांच के दौरान उपस्थित रहने हेतु अनुरोध किया गया है। इस कार्य के दौरान जिले में नियुक्त समस्त मास्टर ट्रेनर्स भी अनिवार्य रूप से उपस्थित रहेगें।
कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी श्रीमती जे.पी.आईरिन सिंथिया ने उक्त कार्य हेतु कार्यपालन यंत्री लोक निर्माण विभाग श्री राजेन्द्र जोषी को नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है। जिनके मार्गदर्षन एवं जिले में ई.वी.एम. हेतु नियुक्त मास्टर टेªनर्स एवं अन्य तकनीकि अधिकारियों एवं कर्मचारियों द्वारा इस कार्य को अंजाम देगें। इलेक्ट्रानिक वोटिंग मषीनों की जांच की जा कर यह सुनिष्चित किया जावेगा कि यह मषीनें निर्वाचन कराये जाने हेतु उपयुक्त है। जांच के दौरान अण्डर वोट, अनफिनिष्ड वोटर्स, एवं रीयल टाईम क्लॉक के संबंध में सूक्ष्मता से जांच की जायेगी। अण्डर वोट और अनफिनिष्ड वोटर्स, के परीक्षण हेतु प्रत्येक सी.यू. के साथ तीन बी.यू. के पेयर में होगी। इस प्रकार कन्ट्रोल यूनिट से 10 मत जारी करके अण्डर वोट और अनफिनिष्ड वोटों की जांच की जाना है। इसके अतिरिक्त प्रत्येक कन्ट्रोल यूनिट में तीन बैलेट यूनिट के माध्यम से कम से कम 50 मत डाले जायेंगे। इसके अतिरिक्त आयोग के अन्य निर्देषों के अनुसार ई.वी.एम. की संपूर्ण जांच की जावेगी।
इलेक्ट्रानिक वोटिंग मषीनों की प्रथम स्तरीय जांच के समय जिले के मान्यता प्राप्त राजनैतिक दलों के प्रतिनिधियों को भी उपस्थित रहने हेतु आमंत्रित किया गया है। मान्यता प्राप्त राजनैतिक दलों के अध्यक्ष अथवा उनके द्वारा नामांकित प्रतिनिधि इस प्रथम स्तरीय जांच के दौरान उपस्थित रहने हेतु अनुरोध किया गया है। इस कार्य के दौरान जिले में नियुक्त समस्त मास्टर ट्रेनर्स भी अनिवार्य रूप से उपस्थित रहेगें।
---------
समाचार
आज खकनार/बुरहानपुर के 6 ग्रामों में पहुंचेगा कृषि क्रांति रथ
आज खकनार/बुरहानपुर के 6 ग्रामों में पहुंचेगा कृषि क्रांति रथ
बुरहानपुर/18
अक्टूबर/ राज्य शासन किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग के निर्देशानुसार
विकासखण्ड स्तरीय कृषि क्रांति रथ जिले के 6 ग्रामो में कृषि को उन्नत
बनाने भ्रमण कर संदेश देगा।
उपसंचालक श्री मनोहरसिंह देवके ने उक्त जानकारी दी। उन्होनें बताया कि आज 19 अक्टूबर को खकनार विकाखण्ड के ग्राम सावली, निमंदड़ एवं भौराघाट में रथ किसानों के बीच पहुंचेगा। जिसका रात्रि विश्राम कारखेड़ा में होगा।
वहीं बुरहानपुर विकासखण्ड के अंतर्गत ग्राम उतांबी, चिखल्या और बोरी में कृृषि रथ भ्रमण करेगा। जिसमें किसानों को कृषि तकनीक व उद्यानिकी व पशुपालन व अन्य विभिन्न विभागों द्वारा जानकारी प्रदान की जाएगी। इस मौके पर कृषि मूलक योजनाओं व तकनीकि तथा सुविधाओं के बारे में कृषकों को जागरूक किया गया।
इस अवसर पर कृषकों को कृषि, उद्यानिकी, पशु, मत्स्य पालन, स्वास्थ्य, वन, विद्युत, उद्योग, श्रम, पंचायत एवं ग्रामीण विकास, सहकारिता, बैंक, नाबार्ड, राजस्व, सामाजिक न्याय, महिला एवं बाल विकास, विपणन, कृषि उपज मंडी, बीज निगम, पीएचई, जलसंसाधन, ग्रामीण यांत्रिकी सेवा, दुग्ध संघ, आदिम जाति कल्याण, शिक्षा, पंचायत, वाणिज्य, रोजगार, आरसेटी, परिवहन, पर्यावरण, खाद्य नागरिक आपूर्ति, खादी ग्रामोद्योग, जन अभियान परिषद्, लोक सेवा गारंटी, रेशम आदि अन्य विभागों द्वारा विभागीय जानकारी ग्रामीणों को दी जाएगी।
उपसंचालक श्री मनोहरसिंह देवके ने उक्त जानकारी दी। उन्होनें बताया कि आज 19 अक्टूबर को खकनार विकाखण्ड के ग्राम सावली, निमंदड़ एवं भौराघाट में रथ किसानों के बीच पहुंचेगा। जिसका रात्रि विश्राम कारखेड़ा में होगा।
वहीं बुरहानपुर विकासखण्ड के अंतर्गत ग्राम उतांबी, चिखल्या और बोरी में कृृषि रथ भ्रमण करेगा। जिसमें किसानों को कृषि तकनीक व उद्यानिकी व पशुपालन व अन्य विभिन्न विभागों द्वारा जानकारी प्रदान की जाएगी। इस मौके पर कृषि मूलक योजनाओं व तकनीकि तथा सुविधाओं के बारे में कृषकों को जागरूक किया गया।
इस अवसर पर कृषकों को कृषि, उद्यानिकी, पशु, मत्स्य पालन, स्वास्थ्य, वन, विद्युत, उद्योग, श्रम, पंचायत एवं ग्रामीण विकास, सहकारिता, बैंक, नाबार्ड, राजस्व, सामाजिक न्याय, महिला एवं बाल विकास, विपणन, कृषि उपज मंडी, बीज निगम, पीएचई, जलसंसाधन, ग्रामीण यांत्रिकी सेवा, दुग्ध संघ, आदिम जाति कल्याण, शिक्षा, पंचायत, वाणिज्य, रोजगार, आरसेटी, परिवहन, पर्यावरण, खाद्य नागरिक आपूर्ति, खादी ग्रामोद्योग, जन अभियान परिषद्, लोक सेवा गारंटी, रेशम आदि अन्य विभागों द्वारा विभागीय जानकारी ग्रामीणों को दी जाएगी।
---------
समाचार
आरसेटी में स्वच्छता अभियान की प्रेरणा
आरसेटी में स्वच्छता अभियान की प्रेरणा
बुरहानपुर/18
अक्टूबर/ प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के आव्हान पर संचालित स्वच्छता
अभियान के प्रति जनजागरूकता सतत् बढ रही है। इस अनुक्रम में विभिन्न शासकीय
एवं स्वयंसेवी संस्थाएं, प्रतिष्ठान ने स्वच्छता अभियान से प्रेरित होकर
साफ-सफाई पर अमल किया है। गत दिवस स्थानीय सईदा हॉस्पिटल परिसर में संचालित
बैंक ऑफ इंडिया के द्वारा संचालित आरसेटी संस्थान में प्रशिक्षणार्थियों
को स्वच्छता के बारे में प्रशिक्षित किया गया। इस दरम्यान संस्थान के
अधिकारियों व कर्मचारियों तथा प्रशिक्षणार्थियों ने अपने कैम्पस में
साफ-सफाई की। सभी ने स्वच्छता का सतत् वातावरण बनाए रखने का संकल्प लिया।
यह कार्यक्रम संस्थान निदेशक श्री संतोष कुमार बर्वे के निर्देशन और अग्रणी
जिला बैंक प्रबंधक श्री किशोर कुमार तोलानी के मार्गदर्शन में संपन्न हुआ।
इस मौके पर कार्यालय सहायक श्री कन्हैया पवार, प्रशिक्षण श्री नीतेश सिंह
पवार, प्रशिक्षिका श्रीमती साहिबा खातून सहित प्रशिक्षणार्थी ने भाग लिया।
---------
No comments:
Post a Comment