जिला जनसंपर्क कार्यालय, बुरहानपुर म.प्र.
समाचार
किसान लाख और बकरी पालन से आय अर्जित करें
जिला स्तरीय कृषि विज्ञान मेले में वैज्ञानिकों ने दी जानकारी
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किसान लाख और बकरी पालन से आय अर्जित करें
जिला स्तरीय कृषि विज्ञान मेले में वैज्ञानिकों ने दी जानकारी
बुरहानपुर/19
अक्टूबर/ कृषि महोत्सव के तहत जिला स्तरीय कृषि विज्ञान तीन दिवसीय मेले
में बाहर से आए वैज्ञानिकों ने किसानों को लाख की फसल से उत्पादन की उन्नत
तकनीक अवगत कराई। जिसमें किसानों की शंकाओं व जिज्ञासाओं का समाधान भी किया
गया।
संयुक्त संचालक कृषि इंदौर श्री सतीश अग्रवाल ने बताया कि कृषि महोत्सव के अंतर्गत इस विज्ञान मेले में आई.सी.आर. कृषि विज्ञान केन्द्र के वैज्ञानिक और देश के अनेक स्थानों से प्रगतिशील कृषक आए है। जिनके द्वारा लाख और बकरी पालन की तकनीक बताई गई। निश्चित रूप से वह किसानों के लिए फायदेमंद साबित होगी। श्री अग्रवाल ने कहा कि इस महोत्सव के जरिये किसानों को वर्तमान में खेती कैसी की जाती है। इसकी वैज्ञानिक तकनीक अवगत कराई जा रही है। किसान तकनीक के तहत ही कृषि, उद्यानिकी व अन्य व्यवसायाओं को अपनाएं।
मेले में वाराणसी उत्तर प्रदेश से आए श्री प्रकाशसिंह रघुवंशी ने गेहूँ के देशी बीज बोने की तकनीक से किसानों को अवगत कराया। श्री रघुवंशी ने किसानों को अपने खेत में जैविक खाद और देशी बीज का उपयोग करने की बात कही। जिससे किसान अधिक उत्पादन कर अधिक लाभ प्राप्त कर सकते है। साथ ही उन्होनें गेहूँ के देशी बीज किसानों को वितरित भी किए।
कार्यक्रम में इंदौर सहकारी दुग्ध संघ द्वारा संचालित आचार्य विद्यासागर गौसंवर्धन योजनान्तर्गत जिले को 22 प्रकरण का लक्ष्य प्राप्त हुआ था। जिला पंचायत उपाध्यक्ष श्री अरूण पाटील ने कृषि विज्ञान मेले में 10 महिला सदस्यों को अनुदान राशि के कुल तीन लाख रूपये के चेक वितरित किए। साथ ही दो दुग्ध समितियों को प्रमाण-पत्र भी दिए गए। राहुरी के डॉ विनय सुपे ने किसानों को अनार की खेती की जानकारी दी। जबलपुर के डॉ.मोनी थॉमस ने लाख उत्पादन एवं डिसीज पेस्ट मेनेजमेंटर के बारे में कृषकों को अवगत कराया। श्री थॉमस ने कहा कि किसान अपने खेत में लगे बेर, पलास के पेड़ जो हम उखाड़ कर फेंक देते है। उसका उपयोग करके हम लाख की खेती कर सकते है। मेले में दिनेश बिरारे ने बकरी पालन की जानकारी दी। उन्होनें बताया कि कृषक बकरी पालन करके अच्छा मुनाफा कमा सकते है। उन्होनें कहा कि भारत में बकरे की 40 प्रजातिया है।
इस अवसर पर उपसंचालक कृषि श्री मनोहर सिंह देवके ने इस तीन दिवसीय मेले की जानकारी दी। उन्होनें बताया कि 20 अक्टूबर को अर्थात मेले के तीसरे दिन किसानों को वैज्ञानिकों द्वारा केला, रेशम पालन प्याज उत्पादन एवं फसल सुरक्षा के बारे में जानकारी दी जाएगी। उपसंचालक आत्मा श्री राजेश चतुर्वेदी ने बताया कि मेले में 55 स्टॉल लगाए गऐ है। जिसमें उन्नत कृषि, उद्यानिकी बीज, उर्वरक, कीटनाशक दवाएं, फल, सब्जी, अनाज, दलहन, तिलहन, शहद व अन्य प्राकृतिक जड़ीबूटी वनोपज, आधुनिक कृषि उपकरण, सांची दुग्ध डेयरी के उत्पाद दूग्ध उत्पादन बढाने उन्नत नस्लों के पशुओं की जानकारी उपलब्ध कराई जा रही है। जिसका अवलोकन संयुक्त संचालक ने किया। इस अवसर पर कृषि विज्ञान केन्द्र बुरहानपुर कृषि वैज्ञानिक श्री अजीतसिंह, उपसंचालक कृषि श्री देवके, आत्मा उपसंचालक एवं अन्य अधिकारीगण उपस्थित रहे।
संयुक्त संचालक कृषि इंदौर श्री सतीश अग्रवाल ने बताया कि कृषि महोत्सव के अंतर्गत इस विज्ञान मेले में आई.सी.आर. कृषि विज्ञान केन्द्र के वैज्ञानिक और देश के अनेक स्थानों से प्रगतिशील कृषक आए है। जिनके द्वारा लाख और बकरी पालन की तकनीक बताई गई। निश्चित रूप से वह किसानों के लिए फायदेमंद साबित होगी। श्री अग्रवाल ने कहा कि इस महोत्सव के जरिये किसानों को वर्तमान में खेती कैसी की जाती है। इसकी वैज्ञानिक तकनीक अवगत कराई जा रही है। किसान तकनीक के तहत ही कृषि, उद्यानिकी व अन्य व्यवसायाओं को अपनाएं।
मेले में वाराणसी उत्तर प्रदेश से आए श्री प्रकाशसिंह रघुवंशी ने गेहूँ के देशी बीज बोने की तकनीक से किसानों को अवगत कराया। श्री रघुवंशी ने किसानों को अपने खेत में जैविक खाद और देशी बीज का उपयोग करने की बात कही। जिससे किसान अधिक उत्पादन कर अधिक लाभ प्राप्त कर सकते है। साथ ही उन्होनें गेहूँ के देशी बीज किसानों को वितरित भी किए।
कार्यक्रम में इंदौर सहकारी दुग्ध संघ द्वारा संचालित आचार्य विद्यासागर गौसंवर्धन योजनान्तर्गत जिले को 22 प्रकरण का लक्ष्य प्राप्त हुआ था। जिला पंचायत उपाध्यक्ष श्री अरूण पाटील ने कृषि विज्ञान मेले में 10 महिला सदस्यों को अनुदान राशि के कुल तीन लाख रूपये के चेक वितरित किए। साथ ही दो दुग्ध समितियों को प्रमाण-पत्र भी दिए गए। राहुरी के डॉ विनय सुपे ने किसानों को अनार की खेती की जानकारी दी। जबलपुर के डॉ.मोनी थॉमस ने लाख उत्पादन एवं डिसीज पेस्ट मेनेजमेंटर के बारे में कृषकों को अवगत कराया। श्री थॉमस ने कहा कि किसान अपने खेत में लगे बेर, पलास के पेड़ जो हम उखाड़ कर फेंक देते है। उसका उपयोग करके हम लाख की खेती कर सकते है। मेले में दिनेश बिरारे ने बकरी पालन की जानकारी दी। उन्होनें बताया कि कृषक बकरी पालन करके अच्छा मुनाफा कमा सकते है। उन्होनें कहा कि भारत में बकरे की 40 प्रजातिया है।
इस अवसर पर उपसंचालक कृषि श्री मनोहर सिंह देवके ने इस तीन दिवसीय मेले की जानकारी दी। उन्होनें बताया कि 20 अक्टूबर को अर्थात मेले के तीसरे दिन किसानों को वैज्ञानिकों द्वारा केला, रेशम पालन प्याज उत्पादन एवं फसल सुरक्षा के बारे में जानकारी दी जाएगी। उपसंचालक आत्मा श्री राजेश चतुर्वेदी ने बताया कि मेले में 55 स्टॉल लगाए गऐ है। जिसमें उन्नत कृषि, उद्यानिकी बीज, उर्वरक, कीटनाशक दवाएं, फल, सब्जी, अनाज, दलहन, तिलहन, शहद व अन्य प्राकृतिक जड़ीबूटी वनोपज, आधुनिक कृषि उपकरण, सांची दुग्ध डेयरी के उत्पाद दूग्ध उत्पादन बढाने उन्नत नस्लों के पशुओं की जानकारी उपलब्ध कराई जा रही है। जिसका अवलोकन संयुक्त संचालक ने किया। इस अवसर पर कृषि विज्ञान केन्द्र बुरहानपुर कृषि वैज्ञानिक श्री अजीतसिंह, उपसंचालक कृषि श्री देवके, आत्मा उपसंचालक एवं अन्य अधिकारीगण उपस्थित रहे।
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