जिला जनसंपर्क कार्यालय, बुरहानपुर म.प्र.
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रणबाकुरों की शहादत को नमन कर श्रद्धा सुमन अर्पित
शहीद स्मारक पर पुष्पचक्र चढ़ाकर विधिवत सलामी दी गई
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रणबाकुरों की शहादत को नमन कर श्रद्धा सुमन अर्पित
शहीद स्मारक पर पुष्पचक्र चढ़ाकर विधिवत सलामी दी गई
बुरहानपुर/21
सितम्बर/भारत में इस वर्ष पुलिस कर्तव्यस्थ जांबाज कुल 653 पुलिसकर्मी
शहीद हुए है। जिसमें पुलिस, सी.आर.पी., एस.ए.एफ., होमगार्ड, आदि के विविध
पदों पर पदस्थ अधिकारी/कर्मचारी शामिल है। आज पुलिस स्मृति दिवस पर इन
रणबांकुरों की शहादत को नमन कर श्रद्धा सुमन अर्पित किए गए।
स्थानीय पुलिस परेड ग्राउण्ड स्थित शहीद स्मारक पर आज पुलिस शहीद परेड का आयोजन किया गया। पुलिस स्मृृति दिवस पर पुलिस अधीक्षक श्री अनिलसिंह कुशवाह ने समस्त प्रांतों में शहीद पुलिस अधिकारी/कर्मचारियों की सूची का वाचन किया। तत्पश्चात श्री सिंह ने पुष्पचक्र शहीद स्मारक पर विधिवत रूप चढ़ाकर सलामी दी। इस मौके पर महापौर श्रीमती माधुरी पटेल, जनप्रतिनिधियों, नगर के गणमान्य नागरिकों, स्वयंसेवी संस्थाओं के प्रतिनिधियों सहित अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्री बी.एस.बिरदे, सी.एस.पी.श्री बी.एस.परिहार, समस्त थाना प्रभारी एवं पुलिसकर्मियों तथा विभिन्न विभागों के शासकीय अधिकारियों ने पुष्पचक्र/पुष्पमाला अर्पणकर देश की सेवा और सुरक्षा के लिए जान न्यौछावर करने वाले शहीदों को सम्मानपूर्वक श्रद्धांजलि दी गई।
पुलिस अधीक्षक ने बताया कि भारत में सबसे ज्यादा पुलिसकर्मी शहीद होते है। यह संख्या भारत में आर्मी से भी ज्यादा है। हमारे पुलिस अधिकारी/कर्मचारी किसी अन्य देश के दुश्मनों द्वारा नहीं बल्कि अपने देश की सुरक्षा करते हुए अपने ही लोगों द्वारा मारे जाते है। उनके इस बलिदान को श्रद्धांजलि देने प्रतिवर्ष पुलिस स्मृति दिवस आयोजित किया जाता है। इस दौरान पुलिस परेड द्वारा शहीदों को सलामी दी गई।
स्थानीय पुलिस परेड ग्राउण्ड स्थित शहीद स्मारक पर आज पुलिस शहीद परेड का आयोजन किया गया। पुलिस स्मृृति दिवस पर पुलिस अधीक्षक श्री अनिलसिंह कुशवाह ने समस्त प्रांतों में शहीद पुलिस अधिकारी/कर्मचारियों की सूची का वाचन किया। तत्पश्चात श्री सिंह ने पुष्पचक्र शहीद स्मारक पर विधिवत रूप चढ़ाकर सलामी दी। इस मौके पर महापौर श्रीमती माधुरी पटेल, जनप्रतिनिधियों, नगर के गणमान्य नागरिकों, स्वयंसेवी संस्थाओं के प्रतिनिधियों सहित अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्री बी.एस.बिरदे, सी.एस.पी.श्री बी.एस.परिहार, समस्त थाना प्रभारी एवं पुलिसकर्मियों तथा विभिन्न विभागों के शासकीय अधिकारियों ने पुष्पचक्र/पुष्पमाला अर्पणकर देश की सेवा और सुरक्षा के लिए जान न्यौछावर करने वाले शहीदों को सम्मानपूर्वक श्रद्धांजलि दी गई।
पुलिस अधीक्षक ने बताया कि भारत में सबसे ज्यादा पुलिसकर्मी शहीद होते है। यह संख्या भारत में आर्मी से भी ज्यादा है। हमारे पुलिस अधिकारी/कर्मचारी किसी अन्य देश के दुश्मनों द्वारा नहीं बल्कि अपने देश की सुरक्षा करते हुए अपने ही लोगों द्वारा मारे जाते है। उनके इस बलिदान को श्रद्धांजलि देने प्रतिवर्ष पुलिस स्मृति दिवस आयोजित किया जाता है। इस दौरान पुलिस परेड द्वारा शहीदों को सलामी दी गई।
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निगम द्वारा वैज्ञानिक भण्डारण की सुविधाएं उपलब्ध
निगम द्वारा वैज्ञानिक भण्डारण की सुविधाएं उपलब्ध
बुरहानपुर/21
सितम्बर/ केन्द्रीय भण्डारण निगम भारत सरकार का उपक्रम है। जो पूरे देश
में 9.98 मिलियन मी.टन क्षमता के 469 वेयर हाउसों का नेटवर्क है। जिसमें
खाद्यान्न, बीज, उर्वरकों आदि सहित 200 से भी अधिक वस्तुओं के लिये
वैज्ञानिक भण्डारण की सुविधाएं प्रदान की जाती है। वेअर हाउस रसीद को गिरवी
रखकर किसान ऋण सुविधा भी प्राप्त कर सकते है।
यह जानकारी कृषि महोत्सव के अंतर्गत आयोजित कृषि विज्ञान मेला में केन्द्रीय भण्डारण गृह बुरहानपुर प्रबंधक श्री एन.के.मेहरा ने दी। उन्होनें बताया कि केन्द्रीय भण्डारण निगम सुरक्षित एवं स्वस्थ कार्य वातावरण सुनिश्चित करने तथा पर्यावरणीय शुद्धता को बनाए रखने के लिए अपनी तमाम गतिविधियां संचालित करता है। निगम द्वारा लाखों निर्यातकों तथा आयातकों के लिए 36 कंटेनर फ्रेट/अन्तर्देशीय क्लिअरेंस डिपो का परिचालन किया जा रहा है। निगम का उद्ेदश्य ग्राहकों के परिसरों में पैस्ट नियंत्रण सेवा उपलब्ध कराना। बन्दरगाहों तथा अंतरर्देशीय स्टेशनों पर अपने 66 ब्राण्डेड वेअर हाउसों में बांडेड वेअरहाउसिंग सुविधाएं उपलब्ध है। लोनी तथा गेटवे बन्दरगाहों के बीच कंटेनर रेलगाड़ियों का परिचालन किया जा रहा है। प्रत्येक पंजीकृत भांडागार के बैंक/वित्तीय संस्थानों से जुड़ने से किसानों को परक्राम्य भांडागार रसीद के विरूद्ध शीघ्र ऋण प्राप्त होगा। इससे ग्रामीण क्षेत्रों में नगदी-प्रवाह में वृद्धि होगी। जिससे किसान सशक्त व समृद्ध होगें। चूंकि सभी पंजीकृत वेअर हाउस एवं उसमें भंडारित वस्तुएं बीमित है। अतः किसानों को मात्रात्मक एवं गुणात्मक क्षति/जोखिम/वस्तुओं के नुकसान का सामना नहीं करना पडे़गा। इस दौरान श्री मेहरा ने किसानों की फसलों के भण्डारण आदि के बारे में अनेक जिज्ञासाओं का भी समाधान किया गया। उन्होनें स्टॉल लगाकर निगम द्वारा किसानों को प्रदाय की जा रही सुविधाओं का विस्तार से समझाया। साथ ही पम्पलेट, पोस्टर आदि के माध्यम से जानकारी देकर किसानों को निगम के प्रति जागरूक किया।
यह जानकारी कृषि महोत्सव के अंतर्गत आयोजित कृषि विज्ञान मेला में केन्द्रीय भण्डारण गृह बुरहानपुर प्रबंधक श्री एन.के.मेहरा ने दी। उन्होनें बताया कि केन्द्रीय भण्डारण निगम सुरक्षित एवं स्वस्थ कार्य वातावरण सुनिश्चित करने तथा पर्यावरणीय शुद्धता को बनाए रखने के लिए अपनी तमाम गतिविधियां संचालित करता है। निगम द्वारा लाखों निर्यातकों तथा आयातकों के लिए 36 कंटेनर फ्रेट/अन्तर्देशीय क्लिअरेंस डिपो का परिचालन किया जा रहा है। निगम का उद्ेदश्य ग्राहकों के परिसरों में पैस्ट नियंत्रण सेवा उपलब्ध कराना। बन्दरगाहों तथा अंतरर्देशीय स्टेशनों पर अपने 66 ब्राण्डेड वेअर हाउसों में बांडेड वेअरहाउसिंग सुविधाएं उपलब्ध है। लोनी तथा गेटवे बन्दरगाहों के बीच कंटेनर रेलगाड़ियों का परिचालन किया जा रहा है। प्रत्येक पंजीकृत भांडागार के बैंक/वित्तीय संस्थानों से जुड़ने से किसानों को परक्राम्य भांडागार रसीद के विरूद्ध शीघ्र ऋण प्राप्त होगा। इससे ग्रामीण क्षेत्रों में नगदी-प्रवाह में वृद्धि होगी। जिससे किसान सशक्त व समृद्ध होगें। चूंकि सभी पंजीकृत वेअर हाउस एवं उसमें भंडारित वस्तुएं बीमित है। अतः किसानों को मात्रात्मक एवं गुणात्मक क्षति/जोखिम/वस्तुओं के नुकसान का सामना नहीं करना पडे़गा। इस दौरान श्री मेहरा ने किसानों की फसलों के भण्डारण आदि के बारे में अनेक जिज्ञासाओं का भी समाधान किया गया। उन्होनें स्टॉल लगाकर निगम द्वारा किसानों को प्रदाय की जा रही सुविधाओं का विस्तार से समझाया। साथ ही पम्पलेट, पोस्टर आदि के माध्यम से जानकारी देकर किसानों को निगम के प्रति जागरूक किया।
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पेंटावेलेंट वैक्सीन पर मीडिया कार्यशाला संपन्न
पेंटावेलेंट वैक्सीन पर मीडिया कार्यशाला संपन्न
बुरहानपुर/21
सितम्बर/ भारत सरकार के नियमित टीकाकरण कार्यक्रम के तहत पेंटावेलेंट टीका
ऐसे किसी भी बच्चे को लगाया जा सकता है। जिसकी आयु 6 सप्ताह से अधिक और 1
वर्ष से कम है। इस पेंटावेलेंट वैक्सीन से कई लाभ है। हिब वैक्सीन शामिल
करने से अतिरिक्त घातक रोग के खिलाफ सुरक्षा मिलती है। अब शिशुकाल में 9
इजेंक्शन के स्थान पर मात्र 6 बार ही इंजेक्शन लगेगा। अब बच्चों को एक सुई
मात्र से पांच बीमारी से बचा सकेगें। जिसमें (डिप्थिरिया, कालीखांसी,
टिटनस, हेपेटाइटिस-बी, एच इन्फ्लुएंजा) शामिल है।
यह जानकारी जिले में पेंटावेलेंट वैक्सीन पर मीडिया एडवोकेसी कार्यशाला में दी गई। जिसमें अवगत कराया गया कि भारत सरकार द्वारा उक्त वैक्सीन आगामी नवम्बर माह से प्रदेश में भी प्रारंभ किया जा रहा है। इस हेतु जिले को 18 हजार 500 बच्चों का पेंटावेलेंट टीकाकरण लक्ष्य प्राप्त हुआ है। पेंटावेलेंट वैक्सीन को अभियान के रूप में क्रियान्वित किया जाएगा। ग्रामीण एवं नगरीय क्षेत्रों में प्रभावी क्रियान्वयन के लिये आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं ए.एन.एम को पूर्व प्रशिक्षण भी दिया जाना है। ताकि इस वैक्सीन के प्रति लोग जागरूक हो सके।
यह जानकारी मीडिया एडवोकेसी कार्यशाला में प्रभारी सी.एम.एच.ओ.डॉ.नानावटी ने दी। उन्होनें बताया कि पहले टीकाकरण हेतु शिशुकाल में 9 बार इंजेक्शन बच्चों को लगाया जाता था। किंतु अब यह मात्र 6 बार लगाया जायेगा। इससे पांच बीमारियों से बचाव किया जा सकता है। इसमें 5 एंटीजन शामिल है। जिसमें डिप्थिरिया, परट््यूसिस, टिटनस, हिमोफिलस, इन्फ्लुएंजा टाइप-बी (बेक्टीरियल) एवं हेपेटाइटिस-बी (वायरस) शामिल है। प्रदेश में डीपीटी की 5 खुराक की जगह अब मात्र 2 खुराक पांच साल तक के बच्चों को (पहली खुराक 16 माह से 24 माह एवं दूसरी खुराक 5 से 6 साल उम्र में लगेगी)। इसी प्रकार हेपेटाइटिस-बी के 4 डोज के स्थान पर अब मात्र एक डोज शिशु जन्म के 24 घंटे के भीतर दिया जावेगा। पेंटावलेंट प्रारंभ होने से 4 प्रतिशत बाल्य मृृत्यु दर की कम होगी। एच इन्फ्लुएन्जी के खतरे यथा मेनिनजाइटिस (50 प्रतिशत) निमोनिया (30 प्रतिशत) और विकलांगता में (25 प्रतिशत) में कमी आएगी।
डब्ल्यू.एच.ओ. के सर्विलाइंस मेडिकल आफिसर डॉ.शेखावत सिंह ने बताया कि इस पेंटावेलेंट वैक्सीन से बाल मृत्यु दर में 4 प्रतिशत की कमी लायी जा सकती है। विश्व में 80 लाख हिब केस है। भारत में 24 से 30 लाख केस एवं 72 लाख मृत्यु प्रतिवर्ष हिब से होती है। जिसमें 30 प्रतिशत निमोनिया और 50 प्रतिशत मेनिनजायटिस है। हिब प्रायः 4 से 18 माह के बच्चों बच्चों को पीड़ित करती है। जिसमें हिब 15 से 35 प्रतिशत बच्चें बीमारी से पीड़ित करती है। पेंटावेंलेट वैक्सीन 95 प्रतिशत बचाव की गारंटी रखता है। पेंटावेंलेट वैक्सीन तरल रूप में 5 एम.एल शीशी में उपलब्ध है, तथा 2 से 8 डिग्री तापमान में सुरक्षित है। इस अवसर पर जिला टीकाकरण अधिकारी श्री आर.के.वर्मा, मीडिया प्रभारी श्री रवीन्द्रसिंह राजपूत, टीकाकरण डाटा मेनेजर श्री अनिल महाजन समेत मीडिया बन्धु उपस्थित थे।
यह जानकारी जिले में पेंटावेलेंट वैक्सीन पर मीडिया एडवोकेसी कार्यशाला में दी गई। जिसमें अवगत कराया गया कि भारत सरकार द्वारा उक्त वैक्सीन आगामी नवम्बर माह से प्रदेश में भी प्रारंभ किया जा रहा है। इस हेतु जिले को 18 हजार 500 बच्चों का पेंटावेलेंट टीकाकरण लक्ष्य प्राप्त हुआ है। पेंटावेलेंट वैक्सीन को अभियान के रूप में क्रियान्वित किया जाएगा। ग्रामीण एवं नगरीय क्षेत्रों में प्रभावी क्रियान्वयन के लिये आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं ए.एन.एम को पूर्व प्रशिक्षण भी दिया जाना है। ताकि इस वैक्सीन के प्रति लोग जागरूक हो सके।
यह जानकारी मीडिया एडवोकेसी कार्यशाला में प्रभारी सी.एम.एच.ओ.डॉ.नानावटी ने दी। उन्होनें बताया कि पहले टीकाकरण हेतु शिशुकाल में 9 बार इंजेक्शन बच्चों को लगाया जाता था। किंतु अब यह मात्र 6 बार लगाया जायेगा। इससे पांच बीमारियों से बचाव किया जा सकता है। इसमें 5 एंटीजन शामिल है। जिसमें डिप्थिरिया, परट््यूसिस, टिटनस, हिमोफिलस, इन्फ्लुएंजा टाइप-बी (बेक्टीरियल) एवं हेपेटाइटिस-बी (वायरस) शामिल है। प्रदेश में डीपीटी की 5 खुराक की जगह अब मात्र 2 खुराक पांच साल तक के बच्चों को (पहली खुराक 16 माह से 24 माह एवं दूसरी खुराक 5 से 6 साल उम्र में लगेगी)। इसी प्रकार हेपेटाइटिस-बी के 4 डोज के स्थान पर अब मात्र एक डोज शिशु जन्म के 24 घंटे के भीतर दिया जावेगा। पेंटावलेंट प्रारंभ होने से 4 प्रतिशत बाल्य मृृत्यु दर की कम होगी। एच इन्फ्लुएन्जी के खतरे यथा मेनिनजाइटिस (50 प्रतिशत) निमोनिया (30 प्रतिशत) और विकलांगता में (25 प्रतिशत) में कमी आएगी।
डब्ल्यू.एच.ओ. के सर्विलाइंस मेडिकल आफिसर डॉ.शेखावत सिंह ने बताया कि इस पेंटावेलेंट वैक्सीन से बाल मृत्यु दर में 4 प्रतिशत की कमी लायी जा सकती है। विश्व में 80 लाख हिब केस है। भारत में 24 से 30 लाख केस एवं 72 लाख मृत्यु प्रतिवर्ष हिब से होती है। जिसमें 30 प्रतिशत निमोनिया और 50 प्रतिशत मेनिनजायटिस है। हिब प्रायः 4 से 18 माह के बच्चों बच्चों को पीड़ित करती है। जिसमें हिब 15 से 35 प्रतिशत बच्चें बीमारी से पीड़ित करती है। पेंटावेंलेट वैक्सीन 95 प्रतिशत बचाव की गारंटी रखता है। पेंटावेंलेट वैक्सीन तरल रूप में 5 एम.एल शीशी में उपलब्ध है, तथा 2 से 8 डिग्री तापमान में सुरक्षित है। इस अवसर पर जिला टीकाकरण अधिकारी श्री आर.के.वर्मा, मीडिया प्रभारी श्री रवीन्द्रसिंह राजपूत, टीकाकरण डाटा मेनेजर श्री अनिल महाजन समेत मीडिया बन्धु उपस्थित थे।
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