Saturday 6 August 2016

JANSAMPARK NEWS 5-8-16

आकाशीय बिजली गिरने पर ये उपाय करें 
बुरहानपुर | 05-अगस्त-2016
राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा नागरिकों को समझाइश दी गई है कि आकाशीय बिजली गिरने की आशंका की स्थिति में उन्हें बिजली से संचालित उपकरणों से दूर रहना चाहिए तथा लेडलाईन टेलीफोन का भी उपयोग उस समय उपयोग नही करना चाहिए। नागरिकों को उस दौरान खिड़की, दरवाजे, बारामदे व छत से दूर रहना चाहिए। आकाशीय बिजली गिरने की आशंका होने पर बिजली की सुचालक वस्तुओं जैसे की लोहे का पाईप, नल आदि से दूर रहे। इसके साथ ही घर से बाहर होने की स्थिति में ऊँचे वृक्षों, ऊँची इमारतो, विद्युत या टेलीफोन के खम्बों के पास खड़े न रहे बल्कि इनसे दूर हो जाये। साथ ही खुली छत वाले वाहनो की सवारी न करे। आकाश में बिजली चमकने के दौरान यदि सिर के बाल खड़े हो जाये और त्वचा में झुनझुनी होने लगे तो फोरन नीचे झूककर कान बंद कर लें, क्योंकि यह इस बात का सूचक है कि आपके आसपास बिजली गिरने वाली है। आकाशीय बिजली का झटका लगने पर पीड़ित व्यक्ति को कृत्रिम सांस देनी चाहिए तथा उसे निकटतम प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र ले जाकर विधिवत उपचार कराना चाहिए। 
सोयाबीन कृषको के लिये उपयोगी सलाह 

बुरहानपुर | 05-अगस्त-2016
वर्तमान में सोयाबीन की फसल लगभग एक माह से अधिक की हो चुकी है। एवं प्रमुख प्रजाति जे.एस. 95-60 में फूल आ चुके है। उप संचालक कृषि श्री एम.एस.देवके ने बताया कि मध्यम अवधि में पकने वाली प्रजातियो में फूल आने में कुछ समय बाकि है, फसल की स्थिति को ध्यान में रखते हुए, कृषको को सलाह दी जाती है फसल का सुक्ष्मता पूर्वक निरीक्षण करे एवं सेमीलूपर इल्लिया दिखाई देने पर क्विनालफास (1.5 ली/हे.) अथवा इन्डोक्लाकार्ब (500 मि.ली./हे.) अथवा क्लोरएन्ट्रानिलिप्रोल (100 मि.ली./हे) की दर से 500 लीटर पानी के साथ छिड़काव करे। यदि फसल पर सिर्फ तम्बाकू की इल्लि का प्रकोप देखने में आ रहा है तो उसके नियंत्रण हेतु स्पाइनेटोरम 11.7 एस.सी. का 450 मि.ली./हे. की दर से छिड़काव करे। जहां पर पत्ति खाने वाली इल्लियो के साथ साथ रस चूसने वाले किट (सफेद मक्खी) एवं गर्डल बीटल का प्रकोप हो रहा है। वहां पूर्व मिश्रित कीटनाशक बीटासायफ्लूथ्रीन+इमिडाक्लोप्रीड का 350 मि.ली/हे की दर से छिड़काव करे। उन्होंने कहा कि जहां पर सोयाबीन फसल में सिंर्फ चक्रभृंग (गर्डल बीटल) का प्रकोप दिखाई दे रहा है। वहां ट्राइजोफॉस (800 मि.ली/हे) अथवा थायक्लोप्रीड (650 मि.ली./हे) का छिडकाव करे तथा ग्रषित पौध अवशेषो को प्रारम्भिक अवस्था में ही तोड़कर निष्कासित करे। फूल आने की अवस्था में कुछ क्षेत्रो में सोयाबीन की फसल पत्ती धब्बा नामक बीमारी आने की संभावना है। कृषको को सलाह है कि लक्षण दिखाई देने पर कार्बेन्डाजिम (250 ग्राम/हे) या डाइथेन-एम 45 (500ग्रा./हे) का 500 लीटर पानी के साथ छिडकाव करे। सोयाबीन की फसल में पीला मोजेक बीमारी के फैलाव को रोकने हेतु ग्रसित पौधे दिखने पर उनको तुरन्त उखाड़ कर नष्ट करे। अधिक वर्षा होने एवं खेत में अधिक समय तक पानी जमा होने के कारण सोयाबीन के खेतो में गर्दनी सड़न का प्रकोप होता है। कृषको को सलाह है कि खेतो से अतिरिक्त पानी के निकासी की व्यवस्था करे। साथ ही हस्तचलित डोरा चलांए एवं कार्बेंन्डाजिम (1 ग्रा./ली. पानी की दर से) पौधो की जडो के पास नोजल रहित स्प्रेयर की सहायता से उपयोग (ड्रेन्चिंग) करे।
कलेक्टर श्रीमती सिंथिया ने किसानों से फसलों का बीमा कराने की अपील की 
बुरहानपुर | 05-अगस्त-2016
कलेक्टर श्रीमती जे.पी.आईरीन सिंथिया ने जिले के अऋणी किसानों से अपील की है कि वे प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत अपनी फसल का बीमा जरूर करा लें। उन्होंने बताया कि किसान 16 अगस्त तक फसल बीमा की प्रीमियम राशि जमा करा सकते है। उपसंचालक कृषि श्री एम.एस.देवके ने बताया कि एग्रीकल्चर इंश्योरेंस कम्पनी ऑफ इण्डिया लिमिटेड के द्वारा प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत प्राकृतिक आग, बिजली, तूफान, ओलावृष्टि, चक्रवात, भूस्खलन, जलभराव होने से फसल नुकसान होने पर किसानों की फसल का बीमा किया जा रहा है। इस योजना में ऋणी किसानों का बीमा अनिवार्य किया जाता है, जबकि अऋणी किसानों का बीमा स्वेच्छिक आधार पर किया जाता है। इसके लिए किसानों को अपनी नवीनतम भू अधिकार पुस्तिका, पटवारी/सचिव का बुआई प्रमाण पत्र, पहचान पत्र, देकर फसल बीमा योजना में अपना पंजीयन करा सकते है। खरीफ के लिए ऋणी और अऋणी किसान के बीमांकन तथा इसके तहत ऋणी किसानों के खाते में से प्रीमियम राशि काटने, अऋणी किसान के प्रीमियम एवं प्रस्ताव पत्र बैंक में जमा करने की अंतिम तिथि 16 अगस्त निर्धारित है। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत खरीफ मौसम में सोयाबीन की फसल बीमा की इकाई पटवारी हल्का स्तर मानी जायेगी, जबकि ज्वार व कपास की फसल के लिए तहसील स्तर को इकाई माना गया है। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत कपास की फसल के लिए बीमित राशि का 3 प्रतिशत तथा सोयाबीन फसल के लिए बीमित राशि का 2 प्रतिशत प्रीमियम किसान को जमा कराना होगा। फसल बीमा की गाइड लाईन अनुसार किसान जो खेत में बोई गयी फसल का ही बीमा कराना होगा। 
फसल बीमा के लिये आज इन स्थानों पर लगेंगे शिविर
   उपसंचालक श्री देवके ने बताया कि आज बुरहानपुर विकासखण्ड के तहत ग्राम सराय, हरदा, नसीराबाद, चिल्लारा, टिटगांवकला, पिपरी रै., नाचनखेडा, धामनगांव में शिविर लगाये जायेगें। वही विकासखण्ड खकनार के ग्राम शेखापुर, सिरपुर, पलासुर, पिपलपानी, हिंगना रै., रामाखेडाखुर्द, नांदुराखुर्द, खकनारखुर्द, मजगांव, गोन्द्री में शिविर का आयोजन किया गया है। उन्होनें किसान भाईयों से अनुरोध है, कि शिविर में अपनी फसलों का बीमा कराने के लिये प्रिमियम राशि नगद या चेक के माध्यम से जमा कराये।


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JANSAMPARK NEWS 30-08-18

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