जिला जनसंपर्क कार्यालय, बुरहानपुर मध्य प्रदेश
समाचार
नेहरू युवा केन्द्र ने निकाली विशाल रैली
युवा देश के भविष्य और शक्ति के प्रतीक
बुरहानपुर/21
फरवरी 2014/ आज सुभाष स्कूल परिसर में नेहरू युवा केन्द्र के तत्वावधान
में हॉयर सेकेण्डरी स्कूलों के विद्यार्थियों की विशाल रैली निकाली गई। यह
रैली भारत सरकार द्वारा आज घोषित की गयी राष्ट्रीय युवा नीति के परिपेक्ष्य
में निकाली गयी। यह रैली सुभाष स्कूल से शनवारा चौराहा, जय स्तंभ,
शिवकुमार सिंह प्रतिमा, राजपुरा रोड़ होते हुए वापस सुभाष स्कूल में समाप्त
हुई। रैली का उद्घाटन जनसंपर्क अधिकारी डॉ.बृजनाथ सिंह ने हरी झंडी दिखाकर
किया और रैली का समापन जिला शिक्षा अधिकारी श्री आर.एल.उपाध्याय ने किया। नेहरू युवा केन्द्र ने निकाली विशाल रैली
युवा देश के भविष्य और शक्ति के प्रतीक
इस अवसर पर नेहरू युवा केन्द्र के जिला समन्वयक श्री अजीज डिप्टी ने उपस्थित विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि युवा देश के भविष्य हैं। यदि किसी भी देश को बुजुर्गो का अनुभव और युवाओं की शक्ति दोनों एकजुट हो जाये तो किसी भी देश की तकदीर और तस्वीर बदल सकती हैं। भारत सरकार की नई युवा नीति-2014 का मूल उद््देश्य युवकों को आत्म निर्भर बनाना हैं। युवक सबसे पहले शिक्षा प्राप्त करें, उसके बाद आत्मनिर्भर बनने के लिये उद्यमिता, कौशल विकास और रोजगार पर जोर दे। एक सुदृढ़ युवा पीढी़ और स्वास्थ्यप्रद जीवन शैली के लिये खेलकूद अनिवार्य हैं। विद्यार्थियों को पढ़ाई के साथ-साथ खेलकूद पर भी जोर देना होगा। स्वस्थ्य शरीर में ही स्वस्थ्य मस्तिष होता हैं।
श्री डिप्टी ने इस अवसर पर यह भी कहा कि युवा वर्ग (15 से 35 वर्ष) देश की रीढ़ हैं। वह अपनी सामाजिक जिम्मेदारी से बच नहीं सकता। युवाओं में सामाजिक मूल्य और सामुदायिक सेवा की भावना को बढ़ावा देना होगा। इसी प्रकार भारत सरकार की मंशा है कि युवा वर्ग में राजनैतिक, प्रशासनिक भागीदारी और सहभागीता सुनिश्चित करनी होगी। युवाओं के लिये समान अवसर निर्मित करना होगा। युवाओं को बाढ़, आगजनी, भूकंप आदि के समय देश सेवा के लिये तत्पर रहना होगा।
इस अवसर पर बड़ी संख्या में विद्यार्थी, सुभाष हॉयर सेकेण्डरी स्कूल के व्याख्यता श्री नरेन्द्र मोदी, श्री प्राणवीर सिसोदिया और स्कूल के अन्य शिक्षक मौजूद थे।
टीपः-फोटोग्राफ संलग्न
क्रमांकः145/फरवरी/2014
कृषि विज्ञान मेले में रेषमपालन, जलसंरक्षण एवं केले की बीमारीयों का नियंत्रण तथा जैविक खेती पर हुए व्याख्यान
रासायनिक खाद का बेहतर विकल्प जैविक खाद-डॉ.पाठक
बुरहानपुर/21
फरवरी 2014/ आज कृषि विज्ञान मेले के व्दितीय दिन जिला पंचायत उपाध्यक्ष
श्री अरूण पाटील के मुख्य आतिथ्य मंें सम्पन्न हुआ। उन्होनंे अपने उद्बोधन
में कृषकों से अपील की। साथ ही प्रत्येक कृषक मेड़ पर नीम के पौधंे, खमेर के
पौधे तथा फलदार पौधें लगाए। जिलें में भू-जल स्तर में हो रही गिरावट को
रोकने के लिए शासन की योजनान्तर्गत मेड़बधान तथा भूमि समतलीकरण और खेत तालाब
बनाकर भू-जल स्तर बढ़ायें। रासायनिक खाद का बेहतर विकल्प जैविक खाद-डॉ.पाठक
जलगांव महाराष्ट्र के वैज्ञानिक डॉ0 नजीम शेख, डॉ. एम.आर. परदेषी ने केला फसल में उर्वरकों का उपयोग ड्रिप सिंचाई से करना तथा व्याधियों के लिए निरतंर निगरानी रखने की सलाह दी केले में लगने वाली बीमारीयों के लिए सुव्यवस्थित कीटनाषक का उपयोग करें। डॉ.आर.के. पाठक ने भूमि की उर्वरता तथा उत्पादकता में जो कमी हो रही हैं, उसका एक मात्र विकल्प जैविक खाद हैं। जल, जमीन, वायु को प्रदूषण मुक्त करना हैं। इस हेतु रसायनों का कम से कम उपयोग करने से ही होगा। एक गाय से वर्ष भर में एक एकड खेत के लिये गोबर की खाद एवं कचरे से खाद बनाकर उपयोग कर सकते है।
रेषम पालन के डॉ. आर.के. खरे ने रेषम पालन की अपार संभावनाओं पर चर्चा की रेषम के तीन विधायें हैं। षहतूत के साथ-साथ अरण्डी और बेर पर रेषम के कीड़े का पालन से रेषम बनाया जा सकता हैं एवं एक एकड क्षेत्र में रेषम की खेती करने पर वर्ष भर में 1.50 लाख की आय प्राप्त की जा सकती हैं। प्रत्येक कृषक को कृषि में विविधता बनाये रखने के लिए रेषम की खेती करना चाहियें।
इस अवसर पर कृृषि वैज्ञानिक डॉ.व्ही.पी.सिंह जबलपुर ने खरपतवार नियंत्रण कर फसलों से अधिक से अधिक उत्पादन लेने की जानकारी दी। डॉ. बी.के.पाटीदार कपास वैज्ञानिक खण्डवा ने कपास की खेती में सूक्ष्म पौषक तत्वों के साथ-साथ बीजोपचार एवं ड्रिप के माध्यम से जल बचत कर कपास की खेती करने की सलाह दी।
इस अवसर पर मंडी अध्यक्ष जलुबाई, किसान मोर्चा अध्यक्ष श्री गुलचंद बर्ने एवं जिले के विभिन्न क्षेत्रों से लगभग 1 हजार से अधिक किसानों ने भाग लिया।
टीपः-फोटोग्राफ संलग्न
क्रमांकः146/फरवरी/2014
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