Thursday, 6 February 2014

JANSAMPARK NEWS 6-2-14

जिला जनसंपर्क कार्यालय, बुरहानपुर मध्य प्रदेश
समाचार
सुझाव एवं आपत्तियां 13 फरवरी तक आमंत्रित
बुरहानपुर /6 फरवरी 2014/ जिला पंजीयक से प्राप्त जानकारी के अनुसार वर्ष 2014-15 हेतु बुरहानपुर जिले की अचल संपत्तियों के अंतिम मूल्यों का निर्धारण किया जा चुका हैं। अंतिम मूल्यों का अधिसूचित किया जा चुका हैं और 4 फरवरी से 12 फरवरी 2014 तक कार्यालय के सूचना पटल पर प्रदर्शित किया गया हैं। अंतिम मूल्यों पर आम जनता के सुझाव या आपत्ति आमंत्रित किये गये हैं। सुझाव या आपत्ति हेतु अंतिम तिथि 12 फरवरी 2014 हैं। यदि किसी व्यक्ति को सुझाव या आपत्ति प्रस्तुत करना हो तो विहित कालावधि में जिला पंजीयक कार्यालय बुरहानपुर में प्रस्तुत कर सकते हैं। 13 फरवरी को प्राप्त आपत्ति या सुझाव का निराकरण किया जायेगा।
समाचार क्र.109/2014

जिला प्रशासन कुपोषण मिटाने के लिये कृृतसंकल्पित-कलेक्टर श्री अवस्थी



भारत जब पोलियो मुक्त हो सकता हैं तो कुपोषण मुक्त क्यों नहीं-श्री थॉमस
बुरहानपुर /6 फरवरी 2014/ आज स्थानीय ताप्ती रिट्रीट होटल में एसीएफ और सिकोईडिकोन के तत्वावधान में जिले में कुपोषण मिटाने हेतु विशाल कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला को संबोधित करते हुए कलेक्टर श्री आशुतोष अवस्थी ने कहा कि जिले में कुपोषण का निवारण हम सभी मिलकर कर सकते हैं। जिले में 36 हजार बच्चंे कुपोषित हैं, जिसमें से 3218 बच्चंे कम वजन के हैं। जिले में 4 पोषण पुर्नवास केन्द्र चल रहे हैं, जिनकी क्षमता 50 सीटर हैं। कुपोषण मिटाने के क्षेत्र में सिकाईडिकोन संस्था जिले में अच्छा कार्य कर रही हैं। जिले में कुपोषित बच्चों और माताओं के स्वास्थ्य सुधार के लिये विशेष प्रयास की जरूरत हैं। जिला प्रशासन कुपोषण मिटाने के लिये कृृतसंकल्पित हैं। जिले में पोषण पुर्नवास केन्द्रो की क्षमता बढ़ाई जायेगी।
    इस अवसर पर सिकोईडिकोन के प्रमुख श्री थॉमस ने कहा कि भारत में 25 प्रतिशत बच्चें कुपोषित हैं। 80 लाख कुपोषित बच्चें 5 वर्ष से कम उम्र के हैं। जो कि चिंता का विषय हैं। कुपोषित बच्चों को मलेरिया, डायरिया और निमोनिया अपेक्षाकृृत ज्यादा तेजी से चपेट में ले लेते हैं और प्रायः कुपोषित बच्चों की इन बीमारियों से ग्रसित होने के बाद जान तक चली जाती हैं। कुपोषण मध्य प्रदेश में यह गंभीर समस्यां हैं। इस जिले में 20 ग्रामों में हमारे संगठन द्वारा कुपोषण मिटाने का प्रयास जारी हैं। इस जिले के दूर-दराज के सीमावर्ती आदिवासी बहुल और अतिकुपोषित 60 और को ग्रामों हमारे संगठन ने गोद ले लिया हैं। भारत जब पोलियो मुक्त हो सकता हैं तो कुपोषण मुक्त क्यों नहीं हो सकता ? कोई भी काम असंभव नही हैं। एसीएफ 35 वर्ष पुरानी समाजसेवी संस्था हैं, यह संस्था एशिया और अफ्रीका महाद्वीप में भूँख के खिलाफ संघर्ष कर रही हैं। सिकोईडिकोन की स्थापना सन् 1982 में की गई थी। यह संस्था मध्य प्रदेश और राजस्थान के पिछड़े जिलों में काम कर रही हैं। सिकोईडिकोन ने वर्ष 2013 भारत को कुपोषण मिटाने के लिये 50 करोड़ रूपये का अनुदान दिया हैं। एसीएफ और सिकोईडिकोन दोनों मिलकर काम करते हैं। हमारी संस्था भारत को कुपोषण मुक्त बनाना चाहती हैं।
    इस अवसर पर फ्रांस के माथियास जो कि बुरहानपुर जिले में 2 वर्ष का कार्य कर रहे हैं। ने कहा कि जिले में भुखमरी तो नहीं हैं लेकिन कुपोषण जरूर हैं। जिले में पोषण आहार से कुपोषण मिट सकता हैं। हमें जच्चा-बच्चा दोनों पर बराबर ध्यान देना होगा। बच्चों के जन्म के बाद प्रारंभिक 2 वर्ष बड़े चुनौतीपूर्ण होते हैं।
    इस अवसर पर एसडीएम नेपानगर श्री सूरज नागर ने कहा कि इस क्षेत्र में कुपोषण को सिकोईडिकोन और जिला प्रशासन मिलकर मिटा सकते हैं। कुपोषण एक कलंक हैं, हम सभी को मिलकर इसे मिटाना हैं। कुपोषित बच्चों का भविष्य अंधकार में होता हैं, इन्हें भोजन, दवा और देखभाल की जरूरत होती हैं। इन्हें सिकोईडिकोन संस्था सहारा देने का काम कर रहा हैं।
    इस अवसर पर जिला महिला एवं बाल विकास अधिकारी श्री अब्दुल गफ्फार खान ने कहा कि जिले में कुपोषण कई कारण हैं। गरीबी, पिछड़ापन, अशिक्षा और ज्यादा बच्चों के कारण जिले में कुपोषण व्याप्त हैं। शहर में झुग्गी बस्तियों में भी कुपोषण व्याप्त हैं।    
    इस अवसर पर परियोजना अधिकारी एकीकृृत बाल विकास परियोजना खकनार श्रीमती ममता ने कहा कि आदिवासी बहुल ग्रामों में कुपोषण ज्यादा हैं। ग्रामीणों को पोषण पुर्नवास केन्द्र 14 दिन के लिये भेजना एक चुनौतीपूर्ण काम हैं। इस चुनौती का हम लोग मुकाबला कर रहे हैं।
    इस अवसर कार्यक््रम को डॉ. अवनि गुप्ता, अमित और संदीप ने भी संबोधित किया।
    टीपः- फोटोग्राफ संलग्न
समाचार क्र.110/2014

No comments:

Post a Comment

JANSAMPARK NEWS 30-08-18

dk;kZy; dysDVj ¼tulaidZ½ ftyk & cqjgkuiqj lekpkj vuqlwfpr tkfr csjkstxkj ;qodksa dk 3 ls 7 flracj rd gksxk lk{kkRdkj cqjgk...