जिला जनसंपर्क कार्यालय, बुरहानपुर मध्य प्रदेश
समाचार
लोकसभा निर्वाचन-2014
किसी भी सामग्री के प्रकाशन के लिये प्रकाशक की लिखित सहमति आवश्यक
बुरहानपुर/10
मार्च 2014/ - आज कलेक्टोरेट सभाकक्ष में कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन
अधिकारी श्री आशुतोष अवस्थी ने मुद्रकों और लोकल केबल संचालकों को संबोधित
करते हुए कहा कि निजी केबल संचालक कलेक्टेªट में गठित जिला स्तरीय मीडिया
सर्टिफिकेशन एवं निगरानी समिति की सहमति से ही विज्ञापन जारी करें।
विज्ञापन घृृणित और भड़कानऊ नहीं होना चाहिए। नियमों के उल्लघंन करने वालों
के खिलाफ कानूनी कार्यवाही की जायेगी। जिसमें पहलीबार दोषी पाये जाने पर 2
वर्ष का कारावास और एक हजार रूपये जुर्माना और उसके बाद पुनः दोषी पाये
जाने पर 5 वर्ष की सजा और 5 हजार रूपये का जुर्माना किया जायेगा। समाचार
लोकसभा निर्वाचन-2014
किसी भी सामग्री के प्रकाशन के लिये प्रकाशक की लिखित सहमति आवश्यक
इस अवसर पर कलेक्टर श्री अवस्थी ने कहा कि मुद्रकगण प्रकाशकों लिखित सहमति के बिना कोई सामग्री नहीं छापंे। पैम्पलेट, पोस्टर और फ्लैक्स पर मुद्रक का नाम जरूरी हैं। मगर बेच, टेग और स्टिकर पर मुद्रक का नाम आवश्यक नहीं हैं। मुद्रकगण प्रकाशकों से निर्धारित प्रपत्र में लिखित सहमति अवश्य लंे। इसी प्रकार सामग्री छापने के 3 दिन के भीतर निर्धारित प्रपत्र में आवेदन करते हुए जिला निर्वाचन कार्यालय में प्रकाशित सामग्री तीन प्रतियों में अनिवार्य रूप से जमा करवायें।
कलेक्टर श्री अवस्थी ने मुद्रकों से कहा कि लोकल चैनल और मुद्रक धार्मिक सद््भाव को ठेस और भड़काउ नहीं होना चाहिए। सभी मुद्रक सारे भुगतान चेक या ड्राफ से लें। नियमों का उल्लघंन करने वाले प्रकाशकों और मुद्रकों के खिलाफ कानूनी कार्यवाही की जायेगी, जिसमें 2 वर्ष का कारावास तथा 5 हजार रूपये तक का जुर्माना का प्रावधान हैं।
क्रमांकः 195/मार्च/2014
धार्मिक स्थलों का प्रयोग चुनाव कार्य के लिये प्रतिबंधित
बुरहानपुर/10
मार्च 2014/ - कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी श्री आशुतोष अवस्थी ने
जिले के राजस्व एवं पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिये है कि जिले में आगामी
लोक सभा चुनाव में चुनाव आयोग के निर्देशानुसार धार्मिक स्थलों-मस्जिद,
गिरिजाघर एवं पूजा का अन्य स्थान चुनाव प्रचार के लिये मंच का उपयोग नहीं
किया जायेगा तथा किसी धार्मिक संस्था के तत्वावधान में आयोजित किसी समारोह,
उत्सव, सत्संग, शोभायात्रा या सभा का उपयोग किसी राजनैतिक क्रियाकलाप के
लिये नहीं किया जा सकता। धार्मिक स्थलों का राजनैतिक क्रियाकलाप करने वालों
के खिलाफ कानूनी कार्यवाही की जायेगी। जिसमें 5 वर्ष तक कारावास और 10
हजार रूपये तक के जुर्माने का प्रावधान हैं। क्रमांकः 196/मार्च/2014
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