जिला जनसंपर्क कार्यालय, बुरहानपुर मध्य प्रदेश
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जिले में संपत्ति विरूपण अधिनियम का प्रभावी क्रियान्वयन जरूरी-कलेक्टर
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जिले में संपत्ति विरूपण अधिनियम का प्रभावी क्रियान्वयन जरूरी-कलेक्टर
इस अवसर पर कलेक्टर श्री अवस्थी ने कहा कि जिले में और विशेषकर जिला मुख्यालय पर अभियान चलाकर सारे अनाधिकृत बैनर पोस्टर हटाये जायेगें। नगरीय क्षेत्रों में नगर निगम और नगर पालिका, ग्रामीण क्षेत्र में सरपंच-सचिव बैनर पोस्टर हटायेगें। बीएसएनएल और एमपीईबी अपने खंबो से प्रचार सामग्री आज से ही हटाना शुरू कर देंगे।
लोकसभा के आम निर्वाचन 2014 के दौरान विभिन्न राजनैतिक दलों एवं उनके अभ्यर्थियों व्दारा चुनाव प्रचार करने के लिए शासकीय और अषासकीय भवनों नारे लिखे जाते हैं, पोस्टर चिपकाये जाते हैं तथा विद्युत एवं टेलीफोन के खंबों पर चुनाव प्रचार से संबंधी झण्ड़ियांॅ लगाई जाती हैं, जिसके कारण शासकीय संपत्ति का स्वरूप विकृत हो जाता है । इस संबंध में शासन व्दारा मध्यप्रदेष सम्पत्ति विरूपण अधिनियम, 1994 पारित किया गया है । इस अधिनियम की धारा 3 में यह स्पष्ट उल्लेख है कि ‘‘कोई भी जो संपत्ति के स्वामी की लिखित अनुज्ञा के बिना सार्वजनिक दृष्टि में आने वाली किसी सम्पत्ति को स्याही, खड़िया, रंग या किसी अन्य पदार्थों से लिखकर या चिन्हित करके उसे विरूपित करेगा वह जुर्माने से, जो एक हजार रूपये तक का हो सकेगा, दण्डनीय होगा। ‘‘ इसके अलावा विरूपण हटाने या मिटाने हेतु व्यय संबंधितों से वसूल किया जा सकता हैं। शासकीय या निजी सभी भवन संरचना, चौराहे, नोटिस बोर्ड, रेल्वे प्लेटफार्म के नाम पट्ट, सर्वसाधारण की सूचना का पटल या बोर्ड आदि पर बिना अनुमति के नारे लिखवाना, झण्ड़ा लगवाना, बैनर टांगना, प्रतीक का अंकन आदि विरूपण में शामिल है । इस अधिनियम के अधीन दण्ड़नीय कोई भी अपराध संज्ञेय होगा ।
चुनाव आयोग ने निर्देश हैं कि चुनाव प्रचार के दौरान यदि विभिन्न राजनैतिक दलों अथवा चुनाव लड़ने वाले अभ्यर्थियों व्दारा किसी शासकीय एवं अषासकीय भवन की दीवारों पर किसी भी प्रकार के नारे लिखकर विकृत किया जाता है, विद्युत एवं टेलीफोन के खंबो पर झण्ड़ियां लगाई जाती है अथवा ऐसे पोस्टर अथवा बेनर लगाकर शासकीय संपत्ति को विकृत किया जाता है तो ऐसे पोस्टर एवं बेनर हटाने के लिए तथा चुनावी नारे मिटाने के लिए जिले के प्रत्येक थाने में पदस्थ ‘‘लोक संपत्ति सुरक्षा दस्ता‘‘ तत्काल प्रभाव से कार्यवाही करेगा। इस दस्ते में लोक निर्माण विभाग के स्थाई गैंग के पर्याप्त संख्या के कर्मचारी पदस्थ रहेंगे। यह लोक संपत्ति सुरक्षा दस्ता टी.आई. या थाना प्रभारी के सीधे देख रेख में कार्य करेगा। ‘‘इस दस्ते को सहयोग देने के लिए और स्थल पर जाकर कार्यवाही सुनिष्चित करने के लिए संबंधित थाने का एक सहायक उप निरीक्षक (पुलिस), मुख्यालय पटवारी, एवं स्थानीय निकाय के एक कर्मचारी की ड्यूटी लगाई जाए। लोक निर्माण विभाग व्दारा इस दस्ते को लोक संपत्ति को विरूपण से बचाने के लिए आवष्यक सामग्री जैसे गेरू, चूना, कूँची, बांॅस एवं सीढ़ी आदि उपलब्ध कराई जावे । यह लोक संपत्ति सुरक्षा दस्ता, निर्वाचन की समाप्ति तक टी.आई. या थाना प्रभारी की सीधे देखरेख में अपने कार्य क्षेत्र में प्रतिदिन भ्रमण करते हुए लोक संपत्तियों को विरूपित होने से हटवायेगा। यदि किसी राजनैतिक दल या चुनाव लड़ने वाले अभ्यर्थी व्दारा किसी निजी संपत्ति को बिना उसके स्वामी के लिखित सहमति के विरूपित किया जाता है तो निजी संपत्ति के स्वामी व्दारा संबंधित थाने में प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराने के बाद लोक संपत्ति सुरक्षा दस्ता निजी संपत्ति को विरूपित होने से बचाने की कार्यवाही करेगा, एवं थाना प्रभारी संबंधित प्रथम सूचना रिपोर्ट के आधार पर विधिवत जांॅच कर सक्षम न्यायालय में चालान प्रस्तुत करेगंे।
इसी प्रकार यदि कोई राजनैतिक दल या चुनाव लड़ने वाले अभ्यर्थी व्दारा किसी शासकीय संपत्ति भवन या परिसर को विरूपित किया जाता है तो कार्यालय प्रमुख का यह दायित्व होगा कि वह संपत्ति विरूपित होने से रोके । यदि उसकी बिना जानकारी में या अनुपस्थिति में संपत्ति विरूपित की जाती है तो कार्यालय प्रमुख संबंधित थाने में प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करायेंगे तथा जिला निर्वाचन अधिकारी या अनुविभागीय दण्डाधिकारी अथवा तहसीलदार को लिखित में सूचना देंगे। थाना प्रभारी लोक संपत्ति विरूपण से संबंधित प्राप्त षिकायतों को एक पंजी में पजीबद्ध करेगे तथा षिकायत की जांॅच कर तथ्य सही पाये जाने पर लोक संपत्ति सुरक्षा दस्ता को आवष्यक कार्यवाही करेगे। थाना प्रभारी उपरोक्त के संबंध में की गई कार्यवाही से संबंधित साप्ताहिक प्रतिवेदन जिला निर्वाचन कार्यालय को भेजंेगे।
क्रमांकः185/मार्च/2014
जिला जनसंपर्क कार्यालय, बुरहानपुर मध्य प्रदेश
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सभी मतदाताओं को फोटोयुक्त मतदाता परिचय पत्र वितरित
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सभी मतदाताओं को फोटोयुक्त मतदाता परिचय पत्र वितरित
जिले में 4.88 लाख से अधिक मतदाता
नाम निर्देशन पत्र सिर्फ खंडवा में भरें जायेगें
उन्होनें बताया कि विधानसभा चुनाव के बाद मतदाता सूची का पुनरीक्षण किया गया हैं। इस दौरान 8 हजार मतदाताओं के नये नाम जोड़े जा चुके हैं। इस समय जिले में कुल 4 लाख 88 हजार मतदाता हैं। जिले में सभी मतदाताओं को फोटोयुक्त मतदाता परिचय पत्र दिये जा चुके हैं। जिले में लिंगानुपात में उल्लेखनीय सुधार आया हैं। जिले में 1000 पुरूषों पर 931 महिला मतदाता हैं। जिले में कुल 548 मतदान केन्द्र हैं। जिले में 883 इवीएम मशीन हैं, जिनकी राजनैतिक दलों के प्रतिनिधियों की मौजदूगी में पहली बार जांच की जा चुकी हैं। जिले में 48 क्रिटिकल मतदान केन्द्र हैं। जिले में पेड न्यूज पर निगरानी के लिये जिला मीडिया प्रमाणन एवं निगरानी समिति का गठन किया जा चुका हैं। जिले में कानून व्यवस्था की दृष्टि से 6 फ्लांइग स्क्वैड का गठन किया गया हैं। जिले में आज से ही संपत्ति विरूपण अधिनियम 1994 लागू कर दिया गया हैं, जिसके तहत शासकीय भवन का उपयोग प्रचार-प्रसार के लिये नहीं किया जा सकता तथा निजी भवन का उपयोग भवन मालिक की अनुमति से ही किया जा सकता हैं।
श्री अवस्थी ने बताया कि लोक प्रतिधिनित्व अधिनियम की धारा 127 के तहत प्रचार सामग्री छापने वाले प्रकाशकों को प्रचार सामग्री के नीचे अपना पता एवं पैम्पलेट की संख्या दर्ज करना अनिवार्य हैं तथा उनकी तीन प्रतियां जिला निर्वाचन कार्यालय में जमा करना पडे़गी। प्रत्याशियों द्वारा निर्देशन पत्र सिर्फ जिला निर्वाचन कार्यालय खंडवा में भरे जायेगें। इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन में मतदान के पूर्व जनप्रतिनिधियों की उपस्थिति में गुलाबी रंग की सील लगायी जाती हैं। सीलिंग के समय बैलेट का टेस्ट पोल होता हैं। इसी प्रकार मतदान से पूर्व इवीएम मॉकपोल भी होता हैं। इवीएम मशीन को उपयोग से पूर्व कई प्रकार की जांच से गुजरना पड़ता हैं। उस पर किसी भी इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस का कोई असर नहीं होता। इवीएम इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस पू्रफ हैं।
इस अवसर पर अपर कलेक्टर श्री प्रकाश चन्द्र रेवाल, चुनाव पर्यवेक्षक श्री सुधीर अत्रे और बड़ी संख्या में इलेक्ट्रॉनिक व प्रिन्ट मीडिया के प्रतिनिधि उपस्थित थे।
क्रमांकः186/मार्च/2014
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