Tuesday, 15 March 2016

JANSAMPARK NEWS 12--3-16

जिला जनसंपर्क कार्यालय, बुरहानपुर म.प्र.

समाचार 

धारवाड़ विधि से तुअर लगाकर अधिक उत्पादन ले किसान भाई-श्री

देवके 

अधिकारियों ने किसानों की सभा में दी योजनाओं की जानकारी

बुरहानपुर/12 मार्च 2016/-  राज्य शासन के निर्देशानुसार प्रत्येक ग्राम पंचायत में किसान सभाओं का आयोजन किया जा रहा है। इस दौरान ग्राम बिरोदा में किसानों को कृृषि से जुड़े महत्वपूर्ण मसलों पर किसानों के साथ चर्चा की गई। इस मौके पर प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, मृदा स्वास्थ्य कार्ड, प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना, मनरेगा में मेरा खेत-मेरी माटी, फसल चक्र परिवर्तन, कृषि वानिकी एवं कृषि उद्यानिकी को बढ़ावा सहित अन्य विषयों पर किसानों को जानकारी दी गई। 
उपसंचालक कृषि श्री एम.एस.देवके ने किसान सभा में प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के बारे में बताया। उन्होनें किसानों को नई फसल बीमा योजना के बारे अवगत कराया। श्री देवके ने कहा कि अब किसानों को प्राकृतिक आपदा की स्थिति में नुकसान होने व अन्य कारणों से फसल क्षति होने पर बीमा योजना से राहत मिलेगी। साथ ही उन्होनें किसानों को बताया कि आगामी खरीफ में तुअर की बोनी धारवाड़ विधि से लगाने की विस्तार पूर्वक जानकारी दी। उन्होनें कहा कि किसान ज्यादा उत्पादन लेने के लिये धारवाड़ विधि अपनाये। इससे किसान कम लागत में अधिक उत्पादन लेकर ज्यादा मुनाफा कमा सकते है। सहकारिता विभाग श्री उमेश जरीवाला ने किसानों को बताया कि विभाग द्वारा किसानों के लिये जो सुविधाऐं दी जा रही है उसका लाभ अवश्य लें। इस अवसर पर जनपद सदस्य प्रकाश लश्करे, आत्मा अध्यक्ष श्री रामदास पाटील, पशु चिकित्सा विभाग राकेश अवासे, के.वी.के.वैज्ञानिक मेघा विभूते, ब्लॉक समन्वयक श्री महेश कुमार खराडे़ एवं अन्य अधिकारी सहित कृषकगण उपस्थित रहे। 

भविष्य की चिंता करके जल संरक्षण के लिये खेत कुंड बनाये 

ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी श्री प्रदीप श्रीमाली ने बताया कि धरती पर जीवन के अस्तित्व को बनाये रखने के लिये जल संरक्षण और बचाव बहुत जरूरी होता है क्योंकि बिना जल के जीवन संभव नहीं है। जिम्मेदार किसान होने के नाते, पानी की कमी के सभी समस्याओं के बारे में हमें अपने आपको जागरुक रहना चाहिये जल संरक्षण के लिये एक-साथ आगे आये। उन्होनें किसानों से अनुरोध किया कि वे अपने-अपने खेत में वर्षा के पूर्व ढलान वाले हिस्से में पानी संग्रहण के लिये कम से कम 15 फीट लंम्बा और 15 फीट चौड़ा तथा 10 फीट गहराई वाला खेत कुंड अवश्य बनाये। जिससे आगामी समय में खेत में सिंचाई तथा भूजल वृद्धि के लिये जल उपलब्ध हो सकें। इससे दो फायदे होगें जल संरक्षण तो होगा साथ ही खेत की मिट्टी भी बचेगी और आस-पास के कुए, ट्यूबवेल भी रिचार्ज होगे। किसान अपने खेत में मेढ़ बंधान, खेत तालाब बनाकर जल संग्रहण कर सकते है। श्री माली ने खेत में बीज एवं खाद देने के लिये हैण्ड डिबलर कैसे काम करता है इसके बारे में किसानों को जानकारी दी। उन्होनें बताया कि किसान अपने खेत में खाद एवं बीज डालने के लिये आसानी से इस यंत्र का उपयोग कर सकते है। फसल का चक्रण अवश्य करें। इससे भूमि की उर्वरा क्षमता बनी रहेगी। 
नोटः- फोटोग्राफ संलग्न



क्र-31/222/सचिन/कृषि/फोटो 

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