महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा न्यूट्रीशन लिटरेसी सेमीनार आयोजित किया गया |
बुरहानपुर | 29-सितम्बर-2017 |
महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा शुक्रवार को पंचवटी होटल में न्यूट्रीशन लिटरेसी सेमीनार आयोजित किया गया। इस अवसर पर विभिन्न विभागों के अधिकारियों ने कुपोषण संबंधी महत्वपूर्ण जानकारियां दी। कार्यशाला में आत्मा परियोजना संचालक श्री राजेश चतुर्वेदी, उद्यानिकी उपसंचालक श्री आर.एन.एस.तोमर, एकीकृत बाल विकास सेवा जिला कार्यक्रम अधिकारी श्री सौरभ सिंह, महिला सशक्तिकरण अधिकारी श्री सुभाष जैन, जिला जनसंपर्क अधिकारी श्री कृष्ण प्रताप सिंह चौधरी सहित सुपरवाईजर व महिला बाल विकास विभाग के अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित थे।
आहार में प्रोटीन एवं फायबर का अधिक मात्रा में उपयोग करें
कार्यशाला को संबोधित करते हुए श्री चतुर्वेदी ने कहा कि, कुपोषण के खिलाफ लड़ाई में बच्चों के साथ माता-पिता को भी लक्षित समूह में रखा जाना चाहिए, क्योंकि यदि माता-पिता ही कुपोषित है, तो बच्चें तो कुपोषित होगे ही। इसलिये माता-पिता को भी जागरूक करने की आवश्यकता है। इन्हें संवदेनशील करने के लिए बार-बार प्रयास करने होंगे। इसके अतिरिक्त जमीनी स्तर पर कार्य कर रही आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं से उनके अनुभवों के आधार पर कुपोषण से लड़ने की कार्ययोजना (रणनीति) अपनाई जा सकती हैं। पोषण आहार में प्रोटीन एवं फायबर का अधिक मात्रा में उपयोग किया जाना चाहिए, जिससें पेट में भोज्य पदार्थो का अवशोषण बढ़ सकें।
स्वस्थ्य बच्चों से ही देश की प्रगति, विकास और समृद्धि संभव होगी
कार्यशाला में श्री तोमर ने कहा कि, शिक्षित लोगों को भी कुपोषण के विषय में जागरूक किया जाना चाहिए। उन्हें भोजन के रूप में कौन-कौन से पदार्थ ग्रहण करना चाहिए कि जिससें उनका और उनके बच्चों का अच्छा शारीरिक एवं मानसिक विकास हो सकें। स्वस्थ्य बच्चों से ही देश की प्रगति, विकास और समृद्धि संभव हो सकती हैं।
जायकेदार भोजन के बजाय संतुलित भोजन करें
कार्यशाला में जिला कार्यक्रम अधिकारी श्री सिंह ने बताया कि, न्यूट्रीशन लिटरेसी सेमीनार का उद्देश्य पोषण विविधता और पोषण जागरूकता को बढ़ावा देना हैं। उन्होंने बताया कि, भोजन में अधिकतर आमजन द्वारा कार्बोहाइड्रेड का ही उपयोग किया जाता है प्रोटीन का नहीं। इनके अलावा हमें रोजाना आहार में सब्जियां, फल, अनाज, दाले, तेल, घी, दूध और दूध से बने खाद्य पदार्थो का सेवन करना चाहिए। आज सिर्फ चटपटा या जायकेदार भोजन पसंद किया जाता है, लेकिन संतुलित आहार नहीं, जिससें बच्चों में कुपोषण होने से बच्चों की वृद्धि और विकास बाधित होती ही हैं। साथ ही वे बीमार भी होते है। बुरहानपुर में कुपोषण के लिये काफी कुछ किये जाने की आवश्यकता है।
हाँ मैनें भी मां का दूध पिया हैं
बच्चें को जन्म के एक घंटे के अंदर मॉ का गाढ़ा पीला दूध पिलाना चाहिए। बच्चों को जन्म से छः माह तक केवल स्तनपान करवाना चाहिए और इसके बाद छः से 8 माह के बच्चों के लिये ऊपरी आहार की शुरूआत करनी चाहिए। श्री सिंह ने कहा कि एनीमिया से लड़ने के लिये विटामिन सी और हरे पत्तेदार सब्जियों का उपयोग करना चाहिए। उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि भोजन पकाते समय विशेष सावधानियां रखनी चाहिए। जैसें सब्जियों को धोकर करके उपयोग करना। |
Tuesday, 3 October 2017
महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा न्यूट्रीशन लिटरेसी सेमीनार आयोजित किया गया
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