प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजनान्तर्गत मिली 2 लाख रूपयें की सहायता राशि
बुरहानपुर | 06-जुलाई-2016
जिले में प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजनान्तर्गत ग्राम खामनी निवासी शेख हफीज को दो लाख रुपये का भुगतान किया गया है। देना बैंक शाहपुर शाखा में शेख रसीद ने 31 जुलाई 2015 को प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना के तहत मात्र 330 रुपये वार्षिक प्रीमियम पर बीमा करवाया था। शेख रसीद की मृत्यु होने पर उनके नामित शेख हफीज को बीमा कंपनी द्वारा बीमा दावा राशि 2 लाख रूपये गत दिवस सौंपी गई।
प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना:- प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजनातर्गत 18 से 50 वर्ष की उम्र तक के योग्य बैंक खाताधारियों को 330 रुपये सालाना के प्रीमियम पर प्राकृतिक रूप से मृत्यु होने पर दो लाख रुपये देने का प्रावधान है। यह बीमा एक साल के लिये होता है। एक साल के बाद अवधि बढ़ाने के लिये खाताधारक को सहमति देनी होती है।
प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजनाः- देश के साथ प्रदेश में भी प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना संचालित है। इसमें केवल 12 रुपये के वार्षिक प्रीमियम पर दो लाख रुपये का बीमा मिलता है। इस बीमा योजना का लाभ 18 से 70 वर्ष की आयु की सभी बैंक खाताधारी योग्य व्यक्तियों को देय है।
प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजनाः- देश के साथ प्रदेश में भी प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना संचालित है। इसमें केवल 12 रुपये के वार्षिक प्रीमियम पर दो लाख रुपये का बीमा मिलता है। इस बीमा योजना का लाभ 18 से 70 वर्ष की आयु की सभी बैंक खाताधारी योग्य व्यक्तियों को देय है।
खरीफ फसल में सोयाबीन उत्पादक किसानों के लिये उपयोगी सलाह | ||||
बुरहानपुर | 06-जुलाई-2016 | ||||
सोयाबीन अनुसंधान एवं विकास प्रणाली द्वारा अनुशंसित तकनीकी के अनुसार सोयाबीन की बौवनी के लिए वर्तमान परिस्थिति में कृषकों को सलाह दी जाती है कि विगत सप्ताह जहां पर सोयाबीन की बौवनी हुई है वहां पर सूखे की स्थिति में सिंचाई फव्वारा या टपक पद्धति से करें जिससे कि सोयाबीन के अंकुरण निश्चित हो सके। उप संचालक कृषि श्री एम.एस.देवके ने बताया कि अंकुरित हो रहे सोयाबीन के बीजपत्र या नवजात पौधों को पक्षियों के चुगने से बचाने के लिये सुबह एवं शाम के समय पक्षियों को उड़ाने की व्यवस्था करें। जिन क्षेत्रों में सोयाबीन की बौवनी नही हुई हैं, विभिन्न रोगों से बचाव विशेषतः पीला मोजेक बीमारी के लिये सुरक्षात्मक तरीके अपनाये। बौवनी के समय सोयाबीन के बीज को अनुशंसित फफूंदनाशक थायरम एवं कार्बेन्डाजिम 2:1 अनुपात में 3 ग्राम प्रति किलोग्राम बीज उपचारित करने के तुरंत बाद अनुशंसित कीटनाशक थायोमिथाक्सन 30 एफ.एस. करने के तुरंत बाद अनुशंसित कीटनाशक थायोमिथाक्सन 30 एफ.एस. 10 मिली लीटर प्रति किलोग्राम बीज या इमीडाक्लोप्रिड 48 एफ.एस. 1.25 मिली लीटर प्रति किलोग्राम बीज से उपचारित करने की सलाह किसानों को दी गई है।
उप संचालक कृषि श्री देवके ने बताया कि रासायनिक फफूंदनाशक थायरम या कार्बेन्डिजम के स्थान पर जैविक फफूंद नाशक ट्रायकोडर्मा विरीडी 8-10 ग्राम प्रति किलोग्राम बीज का उपयोग करने के पश्चात राइजोबियम पी.एस.बी. कल्चर के साथ में उपयोग किया जा सकता है। सोयाबीन की बौवनी के तुरंत बाद एवं सोयाबीन के उगने से पूर्व उपयोगी खरपतवारनाशक पेन्डीमिथलीन 3.25 लीटर प्रति हेक्टर या डायक्लोसुलम 26 ग्राम प्रति हेक्टेर की दर से किसी एक खरपतवार नाशक दवाई का उपयोग कर खरपतवार का प्रबंधन आसानी से कर सकते है।
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