जिला जनसंपर्क कार्यालय, बुरहानपुर म.प्र.
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दस्त प्रबन्धन पर आंगनवाड़ी पर्यवेक्षकों की एक दिवसीय कार्यषाला का आयोजन
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दस्त प्रबन्धन पर आंगनवाड़ी पर्यवेक्षकों की एक दिवसीय कार्यषाला का आयोजन
बुरहानपुर 10 जुलाई/ जिला मुख्यालय पर ‘‘आओ मिलकर पायें दस्त पर जीत‘‘ विषयक
कार्यशाला में विभागीय मैदानी अमले को प्रशिक्षित किया गया।
यह प्रशिक्षण डायरिया प्रबंधन पर आधारित था। एकीकृत बाल विकास सेवा विभाग के तत्वावधान में एवं क्लिंटन फाउंडेशन के सहयोग से प्रशिक्षण वास्तु शिल्प गेस्ट हाउस में संपन्न हुआ।
यह जानकारी जिला कार्यक्रम अधिकारी श्री अब्दुल गफ्फार खान ने दी। उन्होनें बताया कि इस दौरान दस्त से बच्चों का शारीरिक एवं मानसिक विकास बाधित होता है। साथ ही यह विकार जानलेवा भी हो सकता है। अतः दस्त से बचाव ओर त्वरित प्रबंधन बहुत आवश्यक है। यह तकनीक सभी जमीनी कार्यकर्ताओं को होनी चाहिए। प्रशिक्षण में आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं, पर्यवेक्षकों एवं परियोजना अधिकारियों को डायरिया नियंत्रण की तकनीक अवगत करायी गयी। यह तकनीक क्लिंटन फाउन्डेशन के सहयोग से संचालित है। इसके लिये श्री जोस सूल, राज्य कार्यक्रम प्रबंधक, क्लिंटन फाउन्डेशन भोपाल से दूरभाष नंबर 0755-4014000 या मोबाइल 9977001874 या उनके ईमेल पते jpayyappilly@clintonhealthaccess.org पर संपर्क कर सकते है।
उक्त प्रशिक्षण के दौरान ही सभी पर्यवेक्षकों को उनके प्रभार के आंगनवाड़ी केन्द्रों के लिये परामर्श पुस्तिका की प्रतियां भेजी गयी है। प्रशिक्षित पर्यवेक्षक, सेक्टर स्तर पर क्लिंटन फाउन्डेशन के सहयोग से आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित कर यह परामर्श पुस्तिका उपलब्ध कराऐगें। परामर्श पुस्तिका ‘‘आओ मिलकर पाएं दस्त पर जीत‘ का उपयोग सुपोषण अभियान के तहत लक्षित परामर्श सत्र-तृतीय माह के दूसरे एवं तीसरे मंगलवार के दौरान किया जाएगा। मैदानी अमला साथ ही गृहभेंट के दौरान भी इसका उपयोग जानकारी देने में करेगें।
उन्होनें दस्त के कारण पहचान लक्षण बताते हुए कहा की संयुक्त प्रणाली के माध्यम से ग्राम में ही आषा और आंगनवाड़ी कार्यकर्ता द्वारा दस्त रोग ठीक किया जा सकता है और षिषु मृत्यु को रोका जा सकता है। 10-15 प्रतिषत मृत्यु का कारण निर्जलीकरण है, जिसे इस संयुक्त प्रणाली द्वारा ठीक किया जा सकता है।
जिला कार्यक्रम अधिकारी श्री खान द्वारा जिंक और ओ आर एस को प्रभावी रूप से लागू करने के बारे मे पर्यवेक्षकों को निर्देष दिये और सुपोषण अभियान में भी इसका उपयोग किये जाने संबंधी जानकारी दी गई एवं आंगनवाड़ी केन्दों में न्यूट्री कार्नर और बच्चों की हाथ धुलाई की व्यवस्था के बारें में जानकारी दी। कार्यषाला के दौरान सुपोषण प्रार्थना गीत स्वास्थ्य के लिए प्रार्थना गीत, दस्तनाषक भजन गाकर एवं अभिनय करके जनसमुदाय को अवगत कराने के बारें में रोचक प्रकार से प्रतिभागीयों को सिखाया गया।
कार्याषाला में जिला महिला सषक्तिकरण अधिकारी सुश्री नीलम चौहान, परियोजना अधिकारी श्रीमती चन्द्रकांता वर्मा, श्री महेष मेहरा, श्री संदीप देवल, श्री मोहन जोषी, भोपाल एम. पी. वालेंटरी हेल्थ आर्गनाईजेषन से राहूल राजपूत रीजनल कोर्डिनेटर एवं समस्त पर्यवेक्षक उपस्थित थे।
यह प्रशिक्षण डायरिया प्रबंधन पर आधारित था। एकीकृत बाल विकास सेवा विभाग के तत्वावधान में एवं क्लिंटन फाउंडेशन के सहयोग से प्रशिक्षण वास्तु शिल्प गेस्ट हाउस में संपन्न हुआ।
यह जानकारी जिला कार्यक्रम अधिकारी श्री अब्दुल गफ्फार खान ने दी। उन्होनें बताया कि इस दौरान दस्त से बच्चों का शारीरिक एवं मानसिक विकास बाधित होता है। साथ ही यह विकार जानलेवा भी हो सकता है। अतः दस्त से बचाव ओर त्वरित प्रबंधन बहुत आवश्यक है। यह तकनीक सभी जमीनी कार्यकर्ताओं को होनी चाहिए। प्रशिक्षण में आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं, पर्यवेक्षकों एवं परियोजना अधिकारियों को डायरिया नियंत्रण की तकनीक अवगत करायी गयी। यह तकनीक क्लिंटन फाउन्डेशन के सहयोग से संचालित है। इसके लिये श्री जोस सूल, राज्य कार्यक्रम प्रबंधक, क्लिंटन फाउन्डेशन भोपाल से दूरभाष नंबर 0755-4014000 या मोबाइल 9977001874 या उनके ईमेल पते jpayyappilly@clintonhealthaccess.org पर संपर्क कर सकते है।
उक्त प्रशिक्षण के दौरान ही सभी पर्यवेक्षकों को उनके प्रभार के आंगनवाड़ी केन्द्रों के लिये परामर्श पुस्तिका की प्रतियां भेजी गयी है। प्रशिक्षित पर्यवेक्षक, सेक्टर स्तर पर क्लिंटन फाउन्डेशन के सहयोग से आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित कर यह परामर्श पुस्तिका उपलब्ध कराऐगें। परामर्श पुस्तिका ‘‘आओ मिलकर पाएं दस्त पर जीत‘ का उपयोग सुपोषण अभियान के तहत लक्षित परामर्श सत्र-तृतीय माह के दूसरे एवं तीसरे मंगलवार के दौरान किया जाएगा। मैदानी अमला साथ ही गृहभेंट के दौरान भी इसका उपयोग जानकारी देने में करेगें।
उन्होनें दस्त के कारण पहचान लक्षण बताते हुए कहा की संयुक्त प्रणाली के माध्यम से ग्राम में ही आषा और आंगनवाड़ी कार्यकर्ता द्वारा दस्त रोग ठीक किया जा सकता है और षिषु मृत्यु को रोका जा सकता है। 10-15 प्रतिषत मृत्यु का कारण निर्जलीकरण है, जिसे इस संयुक्त प्रणाली द्वारा ठीक किया जा सकता है।
जिला कार्यक्रम अधिकारी श्री खान द्वारा जिंक और ओ आर एस को प्रभावी रूप से लागू करने के बारे मे पर्यवेक्षकों को निर्देष दिये और सुपोषण अभियान में भी इसका उपयोग किये जाने संबंधी जानकारी दी गई एवं आंगनवाड़ी केन्दों में न्यूट्री कार्नर और बच्चों की हाथ धुलाई की व्यवस्था के बारें में जानकारी दी। कार्यषाला के दौरान सुपोषण प्रार्थना गीत स्वास्थ्य के लिए प्रार्थना गीत, दस्तनाषक भजन गाकर एवं अभिनय करके जनसमुदाय को अवगत कराने के बारें में रोचक प्रकार से प्रतिभागीयों को सिखाया गया।
कार्याषाला में जिला महिला सषक्तिकरण अधिकारी सुश्री नीलम चौहान, परियोजना अधिकारी श्रीमती चन्द्रकांता वर्मा, श्री महेष मेहरा, श्री संदीप देवल, श्री मोहन जोषी, भोपाल एम. पी. वालेंटरी हेल्थ आर्गनाईजेषन से राहूल राजपूत रीजनल कोर्डिनेटर एवं समस्त पर्यवेक्षक उपस्थित थे।
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भूतपूर्व सैनिक मासिक सम्मेलन 10 जुलाई को
बुरहानपुर
/10 जुलाई/ जिला मुख्यालय पर भूतपूर्व सैनिक मासिक सम्मेलन लोक निर्माण
विभाग के रेस्ट हाउस में आयोजित किया है। यह सम्मेलन 10 जुलाई को दोपहर 12
बजे से प्रारंभ होगा। इस सम्मेलन में बुरहानपुर जिले के निवासरत् भूतपूर्व
सैनिको/उनकी विधवाओं एवं उनके आश्रितों की समस्याओं का समाधान किया जायेगा।
यह आयोजन जिला सैनिक कल्याण अधिकारी खण्डवा द्वारा आयोजित किया जा रहा है। इस दौरान शासन की महत्वपूर्ण योजनाओं/रोजगार संबंधी जानकारी भी प्रदान की जावेगी। संबंधितजन अधिक से अधिक संख्या में उपस्थित होवे।
यह आयोजन जिला सैनिक कल्याण अधिकारी खण्डवा द्वारा आयोजित किया जा रहा है। इस दौरान शासन की महत्वपूर्ण योजनाओं/रोजगार संबंधी जानकारी भी प्रदान की जावेगी। संबंधितजन अधिक से अधिक संख्या में उपस्थित होवे।
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आत्म निर्भरता को मिला बल
आत्म निर्भरता को मिला बल
(सफलता की कहानी)
बुरहानपुर /10 जुलाई/ मुख्यमंत्री अनुसूचित जाति आर्थिक विकास योजना से
सुपड़ु पिता गोविंदा की पारिवारिक स्थिति में बेहतर सुधार हुआ है। उसने इस
योजना से लाभान्वित होकर अपना पसंदीदा टेन्ट हाऊस का व्यवसाय शुरू किया। इस
योजना के बलबूते वह आत्मनिर्भर हो गया है।
बुरहानपुर जिले में सारोला ग्राम निवासी सुपड़ु ने मुख्यमंत्री अनुसूचित जाति आर्थिक विकास योजना से तीन लाख रूपये ऋण सुविधा अर्जित की है। शासन की इस योजना से उसको 90 हजार रूपये का अनुदान भी प्राप्त हुआ है। जो ऋण सुविधा की 30 प्रतिशत राशि में शामिल है। अनुसूचित जाति के गरीब को उक्त अनुदान सहायता से व्यवसायिक कारोबार को चलाने में काफी राहत मिली है।
जिला अंत्यावसायी सहकारी विकास समिति द्वारा संचालित योजनान्तर्गत सुपड़ु ने लाभ प्राप्त किया है। माह मार्च, 2014 में ऋण सुविधा स्वीकृत हुई। इस आर्थिक सुविधा से उसने अपने मकान में टेन्ट हाऊस की दुकान प्रारंभ की। ग्राम में टेन्ट हाउस की अन्य कोई दुकान नहीं होने से। उसकी टेन्ट की दुकान अच्छी चल रही है। चूंकि ग्रामवासियों को टेन्ट हाउस के लिये अन्यत्र शहर गांव जाना पड़ता था। जिससे ग्रामवासियों को धन व समय भी अधिक लगता और अन्य परेशानियां भी उठानी पड़ती थी। ग्राम में ही टेन्ट हाउस की दुकान खुलने से ग्रामीणों को अब सामाजिक, सांस्कृतिक तथा अन्य त्यौहारों, उत्सवों आयोजनों के लिये सामग्री मिलने लगी हैं। सुपड़ु का व्यवसाय भी अच्छा चलने लगा है। वह सीजन में 25 हजार से 30 हजार रूपये तक कमाने लगा है। ग्राम में ही बंद सीजन में वह 8 से 10 हजार रूपये तक टेन्ट व्यवसाय से कमाई कर लेता है। उसने बैंक ऑफ इंडिया डोईफोड़िया से योजना के तहत ऋण लिया है। जिसकी किश्त 6 हजार 200 रूपये प्रतिमाह बैंक को जमा कर देता है। सुपड़ु ने कभी सोचा भी नहीं था। यह अजूबा उसकी जिंदगी में होगा। कि वह टेन्ट हाउस का मालिक बन जायेगा। मजदूरी करके किसी तरह अपने परिवार का पालन-पोषण कर रहा था। पहले वह टेन्ट हाउस कार्य में मजदूरी करता था। उसे इस व्यवसाय का अच्छा ज्ञान रहा। किन्तु धन अभाव के वजह से उसके लिये लाखो रूपये संकलित करना नामुमकिन था। लेकिन मुख्यमंत्री अनुसूचित जाति आर्थिक विकास योजना ने नामुमकिन को मुमकिन कर दिखाया। आज अनुसूचित जाति गरीब मजदूर स्वयं का व्यवसाय करने लगा है। वह इस व्यवसाय में दो-तीन लोगों को भी रोजगार देने लगा है। वह 200 रूपये प्रतिदिन व मजदूर के मान से रोजगार दे रहा है। आज सुपडु़ को किसी सहारे की जरूरत नही है। वह अपने पैरों पर खड़ा हो गया हैं। अब उसका परिवार बेहद खुशहाल है।
बुरहानपुर जिले में सारोला ग्राम निवासी सुपड़ु ने मुख्यमंत्री अनुसूचित जाति आर्थिक विकास योजना से तीन लाख रूपये ऋण सुविधा अर्जित की है। शासन की इस योजना से उसको 90 हजार रूपये का अनुदान भी प्राप्त हुआ है। जो ऋण सुविधा की 30 प्रतिशत राशि में शामिल है। अनुसूचित जाति के गरीब को उक्त अनुदान सहायता से व्यवसायिक कारोबार को चलाने में काफी राहत मिली है।
जिला अंत्यावसायी सहकारी विकास समिति द्वारा संचालित योजनान्तर्गत सुपड़ु ने लाभ प्राप्त किया है। माह मार्च, 2014 में ऋण सुविधा स्वीकृत हुई। इस आर्थिक सुविधा से उसने अपने मकान में टेन्ट हाऊस की दुकान प्रारंभ की। ग्राम में टेन्ट हाउस की अन्य कोई दुकान नहीं होने से। उसकी टेन्ट की दुकान अच्छी चल रही है। चूंकि ग्रामवासियों को टेन्ट हाउस के लिये अन्यत्र शहर गांव जाना पड़ता था। जिससे ग्रामवासियों को धन व समय भी अधिक लगता और अन्य परेशानियां भी उठानी पड़ती थी। ग्राम में ही टेन्ट हाउस की दुकान खुलने से ग्रामीणों को अब सामाजिक, सांस्कृतिक तथा अन्य त्यौहारों, उत्सवों आयोजनों के लिये सामग्री मिलने लगी हैं। सुपड़ु का व्यवसाय भी अच्छा चलने लगा है। वह सीजन में 25 हजार से 30 हजार रूपये तक कमाने लगा है। ग्राम में ही बंद सीजन में वह 8 से 10 हजार रूपये तक टेन्ट व्यवसाय से कमाई कर लेता है। उसने बैंक ऑफ इंडिया डोईफोड़िया से योजना के तहत ऋण लिया है। जिसकी किश्त 6 हजार 200 रूपये प्रतिमाह बैंक को जमा कर देता है। सुपड़ु ने कभी सोचा भी नहीं था। यह अजूबा उसकी जिंदगी में होगा। कि वह टेन्ट हाउस का मालिक बन जायेगा। मजदूरी करके किसी तरह अपने परिवार का पालन-पोषण कर रहा था। पहले वह टेन्ट हाउस कार्य में मजदूरी करता था। उसे इस व्यवसाय का अच्छा ज्ञान रहा। किन्तु धन अभाव के वजह से उसके लिये लाखो रूपये संकलित करना नामुमकिन था। लेकिन मुख्यमंत्री अनुसूचित जाति आर्थिक विकास योजना ने नामुमकिन को मुमकिन कर दिखाया। आज अनुसूचित जाति गरीब मजदूर स्वयं का व्यवसाय करने लगा है। वह इस व्यवसाय में दो-तीन लोगों को भी रोजगार देने लगा है। वह 200 रूपये प्रतिदिन व मजदूर के मान से रोजगार दे रहा है। आज सुपडु़ को किसी सहारे की जरूरत नही है। वह अपने पैरों पर खड़ा हो गया हैं। अब उसका परिवार बेहद खुशहाल है।
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