जिला जनसंपर्क कार्यालय, बुरहानपुर म.प्र.
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स्थानीय आम निर्वाचन में फोटोयुक्त निर्वाचन नामावली व इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन का उपयोग सुनिश्चित
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स्थानीय आम निर्वाचन में फोटोयुक्त निर्वाचन नामावली व इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन का उपयोग सुनिश्चित
बुरहानपुर
/31 जुलाई/मध्य प्रदेश राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा जिले में स्थानीय
निकायों के आम निर्वाचन प्रथम बार फोटो युक्त निर्वाचक नामावली तथा
इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीनों के माध्यम से संपन्न कराये जायेगें। आयोग
द्वारा निर्वाचक नामावलियों में शत््-प्रतिशत मतदाताओं के नाम सम्मिलित किए
जाने और मतदाताओं को प्रेरित करने हेतु निर्देश दिये गये है। इसके साथ ही
इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीनों के व्यापक प्रचार-प्रसार भी कराया जाना
सुनिश्चित किया गया है।
कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी श्री आशुतोष अवस्थी ने उक्त जानकारी दी। उन्होनें बताया कि इस हेतु शासकीय विभागों, सार्वजनिक क्षेत्रों के उपक्रमों, मीडिया एवं अन्य प्रचार-प्रसार माध्यमों की सहभागिता और गैर सरकारी संगठनों, सामाजिक संगठनों एवं निजी प्रतिष्ठानों एवं राजनैतिक दलों का सक्रिय सहयोग अपेक्षित है। उक्त कार्यान्वयन के लिये चरणबद्ध कार्यक्रम आयोग से प्राप्त हुआ है।
आयोग के निर्देशों के परिपालन में जिले में 5 अगस्त तक जिला स्तरीय सभी संबंधित शासकीय विभाग प्रमुखों की बैठक आयोजित होगी। स्थानीय निर्वाचन की कार्यवाही की जानकारी प्रदाय करने विभागीय दायित्वों का निर्धारण किया जाना है। इसी प्रकार से 10 अगस्त से पहले सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों, व्यवसायिक प्रतिष्ठानों एवं अनुसूचित बैंको के स्थानीय प्रतिनिधियों के साथ बैठक कर मतदाता जागरूकता अभियान से संबंधित सूचनाएं एवं जानकारी प्रदान की जाएगी।
इसी अवधि तक विकासखण्डवार मैदानी अमले का प्रशिक्षण, प्रचार-प्रसार गतिविधियों के निर्देश जारी किये जायेगे। मैदानी अमले को कार्य दायित्व सौंपना है।
15 अगस्त तक गैर सरकारी संगठनों, सामाजिक संगठनों एवं निजी प्रतिष्ठानों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक एवं सूचनाओं व जानकारी प्रदाय की जायेगी। जिले में 1 सितम्बर से 15 सितम्बर तक जिला स्तर पर प्रमुख राजनैतिक दलों के प्रमुख, जिलाध्यक्ष, संसद सदस्य, विधानसभा सदस्य आदि के साथ बैठक आयोजित होगी। विकासखण्ड स्तर पर प्रमुख राजनैतिक दलों के प्रमुख विकासखण्ड स्तरीय प्रतिनिधियों आदि के साथ बैठक का आयोजन किया जायेगा। स्थानीय प्रिंट मीडिया, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया, कैबल ऑपरेटर्स, सिनेमा आपॅरेटर्स, क्षेत्रीय न्यूज चैनल्स आदि के प्रतिनिधियों के साथ बैठक आयोजित कर स्थानीय निर्वाचन की गतिविधियों की जानकारी दी जायेगी।
कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी श्री आशुतोष अवस्थी ने उक्त जानकारी दी। उन्होनें बताया कि इस हेतु शासकीय विभागों, सार्वजनिक क्षेत्रों के उपक्रमों, मीडिया एवं अन्य प्रचार-प्रसार माध्यमों की सहभागिता और गैर सरकारी संगठनों, सामाजिक संगठनों एवं निजी प्रतिष्ठानों एवं राजनैतिक दलों का सक्रिय सहयोग अपेक्षित है। उक्त कार्यान्वयन के लिये चरणबद्ध कार्यक्रम आयोग से प्राप्त हुआ है।
आयोग के निर्देशों के परिपालन में जिले में 5 अगस्त तक जिला स्तरीय सभी संबंधित शासकीय विभाग प्रमुखों की बैठक आयोजित होगी। स्थानीय निर्वाचन की कार्यवाही की जानकारी प्रदाय करने विभागीय दायित्वों का निर्धारण किया जाना है। इसी प्रकार से 10 अगस्त से पहले सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों, व्यवसायिक प्रतिष्ठानों एवं अनुसूचित बैंको के स्थानीय प्रतिनिधियों के साथ बैठक कर मतदाता जागरूकता अभियान से संबंधित सूचनाएं एवं जानकारी प्रदान की जाएगी।
इसी अवधि तक विकासखण्डवार मैदानी अमले का प्रशिक्षण, प्रचार-प्रसार गतिविधियों के निर्देश जारी किये जायेगे। मैदानी अमले को कार्य दायित्व सौंपना है।
15 अगस्त तक गैर सरकारी संगठनों, सामाजिक संगठनों एवं निजी प्रतिष्ठानों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक एवं सूचनाओं व जानकारी प्रदाय की जायेगी। जिले में 1 सितम्बर से 15 सितम्बर तक जिला स्तर पर प्रमुख राजनैतिक दलों के प्रमुख, जिलाध्यक्ष, संसद सदस्य, विधानसभा सदस्य आदि के साथ बैठक आयोजित होगी। विकासखण्ड स्तर पर प्रमुख राजनैतिक दलों के प्रमुख विकासखण्ड स्तरीय प्रतिनिधियों आदि के साथ बैठक का आयोजन किया जायेगा। स्थानीय प्रिंट मीडिया, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया, कैबल ऑपरेटर्स, सिनेमा आपॅरेटर्स, क्षेत्रीय न्यूज चैनल्स आदि के प्रतिनिधियों के साथ बैठक आयोजित कर स्थानीय निर्वाचन की गतिविधियों की जानकारी दी जायेगी।
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किसानों ने भ्रमण कर नई तकनीक सीखी
किसानों ने भ्रमण कर नई तकनीक सीखी
बुरहानपुर
/31 जुलाई/ भारत सरकार कृषि एवं सहकारीता विभाग नई दिल्ली में 25 जूलाई से
27 जुलाई को आयोजित हुए 10 वें अन्तराष्ट्रीय एग्री-हार्टी एक्स्पो 2014
संपन्न हुआ। इसमें जिले के किसानों ने कृषि एवं उद्यानिकी की नवीनतम तकनीक
एवं कृषि यंत्रों की जानकारी प्राप्त की। साथ ही वैज्ञानिको से रूबरू होकर
परिचर्चा की।
कृषि मंत्री गौरीशंकर बिसेन ने इस कार्यक्रम में भाग लेने वाले बुरहानपुर (आत्मा) विषय वस्तु विशेषज्ञ श्री विशाल पाटीदार और किसानों को एक्स्पो में सहभागिता प्रमाण पत्र प्रदान किये गये है।
उपसंचालक आत्मा श्री राजेश चतुर्वेदी ने उक्त कार्यक्रम की जानकारी दी। उन्होनें बताया कि माननीय मंत्रीजी का एक्स्पों सहभागिता प्रमाण-पत्र वितरण कार्यक्रम 26 जूलाई को आयोजित किया गया था। एक्स्पों में बुरहानपुर जिले के विकासखण्ड खकनार के पांच किसानों को आत्मा योजनान्तर्गत तकनीकि अर्जित कराई गयी है। इस कार्यक्रम का आयोजन दिल्ली के प्रगति मैदान में हुआ। विभाग द्वारा राज्य के बाहर भ्रमण कार्यक्रम के माध्यम से विषय वस्तु विशेषज्ञ श्री विशाल पाटीदार के प्रभार संरक्षण में किसानों का 5 सदस्यीय दल भेजा गया था।
कृषि मंत्री गौरीशंकर बिसेन ने इस कार्यक्रम में भाग लेने वाले बुरहानपुर (आत्मा) विषय वस्तु विशेषज्ञ श्री विशाल पाटीदार और किसानों को एक्स्पो में सहभागिता प्रमाण पत्र प्रदान किये गये है।
उपसंचालक आत्मा श्री राजेश चतुर्वेदी ने उक्त कार्यक्रम की जानकारी दी। उन्होनें बताया कि माननीय मंत्रीजी का एक्स्पों सहभागिता प्रमाण-पत्र वितरण कार्यक्रम 26 जूलाई को आयोजित किया गया था। एक्स्पों में बुरहानपुर जिले के विकासखण्ड खकनार के पांच किसानों को आत्मा योजनान्तर्गत तकनीकि अर्जित कराई गयी है। इस कार्यक्रम का आयोजन दिल्ली के प्रगति मैदान में हुआ। विभाग द्वारा राज्य के बाहर भ्रमण कार्यक्रम के माध्यम से विषय वस्तु विशेषज्ञ श्री विशाल पाटीदार के प्रभार संरक्षण में किसानों का 5 सदस्यीय दल भेजा गया था।
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डेंगू बीमारी से बचाव के लिए मीडिया एडवोकेसी संपन्न
डेंगू बीमारी से बचाव के लिए मीडिया एडवोकेसी संपन्न
बुरहानपुर /31 जुलाई/ किसी प्रकार का बुखार होने पर तत्काल चिकित्सक से
संपर्क कर जाँच व उपचार कराये। डेंगू बुखार एक वायरस की वजह से होता है। इस
वायरस का वर्तमान में कोई भी इलाज नहीं है। इस बीमारी के अभी तक टीके भी
ईजाद नहीं हुए है। इसलिए मरीज में बीमारी के जो-जो लक्षण दिखाई देते है।
उसी अनुसार मरीज का उपचार किया जाता है। मरीज को सेलिसिलेट व एस्प्रिन गोली
का सेवन नहीं करना चाहिए। पैरासिटामोल गोली का सेवन किया जा सकता है।
किन्तु मरीज को उपचार डॉक्टर के परामर्श से ही लेना आवश्यक है।
यह जानकारी आज लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण विभाग के सौजन्य से जिला मलेरिया उन्मूलन विभाग द्वारा एंटी डेंगू विषयक मीडिया एडवोकेसी में दी गयी। मलेरिया अधिकारी ने माह जुलाई के अंर्तगत जिला स्तरीय प्रिन्ट मीडिया एवं इलेक्ट्रानिक मीडिया के संवाददाताआंे की एक दिवसीय मीडिया एडवोकेसी एवं सामाजिक जुड़ाव कार्यषाला में डेंगू से बचाव के लिए जनहित में विस्तृृत जानकारी उपलब्ध करायी।
जिसमें जिला नोडल मलेरिया अधिकारी ने मीडिया को अवगत कराया कि डेंगू बुखार न फैले इस हेतु आमजन को सतर्क रहने की आवश्यकता है। डेंगू बुखार के संबंध में विस्तार से जानकारी रखना बहुत जरूरी है। यह बुखार एक प्रकार के वायरस जिसे ‘‘ डेन वायरस भी कहते है। उक्त वजह से होता है। एक बार शरीर में वायरस के प्रवेश करने के बाद डेंगू बुखार के लक्षण सामान्यतः 5 से 6 दिन के पश्चात मालूम पड़ते है। डेंगू बुखार का वायरस एडीज नामक मच्छर के काटने से होता है। यह बीमारी रोगी व्यक्ति से स्वस्थ व्यक्ति में फैलती है। यह मच्छर दिन के समय काटता है। मच्छर के शरीर में एक बार वायरस के पहुंचने के पश्चात यह पूरी जिन्दगी बीमारी फैलाने में सक्षम होता है।
डेंगू बीमारी के लक्षण
सामान्यतः बुखार 102 से 104 डिग्री फेरनहीट, जो लगातार 2 से 7 दिन की अवधि तक रहता है। बुखार के साथ-साथ यदि निम्नलिखित लक्षणों मंे से 2 या 2 से अधिक लक्षण मिलते है। तो वह डेंगू का संभावित मरीज हो सकता है। तेज सिरदर्द होना, आंखों के आसपास दर्द होना, मांसपेशियांें में दर्द होना, जोड़ों में दर्द, शरीर पर चकत्ते बनना। यदि उक्त लक्षण के साथ-साथ मसूड़ों से अथवा आंतो से रक्तस्त्राव हो होना अथवा खून में प्लेटलेट का कम होना लक्षण पाये जाते है। तो यह गंभीर प्रकार का डेंगू बुखार हो सकता है। जो स्वास्थ्य के लिये घातक भी है। ऐसी स्थिति में तत्काल अस्पताल में इलाज कराना चाहिए।
मच्छरों को पनपने नहीं देवे
एडवोकेसी में अधिकारियों ने मीडिया को बताया कि मच्छरो से बचाव को प्राथमिकता दी जावे। सभी व्यक्ति अपने घरों में पानी कंटेनर में 5-7 दिन से ज्यादा रखने लगे है। ये कंटनेर सीमेंट की टंकी, प्लास्टिक की टंकी, पानी का हौद, नांद, मटका, घरों में रखे हुए फूलदान, जिसमें अक्सर मनी प्लांट लगाते है। पशुओं के पानी पीने के स्थान, टायर, टूटे-फूटे सामान, जिनमें बारिश का पानी जमा होता रहता है। उसमें ही एडीज मच्छर पैदा होते है। बहुधा देखा गया है कि ये कंटेनर ढंके हुए नहीं रहते है। जिससे मच्छर इनमें पैदा होते रहते है। यदि हम इन कंटेनर में भरे हुए पानी को गौर से देखें तो इनमें कुछ कीडे़ उपर-नीचे चलते हुए दिखाई देते है। ये ही कीडे़ मच्छर बनते है। इन कीड़ों से मच्छर बनते है और मच्छर से ही डेंगू बीमारी फैलती है। अतः उक्त सामग्री स्थानों में पानी जमा नहीं होने दे। कूलर आदि में भी पानी भरा नहीं रहने दे। आमजन को सलाह दी जाती है कि उपरोक्त बातों का हमेशा ध्यान रखें। मच्छरों से बचाव भी डेंगू बीमारी का इलाज है। अतः स्वस्थ्य रहने के लिए इन कीड़ों को नष्ट करना बहुत जरूरी हैं।
लार्वा कीड़ों को नष्ट करें
लार्वा पानी में पनपते है। इसलिये इन सभी कंटेनर, पानी रखने के मटके, ड्रम, टंकी, होद प्रत्येक सप्ताह में एक बार सफाई करना चाहिए। इनमें से पानी की पूरी निकासी कर दे। पीने के पानी व अन्य निस्तार पानी साफ करके फिर से पानी भरें। इन सभी कंटेनर को इस प्रकार से ढंककर रखें। जिससे इनमें मच्छर प्रवेश नहीं कर सकें। और अण्डे भी नहीं दे सकें। लार्वा अर्थात मच्छर के कीडे़ स्पष्ट दिखाई देते है। इसलिए इन्हें चाय की छन्नी से भी निकाला जा सकता है। ये कीडे़ पानी से बाहर निकालने के बाद स्वतः मर जाते है। इस प्रकार का अभियान अपने घर में चलाकर मच्छरों को पैदा होने से रोका जा सकता है। लार्वा कीड़ों को नष्ट करना बहुत ही जरूरी है।
मच्छर से बचाव कैसें करें
पेराथ्रम नाम की दवाई को केरोसिन में मिलाकर छिड़कने से मच्छर मर जाते है। जो दवाई स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के पास उपलब्ध है। मच्छरों के काटने से बचाव के लिए कई उपाय किए जा सकते हैं। इसके लिए जैसे पूरी बांह के कपडे़ पहने, पूरा शरीर ढंककर रखें, मच्छरदानी में सोएं, नीम की पत्ती का धुआं घर में करेेे। खिड़की-दरवाजों में मच्छरप्रूफ जाली अवश्य लगायें। जिससे मच्छरों से बचाव किया जा सके।
डेंगू बीमारी का निदान
डेंगू की जांच हेतु रक्त के नमूने राष्ट्रीय संचारी रोग संस्थान, दिल्ली तथा राष्ट्रीय विषाणु रोग संस्थान, पूणे भेजे जाते हैं। वहीं नमूनों की जाँच होती है। आजकल जाँच हेतु रेपिड डाइग्नोस्टिक किट भी उपलब्ध हो रहे है।
क्या यह घात है
सामान्यतः 80 से 90 प्रतिशत मरीज 5 से 7 दिनों में स्वस्थ्य हो जाते है। यदि हेमोरेजिक डेंगू फीवर होता है। तो वह घातक हो सकता है। मीडिया प्रतिनिधियों ने इस बीमारी पर अनेक संवाद किये। जिनका नोडल अधिकारी ने तकनीकि जानकारी उपलब्ध कराई। अंतिम संवाद में पूछा गया कि क्यां यह रोग बार-बार हो सकता है। जवाब में जी हां इसके एक बार से ज्यादा होने की संभावना रहती है। इसलिए पूर्णरूप से आमजन को मच्छरों से बचाव करना चाहिए। ऐसी स्थिति में चिकित्सक की सलाह पर ही उपचार लेना जरूरी है।
यह जानकारी आज लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण विभाग के सौजन्य से जिला मलेरिया उन्मूलन विभाग द्वारा एंटी डेंगू विषयक मीडिया एडवोकेसी में दी गयी। मलेरिया अधिकारी ने माह जुलाई के अंर्तगत जिला स्तरीय प्रिन्ट मीडिया एवं इलेक्ट्रानिक मीडिया के संवाददाताआंे की एक दिवसीय मीडिया एडवोकेसी एवं सामाजिक जुड़ाव कार्यषाला में डेंगू से बचाव के लिए जनहित में विस्तृृत जानकारी उपलब्ध करायी।
जिसमें जिला नोडल मलेरिया अधिकारी ने मीडिया को अवगत कराया कि डेंगू बुखार न फैले इस हेतु आमजन को सतर्क रहने की आवश्यकता है। डेंगू बुखार के संबंध में विस्तार से जानकारी रखना बहुत जरूरी है। यह बुखार एक प्रकार के वायरस जिसे ‘‘ डेन वायरस भी कहते है। उक्त वजह से होता है। एक बार शरीर में वायरस के प्रवेश करने के बाद डेंगू बुखार के लक्षण सामान्यतः 5 से 6 दिन के पश्चात मालूम पड़ते है। डेंगू बुखार का वायरस एडीज नामक मच्छर के काटने से होता है। यह बीमारी रोगी व्यक्ति से स्वस्थ व्यक्ति में फैलती है। यह मच्छर दिन के समय काटता है। मच्छर के शरीर में एक बार वायरस के पहुंचने के पश्चात यह पूरी जिन्दगी बीमारी फैलाने में सक्षम होता है।
डेंगू बीमारी के लक्षण
सामान्यतः बुखार 102 से 104 डिग्री फेरनहीट, जो लगातार 2 से 7 दिन की अवधि तक रहता है। बुखार के साथ-साथ यदि निम्नलिखित लक्षणों मंे से 2 या 2 से अधिक लक्षण मिलते है। तो वह डेंगू का संभावित मरीज हो सकता है। तेज सिरदर्द होना, आंखों के आसपास दर्द होना, मांसपेशियांें में दर्द होना, जोड़ों में दर्द, शरीर पर चकत्ते बनना। यदि उक्त लक्षण के साथ-साथ मसूड़ों से अथवा आंतो से रक्तस्त्राव हो होना अथवा खून में प्लेटलेट का कम होना लक्षण पाये जाते है। तो यह गंभीर प्रकार का डेंगू बुखार हो सकता है। जो स्वास्थ्य के लिये घातक भी है। ऐसी स्थिति में तत्काल अस्पताल में इलाज कराना चाहिए।
मच्छरों को पनपने नहीं देवे
एडवोकेसी में अधिकारियों ने मीडिया को बताया कि मच्छरो से बचाव को प्राथमिकता दी जावे। सभी व्यक्ति अपने घरों में पानी कंटेनर में 5-7 दिन से ज्यादा रखने लगे है। ये कंटनेर सीमेंट की टंकी, प्लास्टिक की टंकी, पानी का हौद, नांद, मटका, घरों में रखे हुए फूलदान, जिसमें अक्सर मनी प्लांट लगाते है। पशुओं के पानी पीने के स्थान, टायर, टूटे-फूटे सामान, जिनमें बारिश का पानी जमा होता रहता है। उसमें ही एडीज मच्छर पैदा होते है। बहुधा देखा गया है कि ये कंटेनर ढंके हुए नहीं रहते है। जिससे मच्छर इनमें पैदा होते रहते है। यदि हम इन कंटेनर में भरे हुए पानी को गौर से देखें तो इनमें कुछ कीडे़ उपर-नीचे चलते हुए दिखाई देते है। ये ही कीडे़ मच्छर बनते है। इन कीड़ों से मच्छर बनते है और मच्छर से ही डेंगू बीमारी फैलती है। अतः उक्त सामग्री स्थानों में पानी जमा नहीं होने दे। कूलर आदि में भी पानी भरा नहीं रहने दे। आमजन को सलाह दी जाती है कि उपरोक्त बातों का हमेशा ध्यान रखें। मच्छरों से बचाव भी डेंगू बीमारी का इलाज है। अतः स्वस्थ्य रहने के लिए इन कीड़ों को नष्ट करना बहुत जरूरी हैं।
लार्वा कीड़ों को नष्ट करें
लार्वा पानी में पनपते है। इसलिये इन सभी कंटेनर, पानी रखने के मटके, ड्रम, टंकी, होद प्रत्येक सप्ताह में एक बार सफाई करना चाहिए। इनमें से पानी की पूरी निकासी कर दे। पीने के पानी व अन्य निस्तार पानी साफ करके फिर से पानी भरें। इन सभी कंटेनर को इस प्रकार से ढंककर रखें। जिससे इनमें मच्छर प्रवेश नहीं कर सकें। और अण्डे भी नहीं दे सकें। लार्वा अर्थात मच्छर के कीडे़ स्पष्ट दिखाई देते है। इसलिए इन्हें चाय की छन्नी से भी निकाला जा सकता है। ये कीडे़ पानी से बाहर निकालने के बाद स्वतः मर जाते है। इस प्रकार का अभियान अपने घर में चलाकर मच्छरों को पैदा होने से रोका जा सकता है। लार्वा कीड़ों को नष्ट करना बहुत ही जरूरी है।
मच्छर से बचाव कैसें करें
पेराथ्रम नाम की दवाई को केरोसिन में मिलाकर छिड़कने से मच्छर मर जाते है। जो दवाई स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के पास उपलब्ध है। मच्छरों के काटने से बचाव के लिए कई उपाय किए जा सकते हैं। इसके लिए जैसे पूरी बांह के कपडे़ पहने, पूरा शरीर ढंककर रखें, मच्छरदानी में सोएं, नीम की पत्ती का धुआं घर में करेेे। खिड़की-दरवाजों में मच्छरप्रूफ जाली अवश्य लगायें। जिससे मच्छरों से बचाव किया जा सके।
डेंगू बीमारी का निदान
डेंगू की जांच हेतु रक्त के नमूने राष्ट्रीय संचारी रोग संस्थान, दिल्ली तथा राष्ट्रीय विषाणु रोग संस्थान, पूणे भेजे जाते हैं। वहीं नमूनों की जाँच होती है। आजकल जाँच हेतु रेपिड डाइग्नोस्टिक किट भी उपलब्ध हो रहे है।
क्या यह घात है
सामान्यतः 80 से 90 प्रतिशत मरीज 5 से 7 दिनों में स्वस्थ्य हो जाते है। यदि हेमोरेजिक डेंगू फीवर होता है। तो वह घातक हो सकता है। मीडिया प्रतिनिधियों ने इस बीमारी पर अनेक संवाद किये। जिनका नोडल अधिकारी ने तकनीकि जानकारी उपलब्ध कराई। अंतिम संवाद में पूछा गया कि क्यां यह रोग बार-बार हो सकता है। जवाब में जी हां इसके एक बार से ज्यादा होने की संभावना रहती है। इसलिए पूर्णरूप से आमजन को मच्छरों से बचाव करना चाहिए। ऐसी स्थिति में चिकित्सक की सलाह पर ही उपचार लेना जरूरी है।
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समाचार
जिले में हरियाली महोत्सव के तहत रिकार्ड पौधा रोपण
जिले में हरियाली महोत्सव के तहत रिकार्ड पौधा रोपण
बुरहानपुर
/31 जुलाई/ जिले में हरियाली महोत्सव उत्साह से मनाया गया। इस दरम्यान
निजि व वनभूमि पर लाखों पौधें रोपित किये गये। यह रिकार्ड कार्यक्रम ग्राम
से लेकर नगरीय क्षेत्रों तथा जिला मुख्यालय पर भी संपन्न हुआ। कलेक्टर श्री
आशुतोष अवस्थी ने भी इंदिरा कॉलोनी स्थित पौधारोपण कर पर्यावरण की शुद्धता
और संरक्षण का संदेश दिया। इस मौके पर जनप्रतिनिधियों ने भी कार्यक्रम में
गरिमामयी उपस्थिति देकर पौधें रोपित किये।
उल्लेखनीय है कि प्रदेश सरकार द्वारा हरियाली अभियान गिनीज बुक में दर्ज कराने हेतु जिले में जन अभियान परिषद बुरहानपुर/खकनार विकासखण्ड के अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्रों में पड़त भूमि पर 15 हजार 200 पौधों का रोपण किया गया। जिसमें ग्रामवासियों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। परिषद के जिला समन्वयक श्री महेश खराडे़ ने पौधारोपण कार्यक्रम में ग्रामवासियों को पर्यावरण के प्रति जागरूक भी किया। उन्होनें कहा कि वृक्षों का मानव जीवन में बहुत महत्व है। इसलिए हर व्यक्ति को वृक्षों की उपयोगिता को समझना चाहिए। प्रत्येक व्यक्ति पौधारोपण कर उसके पूर्ण अस्तित्व तक संरक्षण का संकल्प लेवे। तभी हम हरियाली को कायम रख सकते है। पेड़ हमें शुद्ध वायु, जल प्रदाय करते है।
जो कि प्राणी जगत के लिए बहुत ही अनिवार्य है। पर्यावरण की शुद्धता के लिए ही पौधारोपण बीड़ा उठाया गया है। हम सभी का नैतिक दायित्व है कि हर व्यक्ति एक पौधा अवष्य लगाए। उसका संरक्षण सही ढंग से करें। ताकि पौधा वृक्ष का रुप धारण कर सके। पौधें के बड़े होने पर हमंे उसका पूरा लाभ मिले। क्योकि वृक्षों की अंधाधंुध कटाई से प्रदूषण की स्थिति पैदा हो गई है एवं ग्लोबल वार्मिंग का खतरा मंडरा रहा है। जिस क्षेत्र में पेड पौधे अधिक होते है। वहां वर्षा भी अधिक होती है। वृक्ष छाया देने के साथ-साथ भूमि कटाव को रोकने के लिए बहुत सहायक होते है।
इसी क्रम को आगे बढाते हुये म.प्र. जन अभियान परिषद् जिला बुरहानपुर अन्तर्गत विकासखण्ड बुरहानपुर एवं विकासखण्ड खकनार में चयनित प्रस्फुटन ग्रामों में प्रस्फुटन समितियों एवं नवांकुर संस्थाओं के साथ मिलकर हरियाली महोत्सव अन्तर्गत पौधारोपण का कार्य किया गया। इसमें पौधों रोपण सार्वजनिक स्थानों, स्कूल परिसर, चरवाई भूमि व परिवार में प्रस्फुटन समिति सदस्यों एवं नवांकुर संस्थाओं के सहयोग से किया गया।
उल्लेखनीय है कि प्रदेश सरकार द्वारा हरियाली अभियान गिनीज बुक में दर्ज कराने हेतु जिले में जन अभियान परिषद बुरहानपुर/खकनार विकासखण्ड के अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्रों में पड़त भूमि पर 15 हजार 200 पौधों का रोपण किया गया। जिसमें ग्रामवासियों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। परिषद के जिला समन्वयक श्री महेश खराडे़ ने पौधारोपण कार्यक्रम में ग्रामवासियों को पर्यावरण के प्रति जागरूक भी किया। उन्होनें कहा कि वृक्षों का मानव जीवन में बहुत महत्व है। इसलिए हर व्यक्ति को वृक्षों की उपयोगिता को समझना चाहिए। प्रत्येक व्यक्ति पौधारोपण कर उसके पूर्ण अस्तित्व तक संरक्षण का संकल्प लेवे। तभी हम हरियाली को कायम रख सकते है। पेड़ हमें शुद्ध वायु, जल प्रदाय करते है।
जो कि प्राणी जगत के लिए बहुत ही अनिवार्य है। पर्यावरण की शुद्धता के लिए ही पौधारोपण बीड़ा उठाया गया है। हम सभी का नैतिक दायित्व है कि हर व्यक्ति एक पौधा अवष्य लगाए। उसका संरक्षण सही ढंग से करें। ताकि पौधा वृक्ष का रुप धारण कर सके। पौधें के बड़े होने पर हमंे उसका पूरा लाभ मिले। क्योकि वृक्षों की अंधाधंुध कटाई से प्रदूषण की स्थिति पैदा हो गई है एवं ग्लोबल वार्मिंग का खतरा मंडरा रहा है। जिस क्षेत्र में पेड पौधे अधिक होते है। वहां वर्षा भी अधिक होती है। वृक्ष छाया देने के साथ-साथ भूमि कटाव को रोकने के लिए बहुत सहायक होते है।
इसी क्रम को आगे बढाते हुये म.प्र. जन अभियान परिषद् जिला बुरहानपुर अन्तर्गत विकासखण्ड बुरहानपुर एवं विकासखण्ड खकनार में चयनित प्रस्फुटन ग्रामों में प्रस्फुटन समितियों एवं नवांकुर संस्थाओं के साथ मिलकर हरियाली महोत्सव अन्तर्गत पौधारोपण का कार्य किया गया। इसमें पौधों रोपण सार्वजनिक स्थानों, स्कूल परिसर, चरवाई भूमि व परिवार में प्रस्फुटन समिति सदस्यों एवं नवांकुर संस्थाओं के सहयोग से किया गया।
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जिले में वृहद पौधारोपण कार्यक्रम संपन्न
जिले में वृहद पौधारोपण कार्यक्रम संपन्न
बुरहानपुर
/31 जुलाई/ संपूर्ण मध्य प्रदेश के साथ ही जिले में 31 जुलाई को सुबह 9
बजे से हरियाली महोत्सव सभी नगरीय एवं ग्रामीण अंचलों में संपन्न हुआ।
जिसमें वन भूमि पर एक लाख 75 हजार तथा निजी भूमि पर जनप्रतिनिधियों द्वारा
व्यापक पैमाने पर 70 हजार पौधारोपित किये गये है। यह कार्यक्रम वन विभाग की
सक्रियता से आयेाजित किया गया। इस दरम्यान सभी क्षेत्रों में शासकीय एवं
निजि भूमि में पौधें सांसद, विधायक एवं जनप्रतिनिधियों ने लगाये।
वनमण्डलाधिकारी श्री ए.के.सिंह ने इस कार्यक्रम को सफल बनाने के लिये सर्वसाधारण को धन्यवाद ज्ञापित किया है।
वनमण्डलाधिकारी श्री ए.के.सिंह ने इस कार्यक्रम को सफल बनाने के लिये सर्वसाधारण को धन्यवाद ज्ञापित किया है।
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