जिला जनसंपर्क कार्यालय, बुरहानपुर म.प्र.
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कलेक्टर ने वारोली ग्राम चौपाल में सुनी समस्याएं
ग्रामीणों को कृषि एवं रोजगार मूलक योजना का लाभ लेने दी जानकारी
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कलेक्टर ने वारोली ग्राम चौपाल में सुनी समस्याएं
ग्रामीणों को कृषि एवं रोजगार मूलक योजना का लाभ लेने दी जानकारी
बुरहानपुर
/9 जुलाई/ कलेक्टर श्री आशुतोष अवस्थी बुधवार को मध्य प्रदेश के अंतिम और
महाराष्ट्र सीमा से सटे ग्राम वारोली पहुंचे। उन्होनें यहां ग्राम चौपाल
में ग्रामीणों की विविध समस्याएं सुनी। उनकी समस्याओं के निदान हेतु
विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिये। इसके साथ ही शासन की जनसुविधाओं का
लाभ उठाने ग्रामवासियों को जानकारी दी।
कलेक्टर ने ग्रामवासियों से कहा कि पशुपालन और दीगर, कचरा-कूड़ा फेकना नहीं है। इससे कृषि के लिये नाडेप खाद बनाये। कृषको को नाडेप बनाने की तकनीक किसान कल्याण एवं कृषि विकास विभाग द्वारा अवगत करायी जायेगी। इस योजना का लाभ कृषक ले सकते है। इसी प्रकार से केचुआ खाद भी कृषि व उद्यानिकी के लिए बहुत उपयोगी है। इन खादों के उपयोग से फसल उत्पादन दुगना-चौगुना होता है। किसान को दोनो विधियों से देशी खाद तैयार करने में कोई लागत नहीं लगती है। इससेेेे कृषि उत्पादन की लागत में भी कमी आती है। शासन की मंशा भी खेती को फायदा का धंधा बनाने में लागत कम करने पर जोर दिया जा रहा है। कलेक्टर ने चौपाल में कृषि उपसंचालक श्री मनोहरसिंह देवके से नाडेप और केचुआ खाद अर्थात जैविक खाद बनाने की विधियां बताने निर्देश दिये। उपसंचालक ने चौपाल में ही किसानों को नाडेप एवं वर्मीकम्पोस्ट खाद बनाने तथा बायोगैस संयत्र स्थापित करने के संबंध में जानकारी दी। उन्होनें विभागीय योजनाओं से लाभ अर्जित करने के बारे में विस्तार से समझाया। कलेक्टर ने कहा कि जिन किसानों को उक्त विधियों से खाद निर्मित करना है। उपसंचालक के पास किसान अपने नाम लिखवा दे। वाटर शेड मिशन द्वारा और कृृषि विभाग द्वारा उक्त दोनों विधियो से खाद बनाने किसानों को प्रशिक्षण प्रायोगिक रूप से दिया जायेगा।
कलेक्टर ने ग्रामीणों से पूछा कि आपके ग्राम में रोजगार उपलब्ध है। उन्होनें कहा कि शासन की विभिन्न रोजगार मूूलक योजनाओं का लाभ पात्रतानुसार व्यक्ति ले सकते है। इसमें अंत्यव्यवसायी से अनुसूचित जाति के लोग एवं आदिवासी वित्त विकास निगम से अनुसूचित जनजाति वर्ग के लोग ऋण सुविधा व अनुदान के जरिये लाभान्वित हो सकते है। सामान्य बीपीएल हितग्राही प्रधानमंत्री रोजगार सृजन योजना के माध्यम से अंत्यव्यवसायी विभाग एवं आदिवासी वित्त विकास निगम द्वारा संचालित योजनाओं का लाभ ले सकते है। इन योजनाओं में किराणा, वेल्डिंग, टेन्ट हॉउस, मोबाइल रिचार्जिंग शॉप, टेक्टर/मोटर साइकिल मेकेनिक, कैश शिल्पी, आटा चक्की, वाहन के साथ ही पैतृक व्यवसायों में पारंगत व्यक्ति लाभान्वित हो सकते है। जिससे उनकी आर्थिक स्थिति सृदुढ़ होगी।
कलेक्टर ने चौपाल में कहा कि प्रांत की अंतिम सीमा पर बसे वारोली ग्राम अब निर्मल ग्राम लक्ष्य के करीब पहुंच रहा है। थोड़ी सी मेहनत ग्रामवासी को और करना चाहिए। सात आठ लोगों की ग्रामीणजन समिति बनाकर निर्मल ग्राम अभियान को सफल बनाये। ग्राम में जो 2-3 घर शौचालय नहीं बना पाये है। समिति द्वारा निश्चित रूप से समझाईश देने पर वे भी अवश्य ही अपने घरों में शौचालय बनायेगे। खुले में शौच करने से विविध बीमारियां उत्पन्न होती है। इन पर अंकुश लगाने के लिए शौचालय में ही जाना चाहिए। जिससे हमारे परिवारों का विभिन्न बीमारियों से बचाव हो सकेगा। इसलिए थोड़ीसी मशक्त की जरूरत और है। निश्चित रूप से वारोली निर्मल ग्राम बन जायेगा। श्री अवस्थी ने यहा के ग्रामवासियों व जनप्रतिनिधियों के यहां शौचालय बनने पर प्रसन्नता व्यक्त की। वारोली में नाली निर्माण हेतु जेसीबी मशीन कुछ ग्रामीण वारोली नहीं आने दे रहे थे। कलेक्टर ने तत्काल मशीन बुलवाकर नाली निर्माण कार्य प्रारंभ करने के निर्देश दिये। उन्होनें पात्रता पर्ची वितरण, पेयजल व्यवस्था, साफ-सफाई आदि की व्यवस्थाओं का जायजा भी लिया। यहां पंचायत भवन निर्माण कार्य का अवलोकन भी किया। यह कार्य गुणवत्ता युक्त करने पर प्रशंसा की गयी। ग्राम के नवनिर्मित आंगनवाड़ी भवन के सामने और पीछे की दीवारों में लंबी-लंबी दरारे पड़ गयी है। इस हेतु ग्रामीण यांत्रिकी सेवा विभाग को जानकारी दी गयी। कलेक्टर ने कार्यकारी ऐजेन्सी आर.ई.एस. से कहा कि इसमें सुधार कार्य तत्काल कराये जायें। श्री अवस्थी ने यहां शाला भवन में हाथ धुलाई और शुद्ध पेयजल आदि व्यवस्थाओं का भी अवलोकन किया। यहां सभी प्रबंध पाये गये। उप स्वास्थ्य केन्द्र में दवाओं की उपलब्धता, टीकाकरण व अन्य दवा वितरण के बारे में पूछताछ की गयी। जिस पर ए.एन.एम. ने केन्द्र के बारे में विस्तार सेे ब्यौरा दिया। उन्होनें कहा कि यहां अभी तक एक डिलेवरी हुई है। यहां की महिलाएं बुरहानपुर, शाहपुर व इच्छापुर प्रसूति कराने ले जाते है। ग्राम में 17 महिलाएं गर्भवती सूची में है। जिनका प्रसव पूर्व जाँच परीक्षण कर नियमित दवाएं प्रदाय की जा रही है। उप स्वास्थ्य केन्द्र पर सभी प्राथमिक उपचार सुविधाएं उपलब्ध है। यहां शाला भवन पर पौधारोपण अधिकारियों की उपस्थिति में किया गया। शिक्षको से स्कूल चले अभियान दर्ज बच्चों की संख्या व शौचालय व शुद्ध पेयजल और मध्यान्ह भोजन के बारे में भी जानकारी प्राप्त की गयी।
कलेक्टर ने ग्रामवासियों से कहा कि पशुपालन और दीगर, कचरा-कूड़ा फेकना नहीं है। इससे कृषि के लिये नाडेप खाद बनाये। कृषको को नाडेप बनाने की तकनीक किसान कल्याण एवं कृषि विकास विभाग द्वारा अवगत करायी जायेगी। इस योजना का लाभ कृषक ले सकते है। इसी प्रकार से केचुआ खाद भी कृषि व उद्यानिकी के लिए बहुत उपयोगी है। इन खादों के उपयोग से फसल उत्पादन दुगना-चौगुना होता है। किसान को दोनो विधियों से देशी खाद तैयार करने में कोई लागत नहीं लगती है। इससेेेे कृषि उत्पादन की लागत में भी कमी आती है। शासन की मंशा भी खेती को फायदा का धंधा बनाने में लागत कम करने पर जोर दिया जा रहा है। कलेक्टर ने चौपाल में कृषि उपसंचालक श्री मनोहरसिंह देवके से नाडेप और केचुआ खाद अर्थात जैविक खाद बनाने की विधियां बताने निर्देश दिये। उपसंचालक ने चौपाल में ही किसानों को नाडेप एवं वर्मीकम्पोस्ट खाद बनाने तथा बायोगैस संयत्र स्थापित करने के संबंध में जानकारी दी। उन्होनें विभागीय योजनाओं से लाभ अर्जित करने के बारे में विस्तार से समझाया। कलेक्टर ने कहा कि जिन किसानों को उक्त विधियों से खाद निर्मित करना है। उपसंचालक के पास किसान अपने नाम लिखवा दे। वाटर शेड मिशन द्वारा और कृृषि विभाग द्वारा उक्त दोनों विधियो से खाद बनाने किसानों को प्रशिक्षण प्रायोगिक रूप से दिया जायेगा।
कलेक्टर ने ग्रामीणों से पूछा कि आपके ग्राम में रोजगार उपलब्ध है। उन्होनें कहा कि शासन की विभिन्न रोजगार मूूलक योजनाओं का लाभ पात्रतानुसार व्यक्ति ले सकते है। इसमें अंत्यव्यवसायी से अनुसूचित जाति के लोग एवं आदिवासी वित्त विकास निगम से अनुसूचित जनजाति वर्ग के लोग ऋण सुविधा व अनुदान के जरिये लाभान्वित हो सकते है। सामान्य बीपीएल हितग्राही प्रधानमंत्री रोजगार सृजन योजना के माध्यम से अंत्यव्यवसायी विभाग एवं आदिवासी वित्त विकास निगम द्वारा संचालित योजनाओं का लाभ ले सकते है। इन योजनाओं में किराणा, वेल्डिंग, टेन्ट हॉउस, मोबाइल रिचार्जिंग शॉप, टेक्टर/मोटर साइकिल मेकेनिक, कैश शिल्पी, आटा चक्की, वाहन के साथ ही पैतृक व्यवसायों में पारंगत व्यक्ति लाभान्वित हो सकते है। जिससे उनकी आर्थिक स्थिति सृदुढ़ होगी।
कलेक्टर ने चौपाल में कहा कि प्रांत की अंतिम सीमा पर बसे वारोली ग्राम अब निर्मल ग्राम लक्ष्य के करीब पहुंच रहा है। थोड़ी सी मेहनत ग्रामवासी को और करना चाहिए। सात आठ लोगों की ग्रामीणजन समिति बनाकर निर्मल ग्राम अभियान को सफल बनाये। ग्राम में जो 2-3 घर शौचालय नहीं बना पाये है। समिति द्वारा निश्चित रूप से समझाईश देने पर वे भी अवश्य ही अपने घरों में शौचालय बनायेगे। खुले में शौच करने से विविध बीमारियां उत्पन्न होती है। इन पर अंकुश लगाने के लिए शौचालय में ही जाना चाहिए। जिससे हमारे परिवारों का विभिन्न बीमारियों से बचाव हो सकेगा। इसलिए थोड़ीसी मशक्त की जरूरत और है। निश्चित रूप से वारोली निर्मल ग्राम बन जायेगा। श्री अवस्थी ने यहा के ग्रामवासियों व जनप्रतिनिधियों के यहां शौचालय बनने पर प्रसन्नता व्यक्त की। वारोली में नाली निर्माण हेतु जेसीबी मशीन कुछ ग्रामीण वारोली नहीं आने दे रहे थे। कलेक्टर ने तत्काल मशीन बुलवाकर नाली निर्माण कार्य प्रारंभ करने के निर्देश दिये। उन्होनें पात्रता पर्ची वितरण, पेयजल व्यवस्था, साफ-सफाई आदि की व्यवस्थाओं का जायजा भी लिया। यहां पंचायत भवन निर्माण कार्य का अवलोकन भी किया। यह कार्य गुणवत्ता युक्त करने पर प्रशंसा की गयी। ग्राम के नवनिर्मित आंगनवाड़ी भवन के सामने और पीछे की दीवारों में लंबी-लंबी दरारे पड़ गयी है। इस हेतु ग्रामीण यांत्रिकी सेवा विभाग को जानकारी दी गयी। कलेक्टर ने कार्यकारी ऐजेन्सी आर.ई.एस. से कहा कि इसमें सुधार कार्य तत्काल कराये जायें। श्री अवस्थी ने यहां शाला भवन में हाथ धुलाई और शुद्ध पेयजल आदि व्यवस्थाओं का भी अवलोकन किया। यहां सभी प्रबंध पाये गये। उप स्वास्थ्य केन्द्र में दवाओं की उपलब्धता, टीकाकरण व अन्य दवा वितरण के बारे में पूछताछ की गयी। जिस पर ए.एन.एम. ने केन्द्र के बारे में विस्तार सेे ब्यौरा दिया। उन्होनें कहा कि यहां अभी तक एक डिलेवरी हुई है। यहां की महिलाएं बुरहानपुर, शाहपुर व इच्छापुर प्रसूति कराने ले जाते है। ग्राम में 17 महिलाएं गर्भवती सूची में है। जिनका प्रसव पूर्व जाँच परीक्षण कर नियमित दवाएं प्रदाय की जा रही है। उप स्वास्थ्य केन्द्र पर सभी प्राथमिक उपचार सुविधाएं उपलब्ध है। यहां शाला भवन पर पौधारोपण अधिकारियों की उपस्थिति में किया गया। शिक्षको से स्कूल चले अभियान दर्ज बच्चों की संख्या व शौचालय व शुद्ध पेयजल और मध्यान्ह भोजन के बारे में भी जानकारी प्राप्त की गयी।
कलेक्टर ने इच्छापुर ग्राम में भी निर्माण कार्य व योजनाओं का लिया जायजा
इस भ्रमण के बाद कलेक्टर श्री अवस्थी इच्छापुर भी पहुंचे। उन्होनें यहां बैंक मेनेजर को बुलाकर मुख्यमंत्री आवास निर्माण योजना के हितग्राहियों को शीघ्र ही दूसरी किश्त जारी करने हेतु निर्देशित किया है। उन्होनें मैनेजर से कहा कि जिन आवासों के छत डलनी वाली है। ऐसे हितग्राहियों को शीघ्र ही 15 दिन के अंदर दूसरी किश्त उपलब्ध करायी जाये। जिससे वे वर्षाकाल के पूर्व अपने मकान बना सकें। इसमें वारोली और इच्छापुर के हितग्राहियों को लाभान्वित किया जाये।
कलेक्टर को इच्छापुर में पेंशनधारियों ने बताया कि 3 माह से पेंशन राशि नहीं मिली है। उन्होनें जनपद सीईओ श्री राकेश शर्मा से जानकारी ली। जनपद सीईओ ने बताया कि पेंशन राशि माह अप्रैल, मई और जून 3 माह का वितरण किया जाना है। कोषालय में बिल लग चूके है। किन्तु सर्वर में तकनीकि खराबी आने के कारण विलंब हो रहा है। शीघ्र ही यह राशि 4 दिन के भीतर हितग्राहियों के खाते में उपलब्ध करा दी जायेगी। नवनिर्माणाधीन पंचायत भवन के कार्य को देखकर प्रसन्नता व्यक्त की। इच्छापुर में यह भवन 12 लाख 85 हजार रूपये की लागत से निर्मित हो रहा है। यहां आंगनवाड़ी केन्द्र क्रमांक-1 भवन की लागत 7 लाख 80 हजार रूपये और दूसरे आंगनवाड़ी भवन क्रमाक 2 की लागत 7 लाख 80 हजार रूपये है। इन केन्द्रों का कार्य पूर्ण गुणवत्ता से चल रहा है। कलेक्टर ने इच्छापुर में श्री ओमप्रकाश एवं सुरेश चौहान के यहां बायोगैस सयंत्र का अवलोकन किया। हितग्राही कृषक ने बताया कि बायोगैस सयंत्र से कृषि के लिये खाद, रसोई के लिये गैस और प्रकाश की आपूर्ति हो रही हैं।
इस अवसर पर सीईओ जिला पंचायत श्री सुरेश्वरसिंह, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी कार्यपालन यंत्री श्री लालजी तिवारी, जिला समन्वयक निर्मल ग्राम श्री प्रवीण गुप्ता, वारोली सरपंच श्रीमती आशाबाई दिगम्बर और जिला पंचायत सदस्य आशाबाई कोली, इच्छापुर सरपंच रूक्माबाई माली सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी-कर्मचारीगण उपस्थित थे।
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पात्रता पर्ची के माध्यम से खाद्यान्न व केरोसीन का वितरण जारी
पात्रता पर्ची के माध्यम से खाद्यान्न व केरोसीन का वितरण जारी
बुरहानपुर
/9 जुलाई/ खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत जिले में पात्रता पर्ची के माध्यम
से राशनकार्ड धारियों को खाद्यान्न और केरोसीन का वितरण किया जा रहा है।
ग्राम सारोला और टिटगांव में पात्रता धारकों ने जारी पर्ची के माध्यम से 1
रूपये किलो गेहूँ और 1 रूपये किलो चावल, 1 रूपये किलो मक्का और 13 रूपये 50
पैसे प्रति किलो शक्कर, पिसा नमक प्रति पैकेट 1 रूपये तथा केरोसीन 16
रूपये 78 पैसे परिवहन दूरी के हिसाब से उपभोक्ताओं को प्रदाय किया गया।
सारोला में नवाब रोशन पात्रता पर्चीधारक को 6 सदस्य संख्या के मान से 18 किलो गेहूँ, 6 किलो चावल, 6 किलो मक्का, 1 किलो शक्कर, 1 पैकेट नमक और 5 लीटर केरोसीन आदि सामग्री उपलब्ध करायी गयी है। इसी प्रकार से टिटगांव में भी पात्रता पर्ची के आधार पर खाद्यान्न का वितरण सेवा सहकारी समिति द्वारा किया जा रहा है।
सारोला में नवाब रोशन पात्रता पर्चीधारक को 6 सदस्य संख्या के मान से 18 किलो गेहूँ, 6 किलो चावल, 6 किलो मक्का, 1 किलो शक्कर, 1 पैकेट नमक और 5 लीटर केरोसीन आदि सामग्री उपलब्ध करायी गयी है। इसी प्रकार से टिटगांव में भी पात्रता पर्ची के आधार पर खाद्यान्न का वितरण सेवा सहकारी समिति द्वारा किया जा रहा है।
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