जिला जनसंपर्क कार्यालय, बुरहानपुर म.प्र.
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जिले में अभी तक 181.5 मिली मीटर औसत वर्षा हुई
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जिले में अभी तक 181.5 मिली मीटर औसत वर्षा हुई
बुरहानपुर
/17 जुलाई/ जिले में जारी मौसम में अभी तक 181.5 मिली मीटर औसत वर्षा हुई
है। जबकि गत वर्ष इसी अवधि तक 575.7 मिली मीटर औसत वर्षा दर्ज की गई थी।
पिछले 24 घंटो के दरम्यान बुरहानपुर तहसील में 2.7 मि.मी. एवं नेपानगर में 3 मि.मी. तथा खकनार तहसील में 9.3 मी.मी. वर्षा मापी गई है।
अधीक्षक भू-अभिलेख श्री एम.एल.पालीवाल ने बताया कि अभी तक सर्वाधिक वर्षा 231 मि.मी. नेपानगर और सबसे कम 152.4 मि.मी. बुरहानपुर में तथा 161 मि.मी. वर्षा खकनार तहसील में आकी गई है।
पिछले 24 घंटो के दरम्यान बुरहानपुर तहसील में 2.7 मि.मी. एवं नेपानगर में 3 मि.मी. तथा खकनार तहसील में 9.3 मी.मी. वर्षा मापी गई है।
अधीक्षक भू-अभिलेख श्री एम.एल.पालीवाल ने बताया कि अभी तक सर्वाधिक वर्षा 231 मि.मी. नेपानगर और सबसे कम 152.4 मि.मी. बुरहानपुर में तथा 161 मि.मी. वर्षा खकनार तहसील में आकी गई है।
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जिले में किसानों को खरीफ फसलों की बोवाई शीघ्र करने की सलाह
जिले में किसानों को खरीफ फसलों की बोवाई शीघ्र करने की सलाह
बुरहानपुर
/17 जुलाई/ जिले में वर्षा अच्छी हो गयी है। किसानों को खरीफ फसलों की
बुआई शीघ्रता से करने की सलाह दी गयी है। किसान कल्याण एवं कृषि विकास
विभाग उपसंचालक श्री मनोहरसिंह देवके ने बताया कि किसान वर्तमान में
सोयाबीन की बोवाई कर सकते है। इस सप्ताह रिज-फरो विधि से बोवाई करना
लाभकारी होगा। इसके साथ ही बीजोपचार करना होगा जरूरी। बीज दर भी बढ़ाना है।
इस हेतु समसामयिक बुआई कर किसान ध्यान देवे।
उन्होनें बताया कि मौसम विभाग के अनुसार लगभग पूरे प्रदेष में मानसून की सक्रियता के कारण अच्छी वर्षा के समाचारों से खरीफ फसलों की बोवाई के लिये उपयुक्त संभावनाएं निर्मित हुई है। संचालनालय किसान कल्याण तथा कृषि विकास व्दारा सोयाबीन अनुसंधान निदेषालय इन्दौर के हवाले से जारी कृषि सलाह के अनुसार लगभग 4 इंच गहराई तक भूमि में नमी होना, बोवाई के लिये आदर्ष स्थिति है। वर्षा थमने के बाद बतर मिलते ही थायरम, कार्बेन्डाजीम या ट्रायकोडर्मा विरीडी से उपचारित बीज में रायजोबियम कल्चर तथा पी.एस.बी. का टीका लगाकर, तैयार खेत में बोवाई करना चाहिये।
धान को छोडकर ज्यादातर फसलों को रिज एण्ड फरो पद्धति से बोये जाने पर अधिक वर्षा या कम वर्षा दोनों ही स्थिति में जोखिम कम होता है। धान की बोवाई के लिये एसआरआई पद्धति सर्वश्रेष्ठ है। मानूसन की असामयिक स्थिति के कारण प्रदेष में सोयाबीन की बोवाई में यद्यपि लगभग 2 सप्ताह से अधिक विलम्ब हो चुका है, किन्तु अभी एक सप्ताह के अंदर लगभग 20 जुलाई तक इसकी बोवनी की जा सकती है। कृषि विषेषज्ञों की सलाह है कि 80 से 85 दिन में पकने वाली सोयाबीन की शीघ्र किस्मों जे.एस.2034 जे.एस.95-60 या एमएयूएस. तथा एनआरसी 7 की उपलब्धता होने पर किसान प्राथमिकता के आधार पर इन किस्मों की बोवाई करें। 90-95 दिन में आने वाली किस्में जे.एस.20-29, एमएयूएस 1, जे.एस. 93-05, जे.एस.90-41 ओर अहिल्या आदि है। इनके अतिरिक्त किसी भी किस्म का सोयाबीन, जिसके अंकुरण प्रतिषत की जांच किसानों व्दारा स्वंय की गई हो या वह प्रमाणित बीज हो, बोया जा सकता है। बीज की गुणवत्ता बढ़ाने के लिये विभाग व्दारा ग्रामीण स्तर पर स्पाईर ग्रेडर एवं सीड ट्रीटिंग ड्रम का वितरण किया गया है।
कृषि विशेषज्ञों के अनुसार बोवाई में देरी की स्थिति में तथा 70 प्रतिषत से कम अंकुरण प्रतिषत होने पर, प्रति हैक्टर बोये जाने वाले बीज की मात्रा 20 से 25 प्रतिषत बढ़ाई जाना आवष्यक है। इसके लिये कतार से कतार की दूरी घटाकर 30 से.मी. कर देना चाहिये। मौसम के उतार-चढ़ाव की संभावनाओं को देखते हुये सलाह दी गई है कि एक से अधिक किस्में और एक से अधिक प्रकार की फसलें बोई जायें। अन्तरवर्ती फसलों के साथ दो या तीन फसलों की कतार बोनी करना लाभकारी रहेगा। इसके लिये बीबीएफ सीड ड्रिल या फर्ब्स सीड ड्रिल का उपयोग किया जाये अथवा प्रति 6 से 9 कतारों के बाद देसी हल चलाकर नालियां बनाई जाये। बीज की गहराई का ध्यान रखने के लिये पंजी लगे सीड ड्रिल का उपयोग करना चाहिऐं। जिन किसानों ने पूर्व में बोवाई कर दी है। उन्हंे फसल को सुखने से बचाने की आवष्यकता दिखने पर स्प्रिंकलर से जीवन रक्षक सिंचाई करना चाहिए।
उन्होनें बताया कि मौसम विभाग के अनुसार लगभग पूरे प्रदेष में मानसून की सक्रियता के कारण अच्छी वर्षा के समाचारों से खरीफ फसलों की बोवाई के लिये उपयुक्त संभावनाएं निर्मित हुई है। संचालनालय किसान कल्याण तथा कृषि विकास व्दारा सोयाबीन अनुसंधान निदेषालय इन्दौर के हवाले से जारी कृषि सलाह के अनुसार लगभग 4 इंच गहराई तक भूमि में नमी होना, बोवाई के लिये आदर्ष स्थिति है। वर्षा थमने के बाद बतर मिलते ही थायरम, कार्बेन्डाजीम या ट्रायकोडर्मा विरीडी से उपचारित बीज में रायजोबियम कल्चर तथा पी.एस.बी. का टीका लगाकर, तैयार खेत में बोवाई करना चाहिये।
धान को छोडकर ज्यादातर फसलों को रिज एण्ड फरो पद्धति से बोये जाने पर अधिक वर्षा या कम वर्षा दोनों ही स्थिति में जोखिम कम होता है। धान की बोवाई के लिये एसआरआई पद्धति सर्वश्रेष्ठ है। मानूसन की असामयिक स्थिति के कारण प्रदेष में सोयाबीन की बोवाई में यद्यपि लगभग 2 सप्ताह से अधिक विलम्ब हो चुका है, किन्तु अभी एक सप्ताह के अंदर लगभग 20 जुलाई तक इसकी बोवनी की जा सकती है। कृषि विषेषज्ञों की सलाह है कि 80 से 85 दिन में पकने वाली सोयाबीन की शीघ्र किस्मों जे.एस.2034 जे.एस.95-60 या एमएयूएस. तथा एनआरसी 7 की उपलब्धता होने पर किसान प्राथमिकता के आधार पर इन किस्मों की बोवाई करें। 90-95 दिन में आने वाली किस्में जे.एस.20-29, एमएयूएस 1, जे.एस. 93-05, जे.एस.90-41 ओर अहिल्या आदि है। इनके अतिरिक्त किसी भी किस्म का सोयाबीन, जिसके अंकुरण प्रतिषत की जांच किसानों व्दारा स्वंय की गई हो या वह प्रमाणित बीज हो, बोया जा सकता है। बीज की गुणवत्ता बढ़ाने के लिये विभाग व्दारा ग्रामीण स्तर पर स्पाईर ग्रेडर एवं सीड ट्रीटिंग ड्रम का वितरण किया गया है।
कृषि विशेषज्ञों के अनुसार बोवाई में देरी की स्थिति में तथा 70 प्रतिषत से कम अंकुरण प्रतिषत होने पर, प्रति हैक्टर बोये जाने वाले बीज की मात्रा 20 से 25 प्रतिषत बढ़ाई जाना आवष्यक है। इसके लिये कतार से कतार की दूरी घटाकर 30 से.मी. कर देना चाहिये। मौसम के उतार-चढ़ाव की संभावनाओं को देखते हुये सलाह दी गई है कि एक से अधिक किस्में और एक से अधिक प्रकार की फसलें बोई जायें। अन्तरवर्ती फसलों के साथ दो या तीन फसलों की कतार बोनी करना लाभकारी रहेगा। इसके लिये बीबीएफ सीड ड्रिल या फर्ब्स सीड ड्रिल का उपयोग किया जाये अथवा प्रति 6 से 9 कतारों के बाद देसी हल चलाकर नालियां बनाई जाये। बीज की गहराई का ध्यान रखने के लिये पंजी लगे सीड ड्रिल का उपयोग करना चाहिऐं। जिन किसानों ने पूर्व में बोवाई कर दी है। उन्हंे फसल को सुखने से बचाने की आवष्यकता दिखने पर स्प्रिंकलर से जीवन रक्षक सिंचाई करना चाहिए।
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समृद्धि योजनान्तर्गत नवांकुर संस्थाओं का दो दिवसीय प्रषिक्षण संपन्न
समृद्धि योजनान्तर्गत नवांकुर संस्थाओं का दो दिवसीय प्रषिक्षण संपन्न
बुरहानपुर
/17 जुलाई/ म.प्र. जन अभियान परिषद् द्वारा समृद्धि योजनान्तर्गत जिला एवं
विकासखण्ड स्तरीय नवांकुर संस्थाओं का दो दिवसीय प्रषिक्षण कार्यक्रम के
दुसरे दिन समग्र स्वच्छता अभियान के जिला समन्वयक श्री प्रवीण गुप्ता
द्वारा शौचालय निर्माण व उसकी उपयोगिता को फिल्म द्वारा विस्तार से प्रकाष
डाला गया। साथ ही उन्होनें समाज के बीच जन-जागरुकता लाने हेतु जोर दिया।
प्रशिक्षण कार्यक्रम में जिला परियोजना अधिकारी श्री विजय पचोरी द्वारा माईक्रो फाईनेन्स व समूह गठन की जानकारी खेलों के द्वारा व फिल्म प्रदर्षित करवाकर गठन समस्या व समाधान पर प्रकाष डाला गया। बुनियादी कम्प्युटर व तकनीकि जानकारी ई-गर्वनेन्स प्रबंधक श्री आषीष जैन, श्री नीरज राजपूत, श्री हेमन्त द्वारा दी गई।
लोक सेवा प्रबंधक मनोज शंखपाल व जनसम्पर्क अधिकारी श्री एम.एल. पवार द्वारा शासकीय योजनाओं पर प्रकाष डाला गया। शासन की महत्वपूर्ण जानकारी स्वरोजगार आदि जानकारी प्रदान की गई। गैर सरकारी संगठन का गठन और जानकारी प्रबंधन आदि की जानकारी जिला समन्वयक महेष कुमार खराडे़ द्वारा संस्थाओं को प्रदान की गई।
समापन अवसर पर म.प्र. जन अभियान परिषद् के संभाग समन्वयक षिवप्रसाद मालवीय द्वारा स्कूल चले हम वृक्षारोपण कार्यक्रम व संरक्षण आदि बिन्दूओं पर चर्चा कि साथ ही वृक्षारोपण पर जोर देते हुये वृक्षारोपण अधिक से अधिक हो साथ ही संरक्षण किया जावे। जिस प्रकार आभुषण नारी की सुन्दरता बढाता हैं। उसी प्रकार वृक्ष, पेड, पौधे पृथ्वी की सुन्दरता को बढ़ाते हैं। इसलिए हम इसे एक जन आन्दोलन बनाकर अधिक से अधिक वृक्षारोपण कर उसके संरक्षण हेतु जन जागरुकता अभियान चलाकर लोगो को प्रेरित करें।
प्रषिक्षण समापन कार्यक्रम पश्चात् अपर कलेक्टर प्रकाष रेवाल, डिप्टी कलेक्टर के.एल.यादव, डिप्टी कलेक्टर श्री शंकरलाल सिंघाडे़ व संभाग समन्वयक षिवप्रसाद मालवीय, लोक सेवा प्रबंधक मनोज शंखपाल द्वारा संयुक्त जिला कार्यालय परिसर में दो त्रिवेणी, दो बेलपत्र व 11 नीम के पौधो का रोपण किया गया। पौधारोपण के पश्चात् अपर कलेक्टर रेवाल द्वारा अधिक से अधिक पौधों का रोपण व संरक्षण की बात कही। इस अवसर पर जिला समन्वयक महेष कुमार खराडे़, विकासखण्ड समन्वयक, बुरहानपुर अषोक त्रिपाठी, वि.खण्ड समन्वयक, खकनार अमजद खान व सभी नवांकुर संस्थाओं के सदस्य उपस्थित रहे।
प्रशिक्षण कार्यक्रम में जिला परियोजना अधिकारी श्री विजय पचोरी द्वारा माईक्रो फाईनेन्स व समूह गठन की जानकारी खेलों के द्वारा व फिल्म प्रदर्षित करवाकर गठन समस्या व समाधान पर प्रकाष डाला गया। बुनियादी कम्प्युटर व तकनीकि जानकारी ई-गर्वनेन्स प्रबंधक श्री आषीष जैन, श्री नीरज राजपूत, श्री हेमन्त द्वारा दी गई।
लोक सेवा प्रबंधक मनोज शंखपाल व जनसम्पर्क अधिकारी श्री एम.एल. पवार द्वारा शासकीय योजनाओं पर प्रकाष डाला गया। शासन की महत्वपूर्ण जानकारी स्वरोजगार आदि जानकारी प्रदान की गई। गैर सरकारी संगठन का गठन और जानकारी प्रबंधन आदि की जानकारी जिला समन्वयक महेष कुमार खराडे़ द्वारा संस्थाओं को प्रदान की गई।
समापन अवसर पर म.प्र. जन अभियान परिषद् के संभाग समन्वयक षिवप्रसाद मालवीय द्वारा स्कूल चले हम वृक्षारोपण कार्यक्रम व संरक्षण आदि बिन्दूओं पर चर्चा कि साथ ही वृक्षारोपण पर जोर देते हुये वृक्षारोपण अधिक से अधिक हो साथ ही संरक्षण किया जावे। जिस प्रकार आभुषण नारी की सुन्दरता बढाता हैं। उसी प्रकार वृक्ष, पेड, पौधे पृथ्वी की सुन्दरता को बढ़ाते हैं। इसलिए हम इसे एक जन आन्दोलन बनाकर अधिक से अधिक वृक्षारोपण कर उसके संरक्षण हेतु जन जागरुकता अभियान चलाकर लोगो को प्रेरित करें।
प्रषिक्षण समापन कार्यक्रम पश्चात् अपर कलेक्टर प्रकाष रेवाल, डिप्टी कलेक्टर के.एल.यादव, डिप्टी कलेक्टर श्री शंकरलाल सिंघाडे़ व संभाग समन्वयक षिवप्रसाद मालवीय, लोक सेवा प्रबंधक मनोज शंखपाल द्वारा संयुक्त जिला कार्यालय परिसर में दो त्रिवेणी, दो बेलपत्र व 11 नीम के पौधो का रोपण किया गया। पौधारोपण के पश्चात् अपर कलेक्टर रेवाल द्वारा अधिक से अधिक पौधों का रोपण व संरक्षण की बात कही। इस अवसर पर जिला समन्वयक महेष कुमार खराडे़, विकासखण्ड समन्वयक, बुरहानपुर अषोक त्रिपाठी, वि.खण्ड समन्वयक, खकनार अमजद खान व सभी नवांकुर संस्थाओं के सदस्य उपस्थित रहे।
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