Tuesday, 8 July 2014

JANSAMPARK NEWS 8-7-14

जिला जनसंपर्क कार्यालय, बुरहानपुर म.प्र.
समाचार
एसिड अनुज्ञप्ति प्रदान करने अधिकारी अधिकृत
बुरहानपुर /8 जुलाई/ माननीय उच्चतम न्यायालय द्वारा एसिड से हमले की घटनाओं को प्रभावी ढंग से रोकने के संबंध में निर्णय पारित किया है।
    राज्य शासन द्वारा उक्त निर्णय के परिपालन में विष (मध्य प्रदेश) नियम 1960 के अंतर्गत अनुज्ञप्ति प्रदाय एवं अनुज्ञप्ति नवीनीकरण हेतु कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी श्री आशुतोष अवस्थी को अधिकृृत किया गया है।
    कलेक्टर ने जिले में इन विषो/एसिड््स के क्रय परमिट जारी करने हेतु अनुविभागीय दण्डाधिकारी को अधिकृृत किया गया है। इसमें विष एवं विभिन्न एसिड््स भी शामिल है। इनके विक्रय हेतु अनुज्ञप्ति लेना अनिवार्य है। लायसेंसधारी विक्रेता द्वारा विक्रय एवं शेष विष/एसिड का वितरण प्रत्येक पखवाडे़ के अंत में संबंधित अनुविभागीय दण्डाधिकारी को प्रस्तुत करेगे। अनुविभागीय दण्डाधिकारी को निर्देश दिये है कि क्षेत्रान्तर्गत बिना अनुज्ञप्ति के विषो/एसिड््स का विक्रय किया जाता है। तो संबंधित के विरूद्ध तत्काल कार्यवाही करें। साथ ही इसके विक्रय हेतु अनुज्ञप्ति लेने के लिऐ प्रोत्साहित भी किया जाये।
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क्रमांक/29 /431/2014                                                                                पवार/सचिन/प्रशासन
समाचार
कलेक्टर ने आवेदको से रूबरू की जनसुनवाई
बुरहानपुर /8 जुलाई/ कलेक्टर श्री आशुतोष अवस्थी ने जनसुनवाई में विभिन्न आवेदकों की समस्याएं, मांग, शिकायतों को रूबरू होकर गंभीरता से सुना।
    कलेक्टर ने पारधी समाज के लोगों को जाति प्रमाण-पत्र प्रदान करने के संबंध में विस्तृृत शासन के आदेशो का अवलोकन किया। जिसके पश्चात आवेदको को बताया कि पारधी समाज को शासन द्वारा बुरहानपुर जिले में अनुसूचित जाति अधिसूचित नहीं किया गया है। इस हेतु अनुसूचित  जाति प्रमाण-पत्र प्रदाय नहीं किया जा सकता। उन्होनें आवेदको से कहा कि शासन स्तर से इस बारे में शीघ्र ही मार्गदर्शन लिया जायेगा। श्री अवस्थी ने बताया कि बीपीएल राशनकार्ड अपात्रों निरस्त किए है। उन्होनें पांतोडा ग्रामवासियों की शिकायत पर आश्वस्त किया कि राशनकार्ड की पुनः जांच करायी जायेगी। जिसमें पात्रता रखते है। उन्हें लाभ दिलाया जा सकेगा। सीमांकन कराने वाले आवेदक मध्य प्रदेश भू-राजस्व संहिता के तहत चालान से राशि जमा करे। तहसीलदार को नक्शा आदि प्रस्तुत करें। तब सीमांकन की प्रक्रिया संपादित की जावेगी। कलेक्टर को बताया कि रास्तीपुरा मोहल्ले में राम मंदिर का जीर्णोद्धार विश्वकर्मा समाज द्वारा किया जा रहा है। आवेदनकर्ता श्रीमती शीला विश्वकर्मा एवं श्रीमती द्वारकाबाई ने प्रतिवेदित कराया कि मंदिर निर्माण में कुछ लोग आपत्ति उठा रहे है। कलेक्टर ने उक्त कार्य की जाँच हेतु तहसीलदार को निर्देश दिये है। वन अधिकार के तहत 55 पट्टे स्वीकृृत हुए है। जिसमें आवेदकों को 22 हजार 500 रूपये किश्त मकान हेतु मिल चुकी है। दूसरी किश्त के लिए एवं 11 हितग्राहियों के पट््टे वितरण शेष है। इस विषयक जनसुनवाई में आवेदन सामुहिक रूप से दिया है। कलेक्टर ने उक्त मांग का समाधान करने वन विभाग को शीघ्र कार्यवाही करने आवेदन सौंपा है। सरदार पटेल वार्डवासियों में श्री मुख्तार खान एवं शफीक खान आदि अन्य लोगों ने सामुहिक रूप से जी.एस.-17/1 बिजली का खम्बा हटाने आवेदन किया है। चूकि यह खम्बा कभी भी गिर सकता है। इससे निजात दिलाने विद्युत विभाग को आगाह किया गया है। उक्त वार्ड में शीघ्र ही स्थल परीक्षण कर खम्बा हटाने का कार्य करें। जनसुनवाई में रईसा अंसारी ने बताया कि उसके ससुराल वाले वोटर आइडी नहीं दे रहे है। वह एक साल से ससुराल नहीं जा रही है। वोटर आईडी के माध्यम से उसे अपने बच्चे को स्कूल में दाखिल कराना है। ससुराल वाले पैसो की मांग करते है और मुझें प्रताड़ित कर रहे है। कलेक्टर ने आवेदिका की समस्या का समाधान करने महिला सशक्तिकरण अधिकारी को निर्देशित किया है। उन्होनें अधिकारी से कहा कि महिला की सभी बातों को विस्तार से सुना जाये और उसे नियमानुसार राहत दिलाना सुनिश्चित करें। जनसुनवाई में सर्वाधिक आवेदक राशनकार्ड में नाम कटने की बात लेकर पहुंचे। कलेक्टर द्वारा विविध समस्याएं स्थल पर ही निराकृत कर दी गयी। इसमें कई पात्रजन शासन की जनसुविधाओं और योजना से लाभान्वित हुए है।
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क्रमांक/30/432/2014                                                                         पवार/सचिन/प्रशासन/फोटो
समाचार
जिले में प्रमुख ऐतिहासिक धरोहरों को विकसित किया जायेगा

जिला पुरातत्व समिति ने उद्यानिकी और पहुंच मार्ग को दी प्राथमिकता
बुरहानपुर /8 जुलाई/ जिले में प्रमुख ऐतिहासिक धरोहरों को विकसित किया जायेगा। इसमें आहुखाना, राजा की छतरी, शाहनवाज का मकबरा, महल गुलारा आदि नायाब पुरातत्व स्थलो तक पहुंच मार्ग बनाये जायेगें। साथ ही इन विश्व प्रसिद्ध नायाब ईमारतों के परिसर को उद्यानिकी से सजाया जायेगा।
    यह निर्णय कलेक्टर श्री आशुतोष अवस्थी की अध्यक्षता में आयोजित जिला पुरातत्व समिति की बैठक में लिया गया है। इस बैठक में पुलिस अधीक्षक श्री अनिलसिंह कुशवाह, अपर कलेक्टर श्री प्रकाश रेवाल, सीईओ जिला पंचायत श्री सुरेश्वरसिंह, नगर निगम आयुक्त सुरेश रेवाल, एसडीएम श्री काशीराम बड़ोले, डिप्टी कलेक्टर श्री सुमेरसिंह मुजाल्दा, जिला पुरातत्व अधिकारी श्री राकेश शेंडे सहित समिति के सम्मानीय सदस्यगण उपस्थित रहे।
    बैठक में कलेक्टर ने कहा कि बुरहानपुर जिला पवित्र पौराणिक सलिला ताप्ती के किनारे बसा हुआ है। जिससे नगर की संुदरता को आयाम मिला है। यह जिला वास्तव में ऐतिहासिक सम्पदा से भरपूर है। जितनी भी ऐतिहासिक विरासते है। सभी को क्रमशः संवारने हेतु कार्य किए जाएगें। जिससे पर्यटक इस नगर की ऐतिहासिक इमारतों को देखने के साथ ही यहां के इतिहास को जानने आकर्षित होगें। उन्होनें कहा कि धरोहरों का प्रचार-प्रसार भी किया जायेगा। पहुंच मार्ग व उद्यानिकी विकसित करने के लिए जिला पंचायत की मनरेगा, मध्य प्रदेश टूरिज्म विकास निगम तथा केन्द्रीय पुरातत्व विभाग के मद से किया जायेगा। पुरातत्व संग्रहालय के लिए सुव्यस्थित स्थान चयनित करना होगा। पुरातत्वीय सामग्री एकत्र करने नगर वासियों से अनुरोध करेगें। चूकि सामग्री संकलन की अधिकता से संग्रहालय का स्वरूप व्यापक हो जायेगा। इस अवसर पर बुरहानपुर नगर के प्रतिष्ठित वयोवृद्ध इतिहास जानकार श्री नंदकिशोर देवड़ा ने कहा कि बुरहानपुर जिले का असीरगढ़ किला विश्व प्रसिद्ध है। इस हेतु समिति टूरिज्म डिपार्टमेन्ट को एप्लीकेशन करना चाहिए। उन्हें समिति द्वारा किये जा रहे कार्य अवगत कराते हुए सहयोग प्रदान करने की अपेक्षा पर्यटन विभाग से की जावे। यहां की प्रसिद्ध धरोहरों को केन्द्र पर्यटन की सूची में शामिल कराये। उन्होनें विभिन्न ऐतिहासिक स्थलों के बारे में भी विस्तार से अवगत कराया। और इन धरोहरों के उन्नयन के लिए मार्गदर्शन भी दिया। श्री होशंग हवलदार ने कहा कि आहुखाना में उद्यानिकी और रोपवे लगाने से ऐतिहासिक स्थलों का सौंदर्यीकरण होगा। जिससे पर्यटक इन स्थलों की ओर आकर्षित होगें। डॉक्टर मेजर गुप्ता ने ताप्ती नदी तथा बुरहानपुर नगर सुरक्षा दीवार चित्र का प्रदर्शन किया। उन्होनें ने भी महल गुलारा तक पक्के मार्ग बनाने की बात कही। चूकि यहा वर्षा ऋतु में नदी पर बने बांध से पानी का रमणीक दृश्य देखने लायक है। इस स्थल पर पर्यटक पक्का मार्ग बनने से बारिश के मौसम में पहुंच सकेगे। समिति सदस्य एवं इतिहास कार कमरूद्दीन फलक ने भी मुमताज महल के कब्र तक पहुुंच मार्ग की आवश्यकता पर जोर दिया है। उन्होनें कहा कि मुमताज महल के नाम से ही बुरहानपुर को प्रसिद्धी मिली है। इस स्थल पर पर्यटक विशेष रूप से आयेगें। प्राचार्य मेघनाथ पटले ने धरोहरों का जहां तक हो मूल स्वरूप उबारने का प्रस्ताव दिया। उन्होनें बताया कि धरोहरों को विकसित करने के बाद इनके रख-रखाव के लिए प्रबंध किए जाए। जिससे यहा का आकर्षण बरकरार रहे। संजय दुबे ने बताया कि पुरातत्व संग्रहालय नगर निगम द्वारा स्थापित किया गया है। किंतु वह बहुत लंबे अरसे बंद है। जिसे पुनः संचालित किया जाये। समिति ने इस बात पर अमल करने का निर्णय लिया। इस मौके पर वयोवृृद्ध वरिष्ठ इतिहासकार श्री तेजपाल भट्ट, मनोज अग्रवाल सहित अनेक नगरवासी एवं ऐतिहासिक जानकारी रखने वाले सदस्यों ने भी धरोहरों के विकास के लिए नीतिगत सुझाव दिये। इसमें कहा गया है कि आहुखाना में खिरनी के वृक्ष लगे थे। कलेक्टर ने कहा कि वहां खिरनी के ही वृक्ष रोपित किए जायेगें। उन्होनें कहा कि कोट के दरवाजों और दीवार की सुरक्षा भी की जायेगी। दीवार की 2 फीट बाहय तरफ कटीली तारों की फेन्सिंग करायी जायेगी। इनके भीतर सुन्दर फूलों के पौधें रोपित किए जायेगें। जिससे यह दीवार सुरक्षित रहने के साथ ही सुरम्य दिखने लगेगी। कार्यपालन यंत्री लोक निर्माण विभाग श्री राजेन्द्र जोशी ने बताया कि आहुखाना तक रोपवे लगाने में स्थल अनुकुल नही है। ताप्ती नदी राजघाट से पुल बनाया जा रहा है। यह पुल रपटे से चार मीटर उंचाई का होगा। बैठक में अध्यक्ष ने सदस्यों के सुझावों पर अमल करने का विश्वास दिलाया। उन्होनें हर नागरिक से बुरहानपुर को पुरातत्वीय दृष्टि से विकसित करने सहयोग प्रदान करने का अनुरोध किया है।
   
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क्रमांक/31/433/2014                                                                      पवार/सचिन/पुरातत्व/फोटो
समाचार
भूतपूर्व सैनिकों की समस्याओं के निराकरण हेतु संपर्क करें
बुरहानपुर /8 जुलाई/ मध्य प्रदेश के सभी भूतपूर्व सैनिकों की शिकायत/समस्या के निराकरण हेतु निम्नांकित कार्यालय अधिकृत किए गए है। इस हेतु जिला सैनिक कल्याण कार्यालय में जिला सैनिक कल्याण अधिकारी खण्डवा से मिल सकते है। कार्यालय का दूरभाष नंबर 0733-2228311 एवं अधिकारी के मोबाइल नंबर 9479523959 पर संपर्क करें।   
    जिला सैनिक कल्याण अधिकारी ने उक्त जानकारी दी। उन्होनें बताया कि शिकायत/समस्या का निराकरण नहीं होने पर दूरभाष नंबरों पर संपर्क करें। या अपनी शिकायत/समस्या संचालनालय सैनिक कल्याण मध्य प्रदेश गुरू तेग बहादुर कॉम्प्लेक्स न्यू मार्केट टीटी नगर पोस्ट बॉक्स 364 भोपाल 462003 पर प्रेषित कर सकते है। संचालक सैनिक कल्याण कार्यालय का दूरभाष नंबर 0755-2441523 है। इसके अलावा संयुक्त संचालक सैनिक कल्याण के दूरभाष नंबर 0755-2577206 एवं मोबाइल नंबर 94258-23450 और सहायक संचालक सैनिक कल्याण के दूरभाष क्रमांक 0755-2577211 पर अवगत कराये।
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क्रमांक/32/434/2014                                                                                   पवार/सचिन/सै.क.
समाचार
वर्षा की लेटलतीफी में कृृषि संबंधी सुझाव
बुरहानपुर /8 जुलाई/ जिले में वर्षा ऋतु के दौरान पिछले वर्ष अभी तक लगभग 419.1 मिली मीटर वर्षा हो चुकी थी। जबकि इस वर्ष मात्र 48.7 मिमी. वर्षा हुई। इस दशा को देखते हुये जिले मंे किसान भाईयों को थोड़ी सी अपनी खेती की रणनीति बदलनी होगी। जुलाई माह की शुरूआत हो चुकी है। यदि वर्षा आने वाले एक सप्ताह तक नहीं होती है। तब किसान निम्नलिखित सुझावों पर ध्यान देगें।
    किसान कल्याण एवं कृषि विकास विभाग उपसंचालक श्री मनोहरसिंह देवके ने खरीफ मौसम  के संबंध में विभिन्न फसलों के बारे में उक्त जानकारी दी है। उन्होनें बताया कि सोयाबीन की फसल में इस प्रकार से रख-रखाव करें। इसमें जल्दी पकने वाली सूखा प्रतिरोधी प्रजातियां जैसे जवाहर सोयाबीन (जेएस) 9305 एवं जेएस 95-60 का चयन करे। फसल को पूर्णतया खरपतवार रहित करना ताकि पानी एवं पोषक तत्वों का पूरा उपयोग हो सके। बीज की बुवाई रिज एवं फरो विधि(मेड एवं नाली पद्दति) से ही करें। कम अंकुरण वाले बीज (65-70 प्रतिषत) की दषा मे बीज दर 35 किग्रा0 /एकड की दर से रखें। बोवनी से पहले सोयाबीन के बीज को 2 ग्राम थाइरम एवं 1 ग्राम कार्बेन्डाजिम प्रति किग्रा0 बीज की दर से अथवा मिश्रित उत्पाद कार्बोक्सिन  37.5ः $ थाइरम 37.5ः 3 ग्राम प्रति किग्रा0 बीज की दर से उपचारित करना चाहिये। जैव नियंत्रक ट्राइकोडर्मा विरिडी 5-10 ग्राम प्रति किग्रा0 बीज की दर से भी उपचारित कर सकते है। अधिक वर्षा विलम्ब की अवस्था यानी 15 जुलाई के बाद सोयाबीन की फसल न लेकर मूंग, उर्द एवं पालीबैग से तैयार अरहर की कम अवधि वाली प्रजाति को लगाये। अरहर फसल में कम अवधि एवं रोगो के प्रति प्रतिरोधी प्रजातियां जैसे पूसा 991 एवं जे. के. एम 189 की बुवाई करे। कपास में वर्षा पूर्व बोई गई कपास की फसल को आवष्यकतानुसार जीवन रक्षक सिंचाई ड्रिप के माध्यम से दे। यदि वर्षा आने वाले एक सप्ताह तक नहीं होती है। तो ऐसी परिस्थिति मे 2 प्रतिषत डीएपी एवं रसचूसक कीट से बचने के लिये इमीडाकोलोरोपिड 8 एमएल प्रति पम्प की दर से या नीम तेल का छिडकाव करें। वर्षा आधारित कपास की फसल लगाने हेतु कम अवधि वाली बीटी कपास एवं देषी कपास का चयन करे। ज्वार में भी अधिक उत्पादन देने वाली द्धिउद्देष्यीय प्रजातियां जैसे जेजे 1022, जेजे 1041 की बुवाई करे।
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क्रमांक/33/435/2014                                                                                     पवार/सचिन/कृषि

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JANSAMPARK NEWS 30-08-18

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