जिला जनसंपर्क कार्यालय, बुरहानपुर म.प्र.
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मध्यान्ह भोजन कार्यक्रम अंतर्गत
प्रथम त्रैमास खाद्यान्न का भुगतान
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मध्यान्ह भोजन कार्यक्रम अंतर्गत
प्रथम त्रैमास खाद्यान्न का भुगतान
बुरहानपुर/2
जुलाई/जिले में मध्यान्ह भोजन कार्यक्रम योजनान्तर्गत प्रथम त्रैमास
खाद्यान्न परिदान गेहूँ चावल के लिये कुल 12 लाख 85 हजार 615 रूपये का
भुगतान कर दिया गया है।
लेखा अधिकारी ने बताया कि जिला पंचायत द्वारा जिला प्रबंधक, म.प्र.स्टेट सिविल सप्लाईजन कार्पोरेशन लिमिटेड को यह राशि प्राथमिक/माध्यमिक शालाओं के माह अप्रैल, मई, जून, 2014 तक खाद्यान्न हेतु प्रदाय की गयी है। उक्त राशि 4 लाख 40 हजार 745 रूपये एवं 4 लाख 22 हजार 435 रूपये चैक के माध्यम से पृृथक-पृृथक शालाओं के बैंक खातों में जमा किये गये है।
लेखा अधिकारी ने बताया कि जिला पंचायत द्वारा जिला प्रबंधक, म.प्र.स्टेट सिविल सप्लाईजन कार्पोरेशन लिमिटेड को यह राशि प्राथमिक/माध्यमिक शालाओं के माह अप्रैल, मई, जून, 2014 तक खाद्यान्न हेतु प्रदाय की गयी है। उक्त राशि 4 लाख 40 हजार 745 रूपये एवं 4 लाख 22 हजार 435 रूपये चैक के माध्यम से पृृथक-पृृथक शालाओं के बैंक खातों में जमा किये गये है।
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सीएमओ द्वारा 11 प्रकरण में एक दिवस विलंब से सेवा प्रदान करने पर 2750 रूपये की शास्ति अधिरोपित
बुरहानपुर/1
जुलाई/ लोक सेवा गारंटी अधिनियम के अंतर्गत नेपानगर नगर पालिका परिषद
द्वारा 11 प्रकरणों में एक दिवस विलंब से सेवा प्रदान की गयी है। इस
उल्लघंन पर पदाभिहीत अधिकारी सी.एम.ओ.श्री धीरेन्द्र सिकरवार के विरूद्ध
शास्ति अधिरोपित की गयी है। इस विलंबता पर पदाभिहीत अधिकारी को प्रति
प्रकरण 250 रूपये के मान से कुल 2750 रूपये का जुर्माना भरना पड़ेगा।
कलेक्टर श्री आशुतोष अवस्थी ने यह कार्यवाही लोक सेवाओं के प्रदान की गारंटी अधिनियम 2010 की धारा 4 में निश्चित की गयी है। इस समय सीमा के भीतर ही प्रकरणों का निराकरण नहीं करने पर पदाभिहीत अधिकारी के प्रति उक्त निर्णय पारित किया गया है। उल्लेखनीय है कि नेपानगर नगर पालिका परिषद् को सामाजिक न्याय विभाग की सेवा से संबंधित 11 आवेदन-पत्र प्रस्तुत किए गये थे। जिसमें 2 प्रकरण राष्ट्रीय इंदिरा गांधी विधवा पेंशन योजना के 2 प्रकरण, सामाजिक सुरक्षा पेंशन 3, इंदिरा गांधी वृृद्धावस्था पेंशन योजना से संबंधित 6 आवेदन प्रस्तुत किए गए थे। इन प्रकरणों में सेवाओं को समयावधि में प्रदान करने का उत्तर दायित्व पदाभिहीत अधिकारी के रूप में मुख्य नगर पालिका अधिकारी, नगर परिषद नेपानगर का था। किन्तु उन्होनें निर्धारित समय-सीमा में अपने कर्तव्य का निवर्हन करने में असफल रहे है। मुख्य नगर पालिका अधिकारी द्वारा लोक सेवाओं के प्रदान की गारंटी अधिनियम में निश्चित समय सीमा के भीतर सेवा प्राप्त करने का अधिकार का स्पष्ट उल्लंघन पाया गया है। अतः पदाभिहीत अधिकारी मुख्य नगर पालिका अधिकारी पर बिना किसी युक्तियुक्त के कारण के 11 प्रकरणों में एक दिवस विलंब से सेवा प्रदान करने के प्रति शास्ति अधिरोपित की गयी है। कलेक्टर ने इस प्रकरण में पदाभिहीत अधिकारी की अपील की सुनवाई प्रतिवेदन का अवलोकन किया। अनुविभागीय राजस्व अधिकारी नेपानगर प्रथम अपीलीय अधिकारी के तमाम जाँच प्रतिवेदन प्राप्त जानकारी के आधार पर पदाभिहीत अधिकारी की सुनवाई की गयी। इस प्रकरण में सीएमओ द्वारा उत्तर संतोषजनक नहीं पाया गया है। अपीलीय अधिकारी ने एक दिवस विलंब होने पर पदाभिहीत अधिकारी के प्रति शास्ति अधिरोपित करने के संबंध में द्वितीय अपीलीय प्राधिकारी को प्रस्ताव भेजा गया। अधिनियम के उल्लघंन पर उक्त कार्यवाही को अंजाम दिया गया है।
कलेक्टर श्री आशुतोष अवस्थी ने यह कार्यवाही लोक सेवाओं के प्रदान की गारंटी अधिनियम 2010 की धारा 4 में निश्चित की गयी है। इस समय सीमा के भीतर ही प्रकरणों का निराकरण नहीं करने पर पदाभिहीत अधिकारी के प्रति उक्त निर्णय पारित किया गया है। उल्लेखनीय है कि नेपानगर नगर पालिका परिषद् को सामाजिक न्याय विभाग की सेवा से संबंधित 11 आवेदन-पत्र प्रस्तुत किए गये थे। जिसमें 2 प्रकरण राष्ट्रीय इंदिरा गांधी विधवा पेंशन योजना के 2 प्रकरण, सामाजिक सुरक्षा पेंशन 3, इंदिरा गांधी वृृद्धावस्था पेंशन योजना से संबंधित 6 आवेदन प्रस्तुत किए गए थे। इन प्रकरणों में सेवाओं को समयावधि में प्रदान करने का उत्तर दायित्व पदाभिहीत अधिकारी के रूप में मुख्य नगर पालिका अधिकारी, नगर परिषद नेपानगर का था। किन्तु उन्होनें निर्धारित समय-सीमा में अपने कर्तव्य का निवर्हन करने में असफल रहे है। मुख्य नगर पालिका अधिकारी द्वारा लोक सेवाओं के प्रदान की गारंटी अधिनियम में निश्चित समय सीमा के भीतर सेवा प्राप्त करने का अधिकार का स्पष्ट उल्लंघन पाया गया है। अतः पदाभिहीत अधिकारी मुख्य नगर पालिका अधिकारी पर बिना किसी युक्तियुक्त के कारण के 11 प्रकरणों में एक दिवस विलंब से सेवा प्रदान करने के प्रति शास्ति अधिरोपित की गयी है। कलेक्टर ने इस प्रकरण में पदाभिहीत अधिकारी की अपील की सुनवाई प्रतिवेदन का अवलोकन किया। अनुविभागीय राजस्व अधिकारी नेपानगर प्रथम अपीलीय अधिकारी के तमाम जाँच प्रतिवेदन प्राप्त जानकारी के आधार पर पदाभिहीत अधिकारी की सुनवाई की गयी। इस प्रकरण में सीएमओ द्वारा उत्तर संतोषजनक नहीं पाया गया है। अपीलीय अधिकारी ने एक दिवस विलंब होने पर पदाभिहीत अधिकारी के प्रति शास्ति अधिरोपित करने के संबंध में द्वितीय अपीलीय प्राधिकारी को प्रस्ताव भेजा गया। अधिनियम के उल्लघंन पर उक्त कार्यवाही को अंजाम दिया गया है।
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जिला पुरातत्व समिति की बैठक 8 जुलाई को
जिला पुरातत्व समिति की बैठक 8 जुलाई को
बुरहानपुर/2
जुलाई/ जिला पुरातत्व समिति की बैठक 8 जुलाई अपरान्ह 2 बजे से आयोजित की
गयी है। यह बैठक कलेक्टर श्री आशुतोष अवस्थी की अध्यक्षता में कलेक्टेªट
सभागार में संपन्न होगी।
डिप्टी कलेक्टर श्री सुमेरसिंह मुजाल्दा ने उक्त जानकारी दी। उन्होनें बताया कि इस बैठक में जिले के सभी पुरातत्व स्मारकों पर जाने हेतु मार्ग निर्माण की प्रगति की समीक्षा होगी। इसके साथ ही मार्ग निर्माण हेतु नवीन प्रस्ताव पर चर्चा की जाना है। विश्व प्रसिद्ध आहुखाना के लिये ताप्ती नदी पर रोपवे तथा उद््यान लगाने हेतु विचार-विमर्श प्रस्तावित है। बुरहानपुर नगर कोट की प्राचीर के सभी दरवाजों का सुदृृढ़ीकरण करने पर भी निर्णय लिया जाना है। इसमें इंदौर-इच्छापुर मार्ग से दरवाजों तक मार्ग निर्माण पर भी गहनता से चर्चा होगी। पुरातत्व स्थलों पर पहुंचने के लिये वाहन व्यवस्था, साउण्ड, म्यूजिक पद्धति से पर्यटक स्थलों की जानकारी व म्यूजियम की स्थापना पर विस्तृृत रूपरेखा बनायी जायेगी। राज्य टूरिज्म द्वारा प्रचार-प्रसार सामग्री उपलब्ध कराने हेतु व्यवस्था की जाना है। ताकि बुरहानपुर की विश्व प्रसिद्ध नायाब धरोहरों का प्रचार-प्रसार बखुबी हो सके। हमारा बुरहानपुर पुस्तक उपलब्ध कराने पर एवं पुरातत्व संघ की सदस्यता बढ़ाने पर भी सुलह होगी। इस बैठक में अन्य विषयों पर चर्चा करना और प्रस्ताव अध्यक्ष की अनुमति से लिये जायेगें।
डिप्टी कलेक्टर श्री सुमेरसिंह मुजाल्दा ने उक्त जानकारी दी। उन्होनें बताया कि इस बैठक में जिले के सभी पुरातत्व स्मारकों पर जाने हेतु मार्ग निर्माण की प्रगति की समीक्षा होगी। इसके साथ ही मार्ग निर्माण हेतु नवीन प्रस्ताव पर चर्चा की जाना है। विश्व प्रसिद्ध आहुखाना के लिये ताप्ती नदी पर रोपवे तथा उद््यान लगाने हेतु विचार-विमर्श प्रस्तावित है। बुरहानपुर नगर कोट की प्राचीर के सभी दरवाजों का सुदृृढ़ीकरण करने पर भी निर्णय लिया जाना है। इसमें इंदौर-इच्छापुर मार्ग से दरवाजों तक मार्ग निर्माण पर भी गहनता से चर्चा होगी। पुरातत्व स्थलों पर पहुंचने के लिये वाहन व्यवस्था, साउण्ड, म्यूजिक पद्धति से पर्यटक स्थलों की जानकारी व म्यूजियम की स्थापना पर विस्तृृत रूपरेखा बनायी जायेगी। राज्य टूरिज्म द्वारा प्रचार-प्रसार सामग्री उपलब्ध कराने हेतु व्यवस्था की जाना है। ताकि बुरहानपुर की विश्व प्रसिद्ध नायाब धरोहरों का प्रचार-प्रसार बखुबी हो सके। हमारा बुरहानपुर पुस्तक उपलब्ध कराने पर एवं पुरातत्व संघ की सदस्यता बढ़ाने पर भी सुलह होगी। इस बैठक में अन्य विषयों पर चर्चा करना और प्रस्ताव अध्यक्ष की अनुमति से लिये जायेगें।
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अवैध गौवंश 9 बैल राजसात
अवैध गौवंश 9 बैल राजसात
बुरहानपुर/2 जुलाई/
न्यायालय कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी बुरहानपुर द्वारा मध्य प्रदेश गौवंश
प्रतिषेध अधिनियम एवं मध्य प्रदेश कृषि पशु संरक्षण अधिनियम के तहत
जप्तशुदा गौवंश ( 9 बैल) को राजसात किया गया है।
कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी श्री आशुतोष अवस्थी ने इस प्रकरण में उक्त जप्त गौवंश पंजीकृत संस्था श्री इच्छादेवी ट्रस्ट इच्छापुर गौशाला को जीवित सशर्त अस्थाई अभिरक्षा में रखे जाने का आदेश पारित किया है। यह गौवंश पालन-पोषण हेतु अपील अवधि पश्चात इसी गौशाला में रखे जायेगें।
उल्लेखनीय है कि कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी न्यायालय को पुलिस अधीक्षक शाहपुर थाना में दर्ज अपराध क्रमांक 323/13 मध्य प्रदेश गौवंश प्रतिषेध अधिनियम एवं मध्य प्रदेश कृषि पशु संरक्षण अधिनियम के तहत प्रकरण पेश किया गया था। अभियोजन के अनुसार पुलिस ने 13 सितम्बर, 2013 को मोबाइल सूचना पर गौवंश दो व्यक्तियों द्वारा बैलों को पैदल-पैदल धामनगांव की तरफ से लकड़ियों से मारते पीटते हुए कू्ररतापूर्वक महाराष्ट्र की ओर ले जा रहे थे। पुलिस द्वारा नाम पता पूछने पर मेहबूब पिता हुसैन निवासी जामटी बताया गया है । दूसरे व्यक्ति का नाम संतोष पिता शंकर निवासी जामटी जिला जलगांव का रहने वाला बताया गया।
उनके पास जप्तशुदा 9 बैलो को म.प्र. से बाहर राज्य में ले जाने को कोई परमिट नहीं पाया गया। इस कृृत्य अपराध धारा 4, 6, 9 म.प्र. गौवंश प्रतिषेध अधिनियम 2004 एवं 5, 6 क, 11 (घ) म.प्र. कृषि पशु संरक्षण अधिनियम 1959 का होने 9 नग बैल जिसे जप्त कर आरोपी को गिरफ्तार कर उसके विरूद्ध अपराध क्रमांक 323/13 की प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज की गयी। अनुसंधान के दौरान साक्षियों के कथन लेखबद्ध किये गये व अधिनियम 2005 की धारा 11(5) के तहत जप्तशुदा गौवंश को अधिहरण किये जाने हेतु आवेदन पत्र इस न्यायालय में प्रस्तुत किया गया। जिस पर प्रकरण विधिवित रूप से पंजीबद्ध किया गया। आवेदकगणों को सूचना पत्र जारी किये गये।
अभियोजन की ओर से अनावेदक के जवाब में तर्क है कि अनावेदक के जवाब में संपूर्ण बिंदु अविश्वनीय होने के कारण अपास्त किये जाते है। अनावेदक ने यह सिद्ध नहीं किया गया। पशु को कृृषि हेतु ले जा रहा था। इस संबंध में कोई भी दस्तावेज पेश नहीं किये। इसलिये अनावेदक के जवाब पर विचार किया जाना न्यायाहित में नहीं पाया गया है। इस प्रकरण में अधिहरित उक्त अवधि पश्चात विधिवत रूप से नीलाम किया जायेगा। प्राप्त राशि शासकीय कोष में जमा होगी। अपील होने पर न्यायालय के आदेश का पालन किया जाना आवश्यक है।
कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी श्री आशुतोष अवस्थी ने इस प्रकरण में उक्त जप्त गौवंश पंजीकृत संस्था श्री इच्छादेवी ट्रस्ट इच्छापुर गौशाला को जीवित सशर्त अस्थाई अभिरक्षा में रखे जाने का आदेश पारित किया है। यह गौवंश पालन-पोषण हेतु अपील अवधि पश्चात इसी गौशाला में रखे जायेगें।
उल्लेखनीय है कि कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी न्यायालय को पुलिस अधीक्षक शाहपुर थाना में दर्ज अपराध क्रमांक 323/13 मध्य प्रदेश गौवंश प्रतिषेध अधिनियम एवं मध्य प्रदेश कृषि पशु संरक्षण अधिनियम के तहत प्रकरण पेश किया गया था। अभियोजन के अनुसार पुलिस ने 13 सितम्बर, 2013 को मोबाइल सूचना पर गौवंश दो व्यक्तियों द्वारा बैलों को पैदल-पैदल धामनगांव की तरफ से लकड़ियों से मारते पीटते हुए कू्ररतापूर्वक महाराष्ट्र की ओर ले जा रहे थे। पुलिस द्वारा नाम पता पूछने पर मेहबूब पिता हुसैन निवासी जामटी बताया गया है । दूसरे व्यक्ति का नाम संतोष पिता शंकर निवासी जामटी जिला जलगांव का रहने वाला बताया गया।
उनके पास जप्तशुदा 9 बैलो को म.प्र. से बाहर राज्य में ले जाने को कोई परमिट नहीं पाया गया। इस कृृत्य अपराध धारा 4, 6, 9 म.प्र. गौवंश प्रतिषेध अधिनियम 2004 एवं 5, 6 क, 11 (घ) म.प्र. कृषि पशु संरक्षण अधिनियम 1959 का होने 9 नग बैल जिसे जप्त कर आरोपी को गिरफ्तार कर उसके विरूद्ध अपराध क्रमांक 323/13 की प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज की गयी। अनुसंधान के दौरान साक्षियों के कथन लेखबद्ध किये गये व अधिनियम 2005 की धारा 11(5) के तहत जप्तशुदा गौवंश को अधिहरण किये जाने हेतु आवेदन पत्र इस न्यायालय में प्रस्तुत किया गया। जिस पर प्रकरण विधिवित रूप से पंजीबद्ध किया गया। आवेदकगणों को सूचना पत्र जारी किये गये।
अभियोजन की ओर से अनावेदक के जवाब में तर्क है कि अनावेदक के जवाब में संपूर्ण बिंदु अविश्वनीय होने के कारण अपास्त किये जाते है। अनावेदक ने यह सिद्ध नहीं किया गया। पशु को कृृषि हेतु ले जा रहा था। इस संबंध में कोई भी दस्तावेज पेश नहीं किये। इसलिये अनावेदक के जवाब पर विचार किया जाना न्यायाहित में नहीं पाया गया है। इस प्रकरण में अधिहरित उक्त अवधि पश्चात विधिवत रूप से नीलाम किया जायेगा। प्राप्त राशि शासकीय कोष में जमा होगी। अपील होने पर न्यायालय के आदेश का पालन किया जाना आवश्यक है।
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