Wednesday 26 December 2012

JANSAMAPARK NEWS 26-12-12

जिला जनसंपर्क कार्यालय-बुरहानपुर
समाचार
आज होगा उच्च शिक्षा-ऋण मेले का आयोजन
बुरहानपुर - (26 दिसम्बर) - जिले में आज गुरूवार को राज्य शासन के निर्देशानुसार उच्च शिक्षा-ऋण मेले का आयोजन किया जायेगा। जनपद पंचायत बुरहानपुर के सभागार में आयोजित शिक्षा ऋण मेले में जिले में कार्यरत सभी बैंकों की सहभागिता रहेगी। उच्च शिक्षा-ऋण शिविर की अधिक जानकारी देते हुए अग्रणी जिला प्रबंधक श्री बूटे ने बताया की शिविर में भारतीय रिजर्व बैंक निर्देश दिनांक 9 नवम्बर 2012 के अनुसार शिक्षा-ऋण प्रकरणों में बैंक शाखा हेतु निर्धारित सर्विस एरिया एप्रोंच के प्रावधान लागू नही है। अतः किसी भी विद्यार्थी का प्रकरण इस आधार पर अमान्य नही किया जाय। इस लिये अधिक से अधिक छात्र शिक्षा ऋण के लिये अधिक से अधिक संख्या शिविर में आकर उच्च शिक्षा ऋण के लिये आवेदन करे।
यह दस्तावेज लेकर आये विद्यार्थीः-उच्च शिक्षा ऋण शिविर में शिक्षा ऋण लेने हेतु विद्यार्थी अपने दस्तावेज लेकर मेला स्थल पर लेकर आये।
ऽ    10 वी व 12 वी की अंकसूची / पास हुए सेमेस्टर की अंकसूची
ऽ    आधार कार्ड ;यदि उपलब्ध है तोद्ध /मतदाता परिचय पत्र ;टवजमत बंतकद्ध पेन स. ;च्।छ छ0द्ध
ऽ    जिस विश्वविद्यालय/संस्था में दाखिला ले रहे हैं वहां का दाखिला पत्र
ऽ    लगने वाली फीस का विवरण -सम्पूर्ण वर्षो के लिए
ऽ    अभिभावक/को की आय प्रमाण पत्र ;यदि उपलब्ध है तोद्धे और पासपोर्ट साईज के फोटो-ं1 ऋण हेतु आवश्यक लाये।
क्र-2012/वर्मा
जिले के किसान भाईयों के लिये चना और विभिन्न दलहनी फसलों के लिये उपाय
बुरहानपुर - (26 दिसम्बर) - जिले में चना और विभिन्न दलहन फसलों का सबसे अधिक प्रमुख शत्रु ईल्ली है। चना और दलहन क्षेत्रों में प्रतिवर्ष बहुत नुकसान पहुचाती है। इसके नियंत्रण के लिये उप संचालक किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग श्री मनोहर सिंह देवके ने उपाय देते हुए बताया कि किसान भाई-
1.    एक हेक्टेयर में 30-40 खूटियां 3-4 फीट की टी आकार की जिसमें पक्षी बैठकर ईल्लीयां खा सके गाड़ देना चाहिए।
2.    फेरोमेन टेªप का उपयोग 10-12 प्रति हेक्टर की दर से खेत में लगाने पर नरकीट आकर्षित होकर नष्ट हो जाते है।
3.    प्रकाश प्रपंच भी कीटों को आकर्षित कर नष्ट कर देता है।
4.    फसल की आरंभिक अवस्था में निम्बोली के अर्क का 5 प्रतिशत घोल का छिड़काव करें।
5.    परजीवी एवं परभक्षी चने की ईल्ली का 30 से 40 प्रतिशत तक नियंत्रण करते है। इन कीटो का संरक्षण एवं उपयोग करना चाहिए।
6.    एन.पी.व्ही.वायरस का उपयोग करें इस वायरस से ग्रसित ईल्ली उल्टी लटकी हुई काले रंग की दिखाई देती है।
7.    कीटों का भयंकर प्रकोप होने पर अर्थात कीटों की संख्या अधिक क्षति स्तर पार होने की दशा (एक मीटर लंबाई फसल में औसत दो से अधिक ईल्लीया) में कीटनाशी का उपयोग करना चाहिए। इसके लिये ट्रायजोफास 40 ई.सी.का 500 मि.ली. कीटनाशक को 500 लिटर पानी में छिड़काव करें या एमामेक्टीन बेन्जोएट 5 जी का 200 ग्राम प्रति हेक्टर का लगभग 400 से 500 लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें।
क्र-2012/वर्मा

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JANSAMPARK NEWS 30-08-18

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