Tuesday, 12 March 2013

JANSAMPARK NEWS 12-3-13

जिला जनसंपर्क कार्यालय-बुरहानपुर
समाचार
हज-यात्रियों के मास्टर ट्रेनर चयन के लिये आवेदन 22 मार्च तक आमंत्रित
अहर्ताएँ पूर्ण करने वाली महिलाएँ भी कर सकेंगी आवेदन, आवेदन-पत्र हज कमेटी की वेबसाइट पर उपलब्ध
बुरहानपुर - ( 12 मार्च  2013) - प्रदेश के हज-यात्रियों को ट्रेनिंग देने मास्टर ट्रेनर चयन के लिये आवेदन-पत्र 22 मार्च, 2013 तक आमंत्रित किये गये हैं। इसके लिये निर्धारित अहर्ताएँ पूर्ण करने वाली महिला आवेदक भी आवेदन कर सकेंगी। आवेदन-पत्र मध्यप्रदेश स्टेट हज कमेटी की वेबसाइट पर उपलब्ध हैं।
अध्यक्ष स्टेट हज कमेटी डॉ. सनवर पटेल के अनुसार केन्द्रीय हज कमेटी के निर्णय तथा निर्देशानुसार हज-यात्रियों को हज संबंधी प्रशिक्षण देने के लिये राज्य के लिये 2 मास्टर ट्रेनर का चयन किया जाना है। इसके लिये ऐसे आवेदकों, जिन्हें हज संबंधी कार्य से प्रतिनियुक्ति पर सउदी अरब में कार्य करने का अनुभव हो, जिनमें असिस्टेंट हज ऑफीसर, हज असिस्टेंट, मेडिकल ऑफीसर या खादिमुलहुज्जाज, जिन्हें हज संबंधी समस्त प्रकार का अनुभव, हज की धार्मिक रीतियों की जानकारी रखते हों, उम्र 50 वर्ष से अधिक न हो, कम से कम एक हज अदा किया होना चाहिये, से आवेदन-पत्र आमंत्रित किये गये हैं। साथ ही आवेदक को अंग्रेजी भाषा का पूर्ण ज्ञान, हिन्दी और अंग्रेजी की पूर्ण जानकारी, आवेदक हज संबंधी ट्रेनिंग के कार्यक्रमों के लिये समय दे सकता हो, पूर्ण रूप से स्वस्थ हो, कम्प्यूटर का ज्ञान हो तथा उसके विरुद्ध किसी भी प्रकार का आपराधिक प्रकरण न्यायालय में दर्ज न हो।
समस्त निर्धारित अहर्ताएँ पूर्ण करने वाली महिला आवेदक भी आवेदन कर सकेंगी। चयनित आवेदकों को हज कमेटी ऑफ इण्डिया, मुम्बई द्वारा हज हाउस, मुम्बई में दो दिवसीय ट्रेनिंग दी जायेगी। इसके बाद चयनित मास्टर ट्रेनर फील्ड ट्रेनर को भोपाल में ट्रेनिंग देंगे।
चयन की अहर्ताएँ पूर्ण करने वाले इच्छुक आवेदक निर्धारित आवेदन-पत्र मध्यप्रदेश स्टेट हज कमेटी के ताजुल मसाजिद के पीछे, सुलतानिया रोड, भोपाल स्थित कार्यालय से प्राप्त कर सकते हैं। आवेदन-पत्र स्टेट हज कमेटी की वेबसाइट ीजजचरूध्ध्ूूूण्उचींरबवउउपजजममण्बवउध् से प्राप्त किये जा सकते हैं। आवेदन-पत्र भोपाल स्थित हज कमेटी के कार्यालय में निर्धारित तिथि 22 मार्च, 2013 तक जमा होंगे। अपूर्ण तथा अपात्र आवेदकों को आवेदन-पत्र निरस्त होने की सूचना नहीं दी जायेगी। अंतिम तिथि के बाद के आवेदन को प्राप्त नहीं किया जायेगा। यदि आवश्यकता हुई तो आवेदकों की हज, अंग्रेजी, उर्दू तथा अरबी भाषा से संबंधित परीक्षा ली जायेगी।
क्र-29/2013/198/वर्मा
गेहूँ के समर्थन मूल्य पर इस साल 150 रुपये का बोनस
आदेश जारी
बुरहानपुर - ( 12 मार्च  2013) - राज्य शासन ने गेहूँ के समर्थन मूल्य पर 150 रुपये प्रति क्विंटल बोनस देने के संबंध में आदेश जारी कर दिये हैं चालू रबी विपणन मौसम में किसानों से गेहूँ के उपार्जन के लिए 1350 रुपये समर्थन मूल्य घोषित किया गया है। राज्य शासन द्वारा बोनस 150 रुपये प्रति क्विंटल सहित कुल राशि 1500 रुपये प्रति क्विंटल की दर से किसानों को भुगतान किया जायेगा।
क्र-30/2013/199/वर्मा


फसल हानि की सहायता राशि में पुनः वृद्धि
संशोधित दरें 3 फरवरी, 2013 से प्रभावशील
एरी, शहतूत, टसर फसल के लिये भी हुआ प्रावधान
बुरहानपुर - ( 12 मार्च  2013) - राज्य शासन ने राजस्व पुस्तक परिपत्र 6-4 में संशोधन कर सूखा, ओला, पाला, बाढ़ आदि नैसर्गिक विपŸिायों से होने वाले नुकसान की भरपाई करने के लिये किसानों को फसल हानि के मामलों में दी जाने वाली सहायता राशि में पुनः वृद्धि की है। संशोधित दरें 3 फरवरी, 2013 से प्रभावशील मानी जायेंगी। वर्ष 2002 के मुकाबले कई मामलों में सहायता राशि में 10 गुना तक की वृद्धि हुई है।
राजस्व पुस्तक परिपत्र में इस बार रेशम उत्पादन में लगे हुए किसानों के लिये भी प्रावधान किया गया है। नये प्रावधानों के तहत एरी, शहतूत और टसर फसल के लिये अब 4000 रुपये प्रति हेक्टेयर तथा मूँगा के लिये 5000 रुपये प्रति हेक्टेयर सहायता राशि दी जायेगी। पहले रेशम पालन में संलग्न किसानों के लिये इस तरह का कोई प्रावधान नहीं था।
राजस्व पुस्तक परिपत्र 6-4 में संशोधन के बाद जीरो से 2 हेक्टेयर तक कृषि भूमि धारित करने वाले लघु एवं सीमांत कृषक को अब 25 से 50 प्रतिशत फसल क्षति होने पर वर्षा से आधारित फसल के लिये साढ़े तीन हजार रुपये प्रति हेक्टेयर, सिंचित फसल के लिये 6,000 रुपये प्रति हेक्टेयर, बारहमाही (बोवाई/रोपाई से 6 माह से कम अवधि में क्षतिग्रस्त या प्रभावित होने पर) 6,000 रुपये प्रति हेक्टेयर, बारहमाही (बोवाई/रोपाई से 6 माह से अधिक अवधि के बाद क्षतिग्रस्त या प्रभावित होने पर) फसल के लिये 10 हजार रुपये प्रति हेक्टेयर और सब्जी की खेती के लिये 10 हजार रुपये प्रति हेक्टेयर अनुदान सहायता राशि दी जायेगी। वर्ष 2002 में यह सहायता अनुदान राशि 1,000 रुपये थी।
इसी तरह 50 प्रतिशत से अधिक फसल क्षति होने पर इन लघु एवं सीमांत किसान को वर्षा आधारित फसल के लिये 5,500 रुपये प्रति हेक्टेयर, सिंचित फसल के लिये 10 हजार रुपये प्रति हेक्टेयर, बारहमाही (बोवाई/रोपाई से 6 माह से कम अवधि में क्षतिग्रस्त या प्रभावित होने पर) 9,500 रुपये प्रति हेक्टेयर, बारहमाही (बोवाई/रोपाई से 6 माह से अधिक अवधि के बाद क्षतिग्रस्त या प्रभावित होने पर) 13 हजार रुपये प्रति हेक्टेयर, सब्जी की खेती के लिये 13 हजार रुपये प्रति हेक्टेयर की दर से सहायता अनुदान राशि दी जायेगी। वर्ष 2002 में यह राशि 2,000 रुपये प्रति हेक्टेयर थी।
इसी तरह 2 हेक्टेयर से अधिक कृषि भूमि धारित करने वाले किसानों को अब संशोधित प्रावधानों के तहत 25 से 50 प्रतिशत फसल क्षति होने पर वर्षा आधारित फसल के लिये 3,000 रुपये प्रति हेक्टेयर, सिंचित फसल के लिये 4,500 रुपये प्रति हेक्टेयर, बारहमाही (बोवाई/रोपाई से 6 माह से कम अवधि में क्षतिग्रस्त या प्रभावित होने पर फसल के लिये 4,500 रुपये प्रति हेक्टेयर, बारहमाही (बोवाई/रोपाई से 6 माह से अधिक अवधि के बाद क्षतिग्रस्त या प्रभावित होने पर) 8,000 हजार रुपये प्रति हेक्टेयर और सब्जी की खेती के लिये भी 8,000 रुपये प्रति हेक्टेयर अनुदान सहायता राशि निर्धारित की गई है। वर्ष 2002 में इन किसान के लिये कोई प्रावधान नहीं था।
इसी प्रकार 2 हेक्टेयर से अधिक कृषि भूमि धारित करने वाले किसानों को अब 50 प्रतिशत से अधिक फसल क्षति होने पर वर्षा आधारित फसल के लिये 4,000 रुपये प्रति हेक्टेयर, सिंचित फसल के लिये 7,500, बारहमाही (बोवाई/रोपाई से 6 माह से कम अवधि में क्षतिग्रस्त या प्रभावित होने पर फसल के लिये 9,500 रुपये प्रति हेक्टेयर, बारहमाही (बोवाई/रोपाई से 6 माह से अधिक अवधि के बाद क्षतिग्रस्त या प्रभावित होने पर) 10 हजार रुपये प्रति हेक्टेयर और सब्जी की खेती के लिये भी 10 हजार रुपये प्रति हेक्टेयर अनुदान सहायता राशि निर्धारित की गई है। वर्ष 2002 में इनके लिये 1,000 रुपये सहायता अनुदान राशि का प्रावधान था।
आरबीसी 6-4 के तहत अब फलदार पेड़, उन पर लगी फसलें, पान बरेजे आदि की हानि के लिये भी आर्थिक अनुदान सहायता में वृद्धि की गई है। नवीन दरों के अनुसार अब फलदार पेड़ या उन पर लगी फसलों (संतरा, नीबू के बगीचे, पपीता, केला, अंगूर, अनार आदि की फसलें छोड़कर) की 25 से 50 प्रतिशत तक फसल हानि होने पर 300 रुपये प्रति पेड़ और 50 प्रतिशत से अधिक हानि होने पर 400 रुपये प्रति पेड़ आर्थिक अनुदान सहायता देय होगी। इसी तरह संतरा, नीबू के बगीचे, पपीता, केला, अंगूर आदि की फसलों के 25 से 50 प्रतिशत तक हानि होने पर 6,000 रुपये प्रति हेक्टेयर, 50 प्रतिशत से अधिक फसल हानि होने पर 8,500 रुपये प्रति हेक्टेयर और पान बरेजे आदि की 25 से 50 प्रतिशत फसल हानि पर 18 हजार रुपये प्रति हेक्टेयर या 450 रुपये प्रति पारी और 50 प्रतिशत से अधिक फसल हानि होने पर 28 हजार रुपये प्रति हेक्टेयर या 700 रुपये प्रति पारी की दर से आर्थिक अनुदान सहायता राशि दी जायेगी।
क्र-31/2013/200/वर्मा
कैरियर काउन्सिलिंग योजनांतर्गत आवेदन 30 तक आमंत्रित
बुरहानपुर -( 12 मार्च 2013)- वाणिज्य उद्योग व रोजगार विभाग के अंतर्गत जिला एवं नगर रोजगार कार्यालय द्वारा कैरियर काउंसिलिंग योजना के अंतर्गत 2013-14 के लिये काउंसलर्स पैनल तैयार करने हेतु मनोवैज्ञानिक एवं विषय विशेषज्ञों की आवश्यकता है। जिसकी जानकारी देते हुए जिला रोजगार अधिकारी एम.के.आर्य ने बताया कि कलेक्टर आशुतोष अवस्थी की अध्यक्षता में गठित जिला स्तरीय चयन समिति द्वारा चयन प्रक्रिया की जायेगी। चयनित मनोवैज्ञानिक व विषय विशेषज्ञों को निर्धारित दिवसों में काउंसिलिंग हेतु बुलाया जायेगा, जिस हेतु इन्हें शासन द्वारा मानदेय भी दिया जायेगा। मनोवैज्ञानिक हेतु मनोविज्ञान में स्नातकोत्तर डिग्री या पी.जी.डिप्लोमा और विषय विशेषज्ञ हेतु संबंधित विषय में विशेषज्ञता व मार्गदर्शन के क्षेत्र में अनुभव होना चाहिए। ईच्छुक उम्मीद्वार अपना आवेदन पत्र 30 मार्च 2013 तक जिला एवं रोजगार कार्यालय में कार्यालयीन समय में जमा कर सकते है।
क्र-32/2013/201/वर्मा




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JANSAMPARK NEWS 30-08-18

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