जिला जनसंपर्क कार्यालय, बुरहानपुर
समाचार
पंजीकृत श्रमिकों एवं आश्रितों को सहायता हेतु नवीन योजनाएंे प्रारंभ
बुरहानपुर
- (18 जनवरी 2014) - श्रम पदाधिकारी श्रम विभाग श्री जी.स्वामी ने बताया
कि निर्माण श्रमिक सहायता योजनान्तर्गत निर्माण कार्य में संलग्न पंजीकृत
श्रमिकों एवं आश्रितों को सहायता हेतु निम्न नवीन योजनाएंे प्रारंभ की गई
हैं जिनमें- 1. म.प्र. लोक सेवा आयोग द्वारा संचालित परीक्षाओं में
प्रारंभिक परीक्षा उत्तीर्ण करने पर 15 हजार रूपये तथा मुख्य परीक्षा
उत्तीर्ण करने पर 25 हजार रूपये की सहायता राषि एकमुष्त प्रदान की जायेगी।समाचार
पंजीकृत श्रमिकों एवं आश्रितों को सहायता हेतु नवीन योजनाएंे प्रारंभ
2. केन्द्रीय संघ लोक सेवा आयोग द्वारा संचालित प्रारंभिक परीक्षा में उत्तीर्ण होने पर एकमुष्त रूपये 25 हजार तथा मुख्य परीक्षा उत्तीर्ण होने पर 50 हजार रूपये की राषि प्रदान की जायेगी।
3. मेडिकल कॉलेज में प्रवेष होने पर 10 हजार तथा मान्यता प्राप्त इंजिनियरिंग कॉलेज में प्रथम सेमिस्टर उत्तीर्ण करने पर 7 हजार की अनुदान राषि उपलब्ध कराई जायेगी।
4. कक्षा 10 वीं एवं कक्षा 12 वीं में प्रावीण्य सूचि में 5 हजार रूपयें तक रेंक लाने पर एकमुष्त 25 हजार रूपये की सहायता राषि अनुदान के रूप में प्रदान की जायेगी।
5. कौषल उन्नयन योजना के अन्तर्गत बुरहानपुर जिले में कम्प्यूटर प्रषिक्षण दिया जा रहा हैं तथा हास्पेटिलिटी, सेल्समेनषीप आदि में भी प्रषिक्षण प्रारंभ किया जायेगा।
विस्तृत जानकारी हेतु जिला श्रमपदाधिकारी कार्यालय में सम्पर्क किया जा सकता हैं।
क्र.55/जनवरी/2014/55/वर्मा
प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम के अंतर्गत आवेदन आमंत्रित
बुरहानपुर
- (18 जनवरी 2014) - प्रधानमंत्री रोजगार सृजन योजना के अंतर्गत वित्तीय
वर्ष 2013-14 के लिये जिले को संसोधित लक्ष्य प्राप्त हुआ। जिसमें ग्रामीण
क्षेत्र के लिये भौतिक 28 एवं वित्तीय 36.68 लाख जिनमें अजा के 4 व अजजा के
6 और शहरी क्षेत्र के लिये भौतिक 28 वित्तीय 36.68 जिनमें अजा 4 एवं अजजा
के 6 हितग्राहियों को लाभान्वित करने का लक्ष्य मिला हैं। योजना की विस्तृृत जानकारी देते हुए महाप्रबंधक जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्र आर.एस.ठाकुर ने बताया कि योजना में विनिर्माण क्षेत्र के लिये 25 लाख रूपयें और सेवा क्षेत्र के लिये 10 लाख के परियोजना का अधिकतम प्रावधान हैं। विनिर्माण क्षेत्र के लिये 10 लाख एवं सेवा क्षेत्र के लिये 5 लाख रूपयें से अधिक की परियोजना लागत के लिये न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता 8 वी उतीर्ण होना अनिवार्य हैं।
योजना के अंतर्गत शहरी क्षेत्र के सामान्य वर्ग के हितग्राहियों को स्वयं का अंशदान 10 प्रतिशत एवं अजा, अजजा, अपिव, अल्पसंख्यक महिला, पूर्वसैनिक, शारीरिक विकलांग वर्ग के हितग्राहियों को 5 प्रतिशत स्वयं का अंशदान लगाना होगा।
इसी प्रकार योजना के अंतर्गत शहरी क्षेत्र के सामान्य वर्ग के हितग्राहियों को परियोजना लागत में 15 प्रतिशत एवं अजा, अजजा, अपिव, अल्पसंख्यक महिला, पूर्वसैनिक एवं शारीरिक विकलांग वर्ग के हितग्राहियों को 25 प्रतिशत तथा ग्रामीण क्षेत्र में सामान्य वर्ग के लिये 25 प्रतिशत तथा अजा, अजजा, अपिव, अल्पसख्यंक महिला, पूर्व सैनिक एवं शारीरिक विकलांग वर्ग के हितग्राहियों को 35 प्रतिशत अनुदान उपलब्ध कराने का प्रावधान हैं।
योजना के अंतर्गत मासांहार से जुडे़ उद्योग प्रसंस्करण, मांसाहारी खाद्य पदार्थ परोसना, बीडी, पान, सिगरेट नशीली वस्तुओं का उत्पादन बिक्री एवं ऐसा कोई ढाबा जहां ऐसा मांसाहारी भोजन परोसा जाता हो प्रतिबंधित होने के साथ-साथ पशुपालन, प्लास्टिक की थैलियां आदि भी प्रतिबंधित हैं।
इसी के साथ वर्ष 2013-14 के उद्यमिता विकास प्रशिक्षण प्राप्त कर चुके आवेदकों के ऋण प्रकरण तैयार करने के लिये 21 जनवरी 2014 को रैन बसेरा हॉल न्यामतपुरा बुरहानपुर में एक विशेष फॉलोअप शिविर का आयोजन किया गया हैं।
क्र.56/जनवरी/2014/56/वर्मा
पाँचवीं और आठवीं के विद्यार्थियों का होगा बाह्य मूल्याकंन
दूसरे स्कूल के शिक्षक परखेंगे वार्षिक मूल्यांकन की कॉपियाँ
बुरहानपुर-
(18 जनवरी, 2014) - मध्यप्रदेश की शासकीय प्राथमिक और माध्यमिक शालाओं में
होने वाले वार्षिक मूल्याकंन में अब कक्षा पाँचवीं और आठवीं के
विद्यार्थियों की उपलब्धियों का बाह्य मूल्यांकन किया जाएगा।दूसरे स्कूल के शिक्षक परखेंगे वार्षिक मूल्यांकन की कॉपियाँ
उल्लेखनीय है कि शिक्षा का अधिकार कानून लागू होने के बाद से कक्षा आठवीं तक परीक्षाओं पर बंदिश लगाते हुए सतत मूल्याकंन की व्यवस्था लागू की गई है। इसमें बच्चों को पास फेल के भय से मुक्ति दिलाते हुए कक्षा आठवीं तक अपनी प्रारंभिक शिक्षा निर्बाध रूप से जारी रखने के अवसर दिये गये हैं। इस व्यवस्था से परीक्षा के अभाव में बच्चों की शैक्षिक गुणवत्ता बनाए रखने के लिए सतत मूल्यांकन होगा। यह मूल्याकंन मासिक और वार्षिक आधार पर किये जाते हैं। इसमें स्कूल के शिक्षक ही बच्चों की दक्षताओं और उपलब्धियों का आकलन कर योग्यता अनुसार उन्हें ग्रेड देकर अगली कक्षा में प्रमोट करते हैं।
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने मूल्याकंन की इस प्रक्रिया को गुणवत्ता की दृष्टि से पारदर्शी बनाने के लिए स्कूल शिक्षा विभाग को निर्देशित किया। परिपालन में स्कूल शिक्षा मंत्री श्री पारस चंद्र जैन द्वारा कक्षा पाँचवीं और आठवीं के विद्यार्थियों की वार्षिक मूल्याकंन की कॉपियों का परीक्षण बाह्य मूल्यांकन विधि से करवाने का निर्णय लिया है। अब कक्षा पाँचवीं और आठवीं के विद्यार्थियों का मूल्यांकन कार्य उसी स्कूल के शिक्षक नहीं करेंगे। एक स्कूल के शिक्षकों द्वारा दूसरे स्कूल के विद्यार्थियों की परीक्षा कॉपियों का परीक्षण किया जाएगा। मूल्याकंनकर्ता वरिष्ठ कक्षाओं के शिक्षक होंगे। पाँचवीं कक्षा की उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्याकंन छठवीं और उससे बड़ी कक्षाओं के शिक्षक करेंगे। ऐसी ही व्यवस्था आठवीं के मूल्याकंन में की जायेगी। इससे इन कक्षाओं के मूल्यांकन में अध्यापकीय गुणवत्ता और शिक्षार्थी उपलब्धियों का सटीक परीक्षण किया जा सकेगा।
निर्णय पर इसी शैक्षणिक सत्र के वार्षिक मूल्यांकन से अमल के लिये विभाग के प्रमुख सचिव श्री सुधीर रंजन मोहंती ने सभी जिलों के कलेक्टर्स के साथ ही मैदानी अमले को निर्देशित किया हैं।
क्र.57/जनवरी/2014/57/वर्मा
No comments:
Post a Comment