जिला जनसंपर्क कार्यालय-बुरहानपुर
समाचार
कलेक्टोरेट में वंदे मातरम् और मध्य प्रदेष गान हुआ
बुरहानपुर
-(1 मई 2013)- जिला कलेक्टर कार्यालय में कार्य की शुरूआत वन्दे मातरम्
गॉन और मध्य प्रदेश गान के साथ हुई। डिप्टी कलेक्टर श्री के.एल.यादव एवं
सभी अधिकारी-कर्मचारियों ने सामूहिक रूप से वन्देमातरम् गान किया। समाचार
कलेक्टोरेट में वंदे मातरम् और मध्य प्रदेष गान हुआ
क्र-1/2013/347/वर्मा
मुख्यमंत्री कन्या अभिभावक पेंषन योजना
बुरहानपुर-( 1 मई 2013)- राज्य सरकार मुख्यमंत्री कन्या अभिभावक पेंशन योजना 1 अप्रैल से प्रारंभ की गई है। ये होगें पात्र:-
ऽ हितग्राही दंपत्ति मध्य प्रदेश के मूल निवासी होना चाहिए।
ऽ हितग्राही दंपत्ति में से किसी एक की न्यूनतम आयु 60 वर्ष होना चाहिए।
ऽ हितग्राही दंपत्ति की संतान मात्र पुत्री होना चाहिए।
ऽ दंपत्ति सभी गैर आयकरदाता योजना के अंतर्गत पात्र होगें।
ऽ पेंशन की दर 500 रूपये प्रतिमाह दंपत्ति रहेगी।
योजना का विस्तृत एवं आवेदन पत्र विभाग की वेबसाईटwww.socialjustice.mp.gov.inपर उपलब्ध है। मुख्यमंत्री कन्या अभिभावक पेंशन योजना के अंतर्गत आवेदन आनलाईन आवेदन प्रस्तुत कर सकते है।
पोर्टल का पता:-
www.sssm.nic.in
आवेदन स्वीकृति हेतु सक्षम अधिकारी:- आवेदन पत्र ग्रामीण क्षेत्र के लिये मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद, नगरीय क्षेत्र के लिये आयुक्त नगर निगम, मुख्य नगर पालिका अधिकारी नगर पालिका और नगर परिषद् सक्षम अधिकारी होगें।
क्र-2/2013/348/वर्मा
कृषकों, ग्रामीण कारीगरों और श्रमिकों के निवास के सुधार, कुओं के निर्माण-मरम्मत के लिये बिना रॉयल्टी निरूशुल्क उत्खनन की सुविधा
प्रावधान को व्यावहारिक बनाने की प्रक्रिया निर्धारित, कलेक्टर्स को भेजे निर्देश
प्रावधान को व्यावहारिक बनाने की प्रक्रिया निर्धारित, कलेक्टर्स को भेजे निर्देश
बुरहानपुर-( 1 मई 2013)- राज्य सरकार द्वारा कृषकों, ग्रामीण कारीगरों और श्रमिकों के निवासगृहों के सुधार, कुओं के निर्माण, मरम्मत के लिये या कृषि कार्य के लिये बिना कोई रॉयल्टी दिये निरूशुल्क उत्खनन किये जाने के प्रावधान किये गये हैं। इसके लिये उन्हें उत्खनि-पट्टा आदि प्राप्त करने की आवश्यकता नहीं है। शासन ने जिला कलेक्टरों को निर्देश जारी करते हुए नियमों के प्रावधान को व्यावहारिक बनाने की दृष्टि से प्रक्रिया निर्धारित की है। शासन ने निर्देश की प्रति जिले के समस्त जन-प्रतिनिधियों को अनिवार्य रूप से उपलब्ध करवाने के निर्देश दिये हैं।
मध्यप्रदेश गौण खनिज नियम-1996 में गत 23 मार्च को संशोधन किया गया है। इसके अनुसार मिट्टी या रेत का उत्खनन किसी पुल, राष्ट्रीय/राज्य राजमार्ग, रेल-लाइन, सार्वजनिक भवन, श्मशान भूमि, नदी के किनारों, बाँध, नहर, जलाशय, प्राकृतिक जल-मार्ग अथवा जल रोकने वाली संरचना से 100 मीटर, अन्य पक्की सड़क या नालों से 50 मीटर तथा ग्रामीण कच्चे रास्तों से 100 मीटर की दूरी के भीतर प्रतिबंधित रहेगा।
नियम के नवीन प्रावधान अनुसार छूट प्राप्त व्यक्ति का प्रमाणीकरण संबंधित क्षेत्र के नायब तहसीलदार या तहसीलदार द्वारा किया जायेगा। इस प्रमाणीकरण में उत्खनन किये जाने वाले क्षेत्र की अवस्थिति, खनिज की मात्रा तथा खनन की कालावधि का लेख किया जायेगा। प्रमाणीकरण के बाद संबंधित जिले के प्रभारी अधिकारी, खनिज शाखा द्वारा बिना रॉयल्टी भुगतान के खनिज परिवहन अभिवहन पास जारी किये जायेंगे।
राज्य शासन ने संबंधित प्रावधान को व्यावहारिक बनाने की दृष्टि से प्रक्रिया भी निर्धारित की है। इसके अनुसार छूट प्राप्त व्यक्ति स्वयं की भूमि और अन्य व्यक्तियों की भूमि से उनकी सहमति के आधार पर या शासकीय भूमि से गौण खनिज का उत्खनन कर सकता है। इसके पूर्व वह संबंधित क्षेत्र प्राप्त आवेदन की जाँच संबंधित क्षेत्र के पटवारी द्वारा की की जाकर प्रपत्र-8 में प्रतिवेदन दिया जायेगा।
संबंधित क्षेत्र के नायब तहसीलदार या तहसीलदार द्वारा प्रक्रिया के अनुसार संबंधित जिले के प्रभारी अधिकारी, खनिज शाखा से यह प्रतिवेदन प्राप्त किया जायेगा कि विचाराधीन क्षेत्र पूर्व से खनि-पट्टा/पूर्वेक्षण अनुज्ञप्ति/उत्खनि-पट्टा/व्यापारिक खदान/अस्थाई अनुज्ञा में धारित या आवेदित नहीं है। ऐसे जिले जिनमें मुख्य खनिज की खनि-रियायतें स्वीकृत हैं, वे जिले यह भी प्रमाणित करेंगे कि विचाराधीन क्षेत्र मुख्य खनिज का क्षेत्र नहीं है। इसके लिये संबंधित क्षेत्र के नायब तहसीलदार/तहसीलदार द्वारा प्राप्त आवेदन की प्रति प्रभारी अधिकारी, खनिज शाखा को भेजी जायेगी, जो प्रतिवेदन संबंधित क्षेत्र के नायब तहसीलदार/तहसीलदार को भेजेंगे। साथ ही प्रमाणीकरण जारी किया जायेगा।
छूट प्राप्त व्यक्ति द्वारा संबंधित क्षेत्र के नायब तहसीलदार या तहसीलदार को अभिवहन पारपत्र प्राप्त करने के लिये आवेदन प्रस्तुत किया जायेगा। इसके बाद उनके द्वारा पारपत्र जारी किया जायेगा। संबंधित क्षेत्र के नायब तहसीलदार या तहसीलदार द्वारा प्रभारी अधिकारी, खनिज शाखा से प्राप्त अभिवहन पार-पुस्तिकाओं में से छूट प्राप्त व्यक्ति की आवश्यकता के अनुरूप खनिज के परिवहन के लिये बिना कोई शुल्क लिये अभिवहन पारपत्र जारी किये जायेंगे। इनका लेखा संबंधित क्षेत्र के नायब तहसीलदार या तहसीलदार द्वारा पृथक रजिस्टर में प्रारूप-6 में संधारित किया जायेगा। अभिवहन पारपत्र के प्रत्येक पृष्ठ पर कार्यालयीन मुद्रा अंकित की जायेगी। दूसरी बार अभिवहन पारपत्र जारी किये जाने की स्थिति में उपयोगित अभिवहन पारपत्र की द्वितीय प्रति भौतिक सत्यापन के लिये प्राप्त की जायेगी।
इसी प्रकार खनिज का परिवहन अभिवहन पारपत्र के माध्यम से किया जायेगा। संबंधित क्षेत्र के नायब तहसीलदार/तहसीलदार द्वारा अभिवहन पारपत्रों का रजिस्टर संधारित किया जायेगा। संबंधित जिले का प्रभारी खनिज शाखा मुद्रित अभिवहन पारपत्र तहसील कार्यालय को जारी करेंगे। अभिवहन पारपत्र का मुद्रण संचालनालय भौमिकी तथा खनि-कर्म द्वारा नियमानुसार करवाया जायेगा। इस प्रकार से मुद्रित अभिवहन पारपत्र की पुस्तिकाओं को भी सभी जिला कार्यालयों को उपलब्ध करवाया जायेगा।
क्र-3/2013/349/वर्मा
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