जिला जनसंपर्क कार्यालय-बुरहानपुर
समाचार
दूसरे दिन भी कृषि विज्ञान मेले में वैज्ञानिकों ने दी किसानों को कृषकों उत्पादन बढ़ाने की जानकारी
पी.वी.सी.द्वारा बनाये गये बायो गैस मॉडल बने आकर्षण का केन्द्र
बुरहानपुर (24 फरवरी 2013 ) - कृषि उपज मंडी प्रांगण में कृषि विज्ञान मेले का आयोजन किया जा रहा है। आज रविवार को सेवानिवृत्त संचालक कृषि विकास भोपाल डॉ.जी.एस.कौशल द्वारा टिकाउ खेती कर उत्पादन बड़ाने के कम लागत की उन्न्त तकनीक में विस्तार से बताया। डॉ. साधुराम शर्मा द्वारा गन्ना उत्पादन तकनीक को विस्तार के परिचर्चा की तथा शक्कर रिकवरी कैसे बढ़ाई जाये उसकी तकनीक के संबंध में बताया गया। डॉ साधुराम शर्मा द्वारा गन्ना उत्पादन के 5 प्रमुख तकनीक पानी बचाओ, खाद बचाओ, बीज बचाओ, अन्तवर्तीय फसले अपनाओ और जड़ी प्रबंधन अपनाओं तकनीक को विस्तार से बताते हुए गन्ना उत्पादन कृषकों की समस्याओं का समाधान किया। साथ ही डॉ.एच.मेहता द्वारा उर्जा संरक्षण के तरीको से किसानों को अवगत कराया। श्री प्रकाश सिंह रघुवंशी द्वारा देशी बीजो के बीजोत्पादन के तरीके के बारे में बताया। डॉ. रामू हैदराबाद द्वारा पेस्टीसाइड रहित खेती को कलस्टर में अपनाकर कम लागत की उन्नत तकनीक से अधिकतम उत्पादन कैसे करें विस्तार से पेस्टीसाइड रहित खेती के गुर किसानो को समझायें।
कृषि विज्ञान मेले में 23 फरवरी को रात्रिकालीन संगोष्टी में डॉ.दतात्रेय वाने द्वारा प्याज उत्पादन उन्नत तकनीक पर चर्चा की। वही वी.पी.गोरे अनार विशेषज्ञ द्वारा अनार के उत्पादन की तकनीक पर विस्तार से चर्चा की। साथ ही अनार की फसल के उत्पादन में मारूती केरू दुसिंग द्वारा अनार से अधिक लाभ कैसे कमाये किसानो से परिचर्चा की।
आज होगा इनका व्याख्यान:-कृषि विज्ञान मेले में 25 फरवरी को राहुरी कृषि विद्यापीठ महाराष्ट्र के वैज्ञानिक डॉ.शरद यादव और डॉ. विनय सुपे द्वारा क्रमशः ज्वार एवं अनार की ख्ेाती के बारे में बताया जायेगा। डॉ. पी.पी.शास्त्री कृषि महाविद्यालय द्वारा कपास की उक्त खेती के बारे में बताया जायेगा। साथ ही पाल कृषि विज्ञान केन्द्र रावेर से आ रहे डॉ.सी.एच.पाटिल द्वारा केले के प्रंस्करण एवं फाईवर स्टेक्शन के बारे में तथा केले के जल क्षमता बढ़ाने की तकनीकों के बारे में जानकारी दी जायेगी।
आकर्षण का केन्द्र रहा:- कृषि विज्ञान मेले में कृषको का आकर्षण का केन्द्र पी.वी.सी प्लास्टिक से बने बायोगैस मॉडल का रहा। साथ ही टैक्समो कंपनी द्वारा ड्रिप एवं स्प्रींक्लर का जीवांत मॉडल एवं सौर उर्जा द्वारा चलित पंप आकर्षण का केन्द्र है।
टीपः-फोटोग्राफ संलग्न
क्र-68/2013/158/वर्मा
समाचार
दूसरे दिन भी कृषि विज्ञान मेले में वैज्ञानिकों ने दी किसानों को कृषकों उत्पादन बढ़ाने की जानकारी
पी.वी.सी.द्वारा बनाये गये बायो गैस मॉडल बने आकर्षण का केन्द्र
बुरहानपुर (24 फरवरी 2013 ) - कृषि उपज मंडी प्रांगण में कृषि विज्ञान मेले का आयोजन किया जा रहा है। आज रविवार को सेवानिवृत्त संचालक कृषि विकास भोपाल डॉ.जी.एस.कौशल द्वारा टिकाउ खेती कर उत्पादन बड़ाने के कम लागत की उन्न्त तकनीक में विस्तार से बताया। डॉ. साधुराम शर्मा द्वारा गन्ना उत्पादन तकनीक को विस्तार के परिचर्चा की तथा शक्कर रिकवरी कैसे बढ़ाई जाये उसकी तकनीक के संबंध में बताया गया। डॉ साधुराम शर्मा द्वारा गन्ना उत्पादन के 5 प्रमुख तकनीक पानी बचाओ, खाद बचाओ, बीज बचाओ, अन्तवर्तीय फसले अपनाओ और जड़ी प्रबंधन अपनाओं तकनीक को विस्तार से बताते हुए गन्ना उत्पादन कृषकों की समस्याओं का समाधान किया। साथ ही डॉ.एच.मेहता द्वारा उर्जा संरक्षण के तरीको से किसानों को अवगत कराया। श्री प्रकाश सिंह रघुवंशी द्वारा देशी बीजो के बीजोत्पादन के तरीके के बारे में बताया। डॉ. रामू हैदराबाद द्वारा पेस्टीसाइड रहित खेती को कलस्टर में अपनाकर कम लागत की उन्नत तकनीक से अधिकतम उत्पादन कैसे करें विस्तार से पेस्टीसाइड रहित खेती के गुर किसानो को समझायें।
कृषि विज्ञान मेले में 23 फरवरी को रात्रिकालीन संगोष्टी में डॉ.दतात्रेय वाने द्वारा प्याज उत्पादन उन्नत तकनीक पर चर्चा की। वही वी.पी.गोरे अनार विशेषज्ञ द्वारा अनार के उत्पादन की तकनीक पर विस्तार से चर्चा की। साथ ही अनार की फसल के उत्पादन में मारूती केरू दुसिंग द्वारा अनार से अधिक लाभ कैसे कमाये किसानो से परिचर्चा की।
आज होगा इनका व्याख्यान:-कृषि विज्ञान मेले में 25 फरवरी को राहुरी कृषि विद्यापीठ महाराष्ट्र के वैज्ञानिक डॉ.शरद यादव और डॉ. विनय सुपे द्वारा क्रमशः ज्वार एवं अनार की ख्ेाती के बारे में बताया जायेगा। डॉ. पी.पी.शास्त्री कृषि महाविद्यालय द्वारा कपास की उक्त खेती के बारे में बताया जायेगा। साथ ही पाल कृषि विज्ञान केन्द्र रावेर से आ रहे डॉ.सी.एच.पाटिल द्वारा केले के प्रंस्करण एवं फाईवर स्टेक्शन के बारे में तथा केले के जल क्षमता बढ़ाने की तकनीकों के बारे में जानकारी दी जायेगी।
आकर्षण का केन्द्र रहा:- कृषि विज्ञान मेले में कृषको का आकर्षण का केन्द्र पी.वी.सी प्लास्टिक से बने बायोगैस मॉडल का रहा। साथ ही टैक्समो कंपनी द्वारा ड्रिप एवं स्प्रींक्लर का जीवांत मॉडल एवं सौर उर्जा द्वारा चलित पंप आकर्षण का केन्द्र है।
टीपः-फोटोग्राफ संलग्न
क्र-68/2013/158/वर्मा
No comments:
Post a Comment