Wednesday, 12 June 2013

JANSAMPARK NEWS 12-6-13

जिला जनसंपर्क कार्यालय-बुरहानपुर

समाचार 

विजोरी में किसान मेला संपन्न 

नवीन कृषि तकनीकों का किया गया प्रदर्शन 

उन्नत बीजो का हुआ वितरण 

कृषि वैज्ञानिकों ने सुझाय बेहतर कृषि उत्पादन के 

तरीके 

हमारा विजोरी बनेगा जिले का यंत्रदूत गांव-

विधायक श्री दादू
बुरहानपुर (12 जून 2013)- हमारा गांव विजोरी अब यंत्रदूत गांव बनेगा। यह बात कृषि विकास विभाग और आत्मा के संयुक्त तत्वावधान में विजोरी में आयोजित किसान सम्मेलन को संबोधित करते हुए नेपानगर क्षेत्र के विधायक श्री राजेन्द्र दादू ने कही। उन्होनें कहा कि यह हमारे लिये गर्व की बात है कि जिले के 267 गांवो में से महज विजोरी का चयन यंत्रदूत गांव बनाने के लिये किया गया है। जिससे अब हमारे विजोरी के कृषक भी तकनीकी रूप से दक्ष होकर उन्नत कृषि तकनीक का उपयोग करते हुए बेहतर कृषि उत्पादन कर पाये। 
स्वस्थ बीज ही खेती का आधार:- ग्राम विजोरी में आयोजित किसान सम्मेलन में उपस्थित किसान भाईयों को बेहतर कृषि उत्पादन की जानकारी देते हुए कृषि विकास केन्द्र के वैज्ञानिक श्री जग्गनाथ पाठक ने कृषकों को खरीफ की फसल के लिये बीजों के चयन पर विशेष ध्यान देने की बात कही। उन्होनें जानकारी देते हुए कहा कि किसान भाई स्वस्थ बीजों का चयन करें। क्योंकि स्वस्थ बीज ही खेती का आधार होता है, और सही बीज का चयन ना होने पर फसल के उत्पादन में भी कमी आती है। किसान भाई ईल्ली के प्रकोप से फसल को बचाने के लिये महंगी दवाईयों की जगह सस्ती दवाईयों का उपयोग करें, और समय अनुसार उसका छिड़काव भी करें। 
वही सम्मेलन में सहायक संचालक उद्यानिकी श्री आर.एन.तोमर ने भी कृषक भाईयों को शासन की फल पौध रोपण योजना की जानकारी देते हुए उद्यानिकी फसलों में आने वाली समस्या और उनके निराकरण की जानकारी दी। 
कृषि यंत्रो का किया प्रदर्शन:- किसान मेले में कृषि विकास विभाग, कृषि अभियांत्रिकी विभाग और आत्मा के संयुक्त तत्वावधान में किसानों के समक्ष कृषि यंत्रो का प्रदर्शन किया गया। जिसमें रीचफेरो सिस्टम का प्रदर्शन करते हुए संचालक आत्मा श्री राजेश चतुर्वेदी ने बताया कि रीचफेरो सिस्टम के माध्यम से किसान भाई सोयाबीन फसल का उत्पादन 20 से 25 प्रतिशत तक बढ़ा सकते है, और यह तकनीक कम एवं ज्यादा पानी दोनो ही स्थिती में कारगर है। 
इसके साथ ही किसान मेले में रोटाबेटर, रीचफर अटैचमेंट और शीड्सट्रीटिंग ड्रम कृषि तकनीक का भी जीवन्त प्रदर्शन कृषकों के समक्ष किया गया। 
उन्नत बीजों का किया गया वितरण:- विजोरी में आयोजित किसान मेले में कृषि विकास विभाग द्वारा अनुसुचित जाति और जनजाति वर्ग के किसानों को हाईब्रिड सीड्स के मक्के के बीजों, बीजग्राम योजना के अंतर्गत कृषकों को सोयाबीन के उन्नत बीजों का और आशा दलहन उत्पादन को बढ़ाने के लिये अरहर एवं उड़द के उन्नत बीजों, बीजोपचार औषधी ट्रायकोट्रामा व कार्बेन्डिज्म और मल्टीटूल बख्खर का वितरण भी विधायक श्री राजेन्द्र दादू द्वारा किसान भाईयों को किया गया। 
सम्मेलन में जनपद पंचायत अध्यक्ष खकनार श्री रतिलाल चिलात्रे, आत्मा समिति खकनार के अध्यक्ष प्रदीप जाधव, कृषि स्थाई समिति के अध्यक्ष धनसिंग पवार, जनपद पंचायत उपाध्यक्ष राहुल जाधव, जनपद पंचायत सदस्य कमलाबाई, जनसंपर्क अधिकारी सुनील वर्मा और कृषि विस्तार अधिकारी श्री पाटिल समेत जनप्रतिनिधीगण एवं कृषि विभाग के अधिकारी और कर्मचारी उपस्थित थे। 
टीपः- फोटोग्राफ संलग्न 
क्र-49/2013/499/वर्मा

बीज को उपचारित कर ही बोये या हर बीज को 

टीका लगाये
बुरहानपुर - (12 जून 2013) -  जिले के किसान भाई खरीफ में बीज की बुवाई के समय कल्चर का उपयोग बीजोपचार के रूप में जरूर करें। जिसकी अधिक जानकारी देते हुए उप संचालक कृषि कल्याण एवं कृषि विकास विभाग श्री मनोहर देवके ने बताया कि उन्नत कृषि का मुख्य आधार बीजोपचार है। बीजोपचार ही बीज का टीकाकरण कहलाता है। बीजोपचार से भूमि में लाभदायक जीवाणुओं की क्रियाषीलता बढ़ जाती है, जिसके कारण भूमि से फसल को पोषक तत्व आसानी से उपलब्ध हो जाते है। जैविक खाद से बीजोपचार करने से नाईट्रोजन की वृद्धि के साथ यह जमीन की ताकत को भी बनाए रखने में अहम भूमिका अदा करते है। 
साथ ही अगली फसल के लिए नत्रजन जमीन में जमा करता है। इसके साथ ही किसान भाई 5 ग्राम प्रति किलो के मान से जैविक खाद राईजोेबियम, एजेक्टोबेक्टर एवं पी.एस.बी. कल्चर को धीरे धीरे हाथों से अच्छी तरह मिलाए ताकि बीज के ऊपर चिपक सकें। धान्य बीजों के लिए एजेक्टोबेक्टर, दलहनी फसलों में राईजोबियम और सभी के लिए पी.एस.बी. कल्चर का उपयोग करें। साथ ही बीज को जैविक बीजोपचार औषधि ट्रायकोडर्मा से उपचारित करेें उपचार करने के बाद छाया में सुखा कर बुवाई कर दे। 
इसके उपयोग से 15 से 20 प्रतिषत उपज में वृद्धि होती है। किसान भाई बीजोपचार के समय विषेष रूप से सावधानियां बरते जैसे- बीजोपचार के बाद बीज को तुरंत खेत में बोनी कर दे, ज्यादा समय तक ना रखे, चिकनी सतह वाले बीजो को बीजोपचार करते समय दवाई को उसकी सतह में चिपकने के लिए बीजोपचार करते समय कुछ बंुद तेल की या गुड के घोल आदि का प्रयोग करना लाभकारी होता है। बीजोपचार करते समय हाथ में रबर के दस्ताने या पोलीथीन पहने एवं मुह पर कपडा बाध ले साथ ही उपचारित बीज को जनवरों एवं पशु पक्षियों को खिलाने के लिए बिलकुल भी उपयोग ना करें। 
साथ ही उन्होनें जानकारी देते हुए बताया कि शासन द्वारा सभी प्रकार के कल्चर एवं बीजोपचार औषधि सेवा सहकारी समितियों तथा ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी के पास उपलब्ध है, जिसे 50 प्रतिषत अनुदान पर प्राप्त किया जा सकता है। 
क्र-49/2013/499/वर्मा

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JANSAMPARK NEWS 30-08-18

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