जिला जनसंपर्क कार्यालय-बुरहानपुर
समाचार
मुख्यमंत्री युवा स्व-रोजगार योजना में संशोधन
बुरहानपुर
-(26 जून 2013 )- राज्य शासन ने युवाओं को स्वयं के रोजगार स्थापित करने
में मदद के लिये एक अप्रैल, 2013 से लागू मुख्यमंत्री युवा स्व-रोजगार
योजना में संशोधन किये हैं। संशोधन के अनुसार 50 हजार तक की परियोजना के
लिये पाँचवीं कक्षा तथा 50 हजार से अधिक की परियोजना के लिये न्यूनतम दसवीं
कक्षा उत्तीर्ण होना आवश्यक है। समाचार
मुख्यमंत्री युवा स्व-रोजगार योजना में संशोधन
जिसकी अधिकारी जानकारी देते महाप्रबंधक जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्र श्री आर.एस.ठाकुर ने बताया कि आवेदक किसी भी राष्ट्रीयकृत बैंक वित्तीय संस्था सहकारी बैंक का चूककर्ता अशोधि नहीं होना चाहिये। इस संबंध में नोटरी द्वारा सत्यापित शपथ-पत्र प्रस्तुत करना होगा। रुपये 50 हजार से 5 लाख तक की परियोजना वाले आवेदन-पत्र के साथ कोटेशन एवं विस्तृत परियोजना प्रतिवेदन संलग्न करने की बाध्यता नहीं होगी।
जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्र व जनपद पंचायत द्वारा योजना में प्राप्त आवेदन-पत्र टास्क-फोर्स समिति के समक्ष प्रस्तुत किये जायेंगे। महाप्रबंधक जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्र की अध्यक्षता वाली इस समिति में जिला अग्रणी बैंक के प्रबंधक, तीन प्रमुख राष्ट्रीयकृत बैंक के जिला समन्वयक प्रतिनिधि, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम संस्थानध्सेडमेप का प्रतिनिधि, परियोजना अधिकारी, जिला शहरी विकास अभिकरण, जिला रोजगार अधिकारी, आई टी आई पॉलीटेक्निक के प्रतिनिधि तथा संबंधित जनपद पंचायत के प्रमुख कार्यपालन अधिकारी सदस्य होंगे। प्रबंधक (स्व-रोजगार) जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्र समिति के सदस्य सचिव होंगे।
कलेक्टर की अध्यक्षता में गठित जिला-स्तरीय समिति के सदस्यों में मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत, जिला अग्रणी बैंक प्रबंधक, तीन प्रमुख राष्ट्रीयकृत बैंक के जिला समन्वयक प्रतिनिधि, सेडमेप सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यम संस्थान का प्रतिनिधि, जिला महिला-बाल विकास अधिकारी, परियोजना अधिकारी जिला शहरी विकास अभिकरण, जिला रोजगार अधिकारी तथा आई टी आई पॉलीटेक्निक कॉलेज के प्रतिनिधि शामिल है। महाप्रबंधक जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्र समिति के सदस्य सचिव होंगे।
परियोजना लागत पर मार्जिन मनी सहायता स्वीकृत परियोजना के अनुसार संबंधित विभाग द्वारा बैंक को उपलब्ध करवाई जायेगी। परियोजना के अनुसार ऋण वितरण और इकाई स्थापना होने पर बैंक शाखा मार्जिन मनी की राशि ले पायेंगे। इसके लिये नोडल बैंक के राज्य-स्तरीय मुख्यालय पर पूल एकाउंट खोलकर राशि अग्रिम तौर पर संबंधित विभाग द्वारा जमा करवाई जायेगी। सभी अन्य बैंक योजना में राशि की प्रतिपूर्ति प्रकरण नोडल बैंक मैनेजर को भेजकर प्राप्त कर सकेंगे। नोडल बैंक से वित्तपोषक शाखा सरकारी सबसिडी का अंतरण योजना के प्रावधान अनुसार करेगी।
क्र-105/2013/555/वर्मा
कौषल विकास उन्नयन प्रशिक्षण कार्यक्रम
बुरहानपुर-(26
जून 2013)- किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग व्दारा कृषि क्षेत्र में
युवाओं को स्वरोजगार उत्पन्न करने के लिये कौषल विकास उन्नयन प्रषिक्षण
कार्यक्रम प्रारंभ किया गया है। इस कार्यक्रम केे अन्तर्गत कृषि विज्ञान
केन्द्र को क्रियान्वयन एजेन्सी नियुक्त किया गया है। जिसकी अधिक जानकारी देते हुए उपसंचालक कृषि कल्याण एवं कृषि विकास श्री मनोहर देवके ने बताया कि कृषि विज्ञान केन्द्र में बीजोत्पादन तकनीक एवं वर्मीकम्पोस्टिंग को चिन्हीत किया गया है। उक्त प्रशिक्षण कार्यक्रम 90 से 120 घण्टें के लिये आयोजित किया जाता है। इस कार्यक्रम में जिले के बाहर के वैज्ञानिकों और विशेषज्ञों व्दारा प्रशिक्षण दिया जाता है। श्री देवके ने किसान भाईयों से यह अपील की है कि पात्रता रखने वाले किसान कौषल उन्नयन प्रशिक्षण कार्यक्रम में भाग ले सकते है एवं प्रशिक्षण उपरान्त स्वरोजगार के नये अवसर प्राप्त कर सकतें है। इस प्रशिक्षण में भाग लेने के लिये अभ्यार्थी को 8 वी पास, 40 वर्ष की कम आयु और व्यवसाय खेती व 500 रूपये रजिस्ट्रेशन फीस जमा करनी होगी। जिसकी विस्तृत जानकारी स्थानीय ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकार, वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी और कृषि विज्ञान केन्द्र से संपर्क कर सकते है।
क्र-106/2013/556/वर्मा
जिले में शहतूत पौधारोपण कार्य प्रारंभ
बुरहानपुर-(26
जून 2013)- जिले में शहतूत रेशम का पौधारोपण का कार्य प्रारंभ हो गया है।
जिसमें प्रति एकड़ 5500 शहतूत पौधें 3×2×5 फीट के पेटर्न पर लगाये जा रहे
है। यह कार्य माह अगस्त 2013 तक जारी रहेगा। बुरहानपुर जिले के बुरहानपुर,
खकनार और नेपानगर कलस्टर में शहतूत पौधारोपण कार्य बड़े पैमाने किया जा रहा
है। नोडल अधिकारी रेशम श्री सोनी ने बताया कि बुरहानपुर, नेपानगर और खकनार
कलस्टर के चयनित कृषकों जिन्होनें रेशम योजना अपनाने हेतु आवेदन किया था।
उनके यहां सर्वेक्षण उपरांत पात्र कृषकों के यहां शहतूत पौधारोपण करते हुए
योजना से लाभान्वित किया जायेगा। इस योजना अपनाने के लिये कृषकों के पास बारामासी सिंचाई साधन युक्त निजी भूमि होना चाहिए। शहतूत पौधारोपण करने के 6 माह बाद रेशम कीटपालन कार्य प्रारंभ किया जा सकता है। प्रथम वर्ष में अनुदान शहतूत पौधे के लिये 8250 रूपये, क्रमिपालन भवन 20×30 फीट के लिये 75 हजार रूपयें, सिंचाई (ड्रीप) के लिये 15 हजार रूपये उपकरण, कुल 37 हजार 500 रूपये कुल 1 लाख 35 हजार 750 रूपये का अनुदान प्रदान किया जाता है। जिसके लिये वर्ष भर पानी का साधन होना अनिवार्य है माह में 8 सिंचाई लगती है। प्रत्येक फसल के पश्चात 1 ट्राली गोबर खाद एवं सिंचाई अनिवार्य है। शहतूती पौधारोपण, कृमिपालन कार्य से कृषक 1 एकड़ में प्रथम वर्ष में 20-30 हजार द्वितीय वर्ष के 0.90-1.25 लाख तृतीय वर्ष में 1 से 2.5 लाख की आमदनी प्राप्त कर सकता है।
जिले के किसान भाईयों से श्री सोनी ने अपील की कि ईच्छुक हितग्राही अपने खसरा, नक्शा की मूल प्रति एवं आधार कार्ड, राशन कार्ड, वोटर कार्ड की छाया प्रति और 2 पासपोर्ट फोटो सहित इन रेशम अधिकारियों से संपर्क कर सकते है-
1. हरिशंकर सोनी जिला नोडल अधिकारी रेशम बुरहानपुर 9926959068
2. पी.पी.शाक्य कलस्टर प्रभारी बुरहानपुर - 99264844082
3. जीपी महाजन कलस्टर प्रभारी खकनार 9407095841
4. आर.डी.गुप्ता कलस्टर प्रभारी डोईफोडिया 9907876743
5. आर एस पवार कलस्टर प्रभारी नेपानगर 9754950435
क्र-107/2013/557/वर्मा
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