जिला जनसंपर्क कार्यालय, बुरहानपुर म.प्र.
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शैक्षणिक संवर्धन की अनेक योजनाऐं संचालित
कलेक्टर द्वारा शाला प्रवेशोत्सव का शुभारंभ
बुरहानपुर/16 जून/ राज्य शासन लोक शिक्षण संचालनालय के निर्देशानुसार जिले में शालाओं में प्रवेशोत्सव संपन्न हुआ। इस दरम्यान हजारों नौनिहालों को स्कूलों में दाखिल कराया गया। मंगलवार को प्रवेशोत्सव में समस्त शासकीय शालाओं में नव प्रवेशी छात्र-छात्राओं को तिलक लगाया व माला पहनाकर दुलार से पहली कक्षा में प्रवेश कराया गया।
कलेक्टर श्रीमती जे.पी.आईरिन सिंथिया ने उक्त कार्यक्रमों में बतौर मुख्य अतिथि भाग लिया। इस मौके पर वे अनेक शैक्षणिक संस्थाओं में भ्रमण कर उत्सव का जायजा लिया। उन्होंने प्राथमिक एवं माध्यमिक शाला झांझर में मॉ सरस्वती के छायाचित्र पर माल्यार्पण व पूजन वंदन कर विधिवत प्रवेशोत्सव कार्यक्रम का शुभारंभ किया। इस अवसर पर जिला शिक्षा अधिकारी श्री आर.एल.उपाध्याय भी मौजूद रहे।
श्रीमती सिंथिया शहर में उर्दू प्राथमिक और माध्यमिक शाला खैराती बाजार सहित अनेक ग्रामीण व शहरी क्षेत्र की शैक्षणिक संस्थाओं में पहुंची। इस दरम्यान उन्होनें कार्यक्रमों को संबोधित करते हुए छात्र-छात्राओं से कहा कि शैक्षणिक संवर्धन के लिये शासन की अनेक योजनाएं संचालित है। जिसका लाभ विद्यार्थी आगे आकर प्राप्त करें। माता-पिता से भी अपील है कि वे अपने बच्चों को शिक्षा की ओर उन्नमुख कर उनके भविष्य को उज्जवल बनाये। वर्तमान में शासन की ओर से बच्चों को निःशुल्क यूनिफार्म, पाठ््य पुस्तकें, साइकिल प्रदाय की जा रही है। हालही में सरकार ने प्राथमिक शाला के विद्यार्थियों को दूध वितरण करने की व्यवस्था की है। जो छोटे बच्चों के स्वास्थ्य संवर्धन के लिये लाभदायक है। स्कूलों में तीन दिन छात्र-छात्राओं को निःशुल्क दूध मिलेगा। विद्यार्थी खूब पढ़े-लिखे और तरक्की करें। नियमित स्कूल आये। ढेर सारी योजनाओं का लाभ अवश्य उठाये।
कलेक्टर ने प्रवेशोत्सव कार्यक्रमों में छात्र-छात्राओं का निःशुल्क पाठ्य पुस्तकों का वितरण भी किया। मध्यान्ह भोजन का अवलोकन करते हुए संस्थाओं में साफ-सफाई प्रमुखता से देखी। झांझर ग्राम में शाला की साफ-सफाई देखकर प्रसन्नता व्यक्त की। इसके साथ ही छात्र-छात्राओं की उपस्थिति पहले दिन ही शत-प्रतिशत देखकर स्कूल की सराहना की। उन्होनें प्रधान पाठक श्री भरत कुमार शाह, शिक्षक अजय तिवारी, ममता चौहान, रीना पाटील एवं बेबी कासिदे की कर्तव्यों को सराहा। उन्होनंे कहा कि शाला प्रबंधन इसी प्रकार से अपनी कार्यप्रणाली बरकरार रखे। बच्चों को नियमित स्कूल आने की सीख दे। उत्कृष्ट अध्यापन विद्यार्थियों को कराये। संस्था को अव्वल और छात्र-छात्राओं को योग्य बनाये। ताकि वे समाज व देश की सेवा में अग्रणी रहे।
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क्रमांक/40/519/2015 पवार/सचिन/शिक्षा/फोटो
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डी.एल.आर.सी. एवं डी.एल.सी.सी. की बैठक 18 को
बुरहानपुर/16 जून/ अग्रणी जिला प्रबंधक कार्यालय द्वारा डी.एल.आर.सी. एवं डी.एल.सी.सी. की बैठक 18 जून को सांय 4 बजे कलेक्टेªट सभागार में संपन्न होगी।
कलेक्टर श्रीमती जे.पी.आईरिन सिंथिया बैठक की अध्यक्षता करेगी। इस दौरान शासकीय योजनाओं के क्रियान्वयन में विभाग द्वारा प्रायोजित प्रकरणों की बैंकवार समीक्षा की जावेगी।
यह जानकारी अग्रणी प्रबंधक श्री किशोर कुमार तोलानी ने दी। उन्होनें बताया कि इस दरम्यान विभाग प्रमुख बैंक शाखा प्रबंधक को आवश्यक जानकारी के साथ उपस्थिति अनिवार्य किया गया है।
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क्रमांक/41/520/2015 पवार/सचिन/बैंक
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निम्बोला में किसानों को अग्रिम उर्वरक और बीज प्रदाय
बुरहानपुर/16 जून/ जिले में बुरहानपुर विकासखण्ड क्षेत्रान्तर्गत सेवा सहकारी समिति निम्बोला में 1200 किसान पंजीकृत हैं। शासन के निर्देशानुसार यहां के कृषकों को समिति ने अग्रिम उर्वरक और बीज प्रदाय कर दिया गया है।
प्रबंधक श्री प्रकाश दार्वेकर ने बताया कि समिति के अंतर्गत पंजीकृत किसानों को अभी तक 3052 यूरिया बोरी, पोटाश 805, इफको 12ः32ः16 की 531 एवं सुपर फास्फेट 862 और डीएपी उर्वरक की 695 बोरी का अग्रिम वितरण कर दिया है। इसके अलावा सोयाबीन जे.एस. कीट 330 भी किसानों को उपलब्ध कराया है। समिति के पास अभी 376 बोरी यूरिया, 296 पोटाश, इफको 12ः32ः16 की 385, सुपर फास्फेट 490 और डीएपी 240 बोरी का स्टॉक शेष है। उर्वरकों का पर्याप्त आवक कर किसानों को वितरण किया गया है।
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क्रमांक/42/521/2015 पवार/सचिन/सहकारिता
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सोयाबीन की बुआई चार इंच भूमि में नमी होने पर की जावे
बुरहानपुर/16 जून/किसान कल्याण एवं कृषि विकास विभाग द्वारा सोयाबीन बोनी व अन्य फसलों की समसामयिक तकनीक अपनाने की सलाह दी गई है। जिसमें किसान भाईयों से अनुरोध किया गया है कि सोयाबीन की बुआई 100 मि.मी. वर्षा होने पर ही करे। साथ ही कपास फसल की बोनी सिंचाई के पर्याप्त साधन होने पर ही की जावे। अन्य तिलहनी एवं दलहनी फसलों की बोनी चार इंच से अधिक वर्षा होने पर ही करना अनिवार्य है।
कृषि उपसंचालक श्री एम.एस.देवके ने उक्त सलाह दी है। उन्होनें किसानों को अवगत कराया कि मानसून आगमन के पश्चात पर्याप्त नमी (कम से कम 100 मि.मी. वर्षा) होने की स्थ्ािित में ही रहती है। इस अवधि में ही सोयबाीन की बोआई करें। इसके अलावा बीज की अंकुरण क्षमता की जॉच अवश्य कराये। जो कि न्यूनतम अंकुरण 70 प्रतिशत होना चाहिए। बोआई करने से पहले सोयाबीन के बीज को अनुषसित ब्रेडी रायजोबियम कल्चर (प्रत्येक 5 ग्राम प्रति कि.ग्रा. बीज की दर से ) उपचारित करे। तत्पश्चात इसे अनुषंसित फफूंदनाषक (2 ग्राम थायरम एवं 1 ग्राम कार्बेन्डेजिम या ट्रायकोडर्मा) उपचारित कर बोआई करें। वर्षा की अनिष्चितता एवं सुखे की समस्या के कारण सोयाबीन की फसल मंे होने वाली संभावित उत्पादन में कमी को देखते हुए बी.बी.एफ. सीड ड्रील, फर्ब्स सीड ड्रिल का उपयोग कर सोयाबीन की बोआई करें। इन मषीनों की उपलब्धता न होने पर सुविधानुसार 6 से 9 कतारों के पश्चात देसी हल चलाकर नालियॉ बनाऐं। सोयाबाीन की बोआई करते समय बीज की गहराई 2 से 2.5 से.मी. होनी चाहिए, जिससे कि सोयाबीन की अंकुरण क्षमता प्रभावित ना हो। साथ ही रिज एण्ड फरो पद्धति का उपयोग कर बोआई करें। सोयाबीन की बोआई हेतु अनुषंसित कतार से कतार की दूरी 30 एवं पौधो से पौधो की दूरी 45 से.मी. रखी जायें।
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क्रमांक/43/522/2015 पवार/सचिन/कृषि
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