Sunday 26 July 2015

JANSAMPARK NEWS 1-6-15

जिला जनसंपर्क कार्यालय, बुरहानपुर म.प्र.

समाचार  

मद्य निषेध दिवस पर प्रस्फुटन व नवांकुर संस्थाओं 

द्वारा जनजागरूकता कार्यक्रम आयोजित  

बुरहानपुर/1 जून/ राज्य शासन संचालनालय सामाजिक न्याय विभाग के निर्देशानुसार जिले में जन अभियान परिषद के तत्वावधान में अंतर्राष्ट्रीय तम्बाकू एवं धूम्रपान निषेध दिवस पर प्रस्फुटन समितियों व नवांकुर संस्थाओं ने जनजागरूकता कार्यक्रम आयोजित किये। उक्त दिवस का मुख्य उद््देश्य युवाओं में खासकर छात्र-छात्राओं एवं जनसाधारण में बढ़ती हुई तम्बाकू एवं धूम्रपान सेवन प्रवृत्ति की रोकथाम करना है। 

जन अभियान परिषद महेश कुमार खराडे़ ने उक्त जानकारी दी। कार्यक्रम में जिला योजना अधिकारी श्री बी.एस.वासुनिया भी उपस्थित रहे। इस दौरान श्री खराडे़ ने बताया कि धू्रमपान तम्बाकू से होने वाली बीमारियां जैसे दिल का दौरा, कैंसर, दमा, फेफड़ों आदि बीमारियों का शिकार होकर इंसान मौत के मुंह में चले जाते है। कई प्रकार की बीमारियां धुम्रपान से होती है। जिसके दुष्परिणाम भयावह होते है। इटारिया, मुंदियामल, झिरपांजरिया, सराय, अम्बा, फतेहपुर, बोरगांव, विरोदा और लोनी में लगभग 20 प्रस्फुटन ग्रामों में कार्यक्रम संपन्न हुआ। जिसमें नवांकुर संस्थाऐं खुशी वेलफेयर सोसायटी, नेपानगर जागृति कलां केन्द्र, प्रखर वर्चस्व कल्याण समिति, वतन रायकवार, नारी समृृद्धि कलां केन्द्र, जायन्टस चेरिटेबल, निखिल बहुउपदेशीय शिक्षण संस्थान, बुनकर सेवा मण्डल, तेली समाज, आचल कल्याण समिति, मॉ रेणुका आदि संस्था के प्रतिनिधियों द्वारा ग्रामों में कार्यक्रम आयोजित कर तम्बाकू के दुष्परिणामों से ग्रामीणों को जागरूक किया। 

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क्रमांक/01/480/2015                                             पवार/सचिन/ज.अ.प./फोटो

समाचार  

कृषि महोत्सव-2015

धारवाड़ विधि से तुअर लगायें-श्री देवके
  
बुरहानपुर/1 जून/ कृषि कल्याण एवं कृषि विभाग द्वारा आयोजित कृषि महोत्सव के दौरान ग्राम भावसा में कृषि संगोष्ठि आयोजित की गई। इस मौके पर कृषकों को कृषि क्रांति रथ के माध्यम से आयोजित संगोष्ठी में किसानों को धारवाड़ विधि से तुअर उत्पादन करने की सलाह दी। धारवाड़ विधि में तुअर के बीजों को थाइरम और कार्बन्डीजम तीन ग्राम दवा से एक किलो बीज को उपचार करें। गोबर से पकी खाद एवं मिट्टी का मिश्रण भरकर तैयार कर ले। उपचारित बीज को पंद्रह सेंटी मीटर लम्बी एवं पांच सेटी मीटर चोड़ी पोलीथीन थैली में भरे। भरी हुई थैली में उपचारित बीज के दो-दो दाने डाले। जब पौधा तीस दिन का हो जाये। तब खेत में चार बाय चार फीट की दूरी पर गड्डा कर पौधा रोपण करते है। रोपण के पांच दिन बाद पौधंे की उपरी टीप या कली को तोड़ दे। जिससे पौधे में शाखाऐं ज्यादा निकलेगी। साथ ही उत्पादन में बढ़ोतरी होगी। किसान भाई ड्रिप विधि से भी सिंचाई कर सकते है। सामान्य अरहर में उर्वरक का उपयोग होता है। उसी तरह इसमें भी उर्वरक का उपयोग करें। इस विधि से तुअर उगाने पर पंद्रह से अठराह क्विंटल उपज प्राप्त होगी।  

ग्राम भावसा में सायंकालीन संगोष्ठी में किसानों ने केला फसल से अधिक उत्पादन कैसे ले। इस पर विस्तार से चर्चा की। संगोष्ठी मंे कठपुतली के प्रदर्शन के माध्यम से जैविक खादों के उपयोग पर रोचक प्रदर्शन किया गया। संगोष्ठी में जनपद पंचायत उपाध्यक्ष श्री अशोक महाजन, प्रगतिशील किसान श्री विठ्ल गुरूजी, श्री इंदरसिंह पटेल, ग्राम के सरपंच, उपसरपंच तथा विभिन्न विभागों के अधिकारी/कर्मचारी उपस्थित थे। 

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क्रमांक/02/481/2015                                              पवार/सचिन/कृषि/फोटो

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JANSAMPARK NEWS 30-08-18

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