जिला जनसंपर्क कार्यालय, बुरहानपुर म.प्र.
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लाडली लक्ष्मी योजना में आंशिक संशोधन
बुरहानपुर/2 जुलाई/ - राज्य शासन द्वारा वर्तमान में संचालित लाड़ली लक्ष्मी योजना में आंशिक संशोधन किया गया है। अब आवेदक स्वयं सीधे या आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, परियोजना कार्यालय, लोक सेवा केन्द्र एवं किसी भी साइबर कैफे के माध्यम से रजिस्टेªशन करा सकते है।
कलेक्टर श्रीमती जे.पी. आईरिन सिंथिया ने उक्त जानकारी दी। उन्होनें बताया कि उक्त प्रकरण की स्वीकृति के लिये समस्त दस्तावेजांे का परीक्षण परियोजना कार्यालय में करवाना होगा। उसके बाद पात्रता के आधार पर प्रकरण स्वीकृत अथवा अस्वीकृत होगा।
ज्ञातव्य हो कि इस योजना में हितग्रहियो को 6-6 हजार रूपये की राशि 5 वर्षो तक प्रति वर्ष राष्ट्रीय बचत पत्र प्रदान किये जाते थे। किन्तु अब राष्ट्रीय बचत पत्र के स्थान पर हितग्राहियो को प्रकरण स्वीकृती के उपरांत 1 लाख 18 हजार रूपये का प्रमाण पत्र ऑनलाइन जनरेट हस्ताक्षर कर प्रदान किया जावेगा। यह राशि बालिका के कक्षा 6 वीं में प्रवेश करने पर दो हजार रूपये, कक्षा 9 वीं में चार हजार रूपये, कक्षा 11 वीं में छः हजार रूपये तथा कक्षा 12 वीं में प्रवेश करने पर छः हजार रूपये की राशि ई-पेमेंट के माध्यम से दी जाना है। योजना की शर्तो के अनुसार बालिका की आयु 21 वर्ष पूर्ण होने, बालिका का विवाह 18 वर्ष की आयु पश्चात और कक्षा 12 वीं परीक्षा में सम्मिलित पश्चात एक लाख रूपये की राशि ई-पेमेंट के माध्यम से प्रदान की जावेगी। इस हेतु हितग्राही को मूल प्रमाण पत्र, कक्षा 12 वीं, स्थानीय जनप्रतिनिधीयों/आंगनवाडी कार्यकर्ता से 18 वर्ष की आयु पूर्व विवाह न होने का प्रमाण पत्र खण्ड स्तरीय महिला सशक्तिकरण अधिकारी समक्ष आवेदन प्रस्तुत करना होगा।
जिला महिला सशक्तिकरण अधिकारी श्री अब्दुल गफ्फार खान ने परियोजना अधिकारीयों को निर्देश दिये है कि जिन हितग्रहीयों के आवेदनो की ऑनलाइन एंट्री नहीं हुई जल्द से जल्द कराना सुनिश्चित करें। यह कार्य समस्त परियोजना अधिकारीयो को 10 जुलाई तक करना होगा। निर्धारित अवधि में कार्य नही करने पर अधिकारियों व कर्मचारियांे के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही की जायेगी। उन्होनें बताया कि जिन हितग्राहीयों को एन.एस.सी उपलब्ध करवायी जा चुकी है। अभियान चला कर उनसे एन.एस.सी प्राप्त कर उन्हें प्रमाण पत्र उपलब्ध करावें। साथ ही हितग्राही स्वयं भी संबंधित परियोजना कार्यालय में अपनी एन.एस.सी जमा कर प्रमाण पत्र प्राप्त कर सकते है।
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क्रमांक/04/561/2015 सचिन/म.श.वि.
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चतुर्थ श्रेणी पदों की भर्ती हेतु संयुक्त परीक्षा 12 जुलाई को
परीक्षा हेतु 6 केन्द्र स्थापित
बुरहानपुर/2 जुलाई/ - व्यवसायिक परीक्षा मण्डल द्वारा जिले में भृत्य, चौकीदार एवं अन्य समकक्ष संवर्ग (चतुर्थ श्रेणी) के पदों हेतु संयुक्त परीक्षा 12 जुलाई 2015 को एक सत्र में आयोजित की गई है। यह परीक्षा प्रातः 10 बजे से 12.15 बजे तक संचालित होगी। जिसके लिये 6 केन्द्र स्थापित किये गये है।
कलेक्टर श्रीमती जे.पी.आईरिन सिंथिया ने उक्त परीक्षा के सुचारू संचालन हेतु इन केन्द्रों के लिये प्रेक्षकों की नियुक्त किया है। जिनमें डिप्टी कलेक्टर श्री सुमेरसिंह मुजाल्दा, डिप्टी कलेक्टर श्री एम.एल.आर्य., डिप्टी कलेक्टर श्री अजीत श्रीवास्तव, शासकीय महाविद्यालय बुरहानपुर प्राचार्य श्री तिवारी एवं ग्रामीण यांत्रिकी सेवा कार्यपालन यंत्री श्री संजय सोलंकी शामिल है।
इन केन्द्रों पर होगी परीक्षा
व्यापाम द्वारा आयोजित चतुर्थ श्रेणी पदों की संयुक्त परीक्षा हेतु छः केन्द्र बनाये गये है। जीजामाता शासकीय पॉलीटेक्निक महाविद्यालय, शासकीय उर्दू कन्या उ.मा.वि. हरिरपुरा, सावित्रीबाई फुले शा.कन्या उ.मा.विद्यालय, शा.सुभाष उत्कृष्ट विद्यालय बुरहानपुर, श्री गणेश उ.मा.विद्यालय और लालबाग उ.मा.विद्यालय में परीक्षा संपन्न होगी।
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क्रमांक/05/562/2015 सचिन/प्रशासन
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प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना की समीक्षा बैठक आज
बुरहानपुर/2 जुलाई/ - प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा एवं प्रधानमंत्री जीवन ज्योति योजना तथा अटल पेंशन योजना क्रियान्वयन की समीक्षा बैठक आयोजित की गई है। उक्त बैठक आज 03 जुलाई 2015 को कलेक्टर सभागार में सांय 4 बजे संपन्न होगी।
कलेक्टर श्रीमती जे.पी.आईरिन सिंथिया ने सभी कार्यालय प्रमुखों को योजनाओं में अभी तक कार्यवाही की जानकारी तैयार कर बैठक में उपस्थित होने निर्देश दिये है।
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क्रमांक/06/563/2015 सचिन/प्रशासन
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दलहन उत्पादन विस्तार पर कार्यशाला संपन्न
बुरहानपुर/2 जुलाई/ जनपद पंचायत सभाकक्ष में दलहन उत्पादन विस्तार संबंध में कार्यशाला संपन्न हुई। स्थानीय विधायक श्रीमती अर्चना चिटनीस ने कार्यशाला में जिले की परम्परागत फसलें केला, कपास, गन्ना, सोयाबीन, मक्का की कास्त लागत और जल मान की तुलना करते हुए कहा कि दलहनी फसलें अरहर, मुंग, उड़द, मूंगफली और तिल की कास्त लागत कम है। जलमान परम्परागत फसलों केला-गन्ना की 250 से.मी. प्रति हेक्टेयर की तुलना में दलहनी फसलों की 15-20 से.मी. है।
श्रीमती चिटनीस ने कहा कि वर्षा की स्थिति को दृष्टिगत रखते हुये दलहनी-तिलहन फसलों का फसल चक्र अपनाये। जिसमें कुल आय प्रति हेक्टेयर परम्परागत फसल पद्धति के समान प्राप्त हो सके। जिससे जोखिम सहन करने की क्षमता में वृद्धि होगी। अतः आप दलहनी फसलें उगाकर मृदा में जीवाश्म पदार्थ की मात्रा बढ़ाकर एवं जल की बचत कर मृदा की उर्वरका शक्ति को टिकाऊ बनायें।
कार्यशाला में परियोजना संचालक आत्मा श्री राजेश चतुर्वेदी ने धारवाड़ पद्धति द्वारा अरहर की उन्नत तकनीक कृषकों विस्तार से समझाई। इस मौके पर जनपद पंचायत अध्यक्ष श्री किशोर पाटील, कृषि स्थायी समिति अध्यक्ष श्री गुलचंदसिंह बर्ने, श्री राजाराम पाटीदार, जनपद पंचायत उपाध्यक्ष श्री अशोक महाजन, श्री योगेश महाजन, जनपद पंचायत सदस्य श्री नितिन संतोष महाजन, कृषि समिति अध्यक्ष जनपद पंचायत नवाब हुसैन, जनपद पंचायत सदस्य श्री नामदेव महाजन, जनपद पंचायत सदस्य श्री निवृत्ती गणा, श्री मुकेश शाह, श्री रूद्धेश्वर एंडोले, श्री किशोर कामठे, श्री नगीन सन्यास, श्री विक्रमभाई, श्री छोटे साहब अनवर आदि गणमान्य नागरिक व जन अभियान परिषद श्री महेश कुमार खराडे़ और विभिन्न विभागों के अधिकारी/कर्मचारी उपस्थित थे।
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क्रमांक/07/564/2015 सचिन/कृषि/फोटो
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