जिला जनसम्पर्क कार्यालय, बुरहानपुर (म.प्र.)
समाचार
पी.जी.आर.और जनसुनवाई के प्रकरणों का निराकरण प्राथमिकता से
करे-श्रीमती सिंथिया
कलेक्टर ने समय सीमा बैठक में अधिकारियों को दिये निर्देश
बुरहानपुर/21 सितम्बर/ कलेक्टर श्रीमती जे.पी.आईरिन सिंथिया ने टीएल बैठक में सभी विभाग प्रमुखों को पीजीआर और जनसुनवाई प्रकरणों को शीघ्र निराकरण करने निर्देशित किया। उन्होनें कहा कि पात्रता के आधार पर मांग, समस्या एवं शिकायत संबंधी आवेदनों को निराकृत करें। ताकि हितग्राही को राहत दिलाई जा सके।
कलेक्टर ने समय सीमा बैठक में जिला शिक्षा अधिकारी से जाति प्रमाण पत्रों की प्रगति के बारे में पूछताछ की। उन्होनें कहा कि कक्षा पहली में प्रवेश लेने वाले छात्र-छात्राओं के आवेदन पत्र शीघ्र भिजवाये। ताकि उनके जाति प्रमाण पत्र जारी किये जा सकें। साथ ही छात्रवृत्ति की प्रगति जानी। वर्ष 2015-16 में होने वाली परीक्षाओं हेतु बनाये जाने वाले परीक्षा केन्द्रों की निरीक्षण रिपोर्ट विभाग को भेजना सुनिश्चित करें। कृषि विभाग कृषि हितग्राही मूलक योजना का भौतिक सत्यापन कर जानकारी भेजें। मिटट्ी परीक्षण हेतु प्रयोगशाला के लिये भूमि की जानकारी पूछी। समग्र पोर्टल में आधार फिडिंग की प्रगति जानी। संबंधित निकाय डी-डप्लीकेशन कार्य को जल्द से जल्द पूरा करें। नगरीय एवं ग्रामीण निकाय समग्र पोर्टल से विधवा, निःशक्त और वृद्धा पेंशन हेतु पात्रता आधार पर सूची तैयार करें। साथ ही बैंक खाता नंबर एकत्र करे और भौतिक सत्यापन करें। ताकि आगामी दिवस में आयोजित होने वाले अंत्योदय मेले में हितग्राहियों को लाभान्वित किया जा सकें।
सीएम हेल्पलाईन की समीक्षा:- कलेक्टर ने सीएम हेल्पलाईन की समीक्षा करते हुए कहा कि किसी विभाग से संबंधित मांग, समस्या व शिकायत का निराकरण लेबल-1 व लेबल-2 पर हो जाना चाहिए। सभी विभाग प्रमुख सीएम हेल्पलाईन प्रकरणों की प्रतिदिन मॉनीटरिंग अवश्य करें।
डेंगू, मलेरिया व स्वाईन फ्लू को लेकर सतर्कता:- कलेक्टर ने टीएल बैठक में सभी निकाय को डेंगू, मलेरिया और स्वाईन फ्लू जैसी बीमारी की रोकथाम व नियंत्रण के लिये अपने-अपने क्षेत्र में सतर्कता बरतने निर्देशित किया है। उन्होनें कहा कि निकाय स्वास्थ्य विभाग के संपर्क में रहे। इस कार्य में लेटलतिफी नही होना चाहिए।
समस्त एसडीएम लोक सेवा गारंटी अधिनियम के अंतर्गत प्राप्त होने वाले आवेदनों का समय सीमा में निराकरण करें। दोनों जनपद सीईओ इंदिरा आवास, शौचालय निर्माण की एन्ट्री पोर्टल पर अवश्य करवाये। जिला समन्वयक समग्र स्वच्छता प्रतिदिन 5-5 पंचायतों का भ्रमण कर ग्रामीणों को शौचालय निर्माण व उपयोग हेतु प्रेरित करें। ताकि अधिक से अधिक शौचालय का निर्माण हो और गांव को शौच मुक्त बनाया जा सके।
बैठक में अपर कलेक्टर श्री प्रकाश रेवाल, एसडीएम श्री के.आर.बड़ोले व नेपानगर एसडीएम श्री शंकरलाल सिंगाडे़, डिप्टी कलेक्टर श्री सुमेरसिंह मुजाल्दा और डिप्टी कलेक्टर श्री एम.एल.आर्य सहित सभी विभाग प्रमुख उपस्थित रहे।
टीपः- फोटोग्राफ संलग्न क्रमांक-1
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क्रमांक-69/824/2015 सचिन/प्रशासन/फोटो
समाचार
स्वाईन फ्लू, डेंगू एवं मलेरिया की रोकथाम एवं नियंत्रण संबंधी बैठक
संपन्न
कलेक्टर द्वारा स्वास्थ्य अमले एवं प्रावयेट नर्सिंग होम को सतर्क रहने
निर्देश जारी
बुरहानपुर/21 सितम्बर/ स्वाईन फ्लू एवं डेंगू की रोकथाम हेतु आज 21 सितम्बर को कलेक्टोरेट सभागार में बैठक संपन्न हुई। बैठक की अध्यक्षता करते हुए कलेक्टर श्रीमती जे.पी.आईरिन सिंथिया समस्त स्वास्थ्य अधिकारियों एवं प्रायवेट नर्सिंग होम संचालकों को उक्त बीमारियों के लिये सतर्क रहने के निर्देश दिये। जिसमें मुख्यतः मरीज को समय पर उचित उपचार और समय रहते रेफर करने की हिदायत दी। उन्होनें कहा कि महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता एवं आशा कार्यकर्ता द्वारा घर-घर भ्रमण कर लोगों को डेंगू, स्वाईन फ्लू के बारे जनजागृति फैलाई जाये। साथ ही मेडिकल ऑफिसर ग्रामों जाकर सतत् निगरानी रखें। ताकि बीमारी का प्रकोप ना हो समय रहते उस पर नियंत्रण किया जा सकें।
कलेक्टर ने जनसमुदाय से कि अपील
कलेक्टर ने जिलेवासियों से अपील कि है कि शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्र के घरों में आजकल पानी को संचय करने की प्रवृत्ति होने से अक्सर सभी व्यक्ति घरों में पानी कंटेनर में 5-7 दिन से ज्यादा रखने लगे हैं। सीमेंट की टंकी, प्लास्टिक की टंकी, पानी का हौद, नांद, मटका, घरों में रखे हुए फूलदान, जिसमें अक्सर मनी प्लान्ट लगाते है, पशुओं के पानी पीने के स्थान, टायर, टूटे-फूटे सामान, जिसमें बारिस का पानी जमा होता रहता है, में एडीज मच्छर पैदा होता है। जिसे सात दिवस में खाली करें। ताकि मच्छरों की उत्पत्ति को रोका जा सकें।
सी.एम.एच.ओ. श्री एच.एन.नायक ने बताया कि डेंगू क्या है ? यह कैसे फैलता है ? इसका बचाव व नियंत्रण कैसें करें ? स्वाईन फ्लूू के बारे में विस्तार से चर्चा की गई। उन्होनें कहा कि जिले में डेंगू बुखार न फैले इस हेतु हमें सतर्क रहने की आवश्यकता है, जिसके लिए डेंगू बुखार के संबंध में विस्तार से जानकारी होना भी बहुत जरूरी है। बैठक में सिविल सर्जन डॉ.के.एन.गुप्ता, डॉ.बी.डी.गट्टानी, डी.एच.ओ. डॉ.यामिनी भूषण शास्त्री, डीआईओ एवं निजी नर्सिंग होम संचालक आई.एम.ए. सदस्यगण उपस्थित रहे।
डेंगू बुखार क्यों और कैसे
डेंगू बुखार एक प्रकार के वायरस, जिसे “डेन वायरस” भी कहते हैं, की वजह से होता है। एक बार शरीर में वायरस के प्रवेश करने के बाद डेंगू बुखार के लक्षण सामान्यतः 5 से 6 दिन के पश्चात मालूम पड़ते हैं। डेंगू बुखार का वायरस एडीज नामक मच्छर के काटने से रोगी व्यक्ति से स्वस्थ व्यक्ति में फैलता है। यह मच्छर दिन के समय काटता है। मच्छर के शरीर में एक बार वायरस के पहुंचने के पश्चात् पूरी जिन्दगी बीमारी में सक्षम होता है।
एडीज मच्छर का जीवन चक्र
मादा मच्छर साफ पानी में अण्डे देती है। अण्डे से एक कीड़ा निकलता है, जिसे लार्वा कहते है, लार्वा से प्यूपा बनता है। फिर मच्छर बन जाता है। लार्वा व प्यूपा अवस्था में ये पानी में रहते है और मच्छर पानी के बाहर। अण्डे से मच्छर बनने में करीब सात से नौ दिन का समय लगता है। मच्छर का जीवनकाल करीब तीन सप्ताह का होता है। एडीज मच्छर काले रंग का होता है, जिस पर सफेद धब्बे बने होते है। इसे टाइगर मच्छर भी कहा जाता है।
मच्छर पर नियंत्रण के उपाय
शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्र के घरों में आजकल पानी को संचय करने की प्रवृत्ति होने से अक्सर सभी व्यक्ति घरों में पानी कंटेनर में 5-7 दिन से ज्यादा रखने लगे हैं। सीमेंट की टंकी, प्लास्टिक की टंकी, पानी का हौद, नांद, मटका, घरों में रखे हुए फूलदान, जिसमें अक्सर मनी प्लान्ट लगाते है, पशुओं के पानी पीने के स्थान, टायर, टूटे-फूटे सामान, जिसमें बारिस का पानी जमा होता रहता है, में एडीज मच्छर पैदा होता है। अक्सर यह देखते हैं कि ये कंटेनर ढके हुए नहीं रहते हैं, जिससे इनमें मच्छर पैदा होते रहते हैं। यदि हम इन कंटेनर में भरे हुए पानी को गौर से देखें तो इनमें कुछ कीड़े ऊपर-नीचे चलते हुए दिखाई देते हैं। ये ही कीड़े मच्छर बनते हैं। अब हमें ज्ञात है कि कीड़ों से मच्छर बनते हैं और मच्छर से डेंगू बीमारी फैलती है तो इन कीड़ों का नाश करना जरूरी है।
लार्वा कीड़ों के विनाश के उपाय
लार्वा पानी में रहते है, इसलिये इन सभी कंटेनर का प्रत्येक सप्ताह में एक बार पानी निकाल देना चाहिए और साफ करके फिर से पानी भरना चाहिए। इन सभी कंटेनर को इस प्रकार से ढंककर रखना चाहिए कि इनमें मच्छर प्रवेश नहीं कर सकें और अण्डे नहीं दे सकें। मच्छर के कीड़े स्पष्ट दिखाई देते है, इसलिए इन्हें चाय की छन्नी से भी निकाला जा सकता है। ये कीड़े पानी से बाहर निकालने के बाद स्वतः मर जाते हैं। इस प्रकार का अभियान अपने घर में चलाकर मच्छरों की उत्पत्ति रोकना जरूरी है।
मच्छर का सफाया कैसे
मच्छरों के काटने से बचने के लिए कई उपाय किये जा सकते हैं। जैसे पूरी बांह के कपड़े पहनें, पूरा शरीर ढंककर रखें, मच्छरदानी में सोएं, नीम की पत्ती का धुंआ घर में कर सकते हैं। खिड़की-दरवाजों में मच्छरप्रूफ जाली लगायें।
डेंगू बीमारी के लक्षण
सामान्यतः बुखार 102 से 104 डिग्री फेरनहीट, जो लगातार 2 से 7 दिन की अवधि तक रहता है। बुखार के साथ-साथ यदि निम्नलिखित लक्षणों में से 2 से अधिक लक्षण मिलें तो डेंगू का संभावित मरीज, हो सकता है:- 1. तेज सिरदर्द होना, 2.आंखों के आसपास दर्द होना, 3. मांसपेशियों में दर्द होना, 4.जोडों में दर्द 5.शरीर पर चकत्ते बनना। यदि उपरोक्त के साथ-साथ मसूड़ों से अथवा आंतों से रक्तस्त्रात का होना अथवा खून में प्लेटलेट का कम होना लक्षण पाये जायें तो यह गंभीर प्रकार का डेंगू बुखार हो सकता है, जो घातक हो सकता है। इसमें तत्काल अस्पताल में इलाज लेना चाहिए।
डेंगू बीमारी का निदान
आजकल जांच हेतु रेपिड डाइग्नोस्टिक किट भी उपलब्ध हो रहे हैं। उक्त बुखार होने पर तत्काल चिकित्सक से सम्पर्क किया जाना चाहिये। डेंगू बुखार एक वायरस की वजह से होता है एवं वायरस का वर्तमान में इलाज संभव है, इसलिये मरीज में बीमारी के जो-जो लक्षण दिखाई देते हैं, उसी अनुसार मरीज का उपचार किया जाता है। डेंगू बुखार में मरीज को सेलिसिलेट व एस्प्रिन गोली का सेवन नहीं करना चाहिये, पैरासिटामोल गोली का सेवन किया जा सकता है किन्तु उपचार डॉक्टर की सलाह से ही लेना चाहिए। सामान्यतः 80 से 90 प्रतिशत मरीज 5 से 7 दिनों में स्वस्थ हो जाते हैं। इसके एक बार से ज्यादा होने की संभावना भी रहती है।
स्वाईन फ्लू एच-1 एन-1
स्वाईन फ्लू के बचाव व रोकथाम
ऽ खांसते और छीकते समय मुंह को रूमाल से ढकें।
ऽ साबुन और पानी से हाथ बार-बार धोंये।
ऽ यदि आप सर्दी जुखाम से संक्रमित है तो अन्य व्यक्ति से कम से कम एक मीटर की दूरी बनाये रखें।
ऽ हाथ मिलने और गले मिलने से बचें।
ऽ संक्रमित व्यक्ति द्वारा उपयोग किये टिश्यू, रूमाल, तौलिये, वस्त्र आदि का उपयोग न करे। यदि सर्दी जुखाम के लक्षण है तो तुरंत चिकित्सीय सलाह ले। यदि सर्दी जुखाम के लक्षण हो तो घर पर ही रहे। भीड़-भाड़ वाले स्थानों से दूर रहे। हाथ धोये बिना आंख, नाक और मुंह को न छूऐं। बीमारी की स्थिति में कॉल सेंटर/कन्ट्रोल रूम 07325-254964-65 पर संपर्क करें।
टीपः- फोटोग्राफ संलग्न क्रमांक-2
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क्रमांक-70/825/2015 सचिन/स्वास्थ्य/फोटो
समाचार
आतिशबाजी अस्थाई अनुज्ञप्ति प्राप्त हेतु आवेदन आमंत्रित
की अंतिम तिथि 24
बुरहानपुर/21 सितम्बर/ जिले में आयुध एवं विस्फोटक विधि तथा विस्फोटक नियम 2008 के अनुसार दीपावली पर्व पर आतिशबाजी के कब्जे और विक्रय हेतु अस्थाई अनुज्ञप्ति के लिए निर्धारित प्रारूप में आवेदन पत्र आमंत्रित किए गए है। आवेदन पत्र आवश्यक दस्तावेज संलग्न कर कलेक्ट्रेट कार्यालय (आवक शाखा) में अंतिम तिथि 24 सितम्बर 2015 तक कार्यालयीन समय में स्वीकार किए जावेगे। इच्छुक आवेदक स्थानीय निकाय एवं ग्राम पंचायत द्वारा चयनित स्थलों पर दुकान लगाने हेतु अस्थाई अनुज्ञप्ति प्राप्त करने शीघ्र आवेदन प्रस्तुत करंे।
डिप्टी कलेक्टर श्री एम.एल.आर्य ने इस संबंध में बताया कि विस्फोटक नियम 2008 की अनुसूची प्ट भाग-2 नियम 100 व 113 के अनुसार जारी की जाने वाले उक्त अस्थाई अनुज्ञप्ति हेतु शुल्क 500 रूपये है। जो निर्धारित शीर्ष में चालान द्वारा बैंक में जमा कर निर्धारित प्रपत्र में (मय आवेदक के छायाचित्र) आवेदन पत्र प्रस्तुत किये जाए। आवेदन पत्र के साथ आवेदक द्वारा अपना एक नवीनतम पासपोर्ट आकार का छायाचित्र (पृष्ठ भाग पर स्वयं के हस्ताक्षर व नाम अंकित) पृथक से संलग्न किया जाना है। जो कि कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी कार्यालय से जारी की जाने वाली अस्थाई अनुज्ञप्ति पर चस्पा किया जावेगा।
उन्होनें बताया कि जिन आवेदकों द्वारा वर्ष 2014 में दीपावली पर्व पर आतिशबाजी के कब्जे और विक्रय करने के लिए अस्थाई अनुज्ञप्ति प्राप्त की गई थी। वह विगत वर्ष जारी मूल अनुज्ञप्ति को अपने आवेदन पत्र के साथ संलग्न करेगें।
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क्रमांक-71/826/2015 सचिन/प्रशासन
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